How to apply for women loan

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नया बिजनेस खोलने या मौजूदा बिजनेस को बढ़ाने के लिए महिला उद्यमियों को कैसे मिलेगा बिजनेस लोन? जानिए

पिछले लंबे समय में महिलाओं की बिजनेस की तरफ विशेष रुचि बढ़ी है. आज आपको ऐसी पांच योजनाओं के बारे में बताएंगे जो आसानी से महिला उद्यमियों को लोन प्रदान करती हैं.

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gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 01 जून 2022,
  • (Updated 01 जून 2022, 5:16 PM IST)

10 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है

महिला उद्यमियों को व्यापार बढ़ाने की है छूट

बीते कुछ सालों में नौकरी से लेकर हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है. पिछले कुछ समय पहले आई एक रिपोर्ट के मुताबिक 20% व्यवसायों में महिलाओं की भागीदरी बढ़ी है. इस तरह व्यवसायिक क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई सरकारी और निजी बैंकों सहित कई प्रमुख लोन संस्थानों ने विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की. आज हम आपको ऐसे ही कुछ बिजनेस लोन के बारे में बताएंगे.

क्या हैं इसकी विशेषताएं

1. आसानी से उपलब्ध
हाल के वर्षों में समाज के महिला भाग से बिजनेस लोन की मांग लगातार बढ़ रही है. कई महिलाएं नए-नए स्टार्टअप आइडियाज़ के साथ आगे आ रही हैं, जिनके लिए उचित लोन की आवश्यकता पड़ेगी. इसी को देखते हुए कई वित्तीय संस्थान महिलाओं को बिजनेस लोन देने के लिए आगे आए हैं. यदि आपके पास एक ठोस व्यवसाय योजना, उचित बिक्री अनुमान और एक मजबूत क्रेडिट प्रोफ़ाइल है, तो ऋणदाता आपको कम व्यावसायिक ऋण ब्याज दर के लिए आसानी से स्वीकृति दे देगा.

2. उपयोग के मामले में लचीला
जब भी आप किसी व्यवसाय के बारे में प्लान करते हैं तो आपका मार्ग बाधाओं से भरा होता है. इस समय आपको एक साथ कई मुद्दों से निपटने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है. कभी-कभी आपको स्टॉक और इन्वेंट्री की पुनःपूर्ति के लिए धन की आवश्यकता होती है, तो कभी नई मशीनरी खरीदने नए व्यापारियों के लिए मुफ्त विकल्प के लिए धन की. यदि आप एक स्थापित कंपनी हैं, तो आपको एक छोटा स्टार्ट-अप प्राप्त करने में रुचि हो सकती है. महिलाओं के लिए एक बिज़नेस लोन को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह विभिन्न प्रकार की व्यावसायिक आवश्यकताओं को आसानी से पूरा कर सकता है.

3. कोलेटरल फ्री नए व्यापारियों के लिए मुफ्त विकल्प लोन
महिला उद्यमियों के सामने सबसे आम चुनौती कोलेटरल के बदले धन की उपलब्धता है. हालांकि, महिलाओं के लिए बिजनेस लोन के मामले में ऐसा नहीं है. को-एपलिकेंट आपका साथी या बिजनेस पार्टनर हो सकता है.

4. फ्लेक्सिबल टेन्योर
महिलाओं के लिए बिज़नेस लोन फ्लेक्सिबल टेन्योर के लिए उपलब्ध हैं. रिपेमेंट के लिए आप ईएमआई राशि के साथ एक अवधि का चयन कर सकते हैं जोकि बिल्कुल आपके बजट के हिसाब से हो.

5. नो प्रॉफिट शेयरिंग
ऐसे कुछ परिदृश्य हैं जिनमें महिला उद्यमी निजी इक्विटी के माध्यम से धन जुटाती हैं. हालांकि, ऐसा करने में कई कमियां हैं. उदाहरण के लिए, आपको निवेशकों के साथ लाभ साझा करना होगा और निवेशक व्यवसाय के सभी पहलुओं में शामिल होंगे. दूसरा आप अपनी कंपनी को लेकर जो भी फैसला लेंगे आपको इंवेस्टर की भागीदारी भी चाहिए होगी. इन सबमें अगर आपका इंवेस्टर आपके कंसेप्ट से खुश नहीं हैं तो आपको अपना डिसिजन बदलना होगा.

