आज की खास खबर नई ऊंचाई पर पहुंचा सेंसेक्स, लाभप्रद है शेयर बाजार की तेजी

विदेशी संस्था गत निवेशकों की ओर से किए गए निवेश के फलस्वरूप दिवाली के बाद अब शेयर बाजार ने नई ऊंचाइयां छू ली हैं. लगातार 2 दिनों तक हुई बढ़त के साथ अब बाम्बे स्टाक एक्सचेंज का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेन्सेक्स 60,000 को पार कर गया है. यही क्रम जारी रहा तो वह 61,000 को भी छू सकता है. शेयर मार्केट भारतीय उद्योग-कारोबार सेक्टर के लिए नए उद्यमों को शुरू करने और चालू उद्यमों को पूरा करने के लिए धन की बौछार करता दिखाई दे रहा है.

विश्व भर के विकासशील देशों के शेयर बाजारों की तुलना में भारतीय शेयर मार्केट की स्थिति काफी शानदार दिखाई दे रही है. शेयर बाजार में आई तेजी की वजह से भारत की सूचीबद्ध (लिस्टेड) कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से ज्यादा हो गया है. उल्लेखनीय है कि आज 60,000 अंक को पार करनेवाला सेंसेक्स कोरोना काल के दौरान 23 मार्च 2020 को गिरकर 25,981 अंकों पर आ गया था. अब विदेशी निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति विश्वास जाग उठा हैं.

इसलिए शेयर मार्केट में और उछाल आने की संभावना जताई जाती है. वैसे यह अनिश्चितता का खेल है क्योंकि कभी विदेशी संस्थागत निवेशक अचानक अपना पैसा वापस खींच लेते हैं. कहना होगा कि भारत में कोयला, कृषि, नागरी विमानन, श्रम, रक्षा और विदेशी निवेश जैसे क्षेत्रों में किए गए जोरदार सुधारों से अर्थव्यवस्था आगे बढ़ी है. गत वर्ष भारत की आर्थिक संभावनाओं को लेकर जो वैश्विक सर्वेक्षण प्रकाशित हुए थे तथा रेटिंग एजेंसियों ने जैसी अनुकूलता दिखाई थी उनसे भी शेयर बाजार को उतार-चढ़ाव के बावजूद बढ़त मिलती चली गई.

अमेरिका से प्रगाढ़ होते संबंधों का असर

अमेरिका के साथ भारत के अच्छे संबंधों की संभावनाओं से भी निवेशकों की धारणा को बल मिला है. शेयर बाजार में जिस तरह लंबे समय से सुस्त पड़ी कंपनियों के शेयर की बिक्री तेजी से बढ़ी है, उससे शेयर बाजार में चुनौती भी बढ़ गई हैं. बाजार पूंजीकरण और जीडीपी के अनुपात का 104 फीसदी हो जाना बता रहा है कि बाजार में तेजी से तरलता बढ़ी है. इसका सबसे अधिक ध्यान रिटेल निवेशकों को रखना होगा. ऐसे में शेयर बाजार में हर कदम फूंक-फूंककर रखना जरूरी है.

शेयर बाजार में तेजी के साथ-साथ छोटे निवेशकों के हितों और उनकी पूंजी की सुरक्षा का ध्यान रखा जाना भी जरूरी है. शेयर बाजार को प्रभावी व सुरक्षित बनाने के लिए लिस्टेड कंपनियों में गड़बड़ियां रोकने पर विश्वनाथन समिति ने सेबी को जो सिफारिशें सौंपी हैं, उनका क्रियान्वयन लाभप्रद होगा. चूंकि प्रतिभूतियों की मात्रा या कीमत में किसी भी तरह का हेरफेर बाजार में निवेशकों के विश्वास को हमेशा के लिए खत्म कर देता है. ऐसे में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा शेयर बाजार में हेरफेर से सख्ती से निपटा जाना चाहिए.

