सही निवेश क्या है. इसकी समझ सबसे ज्यादा जरूरी, इन अहम बातों के आधार पर करें फैसला
आपके लिए फिक्स्ड डिपाजिट सही हो सकते हैं या किसी एक तरह के या दूसरी तरह के म्यूचुअल फंड। ये भी हो सकता है कि स्टाक में निवेश करना सही हो। हम सभी को थोड़ा काम करने की जरूरत होती है ये पता करने के लिए कि क्या सही है?
नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। कई बार निवेश के घिसे-पिटे सवाल भी नया जीवन पा जाते निवेश की सबसे जरुरी बात हैं, जब वो किसी की निजी परिस्थितियों में लिपट कर सामने आते हैं। यही बड़ी वजह कि लाइव सवाल-जवाब अच्छे होते हैं। हो सकता है कि एक ही निवेश की सबसे जरुरी बात सवाल जब लिख कर सामने आए, तो वो रूखा हो। पर जब कोई सवाल किसी खास संदर्भ के साथ बातचीत में उभरे, तो सुनने वाले के लिए जीवंत निवेश की सबसे जरुरी बात हो उठे।
हर रविवार की शाम मैं एक रेडियो चैनल पर श्रोताओं के सवालों का लाइव जवाब देता हूं। यह सिलसिला एक दशक से चल रहा है। मुझे यह फार्मेट काफी अच्छा लगता है। इसमें जो मजा है वो लेख लिखने और टीवी के अनुभव से काफी अलग है। बीते कुछ वर्षों के दौरान, कई सौ निवेश की सबसे जरुरी बात शो और हजारों कालर से बात करने के बाद, मैं एक ही तरह के सवालों का काफी आदी हो गया हूं। आखिर निवेश पर सवाल सीमित ही हो सकते हैं। हालांकि, रेडियो पर विषय तो वही रहता है, पर लोग बदलते रहते हैं और लोगों के बदलने का ये 'लेंस' बड़ा दिलचस्प है।
सबसे अच्छा विकल्प क्या है
करीब दो हफ्ते पहले एक व्यक्ति का काल आया। इसका दिल्ली के एक पारंपरिक बाजार में ट्रेडिंग का छोटा बिजनेस है। मेरे दिमाग में ऐसे व्यक्ति की तस्वीर थी जिसके लिए 'निवेश' का मतलब होगा, गोल्ड और रियल एस्टेट। मगर लगता है अब ये ख्याल पुराना हो गया है। लोगों को असल की फाइनेंशियल सर्विस की जरूरत भी है और चाहत भी। कालर की एक मुश्किल थी। दरअसल, वो कुछ पैसा निवेश करना चाह रहे थे। उन्होंने बताया कि उनके दो दोस्त हैं (या जानकार), जो उन्हें निवेश की सलाह दे रहे हैं। एक बैंक मैनेजर है, जिसने कालर को समझाया कि फिक्स्ड डिपाजिट उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प हैं।
बहरहाल, ये एक आम बचत और निवेश का विकल्प है और बदकिस्मती से सुलझाने के लिए बड़ी मुश्किल है। हर बेचने वाले की, बेचने के लिए अपनी कहानी और अपना प्रोडक्ट होता है, जिसे वो सही विकल्प कहते हैं। ये सब आसान होता अगर वो सब गलत होते, मगर असल में, वो सब कुछ-कुछ सही होते हैं। हालांकि, ये और भी बड़ी मुश्किल खड़ी कर देता है।
खुद सीखना शुरू कर दो
जब आप बचत कर रहे हों तो सही विकल्प पाने का एकलौता तरीका निवेश की सबसे जरुरी बात ही है, निवेश करो और खुद सीखना शुरू कर दो। किसी पर निर्भर हुए बिना अपने फैसले खुद ही करो। निवेश की शुरुआत का बुनियादी प्वाइंट निवेश है। ये सब आपको आनलाइन सवालों-जवाबों में नजर आ जाएगा। ऐसे बचत करने वाले हैं जो सोचते हैं कि निवेश करना, निवेश के बारे में है, और फिर ऐसे लोग हैं जो सोचते हैं कि निवेश उनके बारे में है।
