NKN क्रिप्टोकरेंसी के कुछ प्रमुख नुकसान नीचे दिए गए हैं-

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What is NKN Cryptocurrency in Hindi-NKN क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसमें कैसे निवेश करें?

आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे की What is NKN Cryptocurrency in Hindi-NKN क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसमें कैसे निवेश करें?

आज कल इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन पैसा कामना काफी आसान हो गया है। आज के समय में बहुत सारे तरीके हैं जिससे की हम अपने घर बैठे ही इन्टरनेट से पैसे कमा सकते हैं। उन सभी तरीको में से एक तरीका है NKN क्रिप्टोकरेंसी भी है जिसमे हम इन्वेस्ट करके अच्छे पैसे कमा सकते हैं।

अगर आप NKN क्रिप्टोकरेंसी में अपना पैसा इन्वेस्ट करना चाहते है और इसके बारे में डिटेल्स में जानना बहुत जरूरी है और इसके लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़े क्योकि इस पोस्ट में हमने NKN क्रिप्टोकरेंसी की हर एक चीज के बारे में अच्छे से बताया है।

What is NKN Cryptocurrency in Hindi-NKN क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसमें कैसे निवेश करें?

NKN एक डिजिटल या वर्चुअल करेन्सी है जो पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से कार्य करती है मतलब NKN करेन्सी को किसी बैंक या सरकार द्वारा कंट्रोल नहीं किया जा सकता है।

जैसा की हमने आपको बताय की NKN क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से एक वर्चुअल करेंसी है इसलिए इसमें सारे ट्रांजेक्शन पीयर-टू-पीयर सॉफ्टवेयर और क्रिप्टोग्राफी पर निर्भर करता है और एक सार्वजनिक बहीखाता (Public Ledger) सभी NKN क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को रिकॉर्ड करता है और इसकी प्रतियां दुनिया भर के सर्वरों पर रखी जाती हैं।

How to buy NKN Coin in Hindi-NKN क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीदें?

NKN क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए बहुत सारे क्रिप्टो एक्सचेंज ब्रोकर है जिनकी मोबाइल एप्प्स के माध्यम से बड़ी आसानी से आप NKN क्रिप्टोकरेंसी को खरीद सकते है। CoinSwich और WazirX सबसे बढ़िया क्रिप्टो एक्सचेंज ब्रोकर है।

सबसे पहले, आपको इस प्लेटफॉर्म पर अपना एक अकाउंट खोलना होगा। इसके लिए आपको एक वैलिड ID प्रूफ की जरूरत होगी, जिसके जरिए अनिवार्य KYC की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। साथ ही लेनदेन के लिए आपको अपने बैंक खाते कि जानकारी भी देनी होगी। आपकी दी गई जानकारियों को सत्यापित करने में कुछ घंटे लगते हैं, जिसके बाद आपका अकाउंट खुल जाता है। आप अपने बैंक खाते में जमा राशि का इस्तेमाल कर सीधे NKN क्रिप्टोकरेंसी को खरीद सकते हैं।

स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker) कैसे बनें?

नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि स्टॉक ब्रोकर कैसे बनें? जो छात्र 12वीं कक्षा में कॉमर्स के विषय की पढ़ाई करते हैं और अगर वह चाहें तो स्टॉक ब्रोकर बन कर अपना एक शानदार कैरियर बना सकते हैं क्योंकि आज हमारे देश में शेयर मार्केट इंडस्ट्री में काफी ज्यादा वृद्धि हुई है जिसकी वजह से रोजगार के बहुत सारे अवसर इस क्षेत्र में योग्य उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध हुए हैं। इसीलिए अगर आप भी इस फील्ड में जाना चाहते हैं तो हमारे आज के इस आर्टिकल को सारा पढ़ें और जानें स्टॉक ब्रोकर बनने की पूरी प्रक्रिया के बारे में।

यहां आपको बता दें कि स्टॉक ब्रोकर फाइनेंसियल मार्केट का एक ऐसा एक्सपर्ट होता है जो उन लोगों को स्टॉक मार्केट के बारे में उचित राय देता है जो इसमें अपना निवेश करना चाहते हैं। बता दें कि हर इंसान को शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने के बारे में जानकारी नहीं होती है जिसकी वजह से उन्हें काफी पैसों का नुकसान हो जाता है। तो ऐसे में अगर किसी प्रोफेशनल की राय ले ली जाए तो उससे फायदा ही होता है। इसीलिए अपने ग्राहकों की जगह पर स्टॉक ब्रोकर पैसा लगाते हैं जिससे कि उन्हें मुनाफा अधिक हो और नुकसान होने का खतरा ना के बराबर हो।

