ऑस्ट्रेलिया में बिन लाइसेंस वित्तीय सलाह दी तो होती है जेल,भारत में भी नियम जल्द
वीडियो बना कर शेयर बाजार का ज्ञान देने वाले Finfluence पर सेबी ला सकती है नियम
सोशल मीडिया पर आपको ऐसे पोस्ट देखने को मिलते होंगे जो दावा करते हैं कि, "अगर आप फलाने स्टॉक में निवेश करेंगे तो आपका पैसा दो गुना हो जाएगा" या "इस स्कीम में पैसा लगाने पर डबल हो जाएंगे आपके पैसे". ऐसा पोस्ट करने वालों में से कुछ चिंताजनक है. सोशल मीडिया पर ऐसे कई फाइनेंशियल एक्सपर्ट इंवेस्टमेंट को लेकर सलाह दे रहे हैं जिन्हें मान्यता प्राप्त नहीं है. इन्हें आप कथित रूप से फाइनेंशिय इंफ्लूएंसर भी कह सकते हैं जो सेबी (SEBI) यानी सिक्यॉरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के लिए सिरदर्द बन गए हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, सेबी इन 'फिनफ्लूएंसर' (फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर) के लिए कड़े नियम लेकर आएगी.
मनीकंट्रोल ने सेबी के एक पर्मानेंट सदस्य एसके मोहंती के हवाले से लिखा कि, "हम गाइडलाइंस पर काम कर रहे हैं."
लेकिन कौन होता हैं "फिनफ्लूएंसर"? सेबी इन पर नियम क्यों लाना चाहता है? समझते हैं.
कौन होते हैं "फिनफ्लूएंसर"?
प्रांजल कामरा के यूट्यूब (जो कि इन फाइनेंशियल एक्सपर्ट का पसंदीदा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है) चैनल पर एक नजर डालने पर अनुमान लगा सकते हैं कि लोग बड़ी संख्या में फिनफ्लूएंसर के पास क्यों आ रहे हैं.
ये एक्सपर्ट एक 20 मिनट के वीडियो या 20-30 सैकेंड के शॉर्ट्स को इतनी शानदार तरीके से एडिट करते हैं, ग्राफिक्स का इस्तेमाल करते हैं जो देखने वाले को समझने में मदद करता है.
कामरा और बाकी के फिनफ्लूएंसर दरअसल फाइनेंस से जुड़े बोरिंग और मुश्किल विषय को इतनी खूबसूरती से पेश करते हैं कि वो देखने वाले को ना तो बोरिंग लगता है और जिसे फाइनेंस की बिल्कुल जानकारी ना हो उसे भी समझ आ जाता है.
उदाहरण के तौर पर कामरा ने 2023 के लिए बेस्ट म्यूचुअल फंड के बारे में एक वीडियो डाला है जिसे 7 लाख 90 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं. कामरा के अलावा अंकूर वारिकू, शरण हेगड़े, रचना रनाडे, अक्षत श्रीवास्तव जैसे कई फिनफ्लूएंसर को बड़ी संख्या में लोग देखते हैं और पसंद करते हैं.
हालांकि ये बाकी इंफ्लूएंसर से अलग हैं क्योंकि बाकी लाइफस्टाइल, ब्यूटी जैसे विषयों पर वीडियो बनाते हैं, लेकिन फाइनेंस पर वीडियो बनाने वालों को इससे जुड़े विषय पर गहरी समझ होना जरूरी है.
फिनफ्लूएंसर की लोकप्रियता इतनी बढ़ क्यों रही है?
इनकी लोकप्रियता के बढ़ने का एक कारण तो ये समझ आता है कि इनके वीडियो बनाने का तरीका और कंटेंट काफी अलग होता है.
और फिर ये कभी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते ही नहीं जो समझने में मुश्किल हो. इनकी भाषा आमतौर पर अंग्रेजी होती है जिसमें ये बीच बीच में अपनी क्षेत्रीय भाषा इस्तेमाल करते हैं जिसकी वजह से लोगों को आसानी से समझ आ जाता है.