यहां एक सवाल है (ये असल सवाल है): 'स्टाक मार्केट की मौजूदा स्थिति में क्या मिड-कैप और निवेश की सबसे जरुरी बात स्माल-कैप म्यूचुअल फंड में निवेश सही होगा?' ये सुनने में सहज तर्कसंगत सवाल लगता है। मगर, इसे इसके उलट सवाल से तुलना करके देखिए: 'मेरी उम्र 40 साल है मगर सिवाए ईपीएफ कटवाने के, मैंने रिटायरमेंट के लिए कोई बचत नहीं शुरू की है। जब मैं रिटायर हो जाउंगा, तो मुझे हर महीने 5,000 रुपये की जरूरत होगी..'। जैसे ही आपके सामने मेरा दूसरा उदाहरण आता है, आप तुरंत ये समझ जाते हैं कि पहला सवाल पूरी तरह से भ्रमित करने वाला है। असल में वो सवाल है ही नहीं, पर एक निमंत्रण है किसी को कुछ बेचने का। पहला सवाल पूछने वाला सोचता है कि निवेश के फैसले बाहर की दुनिया की घटनाओं के आधार पर होते हैं। दूसरा सवाल ये अपनी गणना में लेता है कि बचत और निवेश व्यक्ति के जीवन की मुश्किलों का हल पाने का एक जरिया है।
(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन डाट काम के सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)
Equity Mutual Funds में इन्वेस्टमेंट दोगुना से ज्यादा हुआ, निवेश शुरू करने से पहले इन 5 बातों का रखें ध्यान
Mutual Fund Investment: अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश की मदद से वेल्थ क्रिएट करना चाहते हैं तो पांच बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. सबसे महत्वपूर्ण है कि लंबी अवधि के निवेशक बनें. इसके अलावा डिसिप्लिन के साथ SIP जारी रखें.
Mutual Fund Investment: शेयर बाजार में जारी उठापटक के बीच सितंबर के महीने में इक्विटी फंड के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है. AMFI डेटा के मुताबिक, बीते महीने इक्विटी फंड में 14077 करोड़ का इन्फ्लो हुआ जो अगस्त में 5942 करोड़ था. यह 136 फीसदी का उछाल है. ऐसे में अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करना चाहते हैं तो कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. सबसे पहले इस बात को समझें के बाजार के जोखिम का इसमें कम या ज्यादा असर जरूर होता है. अगर आप लंबे समय के लिए निवेशत रहेंगे और डिसिप्लिन के साथ निवेश करते रहेंगे तो वेल्थ क्रिएट करने में मदद मिलेगी. निवेश शुरू करने से पहले इन पांच आदतों को खुद में शामिल करना जरूरी है.
लॉन्ग टर्म के इन्वेस्टर बनें
अगर म्यूचुअल फंड से मोटा रिटर्न पाना चाहते हैं तो लॉन्ग टर्म के इन्वेस्टर बनें. यह पेड़ लगाने जैसा है. समय देंगे तो रिटर्न शानदार होगा. आपका पैसा इसमें धीरे-धीरे ग्रो करता है. कम से कम 3-5 सालों के लिए निवेश करें उसके बाद ही रिडीम के बारे में विचार करें.
डिसिप्लिन बहुत जरूरी
बाजार में उतार-चढ़ाव एक प्रक्रिया है. ऐसे में डिसिप्लिन बहुत जरूरी है. डिसिप्लिन की बात करें तो SIP सबसे शानदार तरीका है. आप हर महीने 500 का एसआईपी भी शुरू कर सकते हैं. NAV की कीमत बाजार में उतार और चढ़ाव के साथ कम और ज्यादा होता है. लंबी अवधि तक निवेश का लक्ष्य है और बाजार में गिरावट आती है तो उसे मौके के रूप में देख सकते हैं. बाजार से निकलना नहीं है.
पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई रखें
म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट में डायवर्सिफिकेशन बहुत ज्यादा है. ऐसे में अपने पोर्टफोलियो को भी डायवर्सिफाई करने की जरूरत है. एक ही फंड में सारा निवेश करने से बचना चाहिए. इक्विटी फंड में रिटर्न ज्यादा है और डेट फंड में रिटर्न कम है. इक्विटी फंड में 65 फीसदी इक्विटी में जाता है तो रिस्क भी ज्यादा होता है. डेट फंड में 65 फीसदी से कम इक्विटी में जमा किया जाता है. इसके कारण रिस्क थोड़ा कम रहता है.