इसलिए, यदि आप पिछली स्थिति का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं, तो महिलाओं के लिए बिज़नेस लोन एक आदर्श विकल्प है. इसमें लेंडर द्वारा प्रॉफिट शेयरिंग का अनुरोध नहीं किया जाता है. आप केवल उधार ली गई राशि और ब्याज को चुकाने के लिए जिम्मेदार होंगे.

कैसे करें अप्लाई ?
अगर आपको लगता है कि यह लोन आपको नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद कर सकता है, तो आइए आपको बताते हैं कि कैसे आप एक सुरक्षित और किफायती बिजनेस लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

- आदर्श ऋण देने वाली संस्था को खोजने के लिए रिसर्च करें.

- उनकी वेबसाइट पर जाकर, बिजनेस लोन सेक्शन में जाएं.

- बिजनेस लोन पेज पर आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची देखें और न्यूनतम योग्यता शर्तों को पढ़ें.

- ऑनलाइन आवेदन पत्र को पूरा करें और सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें.

- ऋणदाता आपकी डिटेल्स को सत्यापित करेगा.

- यदि आपकी डिटेल्स संतोषजनक होंगी, तो लोन प्रोसेस के लिए आवश्यक अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने के लिए उनका एक प्रतिनिधि आपसे संपर्क करेगा.

- एक बार जब आप एडिशनल डिटेल्स दे देंगे, तो ऋणदाता एक क्रेडिट मूल्यांकन शुरू करेगा. इसके आधार पर वे आपको एक प्रस्ताव पत्र भेजेंगे. पत्र में ऋण राशि, ब्याज दर और कुछ ऋण-संबंधित शुल्क जैसी जानकारी शामिल होगी जो लागू हो सकती हैं.

- आपको उपयुक्त संचार माध्यम के माध्यम से अपनी लिखित स्वीकृति देनी होगी.

- लोन स्वीकृत होने के बाद ऋणदाता कुछ समय बाद आपके अकाउंट में पैसे भेज देगा.

आज आपको ऐसी पांच योजनाओं के बारे में बताएंगे जो आसानी से महिला उद्यमियों को लोन प्रदान करती हैं.

1. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से सेंट कल्याणी
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया उन महिला उद्यमियों के लिए बिज़नेस और स्टार्टअप लोन प्रदान करता है जो अपना नया बिजनेस खोलना चाहती हैं या मौजूदा बिजनेस को बढ़ाना चाहती हैं.

2. मुद्रा ऋण
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) योजना के तहत मुद्रा योजना एक सरकारी योजना है जिसके माध्यम से व्यक्ति, स्टार्टअप, व्यवसाय के मालिक और साथ ही महिला उद्यमी बैंकों से ऋण ले सकते हैं. मुद्रा योजना योजना के तहत महिलाओं को नया व्यवसाय स्थापित करने या मौजूदा व्यवसाय का विस्तार करने के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है. इसके तहत तीन तरीके से लोन दिया जाता है जिसमें शिशु (50,000 रुपये तक), किशोर (5 लाख रुपये), और तरुण (5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये) के तहत पेश किए जाते हैं.

3. भारतीय महिला बैंक से श्रृंगार और अन्नपूर्णा लोन योजनाएं
SBI महिला उद्यमियों को एक नया व्यवसाय स्थापित करने या विस्तार के लिए कई तरह के ऋण प्रदान करता है. इस कैटेगरी में श्रृंगार और अन्नपूर्णा योजनायें भी शामिल हैं. श्रृंगार लोन उन महिलाओं को प्रदान किया जाता है जो अपना ब्यूटी पार्लर खोलना चाहती है, वहीं अन्नपूर्णा लोन योजना उन महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करती है जो लंच बेचने के लिए फूड केटरिंग का बिजनेस खोलना चाहती हैं.