बता दें कि भारत में वित्तीय साक्षरता दर (Finacial Literacy Rate) बहुत कम है. नेशनल सेंटर फॉर फाइनेंशियल एजुकेशन 2019 के सर्वे के मुताबिक भारत की वित्तीय साक्षरता दर केवल 27 फीसदी है.
फिनोवेट फाइनेंशियल सर्विस की को फाउंडर नेहल मोटो ने क्विंट से बातचीत में कहा कि, "पैसा और स्वास्थ्य ये दोनों ऐसे विषय हैं जिनमें काफी समानताएं हैं. दोनों विषयों में हमारे ज्ञान और एक एक्सपर्ट के ज्ञान में जमीन आसमान का अंतर होता है. इस अंतर को कम करने के लिए कई बार हम ऑनलाइन वीडियोज देखते हैं या तो किसी वेबसाइट पर एक्सपर्ट द्वारा लिखे गए आर्टिकल पढ़ लेते हैं."
अधिकतर फिनफ्लूएंसर की पसंद यूट्यूब है.
फिनफ्लूएंसर को देखने-सुनने वालों की संख्या कितनी है?
ये जानने के लिए किसी भी फिनफ्लूएंसर के यूट्यूब चैनल पर कितने सब्सक्राइबर हैं उस पर नजर डालनी होगी.
यूट्यूब पर प्रांजल कामरा के 47,90,000 सब्सक्राइबर्स के साथ सबसे ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. फिर रचना रानाडे के 41,60,000 सब्सक्राइबर्स हैं, मुकुल मलिक एसेट योगी के पास 35,00,000 सब्सक्राइबर्स हैं और अंकुर वारिकू के पास 24,50,000 सब्सक्राइबर्स हैं.
फिनफ्लूएंसर पर नियम लाने की जरूरत क्यों हैं?
नेहल मोटो बताती हैं कि, "फिनफ्लूएंसर फाइनेंस की सलाह देते हैं जैसे की हेल्थ एक्सपर्ट किसी बीमारी के बारे में और उसके इलाज के बारे में बताते हैं. अब अगर इंटरनेट और सोशल मीडिया पर फाइनेंस से जुड़ी सलाह देने वालों पर नियम नहीं लागू किए गए तो कोई भी आकर कुछ भी सलाह दे जाएगा और देखने वाला ये कैसे तय करेगा कि एक्सपर्ट सर्टिफाइड है या नहीं.
नेहल बताती हैं कि, "वहीं सेबी द्वारा रजिस्टर्ड फाइनेंशियल एक्सपर्ट सर्टिफाइड होते हैं, ये सर्टिफिकेट भी ऐसे ही जारी नहीं होता है, उसके लिए कुछ प्रक्रियाओं से गुजरना होता है. अब सोशल मीडिया के एक्सपर्ट के लिए नियम लाने से सेबी का मतलब है कि उन्हें कम से कम कुछ ज्ञान होना तो जरूरी है."
नेहल कहती हैं कि, "जाहिर तौर पर हर एक की सलाह में अंतर तो होगा ही. लेकिन कम से कम देखने वालों को पता तो होगा कि जो सलाह दे रहा है वह व्यक्ति सलाह देने के योग्य है. यही कारण है कि सेबी जो नियम लाएगा वो जरूरी है और सही कदम है. यह निवेश करने वालों के लिए सही रहेगा."
Finscholarz की को फाउंडर और सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार रेणु माहेश्वरी ने क्विंट से बातचीत में कहा कि, क्योंकि वित्तीय साक्षात्कार की कमी है इसलिए सोशल मीडिया पर हर कोई आ कर सलाह दे जा रहा है.