समय-समय पर इवैल्युएशन करें
म्यूचुअल फंड में आपका पैसा प्रफेशनल मैनेज करते हैं. ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नहीं है. हालांकि, समय-समय पर आपको अपने पोर्टफोलियो की जांच करनी चाहिए. आपके पास कितना NAV और उसकी वैल्यु कितनी है, इससे टोटल वैल्यु पता चल जाता है. आपने टोटल NAV कितने में खरीदा है और उसकी वैल्यु कितनी हो गई है, इस आधार पर रिटर्न का पता चलेगा.
कैपिटल ग्रोथ पर फोकस रखें
म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश निवेश की सबसे जरुरी बात निवेश की सबसे जरुरी बात इसलिए किया जाता है, क्योंकि इसका मकसद कैपिटल ग्रोथ होता है. अगर बाजार से कमाई करनी है तो रिस्क भी होता है. ऐसे में जरूरी है कि अपनी क्षमता के हिसाब से ही रिस्क उठाएं. इक्विटी फंड में रिस्क ज्यादा होगा तो रिटर्न भी ज्यादा मिलेगा. लिक्विड फंड में रिटर्न कम है तो रिस्क भी कम है.
काम की बात: बहुत फायदे का सौदा है Mutual Fund, लेकिन इसमें निवेश से पहले ये सावधानियां बरतना बहुत जरूरी
ज्यादातर विशेषज्ञ Mutual Fund को निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प मान रहे हैं. लेकिन इसमें कुछ जोखिम भी होते हैं, इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले आपको जरूर जान लेनी चाहिए ये 4 बातें.
आज के समय में हर कोई निवेश के वो विकल्प ढूंढता है, जिसमें उसे कम समय में बेहतर रिटर्न मिल सके. ऐसे में म्यूचुअल फंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. बीते कुछ समय में लोगों को इससे काफी अच्छा रिटर्न मिला है, यही वजह है किआज ज्यादातर विशेषज्ञ Mutual Fund को निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प मान रहे हैं. आप SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करके लम्बे समय में काफी अच्छा रिटर्न पा सकते हैं. अच्छी बात ये है कि म्यूचुअल फंड को आप 500 से 1000 रुपए से भी शुरू कर सकते हैं. अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का मन बना चुके हैं तो इसमें इनवेस्ट करने से पहले कुछ बातों को जरूर जान लें, ताकि बाद में किसी तरह का पछतावा न हो.
जोखिमभरा है म्यूचुअल फंड
इस मामले में फाइनेंशियल एक्सपर्ट शिखा चतुर्वेदी कहती हैं कि Mutual Funds को जोखिमभरा माना जाता है क्योंकि इसका रिटर्न शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होता है. हालांकि रिटर्न का जोखिम इस पर निर्भर करता है कि आपने किस तरह के शेयरों का चुनाव किया है. अगर आप लार्जकैप या ब्लूचिप फंड्स में पैसा लगा रहें हैं तो आपके लिए जोखिम कम होगा. वहीं स्मॉलकैप फंड्स में पैसा लगाने पर बढ़त में रिटर्न ज्यादा मिलेगा, लेकिन गिरावट में नुकसान की आशंका भी ज्यादा होगी. इस मामले में Fund Manager के अनुभव मददगार साबित होते हैं. वे इसके जोखिम को कम करने और निवेशकों को बेहतर रिटर्न के मौके बनाते हैं.
सही म्यूचुअल फंड का करें चुनाव
निवेश के लिए सही म्यूचुअल फंड का चुनाव बहुत जरूरी है. सही यानी वो म्यूचुअल फंड जो आपकी जरूरतों को पूरा कर सके. हर व्यक्ति को निवेश करने से पहले अपना आर्थिक लक्ष्य तय कर लेना चाहिए और इसके बाद ये तय करना चाहिए कि कौन सा म्यूचुअल फंड उपर्युक्त साबित होगा. उपर्युक्त म्यूचुअल फंड चुनने के लिए सबसे पहले बेस्ट म्यूचुअल फंड की दावेदारी करने वाले शीर्ष दावेदारों की लिस्ट बनाएं. उनकी तुलना करें और देखें कि आपकी जरूरतों को काैन पूरा कर रहा है. आप चाहें तो आर्थिक सलाहकार की भी मदद ले सकते हैं.
