Stock Market में ट्रेडिंग और निवेश की मूल बातें
Stock Market से पैसे कमाने के बारे में आप सब जानते हैं, लेकिन उस Stock Market का नाम सुनकर कुछ लोग डर जाते हैं, क्योंकि उस Stock Market पैसे कमाने का एक ऐसा गेम है, जहां कोई भी करोड़पति बन जाता है, तो कोई रातो रात रोड़पति बन जाता है. लेकिन आज हम Stock Market के Basics बातों को जानेंगे जिसके बाद आप भी Stock Market से पैसे कमा सकते हैं
Stock Market क्या है?
किसी भी कंपनी को शुरू करने के लिए पैसों की जरूरत होती है जिसे हिंदी में निवेश और इंग्लिश में फंडिंग कहा जाता है. मान लिजिये किसी ने एक कंपनी शुरू कर जिस्का नाम ABC है। ये Investment ABC कंपनी के Founders अपनी बचत से करते हैं या फिर किसी से जाने देते हैं। जो भी एक्स मुझे उस समय निवेश करते हैं, वो इस आशा के साथ करते हैं की उन्हे भविष्य में एक्स से लाभ होगा।
मगर, हर कोई शुरू में एक्स पे निवेश नहीं कर सकता। कम से कम तब तक जब तक X आम जनता के लिए निवेश का विकल्प खुला न करे। ये काम शेयर बाजार के ज़रिया होता है।
Stock Market एक ऐसा Marketplace है जहां हम सब पब्लिक कंपनिया में निवेश कर सकते हैं। जब हम किसी कंपनी में निवेश करते हैं तब हम उसका एक हिसा खड़े होते हैं। फिर जब हमें लगता है कि हमारे निवेश करे गए राशि से हमें लाभ हो रहा है, हम वो हिसा बीच सकते हैं। सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों के अलावा भी कुछ विकल्प होते हैं शेयर बाजार में निवेश करने के लिए, मगर इस पोस्ट में हम केवल Stock Market में ट्रेडिंग और निवेश की Basic बातो को जानेगे और समझेगे
Stock market की Timing क्या होती है?
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग यानी स्टॉक खरीदने और बेचने के लिए एक समय का निर्धारण किया गया है कोई भी स्टॉक ट्रेडर इसी समय में स्टाफ को खरीद और बेच सकता है. मार्केट की टाइमिंग कुछ इस तरह होते हैं:
Pre-Open Session: 09:00 AM – 09:15 AM.
Trading Session: 09:15 AM – 03:30 PM.
Closing session: 03:40 PM. – 04:00 PM
शनिवार, रविवार, और कुछ Holiday जो Advance में declear कर दी जाती हैं उनको छोड़ कर बाकी सभी दिन Stock Market खुली रहती है।
शेयर बाजार में कौन कौन निवेश कर सकता है?
कोई भी शेयर बाजार में निवेश कर सकता है। आप 18 की उम्र से बड़े हैं या छोटे, आप शेयर बाजार में बिलकुल निवेश कर सकते हैं। लेकिन 18 से ऊपर की उम्र वाले निवेशक अपने खुद के दस्तावेज से खाता खोल सकते हैं, और 18 से कम वाले लोगो को अपने अभिभावकों के दस्तावेज चाहिए होते हैं।
इसका कारण यह है की, स्टॉक्स में इनवेस्ट करने के लिए आपको एक बैंक Account और एक डीमैट Account की जरूरत पड़ती है। यह दो प्रकार के Account बनने के बाद आपको Investment के लिए कुछ पैसों की जरूरत होती है इन पैसों से आप कोई भी स्टॉक में trading कर सकते हैं, आप मुनाफा कमा सकते हैं सकते हैं
स्टॉक्स में Investment क्यो करें? फायदे और नुक्सान क्या है?