सेबी की भूमिका प्रभावी बनानी होगी

सरकार को सेबी की भूमिका को और ज्यादा प्रभावी बनाना होगा. शेयर बाजारों में घोटाले रोकने के लिए डीमैट और पैन की व्यवस्था को और कारगर बनाना चाहिए. छोटे और ग्रामीण निवेशकों की दृष्टि से शेयर बाजार की प्रक्रिया को और सरल बनाया जाना जरूरी है. उम्मीद है कि आगे बढ़ रहे शेयर बाजार की ओर सेबी की ऐसी सतर्क निगाहें लगातार बनी रहेंगी, जिनसे शेयर बाजार अनुचित व्यापार व्यवहार से बच सकेगा. उम्मीद यह भी है कि आगामी बजट में शेयर बाजार में निवेशकों के लिए नए कर प्रोत्साहन सुनिश्चित किए जाएंगे.

उत्तर प्रदेश में एग्रीकल्चर और एयरक्राफ्ट सेक्टर में निवेश करेगा भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण फ्रांस, एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

किसानों की आय दोगुनी करने के योगी सरकार के लक्ष्य को हासिल करने में अब फ्रांस की कंपनियां भी सहयोग करेंगी। फ्रांस में निवेश की संभावनाएं तलाशने गई टीम योगी को कृषि और एयरक्राफ्ट मेंटीनेंस जैसे क्षेत्रों में कंपनियों की ओर से निवेश के महत्वपूर्ण प्रस्ताव मिले हैं।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के फ्रांस के पेरिस में रोड शो व बिजनेस मीटिंग्स के दौरान यह प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। वहीं, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह के नेतृत्व में सिंगापुर गए प्रतिनिधिमंडल ने भी सिंगापुर के व्यापारिक समुदाय के साथ 7700 करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं जबकि यूके और यूएस जैसे देशों से 4 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव मिल चुके हैं। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी ने फरवरी 2023 में होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य रखा है और जिस तरह से टीम योगी को विदेशों में निवेशकों का समर्थन मिला है, उसे देखते हुए संभावना है कि प्रदेश ने लक्ष्य से अधिक का निवेश हो सकता है।

यूपी के किसानों की आय बढ़ाएगा फ्रांस

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और आईटी मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के नेतृत्व में फ्रांस में रोड शो व बिजनेस मीटिंग के जरिए हजारों करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। प्रतिनिधिमंडल ने इनोटेरा एजी के सीईओ पास्कल फॉन से मुलाकात की, जिन्होंने प्रदेश सरकार के साथ 1000 करोड़ के निवेश इंटेंट पर हस्ताक्षर किए। इस निवेश के जरिए इनोटेरा प्लेटफॉर्म का सेट-अप किया जाएगा। यह किसान कनेक्ट प्लेटफॉर्म है जो प्रदेश में किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य हासिल करने में सहायक हो सकता है। इसी तरह प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात सैफरन ग्रुप के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स मार्टिन क्लॉट्ज से मुलाकात की और उत्तर प्रदेश में निवेश योजनाओं पर चर्चा हुई। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें यूपीजीआईएस 2023 के लिए आमंत्रित किया है। इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट माइकल पैसकॉफ ने उत्तर प्रदेश में एयरक्राफ्ट मेंटीनेंस रिपेयर और ओवरहॉल के क्षेत्र में निवेश के प्रति उत्सुकता जाहिर की।

उत्तर प्रदेश में निवेश का उत्सुक सिंगापुर

सिंगापुर में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल भी बड़े निवेश प्रस्ताव प्राप्त करने में कामयाब रहा। सिंगापुर में निवेशकों के साथ वन टू वन बिजनेस मीटिंग के जरिए 7,700 करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत विभिन्न सेक्टर्स में ये कंपनियां उत्तर प्रदेश में निवेश करेंगी। सिंगापुर की कंपनियों ने पार्किंग एवं ट्रैफिक सिस्टम जैसे तकनीकी क्षेत्रों में भी निवेश में रुचि दिखाई है। स्वतंत्रदेव सिंह ने सिंगापुर की सस्टेनेबिलिटी एंड एनवायर्न मंत्री ग्रेस फू हाय येन से भी भेंट की थी और उत्तर प्रदेश में निवेश के स्वर्णिम अवसरों पर चर्चा की। इससे पहले, प्रतिनिधिमंडल ने आईटीई, विडा टेक्नोलॉजी और स्टार कंसोर्टियम प्रा. लि. के भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण प्रतिनिधियों से मुलाकात कर 4 हजार करोड़ से अधिक के एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे।