एक्सपेंस रेश्यो जरूर देखें
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले एक्सपेंस रेश्यो जरूर देख लें. आमतौर पर आपको लगता होगा कि अगर किसी फंड का रिटर्न 15 फीसदी या 18 फीसदी है तो आपको भी निवेश करने पर उतना ही फायदा होगा. लेकिन ऐसा नहीं होता क्योंकि इसके बीच एक्सपेंस रेश्यो आ जाता है. आपके म्यूचुअल फंड को मैनेजमेंट का जो भी खर्च आता है उसे एक्सपेंस रेश्यो कहा जाता है. किसी भी फंड का एक्सपेंस रेश्यो ही ये तय करता है कि आपको कोई फंड कितना सस्ता मिलेगा. एक्सपेंस रेश्यो कम या ज्यादा होने का असर आपके रिटर्न पर भी पड़ता है.
महंगाई का जोखिम
म्यूचुअल फंड पर महंगाई का जोखिम भी होता है क्योंकि इसमें लंबे समय के लिए निवेश किया जाता है. हालांकि आपको इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि यहीं पर आपके फंड मैनेजर का अनुभव भी काम करता है. फंड मैनेजर फंड्स के रिटर्न को ऐसे स्तर तक बनाए रखने की कोशिश करते हैं जिससे महंगाई के असर के बाद भी मुनाफा बेहतर हो.
काम की बात: पैसे और निवेश से जुड़ी ये जरूरी बातें सीख लें, बाद में नहीं होगी दिक्कत
आज के समय में पैसे बहुत मायने रखते हैं। अगर पैसा है तो आपका वर्तमान और भविष्य, दोनों बेहतर रहेंगे। इसलिए लोगों को निवेश करने की सलाह दी जाती है। पैसे और निवेश से जुड़ी कई चीजें सीखने लायक होती हैं। तभी तो लोग निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लेते हैं और ऐसा करना सही भी है, क्योंकि बिना जानकारी के खुद से निवेश करना आपके पैसे को डुबा भी सकता है। निवेश से जुड़ी ऐसी बहुत सी योजनाएं हैं, जो देखने में तो बहुत ही आकर्षक लगती हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म में निवेश आपका नुकसान भी कर सकती हैं। जानकार कहते हैं कि किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले उसके बारे में पूरी तरह से रिसर्च कर लेनी चाहिए, फायदे और नुकसान दोनों के बारे में। आइए जानते हैं पैसे और निवेश से जुड़ी कौन सी बातें सीखने लायक होती हैं?
जानकार कहते हैं कि बेहतर मुनाफे के लिए हमेशा प्लानिंग करके और जल्दी निवेश शुरू करना चाहिए। अगर कम उम्र में निवेश शुरू करेंगे तो एक समय के बाद बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं। जैसे मान लीजिए कि आपने 20 साल की उम्र से किसी अच्छी जगह पर निवेश शुरू किया तो 40-45 साल की उम्र तक आपके पास अच्छी रकम जमा हो जाएगी।
अगर आप म्यूचुअल फंड में करते हैं निवेश, तो जान लें ये निवेश की सबसे जरुरी बात 5 अहम बातें
Share Market में कंपनियों की हजारों म्यूचुअल फंड स्कीमें मौजूद होने के कारण काम और भी मुश्किल हो गया है, इसलिए निवेश करने से पहले इन बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी हो गया है.