Stock Market में निवेश करना थोडा सा जोखिम भरा होता है. स्टॉक की सही जानकारी और प्लानिंग नहीं होने पर कई लोगों को इसमें पैसे का नुकसान भी होता है. लेकिन यदि आप किसी कंपनी के स्टॉक के सही रिसर्च करते हैं तो आप Stock Market में अच्छा प्रोफिट कमा सकते हैं.
Stock Market ट्रेडिंग में नुकसान में के साथ अच्छा Profit और बहुत सारे फायदे भी है. क्योंकि शेयरों में निवेश से Interest भी बाकी Investment ऑप्शन से ज्यादा मिलता है। इसी वजह से ये आपको मुद्रास्फीति से भी secure करता है.
आप किसी भी कंपनी के स्टॉक में Invest करके आप उस कंपनी के Profit के हिस्से के मालिक बन सकते हैं, और जब भी आपको लगे कि मुझे यह स्टॉप भेज देना चाहिए तो आप स्टॉक ट्रेडिंग के माध्यम से उस व स्टाफ को बेचकर और भी अच्छे पैसे कमा सकते हैं
शेयर मी निवेश करते समय किन बातों का ध्यान रखें?
ट्रेडिंग करने के लिए आपको ज्यादा हाई Amount की जरूरत नहीं पड़ती आप छोटे-छोटे निवेश करके शेयर खरीद सकते हैं और उसे लंबे समय बाद उसे Sell कर सकते हैं. लेकिन यह कुछ बातें हैं जो शेर में Invest करते समय हमें ध्यान रखना चाहिए
- छोटे Amount और बेसिक्स से शुरू करें करे
- Stock Market के बारे में पढ़ते रहे, खुद को शिक्षित करते रहें
- आप कितना रिस्क ले सकते हैं, इस्को एनालिसिस करें
- अपने वित्तीय लक्ष्य को जाने
- ज़्यादा लालची ना बने। सोच समझ कर निवेश करें और अपना फैसला खुद लें। लोगो की देखा देखा में निवेश ना करें।
- हां, अगर आपकी रिसर्च और एजुकेशन भी आप को वही Invest करने के लिए कहती है जहां दुनिया इनवेस्ट कर रही है, तो बेसक इनवेस्ट करे
- अपने खारचो को देख कर ही Invest करें
- रिस्क होगा ही होगा, इस बात को हमा ध्यान में रखा
- अलग अलग कंपनियां और उद्योग में निवेश करे। अगर एक जग से आपको उद्योग से नुकसान होता है तो ये विविधीकरण कुछ ना कुछ लाभ आपको करवा सकता है। अपना पोर्टफोलियो करने से आपको जोखिम भी कम होगा
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लाभदायक निवेश की मूल बातें
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ICICI Prudential Multi Asset Fund: यह म्यूचुअल फंड स्कीम ने 20 साल में निवेशकों को दिया 21.2% रिटर्न
ICICI Prudential Multi Asset Fund: यह म्यूचुअल फंड स्कीम ने 20 साल में निवेशकों को दिया 21.2% रिटर्न
- Date : 09/11/2022
- Read: 3 mins Rating : -->
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी असेट फंड में 20 साल पहले किया गया 10 लाख का निवेश 4.6 करोड़ रुपए हो गया।
ICICI Prudential: हर आम निवेशक यह चाहता है कि उसे अपने निवेश पर बेहतर रिटर्न मिले और साथ ही उसका निवेश सुरक्षित भी रहे। इस हिसाब से म्यूचुअल फंड में किया गया निवेश अन्य निवेश विकल्पों से बेहतर लाभ देता है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी असेट फंड, एक ऐसा फंड है जिसने 20 साल पहले निवेश किए गए लाभदायक निवेश की मूल बातें 10 लाख रुपए कि रकम को 4.6 करोड़ में बदल दिया है। अगर किसी निवेशक ने 31 अक्तूबर 2002 को इस स्कीम में 10 लाख रुपए का एकमुश्त निवेश किया है तो आज वह रकम 4.6 करोड़ रुपए हो गई है। निवेशक को अपनी रकम पर 21.2 प्रतिशत की दर से चक्रवृद्धि लाभ मिलेगा।
