कितने तरह के होते हैं डीमैट अकाउंट और कैसे खुलवाएं डीमैट खाता ? जानिए पूरी जानकारी

देश में मौजूदा वक्त में 10 करोड़ से ज्यादा डीमैट अकाउंट होल्डर हैं. अगर आप भी डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं और इसको लेकर आपके मन में सवाल है तो हम आपके सारे सवालों का जवाब आज देने जा रहे हैं. जैसे कि डीमैट अकाउंट क्या होता है, ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है. दोनों अलग कैसे हैं और कितने प्रकार का डीमैट अकाउंट होता है.

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Types of Demat Account in Hindi : डीमैट एकाउंट कितने प्रकार के होते है? जानिए

Types of Demat Account in Hindi: एक ट्रेडिशनल बैंक एकाउंट की तरह डिमैट एकाउंट में खरीदे गए शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय शेयर बाजारों में ट्रेडिंग करने के लिए कुल कितने तरह के डिमैट एकाउंट होते हैं?

Types of Demat Account in Hindi: शेयर ट्रेडिंग करने के लिए एक डिमैट खाता (Demat Account) अनिवार्य है। एक ट्रेडिशनल बैंक एकाउंट की तरह डिमैट एकाउंट में डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है खरीदे गए शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय शेयर बाजारों में ट्रेडिंग करने के लिए कुल कितने तरह के डिमैट एकाउंट होते हैं?

बता दें कि शेयर मार्केट में व्यापार करने के लिए 3 तरह के Demat Account होते हैं। निवेशकों की प्रोफाइल के हिसाब से इन्हें तैयार किया जाता है। तो आइए जानते है कि कौन से है वो 3 प्रकार।

Types of Demat Account in Hindi

1) रेगुलर डिमैट एकाउंट (Regular Demat Account)

भारत में रहने वाले निवेशकों के लिए एक रेगुलर डिमैट एकाउंट की जरूरत होती है। यह एकाउंट उन लोगों के लिए आदर्श है जो अकेले इक्विटी शेयरों का सौदा करते हैं। जो शेयर खरीदता है उन्हें खाते में डिजिटल फॉर्मेट में जमा किया जाता है। जो डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है बिकता है, उससे लिया जाता है। अगर आप फ्यूचर और ऑप्शन में व्यापार करने की योजना बना रहे हैं, तो रेगुलर डीमैट एकाउंट रखने की कोई जरूरत नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि फ्यूचर और ऑप्शन एक्सपायरी डेट के साथ आते हैं और इसलिए, उन्हें स्टोर करने की जरूरत नहीं होती है।

हाल ही में, सेबी ने एक नए प्रकार का डीमैट खाता पेश किया जिसे बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट (BSDA) कहा जाता है। यह एक रेगुलर डीमैट एकाउंट के समान है, सिवाय इसके कि अगर होल्डिंग 50,000 रुपये के भीतर है तो कोई रखरखाव शुल्क नहीं है। 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये के बीच की होल्डिंग के लिए शुल्क 100 रुपये प्रति वर्ष है। BSDA के लॉन्च के पीछे का विचार वित्तीय समावेशन और उन निवेशकों की सहायता करना था, जिन्होंने अभी तक डीमैट खाता नहीं खोला है, लेकिन बाजारों में भाग लेना चाहते हैं।

2) प्रत्यावर्तनीय डीमैट एकाउंट (Repatriable Demat Account)

इस प्रकार का डीमैट एकाउंट अनिवासी भारतीयों (NRIs) के लिए है। यह विदेशों में वेल्थ के ट्रांसफर की अनुमति देता है। हालांकि, इस प्रकार के डीमैट एकाउंट के लिए एक अनिवासी बाहरी (NRI) बैंक खाते की आवश्यकता होती है। NRI बनने के बाद आपको एक निवासी भारतीय के रूप में अपना डीमैट खाता बंद करना होगा। एक बार ऐसा करने के बाद आप शेयरों को एक अनिवासी साधारण (NRO) डीमैट एकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। अगर आप शेयर बेचना चाहते हैं, तो प्रत्यावर्तन पर प्रतिबंध लागू होता है। आपको एक कैलेंडर वर्ष (जनवरी-दिसंबर) के दौरान अधिकतम 1 मिलियन अमरीकी डालर के प्रत्यावर्तन की अनुमति है।

3) गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Non Repatriable Demat Account)

इस प्रकार का डीमैट एकाउंट फिर से NRI के लिए है। हालांकि, आप विदेश में फंड ट्रांसफर नहीं कर सकते। आपके पास डीमैट खाते से जुड़ा एक NRO बैंक एकाउंट भी होना चाहिए।

क्या डीमैट खाता अनिवार्य है?

