आइये इस लेख में जानते हैं कि करेंसी स्वैप किसे कहते हैं?

Foreign Exchange Reserves: लगातार विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है? पांचवें हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट, जानें कितना डॉलर हुआ कम?

By: विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है? ABP Live | Updated at : 15 Apr 2022 07:17 PM (IST)

Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में गिरावट आई है. ये लगातार पांचवा हफ्ता है विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को अपने ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी. माना जा रहा है कि कच्चे तेल ( Crude Oil Price) के दामों में भारी बढ़ोतरी के चलते डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट को थामने के लिए आरबीई ने डॉलर बेचने का काम किया है जिसके चलते विदेशी मुद्रा भंडार घटा है. आरबीआई ( RBI) के आंकड़ों के मुताबिक 8 अप्रैल को खत्म हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 2.471 डॉलर घटकर 604.004 अरब डॉलर रह गया है. दरअसल सरकारी तेल कंपनियों को कच्चा तेल खरीदने के लिए ज्यादा डॉलर चुकाना पड़ रहा है इसलिए भी विदेशी मुद्रा भंडार कम हुआ है.

करेंसी स्वैप किसे कहते हैं और इससे अर्थव्यवस्था को क्या फायदे होंगे?

करेंसी विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है? स्वैप का शाब्दिक अर्थ होता है मुद्रा की अदला बदली. जब दो देश/ कम्पनियाँ विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है? या दो व्यक्ति अपनी वित्तीय विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है? जरूरतों को बिना किसी वित्तीय नुकसान के पूरा करने के लिए आपस में अपने विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है? देशों की मुद्रा की अदला बदली करने का समझौता करते हैं तो कहा जाता है कि इन देशों में आपस में करेंसी स्वैप का समझौता किया है.

Currency Swap

विनिमय दर की किसी भी अनिश्चित स्थिति से बचने के लिए दो व्यापारी या देश एक दूसरे के साथ करेंसी स्वैप का समझौता करते हैं.

विनिमय दर का अर्थ: विनिमय दर का अर्थ दो अलग अलग मुद्राओं विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है? की सापेक्ष कीमत है, अर्थात “ एक मुद्रा के सापेक्ष दूसरी मुद्रा का मूल्य”. वह बाजार जिसमें विभिन्न देशों की विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है? मुद्राओं का विनिमय होता है उसे विदेशी मुद्रा बाजार कहा जाता है.

हर दिन फिसलता रुपया क्यों ? | EDITORIAL विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है? by Rakesh Dubey

कुछ दिन पहले रुपये का मूल्य लगभग 64 रुपये प्रति डॉलर था जो इस समय घटकर लगभग 71 रुपये प्रति डॉलर हो गया है। रुपये का यह मूल्य हमारे विदेशी मुद्रा बाजार में निर्धारित होता है। यह बाजार एक मंडी सरीखा है। मंडी में आलू का दाम इस बात पर निर्भर करता है कि विक्रेता कितने हैं, और खरीददार कितने हैं? इसी प्रकार रुपये का दाम विदेशी मुद्रा बाजार में इस बात पर निर्भर करता है कि डॉलर आदान- प्रदान कितना है? जब विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर अधिक आ जाते है विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है? तो डॉलर के दाम गिरते हैं और तदानुसार रुपये का दाम ऊंचा होता है। इसके विपरीत जब विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर की मांग बढ़ जाती है तो डॉलर का दाम बढ़ विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है? जाता है और तदानुसार रुपये विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है? का दाम गिरता है जैसा कि वर्तमान में हो रहा है।

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