फिलहाल इस स्कीम में असेट अंडर मैनेजमेंट यानी प्रबंधन के तहत 14,227 करोड़ रुपए हैं। जो इस कैटेगरी में कुल एयूएम का लगभग 68 प्रतिशत है। इस स्कीम में अक्तूबर 2002 में 10 लाख रुपए का एकमुश्त निवेश करनेवाले की रकम आज 4.6 करोड़ रुपए हो गई है। निफ्टी 50 में भी इस निवेश पर केवल 2.5 करोड़ रुपए मिले हैं यानी इसमें 17.4 प्रतिशत का रिटर्न मिला है।
जिन निवेशकों एसआईपी करा रखी थी उन्हें भी 17 प्रतिशत से अधिक लाभ हुआ है। उदाहरण के लिए, अगर किसी ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी असेट फंड की स्थापना के समय से, इसमें 10 हजार रुपए का मासिक एसआईपी किया होगा तो वह रकम इस समय 1.8 करोड़ रुपए हो गई होगी, जबकि उसने केवल 24.1 लाभदायक निवेश की मूल बातें लाख रुपए का कुल निवेश किया है। इस तरह आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी असेट फंड स्कीम ने अपने निवेशकों को 17.4 फीसदी की सीएजीआर की दर से रिटर्न दिया है।
ओपन एंडेड स्कीम का असेट अलोकेशन
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के एमडी एवं सीईओ निमेश शाह ने जानकारी दी है कि असेट अलोकेशन बेहतर काम करता है और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के ग्राहकों ने इस स्कीम से बेहतर संपत्ति जोड़ी है। इस फंड के मैनेजरों ने भी बहुत अच्छा काम किया है। कंपनी के मुख्य निवेश अधिकारी संकरन नरेन ने कहा कि इस फंड का विशेष लाभ यह है कि इसमें इक्विटी, डेट, गोल्ड जैसे साधन उपलब्ध होते हैं। निवेश करते समय कोई भी इस बात का अनुमान नहीं लगा सकता कि कौन सी स्कीम किस समय और कितना बेहतर प्रदर्शन करेगी। सब कुछ अनुमान पर आधारित होता है और कोई भी दांव लगाते समय निवेशक के लिए जोखिम का अंदेशा रहता है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी असेट स्कीम एक ओपन एंडेड स्कीम है जो कई क्षेत्रों में निवेश करती है। 5 साल में इस स्कीम का सीएजीआर 12.83 प्रतिशत और 3 साल में 19.80 प्रतिशत रहा है। इस स्कीम का प्रबंधन संकरन नरेन, अनुज, गौरव चिकने और इहाब दलवई द्वारा किया जाता है। प्रबंधकों की कुशलता और दूरदृष्टि के कारण ही निवेशकों को यह लाभ हुआ है।
ICICI Prudential Multi Asset Fund
ICICI Prudential: हर आम निवेशक यह चाहता है कि उसे अपने निवेश पर बेहतर रिटर्न मिले और साथ ही उसका निवेश सुरक्षित भी रहे। इस हिसाब से म्यूचुअल फंड में किया गया निवेश अन्य निवेश विकल्पों से बेहतर लाभ देता है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी असेट फंड, एक ऐसा फंड है जिसने 20 साल पहले निवेश किए गए 10 लाख रुपए कि रकम को 4.6 करोड़ में बदल दिया है। अगर किसी निवेशक ने 31 अक्तूबर 2002 को इस स्कीम में 10 लाख रुपए का एकमुश्त निवेश किया है तो आज वह रकम 4.6 करोड़ रुपए हो गई है। निवेशक को अपनी रकम पर 21.2 प्रतिशत की दर से चक्रवृद्धि लाभ मिलेगा।
फिलहाल इस स्कीम में असेट अंडर मैनेजमेंट यानी प्रबंधन के तहत 14,227 करोड़ रुपए हैं। जो इस कैटेगरी में कुल एयूएम का लगभग 68 प्रतिशत है। इस स्कीम में अक्तूबर 2002 में 10 लाख रुपए का एकमुश्त निवेश करनेवाले की रकम आज 4.6 करोड़ रुपए हो गई है। निफ्टी 50 में भी इस निवेश पर केवल 2.5 करोड़ रुपए मिले हैं यानी इसमें 17.4 प्रतिशत का रिटर्न मिला है।