बाजार नियामक Securities and Exchange Board of India (SEBI) द्वारा डीमैट एकाउंट डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है रखना अनिवार्य कर दिया गया है। जब तक आपके नाम के आगे डीमैट एकाउंट न डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है हो, आप शेयर खरीदकर या बेचकर शेयर बाजार में भाग नहीं ले सकते।

हालांकि, मान लीजिए, आप म्यूचुअल फंड में निवेश करना चुनते हैं। यह एक अन्य लोकप्रिय बाजार से जुड़ी भागीदारी है अप्रत्यक्ष रूप से है तो ऐसे में डीमैट एकाउंट रखना अनिवार्य नहीं है।

डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों को खरीदा और बेचा कैसे जाता है?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है. जैसे एक सेविंग अकाउंट (बचत खाता) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है, वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है.

डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों को खरीदा और बेचा कैसे जाता है?

शेयर मार्केट में निवेश ( इन्वेस्टमेंट ) शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट ( खातों ) की जरूरत होती है . ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट , ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट . हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है , लेकिन ट्रांजैक्शन ( लेन – देन ) को पूरा करने के लिए तीनों एक – दूसरे पर निर्भर होते हैं . शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए .

डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है . जैसे एक सेविंग अकाउंट ( बचत खाता ) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है , वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है . डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है . ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैटरियलाइज्ड फॉर्म में स्टोर ( संग्रहित ) करते हैं . फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म ( रूप ) में परिवर्तित करने की प्रक्रिया ( प्रोसेस ) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है . जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है . डीमैट अकाउंट के प्रकार ( टाइप ) डीमैट अकाउंट खोलते समय डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है निवेशकों को अपने प्रोफाइल के मुताबिक डीमैट अकाउंट का चुनाव सावधानी से करना चाहिए . कोई भी भारतीय मिनटों में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकता है . निवेशक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . 5 पैसा https://bit.ly/3RreGqO एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं . डीमैट अकाउंट चार तरह के होते हैं .

1)- रेगुलर डीमैट अकाउंट एक रेगुलर डीमैट अकाउंट भारतीय निवासी निवेशकों के लिए होता है जो केवल शेयर डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है खरीदना और बेचना चाहते हैं और सिक्योरिटीज को जमा ( डिपॉजिट ) करना चाहते हैं . जब आप शेयर बेचते हैं तो शेयर अकाउंट से डेबिट हो जाते हैं . इसी तरह जब आप शेयर खरीदेंगे तो वह आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे . यदि आप फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो डीमैट अकाउंट की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह की डील के लिए स्टोरेज की कोई जरूरत नहीं होती है .

2)- बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट यह एक नए तरह का डीमैट अकाउंट है , जिसे बाजार नियामक ( मार्केट रेगुलेटर ) सेबी (SEBI) ने पेश किया है . छोटे निवेशकों को ध्यान में रखते हुए यह अकाउंट शुरू किया गया है . 50,000 रुपये से कम के स्टॉक और बॉन्ड रखने के लिए कोई मेंटेनेंस चार्ज ( रखरखाव शुल्क ) नहीं देना होगा . 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक की सिक्योरिटी रखने पर सिर्फ 100 रुपये का चार्ज लगेगा .

3)- प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat Account) प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट NRI ( अनिवासी भारतीयों ) के लिए है . इसके जरिए वे भारतीय बाजार में निवेश कर सकते हैं और विदेश में भी पैसा भेज सकते हैं . हालांकि फंड ट्रांसफर करने के लिए डीमैट अकाउंट को NRI (Non-Resident External) अकाउंट से जोड़ना होगा .

4)- गैर प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट (Non-repatriable Demat Account) अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए एक गैर – प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट भी मौजूद है . हालांकि इस अकाउंट के जरिए विदेश में पैसा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता .

डीमैट अकाउंट के फायदे

डीमैट अकाउंट बिना किसी परेशानी के शेयरों को तेजी से ट्रांसफर करने की सुविधा देता है . शेयर या सिक्योरिटीज सर्टिफिकेट एक डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म से रखे जाते हैं . ऐसे में उनकी चोरी , जालसाजी और नुकसान होने की संभावना बहुत कम होती है . ट्रेडिंग एक्टिविटीज को आसानी से ट्रैक किया डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है जा सकता है . डीमैट अकाउंट को कभी भी और कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है . बोनस स्टॉक , राइट्स इश्यू , स्प्लिट शेयर अपने आप अकाउंट में जमा हो जाते हैं .

डीमैट अकाउंट कैसे खोलें

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खोलना अनिवार्य है . आप किसी वित्तीय संस्थान या ब्रोकर के जरिए डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . सबसे पहले आपको इसके लिए एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) को चुनना होगा . यह एक वित्तीय संस्थान , अधिकृत बैंक या ब्रोकर हो सकता है . आप उनके साथ एक डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . DP को ब्रोकरेज चार्ज , सालाना चार्ज और लीवरेज के आधार पर चुना जाना चाहिए . DP का चयन करने के बाद आपको अकाउंट खोलने का फॉर्म , KYC फॉर्म भरना होगा और उसे जमा करना होगा . इसके साथ आपको कुछ दस्तावेज भी देने होंगे . इनमें पैन कार्ड , रेजिडेंस प्रूफ , आईडी प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं .

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