यूके और यूएस बनेंगे बड़े भागीदार

यूएस और यूके में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खना के नेतृत्व में रोड शो एवं बिजनेस डीलिंग के माध्यम से निवेश की संभावना तलाशने गई टीम द्वारा 4 लाख 7 हजार करोड रूपए के 21 प्रस्ताव पर एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण और इंग्लैंड जैसे विकसित देशों के प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों से विभिन्न चरणों में यूपी में निवेश हेतु विस्तार से चर्चा की। सुरेश कुमार खन्ना ने इन देशों के उद्यमियों से आईटी, अवस्थापना, स्वास्थ्य, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि, पर्यटन, शिक्षा के साथ अन्य क्षेत्रों में निवेश का प्रस्ताव दिया। सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी की ख्याति एवं उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की सुशासन तथा इन्वेस्टमेंट अनुकूल सुलभ एवं सहज नीतियों के कारण औद्योगिक घराने निवेशकर्ता प्रदेश में निवेश हेतु स्वतः इच्छुक दिखे। इसके फलस्वरूप यूपी को 4 लाख 7 हजार करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।

निवेश सारथी पर 4 हजार से ज्यादा ने जताई निवेश में रुचि

योगी सरकार ने देसी और विदेशी निवेशकों के लिए उत्तर प्रदेश में निवेश के साधनों को आसान बना दिया है। यदि आप उत्तर प्रदेश में किसी भी सेक्टर में निवेश के इच्छुक हैं तो निवेश सारथी पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन के माध्यम से निवेश की इच्छा जाहिर कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक निवेश सारथी के माध्यम से प्रदेश सरकार को 4 हजार से ज्यादा निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। ये निवेश प्रस्ताव अगर धरातल पर उतरते हैं तो प्रदेश में लाखों करोड़ रुपए का निवेश होगा और लाखों रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

Investment Tips: निवेशकों को उम्र और जरूरत के हिसाब से एसेट एलोकेशन पर ध्यान देना चाहिए

Investment Tips: साल 2022 खत्म होने को है और नए साल की शुरुआत ऐसे समय हो रही है जब शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब कारोबार कर रहे हैं. हालांकि बाजार ने बीते एक साल में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। भू-राजनीतिक तनाव, महंगाई, दरों में बढ़ोतरी, संभावित मंदी जैसे कारकों का बाजार पर दबदबा रहा। बाजार ने 2022 में मिलाजुला रिटर्न दिया है। अब जब साल 2023 शुरू होने वाला है तो निवेशकों को क्या रणनीति रखनी चाहिए? Nivea की कौन सी थीम आने वाले सालों में बेहतर साबित हो सकती है? आदर्श एसेट एलोकेशन क्या होना चाहिए? हमने इस बारे में पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड के सीआईओ श्रीनिवास राव रावुरी से बात की।

1. अगले दशक में निवेशकों के लिए शीर्ष 3 निवेश विषय कौन से हैं?

भारत स्वयं वैश्विक परिप्रेक्ष्य से एक उभरती हुई निवेश थीम है। भारत वर्तमान में वैश्विक स्तर पर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और क्रय शक्ति समानता (पीपीपी) के मामले में तीसरे स्थान पर है। वैश्विक क्षेत्र में और विशेष रूप से उभरते बाजारों में भारत का महत्व और प्रासंगिकता बढ़ी है। यह प्रवृत्ति जारी रहने की उम्मीद है।

भारत में राजनीतिक स्थिरता दिख रही है, खपत मजबूत है और सरकार की तरफ से रिफॉर्म्स चल रहे हैं, जिससे बाजार को सपोर्ट मिलता दिख रहा है। ऐसे में अगले एक दशक में भारत में निवेश में तेजी आएगी। दूसरा विषय भारत में विनिर्माण क्षमता को बढ़ाना है। अस्थिर भू-राजनीतिक स्थिति, कच्चे माल की अनिश्चितता और विविधीकरण सोर्सिंग की आवश्यकता को देखते हुए, चीन प्लस वन रणनीति में वृद्धि देखी जानी चाहिए।

हमारे सकल घरेलू उत्पाद का योगदान सेवाओं की ओर बहुत अधिक है और भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण विकास का अगला चरण उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने जैसी योजनाओं से सहायता प्राप्त विनिर्माण से आना चाहिए। तीसरा विषय प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि पर आधारित खपत पर होगा। जैसे-जैसे भारत की अधिक से अधिक आबादी आर्थिक रूप से आगे बढ़ती है, खपत की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में वृद्धि देखी जाती है। यह प्रवृत्ति वित्तीय, डिजिटलीकरण जैसे संबंधित क्षेत्रों में भी प्रवाहित होती है।

2. बाजार के मौजूदा उतार-चढ़ाव में खुदरा निवेशकों को म्यूचुअल फंड के साथ क्या करना चाहिए?