जिन निवेशकों एसआईपी करा रखी थी उन्हें भी 17 प्रतिशत से अधिक लाभ हुआ है। उदाहरण के लिए, अगर किसी ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी असेट फंड की स्थापना के समय से, इसमें 10 हजार रुपए का मासिक एसआईपी किया होगा तो वह रकम इस समय 1.8 करोड़ रुपए हो गई होगी, जबकि उसने केवल 24.1 लाख रुपए का कुल निवेश किया है। इस तरह आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी असेट फंड स्कीम ने अपने निवेशकों को 17.4 फीसदी लाभदायक निवेश की मूल बातें की सीएजीआर की दर से रिटर्न दिया है।
ओपन एंडेड स्कीम का असेट अलोकेशन
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के एमडी एवं सीईओ निमेश शाह ने जानकारी दी है कि असेट अलोकेशन बेहतर काम करता है और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के ग्राहकों ने इस स्कीम से बेहतर संपत्ति जोड़ी है। इस फंड के मैनेजरों ने भी बहुत अच्छा काम किया है। कंपनी के मुख्य निवेश अधिकारी संकरन नरेन ने कहा कि इस फंड का विशेष लाभ यह है कि इसमें इक्विटी, डेट, गोल्ड जैसे साधन उपलब्ध होते हैं। निवेश करते समय कोई भी इस बात का अनुमान नहीं लगा सकता कि कौन सी स्कीम किस समय और कितना बेहतर प्रदर्शन करेगी। सब कुछ अनुमान पर आधारित होता है और कोई भी दांव लगाते समय निवेशक के लिए जोखिम का अंदेशा रहता है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी असेट स्कीम एक ओपन एंडेड स्कीम है जो कई क्षेत्रों में निवेश करती है। 5 साल में इस स्कीम का सीएजीआर 12.83 प्रतिशत और 3 साल में 19.80 प्रतिशत रहा है। इस स्कीम का प्रबंधन संकरन नरेन, अनुज, गौरव चिकने और इहाब दलवई द्वारा किया जाता है। प्रबंधकों की कुशलता और दूरदृष्टि के कारण ही निवेशकों को यह लाभ हुआ है।
Mutual Funds and Asset Allocation: म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय एसेट एलोकेशन कैसे करना चाहिए?
Mutual Funds and Asset Allocation: म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय एसेट एलोकेशन कैसे करना चाहिए?
- Date : 03/12/2022
- Read: 3 mins Rating : -->
म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय एसेट एलोकेशन पर क्या है एक्सपर्ट्स की राय?
Mutual Funds and Asset Allocation: आजकल बहुत से निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश करना पसंद करते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश करने से यह लाभ होता है कि निवेशक को पहले से तैयार डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो मिल जाता है। इसमें किए गए निवेश को प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स प्रबंधित करते हैं। इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय निवेशकों को वित्तीय जोखिम कम करने के लिए डायवर्सिफिकेशन की चिंता नहीं करनी पड़ती है और अच्छा लाभ होने की संभावना भी रहती है। फिर भी, म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय यह ज़रूरी है कि निवेशक को यह पता हो कि उसे कितना निवेश करना है और वह कितना जोखिम उठा सकता है। निवेशकों के लिए अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को पहचानना जरूरी है।
एक्सपर्ट्स की क्या है सलाह?