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है

अब आपको यहां जानकारी दे दें कि जो व्यक्ति स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं उन्हें इसके लिए सबसे पहले अपनी 12वीं कक्षा को कॉमर्स विषय के साथ पास करना अनिवार्य है फिर उसके बाद उन्हें चाहिए कि वह अपना ग्रेजुएशन कॉमर्स, इकोनॉमिक्स, फाइनेंस या फिर बिजनेस मैनेजमेंट में करें। इसके अलावा कैंडिडेट अगर चाहे तो वह स्टॉक मार्केट से संबंधित कोई कोर्स किसी अच्छे संस्थान से करने के बाद भी वह स्टॉक ब्रोकर के रूप में काम कर सकता है‌।

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए किसी भी कैंडिडेट में जो योग्यताएं होनी चाहिए उनकी जानकारी इस प्रकार से है-

  • कैंडिडेट ने किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बीकॉम किया हो।
  • या फिर कैंडिडेट ने अपना ग्रेजुएशन फाइनेंस में किया होना चाहिए।
  • या उम्मीदवार ने एमबीए किया हो।
  • शेयर मार्केट की अच्छी जानकारी।
  • अंग्रेजी भाषा के साथ-साथ कंप्यूटर की जानकारी भी होना जरूरी है।

स्टॉक ब्रोकर बनने के कैरियर संभावनाएं क्या है

स्टॉक ब्रोकर बनने के बाद किसी भी व्यक्ति के सामने कैरियर के बहुत सारे विकल्प आ जाते हैं जहां पर वह काम कर सकता है जैसे कि स्टॉक ब्रोकिंग फर्म, म्यूच्यूअल फंड रिसर्च सेंटर, इन्वेस्टमेंट बैंक्स, पेंशन फंड, इन्वेस्टमेंट बैंकर, फाइनेंशियल एडवाइजर इत्यादि के रूप में कैंडिडेट अपना फ्यूचर बना सकते हैं।

जब कोई व्यक्ति स्टॉक ब्रोकर बन जाता है तो उसके बाद उसे नौकरी की शुरुआत में ही हर महीने 30,000 से लेकर 40,000 तक का वेतन आसानी से मिल जाता है। लेकिन अगर कैंडिडेट में योग्यता है तो वह उसके आधार पर हर महीने लाखों रुपए भी कमा सकता है क्योंकि शेयर मार्केट में पर कोई कैंडिडेट उचित रणनीति के साथ काम करे तो वह आसानी के साथ काफी पैसा हासिल कर सकता है।

स्टॉक ब्रोकर के कार्य

  • स्टॉक एक्सचेंज और निवेशकों के बीच में एक कड़ी की तरह होता है।
  • शेयर क्लाउड ब्रोकर क्या है मार्केट में अपने ग्राहक के सभी लेनदेन वाले कामों की देखरेख करने का काम करता है।
  • ग्राहक को शेयर मार्केट से संबंधित उचित राय देता है।
  • अपने क्लाइंट के लिए स्टॉक मार्केट में उन जगहों पर इन्वेस्टमेंट करता है जहां पर उन्हें लाभ ज्यादा हो।
  • शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को समझ कर उसी के अनुसार खरीद-फरोख्त करें।
  • ग्राहक को सही टाइम पर सही गाइडेंस देने का काम करना।

दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल Stock Broker कैसे बनें? इस लेख के माध्यम से हमने आपको जानकारी दी कि स्टॉक ब्रोकर क्या होता है और उसमें कितनी योग्यता होनी आवश्यक है। साथ ही साथ हमने इस आर्टिकल के माध्यम से यह जानकारी भी दी कि स्टॉक ब्रोकर बनने की प्रक्रिया क्या होती है और जब कोई कैंडिडेट स्टॉक ब्रोकर बन जाता है तो तब उसे हर महीने कितने रुपए तक का वेतनमान मिलता है।

तेजी से बढ़ेगा क्लाउड कंप्यूटिंग कारोबार

तेजी से बढ़ेगा क्लाउड कंप्यूटिंग कारोबार

साइबर मीडिया रिसर्च इंडिया ने एक अध्ययन के आधार पर कहा है कि घरेलू क्लाउड कंप्यूटिंग उद्योग का कारोबार 2014 तक बढ़कर 2,434 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।