किसी भी निवेशक के लिए और विशेष रूप से खुदरा निवेशकों के लिए बाजार के समय की तुलना में समय अधिक महत्वपूर्ण है। एसआईपी शॉर्ट टर्म वोलैटिलिटी से निपटने का सही तरीका है और निवेशकों को एसआईपी के जरिए निवेश जारी रखना चाहिए। छोटी अवधि में बाजार अस्थिर हो सकते हैं, हालांकि लंबी अवधि में अस्थिरता बहुत कम होती है। यदि आपके पास एक दीर्घकालिक लक्ष्य है, तो बेहतर है कि अस्थिरता की अवधि के दौरान भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण दैनिक आधार पर पोर्टफोलियो को न देखें। निवेश का काम पेशेवर फंड मैनेजरों पर छोड़ दें।

निवेशकों को उम्र के हिसाब से एसेट एलोकेशन पर ध्यान देना चाहिए जो टारगेट बेस्ड कॉर्पस जमा करने में मदद करता है। साथ ही रिटायरमेंट जैसी लंबी अवधि की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। यदि आपके पास एक विश्वसनीय और सक्षम सलाहकार है तो वित्तीय चिंताएँ कम हो जाती हैं। साथ ही यह आर्थिक आजादी हासिल करने में भी मदद करता है।

3. शेयर बाजार की मौजूदा स्थितियों के बारे में आप क्या सोचते हैं? H2FY23 में घरेलू इक्विटी बाजारों के लिए जोखिम कारक क्या हैं?

भारतीय बाजारों ने अतीत में अन्य वैश्विक बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। हालांकि मूल्यांकन सस्ते नहीं हैं, वे बहुत अधिक भी नहीं हैं। क्योंकि भारत में आय में भी अच्छी वृद्धि देखी गई है। भू-राजनीतिक तनाव, कमोडिटी की कीमतों में अस्थिरता, आपूर्ति श्रृंखलाओं के आसपास अनिश्चितता, मुद्रास्फीति और आगामी दरों में बढ़ोतरी जैसे जोखिम बाजार में बने हुए हैं। हालाँकि, इनमें से अधिकांश वैश्विक या अस्थायी प्रकृति के हैं। फिलहाल, जोखिम इक्विटी निवेश का एक हिस्सा है। हमें इसे स्वीकार करना चाहिए और विविधीकरण के माध्यम से इन्हें कम करने का प्रयास करना चाहिए।

4. पिछले कुछ महीनों में बढ़ती ब्याज दरों और बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए आपने अपने इक्विटी फंड में क्या बदलाव किए हैं?

पीजीआईएम इंडिया म्युचुअल फंड में, प्रत्येक फंड मैनेजर को फंड के शासनादेश और उनके विचारों के अनुसार स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह विशेष रूप से किसी भी क्षेत्र/स्टॉक में हमारे द्वारा पोर्टफोलियो दोहराव और अधिक निवेश से बचने के लिए किया जाता है। इसलिए इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं है। हालांकि, सामान्य तौर पर हम वित्तीय (एसेट क्वालिटी में सुधार क्रेडिट ग्रोथ में सुधार) और इंडस्ट्रियल (घरेलू मैन्युफैक्चरिंग पुश) पर सकारात्मक हैं, जबकि एफएमसीजी, ऊर्जा और उपयोगिताओं पर कम वजन है।

5. पहली बार निवेश करने वाले के लिए आदर्श निवेश विकल्प क्या है? एसेट एलोकेशन और ईएलएसएस पर आपके क्या विचार हैं?