क्वांटम एएमसी की चीफ बिजनेस ऑफिसर रीना नथानी ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा, “म्यूचुअल फंड स्कीम की सभी कैटेगरी और सब-कैटेगरी रिस्क-रिटर्न स्पेक्ट्रम पर एक अलग स्थान रखती है। निवेशकों के लिए स्कीम के लाभदायक निवेश की मूल बातें निवेश और इसके रिस्क-रिटर्न को अच्छी तरह से समझना ज़रूरी है। ऐसी योजनाओं को चुनें जो आपके रिस्क प्रोफ़ाइल, निवेश लक्ष्य, समय सीमा से मेल खाते हों और संबंधित फाइनेंशियल गोल या वित्तीय लक्ष्य हासिल करने के लिए सबसे उपयुक्त हों।” नथानी ने आगे कहा, “यह देखते हुए कि महंगाई बढ़ रही है, कुशल मुद्रास्फीति-समायोजित रिटर्न (जिसे रियल रिटर्न भी कहा जाता है) अर्जित करना जरूरी है। इस तरह, आजमाए गए 12-20-80 के एसेट एलोकेशन मॉडल का व्यापक रूप से पालन करना सही होगा, जो आपकी सभी निवेश आवश्यकताओं के लिए एक सरल समाधान है। इसलिए, म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश करने पर भी बाजार के जोखिम को और कम करने के लिए एसेट एलोकेशन किया जा सकता है।
एसेट एलोकेशन स्ट्रेटेजी को समझें
नथानी ने बताया, “निवेश की कुल राशि से एक अलग बचत खाते और/या एक लिक्विड फंड (जो आपकी आपातकालीन जरूरतों का ख्याल रखेगा) में 12 महीने के नियमित खर्चों (ऋणों पर ईएमआई सहित) को रखें। पूरे पोर्टफोलियो के लगभग 20 प्रतिशत का निवेश सोना (गोल्ड फंड्स या गोल्ड ईटीएफ के माध्यम) में रखें, जिससे आप अपने पोर्टफोलियो को बेहतर तरीके से डायवर्सिफाई कर सकें। शेष 80 प्रतिशत पोर्टफोलियो को, इक्विटी म्यूचुअल फंड की अलग-अलग सब-कैटेगरी में निवेश करें, जो संभावित रूप से महंगाई का मुकाबला करने और अनुमानित वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी मदद करेगा। यह एसेट एलोकेशन स्ट्रेटेजी संभावित रूप से आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता, ग्रोथ और सुरक्षा प्रदान कर सकती है।”
तो एक्सपर्ट की सलाह मानते हुए अपनी बचत का एक बचत खाते में इतनी रकम रखें जो एक साल तक आपकी नियमित ज़रूरतों को पूरा कर सके। इसके अलावा कुल निवेश का 20 प्रतिशत सोने में निवेश करें। सोना हमेशा से निवेश के लिए लोगों की पसंद रहा है और बाकी का 80 प्रतिशत म्यूचुअल फंड में निवेश करें जिसे प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स प्रबंधित करते हैं।
Mutual Fund Investors के लिए खुशखबरी
Mutual Funds and Asset Allocation: आजकल बहुत से निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश करना पसंद करते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश करने से यह लाभ होता है कि निवेशक को पहले से तैयार डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो मिल जाता है। इसमें किए गए निवेश को प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स प्रबंधित करते हैं। इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय निवेशकों को वित्तीय जोखिम कम करने के लिए डायवर्सिफिकेशन की चिंता नहीं करनी पड़ती है और अच्छा लाभ होने की संभावना भी रहती है। फिर भी, म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय यह ज़रूरी है कि निवेशक को यह पता हो कि उसे कितना निवेश करना है और वह कितना जोखिम उठा सकता है। निवेशकों के लिए अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को पहचानना जरूरी है।
एक्सपर्ट्स की क्या है सलाह?