माहेश्वरी ने कहा कि, "निवेश करने वाले तो मुफ्त की सलाह और मार्केट को समझने के लिए इंटरनेट पर आते हैं लेकिन उन्हें क्या मालूम मुफ्त में कुछ नहीं मिलता. उन्हें नहीं मालूम कि जिस स्टॉक के लिए एक्सपर्ट सलाह दे रहे है उसके पीछे कि क्या कहानी है, कई एक्सपर्ट को इसके लिए पैसा मिलता है."
माहेश्वरी ने कहा कि, वित्तीय साक्षरता की बेहद जरूरत है और इसके संबंधित थोड़ा ज्ञान स्कूल या कॉलेज स्तर पर दिया जाना चाहिए. किसी भा सलाहकार को सलाह देने से पहले उसका पूरा ज्ञान होना जरूरी है, अनुभव होना चाहिए और सलाह देने का लाइसेंस भी.
क्या छोटे निवेशकों का उत्साह रहेगा बरकरार
वर्ष 2022 में 32 कंपनियों ने प्राथमिक बाजारों से करीब 55,000 करोड़ रुपये जुटाए। 2022 की सुस्ती के बाद कैलेंडर वर्ष 2023 अपेक्षाकृत बेहतर रहने की संभावना जताई जा रही है। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों से पता चलता है कि करीब 55 कंपनियों को आईपीओ के जरिये 84,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बाजार नियामक सेबी से मंजूरी मिली है। इनमें आधार हाउसिंग फाइनैंस, टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्युशंस और मैकलॉयड्स फार्मास्युटिकल्स मुख्य रूप से शामिल हैं, जिन्होंने 5,000-7,300 करोड़ रुपये के बीच रकम जुटाने का प्रस्ताव रखा है।
रिपोर्टों के अनुसार, इसके अलावा, लगभग दो दर्जन आईपीओ आवेदन (सॉफ्टबैंक ग्रुप समर्थित ओयो होटल्स और टाटा प्ले समेत) सेबी के पास लंबित हैं। केआर चोकसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक देवेन चोकसी ने कहा, ‘2023 में कई अच्छे व्यवसाय प्राथमिक बाजार में प्रवेश कर रहे हैं जिससे यह शानदार वर्ष साबित होने की संभावना है। रिटेल निवेशक खासकर लाभकारी कंपनियों की पेशकशों को लेकर उत्साहित बने रहेंगे।’
ब्याज दरें बढ़ने और रूस-यूक्रेन युद्ध से दुनियाभर के इक्विटी बाजारों पर व्यापक असर पड़ा है, जिससे भारत में प्राथमिक बाजार की गतिविधि भी 2022 में प्रभावित हुई और नई सूचीबद्धताओं की संख्या 2021 के मुकाबले करीब आधी रह गई। करीब 32 कंपनियों ने इस साल अब तक शेयर बाजार में प्रवेश किया, जबकि 2021 में संख्या 65 थी। आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल आईपीओ से जुटाई गई कुल राशि (दिसंबर मध्य तक) 55,000 करोड़ रुपये पर रही, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 1.2 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि आईपीओ से औसत प्रतिफल सेंसेक्स में तेजी के मुकाबले बढि़या रहा है। बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में, जहां सेंसेक्स औसत तौर पर 7.6 प्रतिशत बढ़ा है, वहीं आईपीओ का प्रतिफल 17.7 प्रतिशत बढ़ा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन क्षेत्रों – खाद्य तेल, बीमा और हॉस्पिटल एवं हेल्थकेयर सेवाओं का 55,000 करोड़ रुपये की कोष उगाही में 56 प्रतिशत योगदान रहा। 2022 में सूचीबद्ध 32 शेयरों में से करीब 71 प्रतिशत मौजूदा समय में अपने निर्गम भाव से ऊपर कारोबार कर रहे हैं। अदाणी विल्मर, वीनस पाइप्स ऐंड ट्यूब्स, हरिओम पाइप इंडस्ट्रीज और वेरांडा लर्निंग सॉल्युशंस इस साल ऐसे प्रमुख नए शेयर हैं जिन्होंने 2022 में अब तक अपने निर्गम भाव के मुकाबले 100-117 प्रतिशत प्रतिफल दिया है, जबकि करीब 10 अन्य शेयरों से निवेशकों की पूंजी 20-80 प्रतिशत तक बढ़ी।