पहली बार निवेशकों के लिए, अपेक्षाकृत कम अस्थिरता में निवेश करना, लंबी अवधि के लक्ष्यों वाली विविध परियोजनाएं सही रणनीति होंगी। डायवर्सिफाइड/फ्लेक्सी कैप, ईएलएसएस और लार्ज कैप फंड भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण सही विकल्प हो सकते हैं। ईएलएसएस कैटेगरी को 3 साल के लॉक-इन का लाभ मिलता है। उम्र और अन्य प्रतिबद्धताओं के आधार पर, निवेशकों को अपनी जोखिम लेने की क्षमता/उम्र और व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार मिड और स्मॉल कैप फंड या बैलेंस्ड/हाइब्रिड फंड में निवेश करना चाहिए।

6. अब तक के करियर में आपने इक्विटी मार्केट से क्या सीखा?

मुख्य बातों में से एक उत्साह के साथ बह जाना नहीं है। यह सामान्य तौर पर किसी भी स्टॉक, सेक्टर या बाजार में हो सकता है। बाजार अत्यधिक आशावाद और निराशावाद की अवधि के बीच झूलता है। उम्मीदों को भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण सरल और यथार्थवादी बनाए रखने से इन सीमाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने में मदद मिलती है। दूसरे, उचित कीमतों पर विकास जोखिम इनाम को काफी हद तक संतुलित करता है और दीर्घकालिक अल्फा बनाने में मदद करता है। अधिक उत्तोलन, निवेश की नकदी प्रवाह सृजन क्षमता की कमी और संदिग्ध कॉर्पोरेट प्रशासन जैसे जोखिमों से बचें। इन जोखिमों को ध्यान में रखने से पोर्टफोलियो में बड़ी गलतियां करने से बचने में मदद मिलती है।

Tata के इस शेयर ने न‍िवेशकों की कर दी बल्‍ले-बल्‍ले, झट से 1 लाख बन गए ₹10 लाख

Tejas Network Share Price: टाटा ग्रुप (TATA Group) के एक और शेयर ने न‍िवेशकों को कम समय में ही मालामाल (Multibagger Stock) कर द‍िया है। शेयर बाजार के रुख को…

Tata के इस शेयर ने न‍िवेशकों की कर दी बल्‍ले-बल्‍ले, झट से 1 लाख बन गए ₹10 लाख

Tejas Network Share Price: टाटा ग्रुप (TATA Group) के एक और शेयर ने न‍िवेशकों को कम समय में ही मालामाल (Multibagger Stock) कर द‍िया है। शेयर बाजार के रुख को समझना थोड़ा मुश्‍क‍िल होता है लेक‍िन जो इसे समझ गया समझो उसका भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण काम बन गया।

इसील‍िए तो कहा जाता है क‍ि शेयर बाजार आपको कब फर्श से अर्श पर पहुंचा दे पता नहीं। जरा सी चूक आपको अर्श से फर्श पर भी पहुंचा सकती है। टाटा ग्रुप (TATA Group Shares) के कई शेयर ने न‍िवेशकों को पहले भी बंपर र‍िटर्न द‍िया है।

निवेशकों की संपत्ति 10 गुना बढ़ गई

इस बार टाटा के ही एक और शेयर (TATA Group Shares) ने न‍िवेशकों की झोली भर दी है। टाटा ग्रुप (Tata group) के स्मॉल-कैप शेयर तेजस नेटवर्क (Tejas Network Share Price) ने निवेशकों को गजब का रिटर्न दिया है। दो साल में ही कंपनी भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण के शेयर ने पैसा न‍िवेश करने वालों को 900% का जबरदस्‍त रिटर्न दिया है। दो साल में निवेशकों की संपत्ति 10 गुना बढ़ गई है। चालू व‍ित्‍त वर्ष में ही इस स्‍टॉक ने करीब 70% का र‍िटर्न द‍िया है।

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दो साल पहले शेयर का भाव 71.7 रुपये

मंगलवार को बंद हुए कारोबारी सत्र में यह शेयर बढ़कर 711 रुपये पर बंद हुआ। मौजूदा बाजार प्राइस पर कंपनी का मार्केट कैप करीब 10,807.41 करोड़ रुपये है। आज से दो साल पहले 16 अक्टूबर 2020 को बीएसई पर इस शेयर की कीमत करीब 71.7 रुपये थी। तब से अब तक यह मल्‍टीबैगर शेयर (Multibagger Share) 10 गुना बढ़कर 711 रुपये पर पहुंच गया है।