क्वांटम एएमसी की चीफ बिजनेस ऑफिसर रीना नथानी ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा, “म्यूचुअल फंड स्कीम की सभी कैटेगरी और सब-कैटेगरी रिस्क-रिटर्न स्पेक्ट्रम पर एक अलग स्थान रखती है। निवेशकों के लिए स्कीम के निवेश और इसके रिस्क-रिटर्न को अच्छी तरह से समझना ज़रूरी है। ऐसी योजनाओं को चुनें जो आपके रिस्क प्रोफ़ाइल, निवेश लक्ष्य, समय सीमा से मेल खाते हों और संबंधित फाइनेंशियल गोल या वित्तीय लक्ष्य हासिल करने के लिए सबसे उपयुक्त हों।” नथानी ने आगे कहा, “यह देखते हुए कि महंगाई बढ़ रही है, कुशल मुद्रास्फीति-समायोजित रिटर्न (जिसे रियल रिटर्न भी कहा जाता है) अर्जित करना जरूरी है। इस तरह, आजमाए गए 12-20-80 के एसेट एलोकेशन मॉडल का व्यापक रूप से पालन करना सही होगा, जो आपकी सभी निवेश आवश्यकताओं के लिए एक सरल समाधान है। इसलिए, म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश करने पर भी बाजार के जोखिम को और कम करने के लिए एसेट एलोकेशन किया जा सकता है।
एसेट एलोकेशन स्ट्रेटेजी को समझें
नथानी ने बताया, “निवेश की कुल राशि से एक अलग बचत खाते और/या एक लिक्विड फंड (जो आपकी आपातकालीन जरूरतों का ख्याल रखेगा) में 12 महीने के नियमित खर्चों (ऋणों पर ईएमआई सहित) को रखें। पूरे पोर्टफोलियो के लगभग 20 प्रतिशत का निवेश सोना (गोल्ड फंड्स या गोल्ड ईटीएफ के माध्यम) में रखें, जिससे आप अपने पोर्टफोलियो को बेहतर तरीके से डायवर्सिफाई कर सकें। शेष 80 प्रतिशत पोर्टफोलियो को, इक्विटी म्यूचुअल लाभदायक निवेश की मूल बातें फंड की अलग-अलग सब-कैटेगरी में निवेश करें, जो संभावित रूप से महंगाई का मुकाबला करने और अनुमानित वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी मदद करेगा। यह एसेट एलोकेशन स्ट्रेटेजी संभावित रूप से आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता, ग्रोथ और सुरक्षा प्रदान कर सकती है।”
तो एक्सपर्ट की सलाह मानते हुए अपनी बचत का एक बचत खाते में इतनी रकम रखें जो एक साल तक आपकी नियमित ज़रूरतों को पूरा कर सके। इसके अलावा कुल निवेश का 20 प्रतिशत सोने में निवेश करें। सोना हमेशा से निवेश के लिए लोगों की पसंद रहा है और बाकी का 80 प्रतिशत म्यूचुअल फंड में निवेश करें जिसे प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स प्रबंधित करते हैं।
कारक निवेश
की लाभदायक निवेश की मूल बातें सरल परिभाषाफ़ैक्टर निवेश विभिन्न परिसंपत्ति मूल्यों के लिए निवेश रणनीति को चैनलाइज़ करने के लिए विभिन्न विशेषताओं का उपयोग है। निवेशकों द्वारा कारक निवेश के लिए निर्धारित कुछ विशेषताओं में स्टॉक की अस्थिरता, वृद्धि और . शामिल हैंमंडी पूंजीकरण।
व्यापक समझ के लिए, हम यह भी कह सकते हैं कि कारक निवेश एक ऐसी रणनीति है जो किसी परिसंपत्ति के रिटर्न मूल्य को पहले से ही परिसंपत्ति से जुड़े जोखिमों और बाजार रिटर्न का विश्लेषण करके निर्धारित करती है।
कारक निवेश की उत्पत्ति
