डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई बढ़ जाएगी, जिसके चलते महंगाई बढ़ सकती है. इसके अलावा, भारत बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों और दालों का भी आयात करता है. रुपये की कमजोरी से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों और दालों की कीमतें बढ़ सकती हैं.

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Armed Forces Flag Day 2022: आज है भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस, जानें क्यों खास होता है ये दिन

नई दिल्ली। हर साल 7 दिसंबर को भारत सशस्त्र सेना के कर्मचारियों के कल्याण के लिए दान जुटाने के लिए सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाता है। यह दिन भारतीय सैनिकों, नाविकों और पायलटों के सम्मान में मनाया जाता है। यह दिन उन सैकड़ों हजारों पुरुषों को भी श्रद्धांजलि देता है जो देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए हैं।

28 अगस्त 1949 को रक्षा मंत्री की समिति ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष बनाया। 1993 में भारत के रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष स्थापित करने के लिए युद्ध पीड़ितों के लिए धन, केन्द्रीय सैनिक बोर्ड कोष, पूर्व-कल्याण सैनिकों के कोष और अन्य इकाइयों सहित सभी प्रासंगिक कल्याण कोषों को मिला दिया। पूरे भारत में स्वयंसेवक और आम जनता के सदस्य इस वर्षगांठ के स्मरणोत्सव के दौरान कूपन झंडे, स्टिकर और अन्य सामान बेचकर धन जुटाते हैं। यह नियमित लोगों से कई तरीकों से जुटाई गई धनराशि को बढ़ाने में मदद करता है।

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सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देने और देश की सशस्त्र सेवाओं के योगदान को पहचानने के लिए कई देशभक्ति गतिविधियों की योजना बनाई गई है। धन संग्रह का प्रबंधन भारत में केंद्रीय सैनिक बोर्ड की स्थानीय शाखाओं द्वारा किया जाता है, जो रक्षा मंत्रालय की सहायक है। इसकी देखरेख गवर्निंग कमेटी करती है, और आधिकारिक और अनधिकृत दोनों तरह के स्वैच्छिक संगठन इस पर नजर रखते हैं।

सशस्त्र सेना झंडा दिवस का महत्व
यह दिन कई लक्ष्यों के लिए देश भर में सार्वजनिक समर्थन को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिवस के प्रमुख लक्ष्यों को

रुपये के कमजोर या मजबूत होने का मतलब क्या है?

रुपये के कमजोर या मजबूत होने का मतलब क्या है?

विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है. अमेरिकी डॉलर को विदेशी मुद्रा में व्यापार समाचार क्यों वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है. इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है. यही विदेशी मुद्रा में व्यापार समाचार क्यों वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर.

अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं. यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है.

इसे एक उदाहरण से समझें
अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में भारत के ज्यादातर बिजनेस डॉलर में होते हैं. आप अपनी जरूरत का कच्चा तेल (क्रूड), खाद्य पदार्थ (दाल, खाद्य तेल ) और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम अधिक मात्रा में आयात करेंगे तो आपको ज्यादा डॉलर खर्च करने पड़ेंगे. आपको सामान तो खरीदने में मदद मिलेगी, लेकिन आपका मुद्राभंडार घट जाएगा.

इंडओएसिस

अस्वीकारण: आप अपने व्यक्तिगत सूचना जैसे कि यूजरनेम, पासवर्ड, ओटीपी, मोबाइल नंबर, एटीएम कार्ड विवरण आदि से संबंधित कभी भी किसी पॉपअप, एसएमएस या फोन कॉल का उत्तर न दें, चाहे यह जितना भी अनुरोधपूर्वक क्यों न पूछा जाय या कार्यालयीन प्रतीत हो। ऐसे संप्रेषण धोखेबाजों द्वारा भेजे या बनाये जाते हैं ताकि वे छल से आप से संबंधित व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त कर सके।

इंडओएसिस इंडियन बैंक का मोबाइल बैंकिंग एप्प है जो रिटेल उपयोगकर्ताओं के लिए गूगल प्ले स्टोर और एपल एप्प स्टोर पर उपलब्ध है – एक आसान, पूर्ण और सुरक्षित एप्प।

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भारत पर विदेशी मुद्रा के दबाव को कम करने के लिए RBI अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए रुपये में भुगतान की अनुमति देता है।

सारा कुमारी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को भारतीय रुपये में निर्यात / आयात के चालान, भुगतान और निपटान के लिए एक अतिरिक्त ढांचे की घोषणा की। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए रुपये में मूल्यवर्ग के निपटान तंत्र को मंजूरी दे दी।

केंद्रीय बैंक कुछ स्थानीय बैंकों को इस व्यापार-निपटान तंत्र को संचालित करने के लिए अधिकृत करेंगे। आरबीआई का नोट भारतीय पक्ष में ऐसे बैंकों को अधिकृत डीलर बैंक कहता है। दूसरे देश में स्थानीय बैंक आरबीआई के पैसे को अपनी स्थानीय मुद्रा में रखेगा और भारतीय पक्ष में बैंक दूसरे केंद्रीय बैंक के पैसे को रुपये में रखेगा।

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विदेशी मुद्रा भंडार से ज्यादा भारत पर विदेशी कर्ज, 620.7 अरब डॉलर है उधार

LagatarDesk : भारत विदेशी कर्ज के बोझ तले दबा है. मार्च 2022 के अंत में भारत के ऊपर 620.7 अरब डॉलर का उधार है. इसमें 53.2 फीसदी कर्ज डॉलर में है. जबकि 31.2 फीसदी उधार भारतीय रुपये के रूप में है. एक साल पहले की तुलना में इस बार विदेशी ऋण 8.2 फीसदी ज्यादा है. यह बात वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से सामने आयी है.

देश के विदेशी मुद्रा भंडार से ज्यादा विदेशी कर्ज

वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी कर्ज विदेशी मुद्रा भंडार से ज्यादा हो गया है. देश का भंडार 26 अगस्त को सप्ताह हुए सप्ताह में 561.046 है. दूसरी तरफ मार्च 2022 के अंत तक भारत पर 620.7 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है.

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जीडीपी की तुलना में भारत का कर्ज 19.9 प्रतिशत

वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जीडीपी के अनुपात में विदेशी कर्ज 19.9 प्रतिशत है. जबकि विदेशी मुद्रा भंडार और बाहरी कर्ज का अनुपात 97.8 फीसदी है. इसके अलावा देश का लॉन्ग टर्म लोन 499.1 अरब डॉलर है. यह विदेशी मुद्रा में व्यापार समाचार क्यों कुल बाह्य ऋण का 80.4 प्रतिशत है. वहीं शॉर्ट टर्म लोन 121.7 अरब डॉलर है जो बाह्य ऋण 19.6 फीसदी है.

रिपोर्ट्स के अनुसार, एक साल पहले की तुलना विदेशी मुद्रा में व्यापार समाचार क्यों में सॉवरेन ऋण 17.1 प्रतिशत बढ़कर 130.7 अरब डॉलर हो गया. जबकि गैर-सॉवरेन ऋण 6.1 फीसदी की वृद्धि के साथ 490.0 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इतना ही नहीं प्रवासी भारतीयों की जमा राशि भी दो फीसदी घटकर 139.0 अरब डॉलर रह गयी. जबकि लंबी अवधि के लिए व्यापार ऋण 5.7 प्रतिशत बढ़कर 209.71 अरब डॉलर और छोटी अवधि का व्यापार ऋण 20.5 प्रतिशत बढ़कर 117.4 अरब डॉलर हो गया.

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