शोध कंपनी ने एक बयान में कहा कि देश में क्लाउड कंप्यूटिंग का बाजार 2014 तक 53 फीसदी की वृद्धि दर के साथ 2,434 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
साइबर मीडिया रिसर्च इंडिया साफ्टवेयर एंड आईटी सर्विस रिसर्च के विश्लेषक कमल वोहरा ने कहा कि सेवा प्रदाता कंपनियों और सीआईओएस की ओर से क्लाउड कंप्यूटिंग की तरफ तेजी से रुचि बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि एसएमबी इंटरप्राइजेज की ओर से साफ्टवेयर एवं तकनीकी सुविधा में भरोसा बढ़ रहा है, जिससे इस क्षेत्र की वृद्धि दर तेज होने की उम्मीद है। अध्ययन के अनुसार 2102 में क्लाउड कंप्यूटिंग क्षेत्र की मांग में 6.8 फीसदी की वृद्धि होगी, जबकि इससे पिछले साल 2010 में इसकी वृद्धि दर चार फीसदी थी।

फ्रेट फारवर्डर और ब्रोकर के बीच का अंतर

फ्रेट फारवर्डर बनाम ब्रोकर

फ्रेट फारवर्डर और ब्रोकर के पास एक स्थान से दूसरे स्थान पर माल ढुलाई करने में अलग-अलग कर्तव्यों हैं। एक फ्रेट फारवर्डर अपने गोदाम में ग्राहकों के कार्गो के सावधान भंडारण में मदद करता है। दूसरी ओर एक दलाल एक वाहक नहीं है। वास्तव में एक दलाल एक वाहक के साथ परिवहन की व्यवस्था करेगा।

एक ब्रोकर जहाज़ की ओर से या वाहक की ओर से या तो काम करता है। फ्रेट फारवर्डर और दलाल के बीच मुख्य अंतर यह है कि माल भाड़ा को कार्गो के नुकसान या हानि के लिए कानूनी तौर पर जिम्मेदार रखा जा सकता है। इसके अलावा, वह इसी नाम के कॉलम में अपने नाम के साथ लैडिंग के बिल जारी करता है।

दूसरे हाथ पर दलाल कार्गो की क्षति या हानि के लिए कानूनी रूप से जिम्मेदार नहीं हो सकता। ब्रोकर अपने नाम के साथ इसी कॉलम में लैडिंग के बिल जारी नहीं करता है। फ्रेट फारवर्डर और दलाल के बीच यह मुख्य अंतर है।

भाड़ा फॉरवर्डर बनाम क्लियरिंग एजेंट फ्रेट फारवर्डर और क्लियरिंग एजेंट के दो अलग-अलग फ़ंक्शन हैं उपस्कर सेवा श्रृंखला में, दोनों समान रूप से

भाड़ा फॉरवर्डर बनाम एनवीओसीसी फ्रेट फारवर्डर और एनवीओसीसी, लगभग समान कार्य करते हैं, हालांकि कुछ मतभेद उनके बीच मौजूद हैं। NVOCC गैर-वासल

विस्तार

आईआईटी के टेक्निकल फेस्ट टेककृति के दूसरे दिन की शुरुआत शनिवार को गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन के टेकटॉक कार्यक्रम से हुई। उन्होंने कहा कि टेक उद्यमी बनने के लिए स्पष्ट दृष्टि और जानकारी जरूरी है। ये दोनों चीजें नहीं होंगी तो उपलब्ध तकनीक का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाएंगे और उद्यम सफलता के शिखर पर नहीं पहुंचेगा। कार्यक्रम का मीडिया पार्टनर अमर उजाला है।

थॉमस ने बताया कि क्लाउड कंप्यूटिंग 20 वर्षों में काफी विकसित हुई है। इसका उपयोग सॉफ्टवेयर वितरण प्रणाली के रूप में अधिक किया जाता था। व्यवसाय में नेतृत्व करने के लिए क्या आवश्यक है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी है कि नेतृत्व करने वाला अपनी टीम को एक दिशा में ले जाए। टीम अलग-अलग दिशा में जाएगी तो उद्यम सफल नहीं हो सकता है। नेतृत्वकर्ता का लक्ष्य निर्धारित और प्राथमिकताएं परिभाषित होनी चाहिए।

दूसरे सत्र की शुरुआत पैनलिस्ट अमित अग्रवाल (नोब्रोकर) और रिजवान कोइता (सिटियस टेक) ने की। अमित ने बताया कि एक बार उन्हें एक घर किराये पर लेना पड़ा क्लाउड ब्रोकर क्या है तो उनको ब्रोकर को भी चार्ज देना पड़ा। इससे उन्हें नोब्रोकर का आइडिया आया और उन्होंने क्लाउड ब्रोकर क्या है फर्म बना डाली। रिजवान ने अपने सफर के बारे में बताया। नगर शिवशरणप्पा जीएन, अंकित प्रसाद, टैगिन के संस्थापक पंकज अग्रवाल, जूलिया कम्प्यूटिंग के संस्थापक और कार्यकारी सीईओ विरल शाह ने भी विचार रखे।

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