4. केनरा बैंक एनएसई से सिंड महिला शक्ति
केनरा बैंक नई और वर्तमान महिला उद्यमियों दोनों को ऋण देता है. यह योजना या तो नई और मौजूदा बिजनेस यूनिट की वर्किंग कैपिटल संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कैश क्रेडिट के रूप में या 10 साल तक की टर्म लोन योजना के रूप में उपलब्ध है. इस तरह के ऋण की मांग करने वाले व्यवसाय में एक या अधिक महिलाओं की वित्तीय होल्डिंग का कम से कम 50% हिस्सा होना चाहिए.

5. बैंक ऑफ बड़ौदा से शक्ति योजना
देना बैंक की शक्ति योजना, खेती और उससे संबंधित गतिविधियों, रिटेल व्यापार, माइक्रो क्रेडिट, शिक्षा, आवास के साथ-साथ प्रत्यक्ष/ अप्रत्यक्ष फाइनेंस, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर सहित कई क्षेत्रों में महिला उद्यमियों को सहायता प्रदान करती है. हालांकि लोन के लिए दिया जाने वाला अधिकतम पैसा उस सेक्टर पर निर्भर करता है, जिसमें आपका बिज़नेस है. लोन पर कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जाती है और 5 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज दर में 0.50% की छूट दी जाती है.

नए व्यापारियों के लिए मुफ्त विकल्प

अस्वीकरण :
इस वेबसाइट पर दी की गई जानकारी, प्रोडक्ट और सर्विसेज़ बिना किसी वारंटी या प्रतिनिधित्व, व्यक्त या निहित के "जैसा है" और "जैसा उपलब्ध है" के आधार पर दी जाती हैं। Khatabook ब्लॉग विशुद्ध रूप से वित्तीय प्रोडक्ट और सर्विसेज़ की शैक्षिक चर्चा के लिए हैं। Khatabook नए व्यापारियों के लिए मुफ्त विकल्प यह गारंटी नहीं देता है कि सर्विस आपकी आवश्यकताओं को पूरा करेगी, या यह निर्बाध, समय पर और सुरक्षित होगी, और यह कि त्रुटियां, यदि कोई हों, को ठीक किया जाएगा। यहां उपलब्ध सभी सामग्री और जानकारी केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए है। कोई भी कानूनी, वित्तीय या व्यावसायिक निर्णय लेने के लिए जानकारी पर भरोसा करने से पहले किसी पेशेवर से सलाह लें। इस जानकारी का सख्ती से अपने जोखिम पर उपयोग करें। वेबसाइट पर मौजूद किसी भी गलत, गलत या अधूरी जानकारी के लिए Khatabook जिम्मेदार नहीं होगा। यह सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों के बावजूद कि इस वेबसाइट पर निहित जानकारी अद्यतन और मान्य है, Khatabook किसी भी उद्देश्य के लिए वेबसाइट की जानकारी, प्रोडक्ट, सर्विसेज़ या संबंधित ग्राफिक्स की पूर्णता, विश्वसनीयता, सटीकता, संगतता या उपलब्धता की गारंटी नहीं देता है।यदि वेबसाइट अस्थायी रूप से अनुपलब्ध है, तो Khatabook किसी भी तकनीकी समस्या या इसके नियंत्रण से परे क्षति और इस वेबसाइट तक आपके उपयोग या पहुंच के परिणामस्वरूप होने वाली किसी भी हानि या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।

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मुक्त व्यापार समझौतों का नया परिदृश्य: कोविड-19 के बीच भारत के प्रति बढ़ा वैश्विक विश्वास देगा देश को नई आर्थिक ऊंचाई

कोरोना काल ने एफटीए को लेकर केंद्र सरकार की बदल दी सोच।

अब भारत मॉरीशस की तरह दुनिया के विभिन्न देशों के साथ नए सीमित दायरे वाले मुक्त व्यापार समझौतों की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेगा। ऐसी विदेश व्यापार रणनीति से भारत के विदेश-व्यापार में नए अध्याय जोड़े जा सकेंगे।