फैक्टर इन्वेस्टमेंट ने पहली बार 70 के दशक में गति प्राप्त करना शुरू किया जब निवेशकों ने बाजार में चक्कर लगाने वाली मौजूदा रणनीतियों में खामियां ढूंढनी शुरू कर दीं। कारक निवेश के सामने आने से पहले, इसके लिए अन्य उपाय भी थेइक्विटीज पसंदराजधानी परिसंपत्ति मूल्य निर्धारण मॉडल और कुशल बाजार परिकल्पना।
लेकिन कारक निवेश के जन्म के बाद, प्रमुख निवेशकों ने धन के निर्माण के सुव्यवस्थित तरीके के कारण इसे अपनाना शुरू कर दिया। कई तरह से निवेश करने वाले कारकों को निवेश के तीसरे तरीके के रूप में पूरा किया जा सकता है, जिसमें सक्रिय और निष्क्रिय दोनों रणनीतियां शामिल हैं, लेकिन इसमें पारदर्शिता भी शामिल है और इसका उद्देश्य कम लागत वाले मूल्य के साथ रिटर्न में सुधार करना है।
इन दिनों फैक्टर इन्वेस्टमेंट इतना लोकप्रिय होने का एक और मुख्य कारण यह है कि यह विभिन्न कारकों पर रणनीतियों को मिलाकर अच्छी तरह से काम करता है और लंबे समय में रिटर्न सुनिश्चित करता है। सिद्ध कारकों को लक्षित करने से विविधीकरण को बढ़ावा मिलता है; हालांकि, जब आप दृष्टिकोण के लिए जाने के बारे में सोचते हैं, तो ध्यान रखें कि कई अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। इसलिए, परिणाम हमेशा रैखिक नहीं हो सकते हैं।
कारक निवेश की मूल बातें क्या हैं?
कारक निवेश द्वारा केंद्रित पांच मौलिक सिद्धांत हैं:
1) स्टॉक का मूल्य
इस कारक का उद्देश्य अपने मौजूदा मौलिक मूल्यों की तुलना में कम कीमतों वाले शेयरों से अधिकतम मूल्य निकालना है।
मोमेंटम स्ट्रैटेजी मुख्य रूप से उन शेयरों पर केंद्रित है जो आने वाले समय में सबसे मजबूत रिटर्न देने वाले हैं।
3) अस्थिरता
यह कारक मुख्य रूप से उन शेयरों पर ध्यान केंद्रित करता है जिनमें कम अस्थिरता होती है क्योंकि वे भविष्य में अधिक जोखिम-समायोजित रिटर्न अर्जित करते हैं।
4) आकार
छोटे आकार के शेयरों में बड़े शेयरों की तुलना में अधिक लाभदायक निवेश की मूल बातें रिटर्न मिलता है। निवेशक बाजार पूंजीकरण को देखकर स्टॉक के आकार पर कब्जा कर सकते हैं।
5) स्टॉक की गुणवत्ता
निवेशक कुछ मापदंडों का उपयोग करके, परिवर्तनशीलता अर्जित करके और इक्विटी में वापसी करके गुणवत्ता वाले शेयरों की पहचान कर सकते हैं।
निष्कर्ष
इनके अलावा, जो कारक निवेश को कुशलता से बनाता है, वह यह है कि निवेशकों के पास विभिन्न कारकों और रणनीतियों में से चुनने का मौका होता है, जो बदले में विविध निवेश का कारण बन सकता है। कारक निवेश सक्रिय और निष्क्रिय निवेश के लिए एक प्रतिस्थापन नहीं है, और यह सिर्फ एक मात्रात्मक वैकल्पिक दृष्टिकोण है।
निवेश के स्रोत के रूप में कारक निवेश को एकीकृत करके, व्यक्ति दीर्घकालिक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं और जोखिम को एक साथ कम कर सकते हैं। अपनी जरूरतों और प्राथमिकताओं के आधार पर, लोग निवेश के लिए विभिन्न कारकों या विभिन्न कारकों के संयोजन को ध्यान में रख सकते हैं।
संक्षेप में, जब निवेश की बात आती है तो कारक निवेश ने बाजार के परिदृश्य को संरचनात्मक रूप से बदल दिया है क्योंकि आम आदमी इस दृष्टिकोण के माध्यम से आसान रिटर्न और उच्च लाभ की ओर बढ़ सकता है।
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