शेयर का 52 हफ्ते का लो लेवल 360.60 रुपये है। 10 अक्टूबर को टाटा के इस स्टॉक ने 773 रुपये के 52 हफ्ते के हाई लेवल को भी छुआ था। अगर आपने 16 अक्टूबर 2020 को तेजस नेटवर्क्स के स्टॉक में एक लाख रुपये न‍िवेश क‍िया होगा तो यह बढ़कर 10 लाख हो गया होगा।

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स्मार्टफोन निर्माता कंपनी शाओमी ने शुरू की छंटनी, हजारों कर्मचारियों को निकाला

स्मार्टफोन निर्माता कंपनी शाओमी ने शुरू की छंटनी, हजारों कर्मचारियों को निकाला

चीन की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों में से एक शाओमी ने छंटनी शुरू कर दी है। चीनी मीडिया की रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स के हवाले से हांगकांग के एक अखबार ने यह जानकारी दी है। बताया जा भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण रहा है कि कंपनी के स्मार्टफोन और बिजनेस सर्विस के कई विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इससे जुड़ी हजारों पोस्ट देखी जा सकती हैं।

15 प्रतिशत कर्मचारियों की होगी छंटनी

30 सितंबर तक शाओमी में 35,314 कर्मचारी काम कर रहे थे और इनमें से अधिकतर चीन स्थित संयंत्रों में तैनात थे। कंपनी ने 15 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी का फैसला किया है, जिससे हजारों कर्मचारी प्रभावित होंगे। बताया जा रहा है कि कंपनी उन कर्मचारियों को भी पिंक स्लिप थमा रही है, जिन्हें पिछले साल भर्ती किया गया था। कंपनी ने बीते साल कारोबार में आए उछाल को देखते हुए बड़े स्तर पर भर्ती की थी।

शाओमी का इस पर क्या कहना है?

कंपनी ने सीधे तौर पर छंटनी को लेकर प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन कहा कि कुछ नियमित बदलाव किए गए हैं। इससे प्रभावित कर्मियों की संख्या कुल कार्यबल के 10 प्रतिशत से भी कम है और इन्हें उचित मुआवजा दिया गया है।

कम हुआ है कंपनी का राजस्व

शाओमी ने पिछले महीने बताया कि उसे तीसरी तिमाही में 9.7 प्रतिशत राजस्व का नुकसान हुआ है। इसके पीछे चीन की कड़ी जीरो-कोविड नीति और कमजोर मांग को वजह माना गया था। कंपनी की कुल बिक्री में 60 प्रतिशत राजस्व स्मार्टफोन से आता है और इसमें सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। इस साल की शुरुआत के बाद से कंपनी के शेयर की कीमत में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।

इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में प्रवेश को तैयार शाओमी

स्मार्टफोन बनाने के लिए जाने जाने भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण वाली शाओमी अब इलेक्ट्रिक वाहन मार्केट में प्रवेश की तैयारी कर रही है। जून में कंपनी ने ऐलान किया था कि वह अगले 10 सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में 700 अरब रुपये निवेश करेगी। 100 से ज्यादा देशों में व्यापार करने वाली शाओमी 2024 में बड़े स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन शुरू करने की योजना के साथ आगे बढ़ रही है।

कई बड़ी कंपनियां कर चुकी हैं छंटनी

वैश्विक मंदी की आहट को देखते हुए शाओमी से पहले कई कंपनियां छंटनी कर चुकी हैं। हालिया दिनों में मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, जोमेटो, अल्फाबेट, HP और ट्विटर समेत कई बड़ी कंपनियों ने हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। इन कंपनियों का कहना है कि बढ़ती महंगाई, ऊंची ब्याज दरें, मंदी का भय, निवेश के लिए कम पैसा और स्टार्टअप के लिए फंडिंग की कमी को देखते हुए छंटनी करना जरूरी हो गया है।

वैश्विक मंदी की आशंका जाहिर कर चुका है IMF

सितंबर में जारी अपनी रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वैश्विक मंदी की आशंका व्यक्त की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि महामारी के चरण को छोड़ दें तो साल 2001 के बाद से फिलहाल वैश्विक विकास दर सबसे कमजोर है। यह अनुमान सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण मंदी को दर्शाता है। IMF अधिकारियों ने कहा था कि 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक तिहाई से अधिक की गिरावट आने का खतरा बढ़ गया है।

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