[ डॉ. जयंतीलाल भंडारी ]: पिछले दिनों भारत और मॉरीशस के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता हुआ। इस समझौते के तहत भारत के कृषि, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स और विभिन्न क्षेत्रों के 300 से अधिक घरेलू सामान को मॉरीशस में रियायती सीमा शुल्क पर बाजार में प्रवेश मिल सकेगा। साथ ही मॉरीशस की 615 वस्तुओं/उत्पादों के आयात पर भारत में शुल्क कम या नहीं लगेगा। इनमें फ्रोजन मछली, बीयर, मदिरा, साबुन, थैले, चिकित्सा एवं शल्य चिकित्सा उपकरण और परिधान शामिल हैं। भारत और मॉरीशस के बीच 2019-20 में 69 करोड़ डॉलर का व्यापार हुआ। भारत का निर्यात अधिक था। इससे एक साल पहले 2018-19 में व्यापार 1.2 अरब डॉलर का था। इस समय भारत दुनिया के ऐसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) तेजी से अंतिम रूप देते हुए दिखाई दे रहा है, जिन्हेंं भारत के बड़े बाजार की जरूरत है और जो देश बदले में भारत के विशेष उत्पादों के लिए अपने बाजार के दरवाजे भी खोलने के लिए उत्सुक हैं।

भारत को अपनी विदेश नीति में द्विपक्षीय भाव से अधिक बहुपक्षीय भावनाओं को वरीयता देनी चाहिए।

कोरोना काल ने एफटीए को लेकर केंद्र सरकार की बदल दी सोच

इसमें कोई दो मत नहींं कि कोरोना काल ने एफटीए को लेकर केंद्र सरकार की सोच बदल दी है। भारत सरकार बदले वैश्विक माहौल में अमेरिका, यूरोपीय संघ (ईयू) और ब्रिटेन सहित कुछ और विकसित देशों के साथ सीमित दायरे वाले व्यापार समझौते करना चाह रही है। यह महत्वपूर्ण है कि मोटे तौर पर भारत और अमेरिका के बीच कारोबार के सभी विवादास्पद बिंदुओं का समाधान कर लिया गया है। भारत ने अमेरिका से जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफरेंसेज (जीएसपी) के तहत कुछ निश्चित घरेलू उत्पादों को निर्यात लाभ फिर से देने की शुरुआत करने और कृषि, वाहन, वाहन पुर्जों तथा इंजीनियरिंग क्षेत्र के अपने उत्पादों के लिए बड़ी बाजार पहुंच देने की मांग की है। दूसरी ओर अमेरिका भारत से अपने कृषि और विनिर्माण उत्पादों, डेयरी उत्पादों और चिकित्सा उपकरणों के लिए बड़े बाजार की पहुंच, डाटा का स्थानीयकरण और कुछ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी उत्पादों पर आयात शुल्कों में कटौती चाहता है। यद्यपि ईयू और ब्रिटेन सहित कुछ और देशों के साथ सीमित दायरे वाले एफटीए के लिए चर्चाएं संतोषजनक रूप में हैं, लेकिन कुछ चुनौतियां भी बनी हुई हैं। हाल में ईयू और चीन ने नए निवेश समझौते को अंतिम रूप दिया है। इसका असर भारत और ईयू के बीच व्यापार और निवेश समझौते को लेकर आगे बढ़ रही बातचीत पर भी पड़ सकता है। ऐसे में यूरोपीय कंपनियों के समक्ष भारत को बेहतर प्रस्ताव रखना होगा। चूंकि ब्रिटेन ईयू के दायरे से बाहर हो गया है, ऐसे में ब्रिटेन के साथ भी भारत को उपयुक्त एफटीए के लिए अधिक प्रयास करने होंगे।

जब सब कुछ इंटरनेट के भरोसे हो रहा है तो साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करना भी हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