Mutual Fund अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो ये जानकारी आपके लिए बहुत ही आवश्यक हैं, नहीं तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. बता दें कि कोरोना काल के बाद म्यूचुअल फंड में निवेश करने को लेकर लोगों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है. आमतौर पर देखा जाए तो SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. शेयर बाजार के अलावा म्यूचुअल फंड के जरिए गोल्ड और कमोडिटी में भी पैसे लगाए जा सकते हैं. अगर आप अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो सबसे बड़ा सवाल सही म्युचुअल फंड चुनने का है. शेयर बाजार (Share Market) में कंपनियों की हजारों म्यूचुअल फंड स्कीमें मौजूद होने के कारण काम और भी मुश्किल हो गया है, इसलिए निवेश करने से पहले इन बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी हो गया है.
अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं तो निवेश को लेकर स्पष्टता होनी चाहिए. पहले आपको तय करना होगा कि निवेश का मकसद क्या है, कितने समय के लिए और कितना निवेश करना है. इन सवालों पर अच्छी तरह से सोच विचार कर लेना चाहिए. खासकर आपको कितने समय के लिए निवेश करना है यह सवाल अहम है. क्योंकि अलग-अलग अवधि के निवेश के लिए म्यूचुअल फंड अलग-अलग होते हैं. छोटी अवधि के निवेश के लिए डेट फंड या लिक्विड फंड चुन सकते हैं. लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इक्विटी म्यूचुअल फंड अन्य की अपेक्षा सबसे बेहतर रहेंगे.
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले इस बात का आंकलन करना जरूरी है कि निवेश करने के लिए आप कितना जोखिम उठा सकते हैं. क्योंकि अधिक रिटर्न के लिए आपको ज्यादा जोखिम लेना पड़ सकता है. निवेश में सिर्फ रिटर्न ही नहीं आपकी पूंजी भी सुरक्षित होनी चाहिए. इसलिए इस तरह के फंड आपको चुनने होंगे, जिनमें रिटर्न और रिस्क में संतुलन बना रहे. नहीं तो आपको काफी नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है.
फंड हाउस और मैनेजर का रिकॉर्ड
अगर आपने निवेश करने के लिए म्यूचुअल फंड का चुनाव कर लिया तो इस स्कीम को लाने वाली कंपनी का रिकॉर्ड गहनता के साथ जरूर देखें. इसके साथ ही कंपनी के मैनेजर का रिकॉर्ड चेक करना भी जरूरी होता है. विशेष रूप से आपको इन बातों के लिए बारे में पता करना है कि फंड हाउस कितने समय से काम कर रहा है, उसकी दूसरी स्कीमों का परफॉर्मेंस कैसा रहा है, कंपनी की साख बाजार में कैसी है. किसी भी म्यूचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट पर ये जानकारियां मिल जाती हैं. ऐसी भी कई वेबसाइट हैं, जहां किसी भी फंड के परफॉर्मेंस, रेटिंग, पोर्टफोलियो की जानकारी मिल जाती है.
फंड का पिछला प्रदर्शन अवश्य करें चेक
अगर किसी फंड ने अब तक अच्छा परफॉर्म किया है तो आगे भी उसका प्रदर्शन अच्छा ही रहेगा, यह बिल्कुल जरूरी नहीं. सही फंड का चुनाव करते वक्त अलग-अलग फंड्स के पिछले प्रदर्शन का अध्ययन करें, इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किसमें निरंतरता है. इससे आपको अपनी पसंदीदा स्कीम और म्युचुअल फंड चुनने में मदद मिलेगी. फंड चुनते वक्त आप अलग-अलग रेटिंग एजेंसियों द्वारा इन फंड्स को दी गई रेटिंग भी जरूर देखें.
खर्चों के बारे में भी करें पता
म्यूचुअल फंड का चुनाव करते वक्त आपको इसमें निवेश जुड़े खर्चों के बारे में पता होना चाहिए. एंट्री और एक्जिट लोड, एसेट मैनेजमेंट चार्ज, एक्सपेंस रेश्यो. एसेट मैनेजमेंट चार्ज और एक्सपेंस रेश्यो जैसे खर्चों को जरूर देखना चाहिए. ये सारे खर्च आपके फायदे को कम कर देते हैं. किसी म्यूचुअल फंड के लिए 1.5 फीसदी तक का एक्सपेंस रेश्यो सही माना जाता है. किसी फंड का एक्सपेंस रेश्यो इससे ज्यादा है तो उसमें निवेश से बचें.
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English News Headline : Know these 5 things before investing in mutual funds.
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