सीमित दायरे वाले व्यापार समझौते बेहतर हैं

सीमित दायरे वाले व्यापार समझौते के पीछे वजह यह है कि ये मुक्त व्यापार समझौते की तरह बाध्यकारी नहीं होते हैं यानी अगर बाद में किसी खास कारोबारी मुद्दे पर कोई समस्या होती है तो उसे दूर करने का विकल्प खुला होता है। भारत ने पूर्व में जिन देशों के साथ एफटीए किए हैं, उनके अनुभव को देखते हुए इस समय सीमित दायरे वाले व्यापार समझौते ही बेहतर हैं। वस्तुत: विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के तहत विश्व व्यापार वार्ताओं में जितनी उलझनें खड़ी हो रही हैं, उतनी ही तेजी से विभिन्न देशों के बीच एफटीए बढ़ते जा रहे हैं। यह एक अच्छी बात है कि डब्ल्यूटीओ कुछ शर्तों के साथ सीमित दायरे वाले एफटीए की इजाजत भी देता है। एफटीए ऐसे समझौते हैं, जिनमें दो या दो से ज्यादा देश आपसी व्यापार में कस्टम और अन्य शुल्क संबंधी प्रविधानों में एक-दूसरे को तरजीह देने पर सहमत होते हैं। दुनिया में इस समय लगभग 250 से ज्यादा एफटीए हो चुके हैं।

मौद्रिक सख्ती के कारण आर्थिक वृद्धि पर कुछ दबाव दिखना स्वाभाविक है।

भारत सीमित दायरे वाले एफटीए के अलावा प्रमुख मित्र देशों के साथ समझौतों को अंतिम रूप दे रहा

भारत सीमित दायरे वाले एफटीए के साथ-साथ प्रमुख मित्र देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौतों को भी अंतिम रूप दे रहा है। विभिन्न आसियान देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय व्यापार समझौतों की संभावनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। पिछले वर्ष 21 दिसंबर को भारत और वियतनाम के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान रक्षा, पेट्रो रसायन और न्यूक्लियर ऊर्जा समेत सात अहम समझौते हुए। साथ ही भारत की मदद से तैयार सात विकास परियोजनाएं वियतनाम की जनता को सर्मिपत की गईं। इस सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वियतनाम को भारत की एक्ट ईस्ट नीति की एक अहम कड़ी बताया। वियतनाम के साथ भारत के इन नए द्विपक्षीय समझौतों की अहमियत इसलिए भी है, क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े ट्रेड समझौते रीजनल कांप्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसेप) में भारत शामिल नहीं हुआ। भारत ने यह रणनीति बनाई है कि वह आसियान देशों के साथ मित्रतापूर्ण संबंधों के कारण द्विपक्षीय समझौतों की नीति पर तेजी से आगे बढ़ेगा।

आसियान सहित कई देश भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापारिक समझौतों में अपना आर्थिक लाभ देख रहे

उल्लेखनीय है कि आसियान सहित दुनिया के कई देश भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापारिक समझौतों में अपना आर्थिक लाभ देख रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने र्आिथक मोर्चे पर भारी कामयाबी हासिल की है। कोविड-19 की चुनौतियों का सफलतापूर्वक मुकाबला करते हुए भारत वर्ष 2021-22 में दुनिया में सबसे अधिक विकास दर वाले देश के रूप में चिन्हित किया गया है। आसियान देशों के लिए कुछ ऐसे क्षेत्रों में निवेश करने के लिए अच्छे मौके हैं, जिनमें भारत ने काफी उन्नति की है। ये क्षेत्र हैं-डिजिटलीकरण, ई-कॉमर्स, सूचना प्रौद्योगिकी, बायोटेक्नोलॉजी, फार्मास्युटिकल्स, पर्यटन और आधारभूत क्षेत्र। कोविड-19 के बीच भारत के प्रति बढ़ा हुआ वैश्विक विश्वास, आधुनिक तकनीक, बढ़ते घरेलू बाजार, व्यापक मानव संसाधन, वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में दक्षता भारत को आर्थिक ऊंचाई दे रही हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि अब भारत मॉरीशस की तरह दुनिया के विभिन्न देशों के साथ नए सीमित दायरे वाले मुक्त व्यापार समझौतों की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेगा। ऐसी विदेश व्यापार रणनीति से भारत के विदेश-व्यापार में नए अध्याय जोड़े जा सकेंगे।

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