दूसरी तरफ, गिरावट वाले प्रमुख आईपीओ में सरकार के स्वामित्व वाली बीमा कंपनी एलआईसी भी शामिल है, जिसमें उसके निर्गम भाव से करीब 31 प्रतिशत कमजोरी आ चुकी है। डेलिवरी और आईनॉक्स ग्रीन एनर्जी खराब प्रदर्शन करने वाले अन्य शेयर हैं, जिनमें उनके निर्गम भाव के मुकाबले 34 और 37 प्रतिशत के बीच गिरावट आई है। जोमैटो, पेटीएम, नायिका और पीबी फिनटेक समेत नए जमाने के स्टार्टअप में इस साल अपने निर्गम भाव के मुकाबले 29-87 प्रतिशत की गिरावट आई है, क्योंकि बढ़ती ब्याज दरों, महंगे मूल्यांकन की चिंताओं और एंकर निवेशकों की बिकवाली से बाजारों में बड़ी गिरावट को बढ़ावा मिला है। नए स्टार्टअप समेत कुछ बड़ी सूचीबद्धताओं में आई गिरावट को देखते हुए विश्लेषक निवेशकों को भविष्य में सतर्कता बरतने और निवेश से पहले कंपनियों और संबद्ध क्षेत्रों का सही से मूल्यांकन करने की सलाह दे रहे हैं।
2023 का राजनीतिक परिदृश्य कैसा होगा
वर्ष 2023 का भविष्य क्या होगा? क्या यह अच्छा होगा या बुरा? पिछले तीन वर्षों से दुनिया एक अभूतपूर्व महामारी कोविड को झेल रही है, जिसके पास पूरे विश्व को तबाह करने की शक्ति थी। क्रिस्टल बॉल से भविष्य बताने वाले उम्मीद कर रहे हैं कि अगले वर्ष का परिदृश्य बेहतर होगा। वे उम्मीद करते हैं कि अर्थव्यवस्था की हालत बेहतर होगी और उम्मीद है कि यूक्रेन में युद्ध का समाधान निकलेगा।
प्रसिद्ध फ्रांसीसी ज्योतिषी नास्त्रेदमस ने भविष्यवाणी की थी कि 2023 में यूक्रेन संकट विश्व युद्ध का कारण बन सकता है। इसके साथ-साथ तापमान में वृद्धि की भविष्यवाणी की और एक नए पोप के आगमन के बारे में भी बताया। इसके अलावा अमरीका में एक गृह युद्ध, विश्व में अशांति तथा मंगल पर लैंडिंग की भी भविष्यवाणी की।
द इकोनॉमिस्ट पत्रिका वैश्विक चुनौतियों की तरफ इशारा करने के अलावा युक्रेन में युद्ध, खाद्य एवं ईंधन की कीमतों में वृद्धि, मुद्रा स्फीति के खिलाफ लड़ाई, अक्षय ऊर्जा के लिए संक्रमण और महामारी के बाद चीन के अनिश्चित हालातों के बारे में बात की है। अगले वर्ष आबादी के मामले में भारत दुनिया में सबसे ज्यादा चीन को पछाड़ सकता है। भारत के पास विश्व की सबसे बड़ी युवा जनसंख्या भी होगी। राजनीतिक तौर पर भारत के लिए 2023 में होने वाले 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव सबसे ज्यादा महत्ता रखते हैं। ये चुनाव अनेक दलों तथा उनके नेताओं का भविष्य भी तय करेंगे जिसमें कांग्रेस, भाजपा तथा अन्य क्षेत्रीय दल शामिल हैं। फरवरी में राहुल गांधी की वर्तमान ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन के बाद उनकी ताकत का भी इन चुनावों में पता चलेगा।
अगले साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव करवाए जाने हैं। इनमें मेघालय, त्रिपुरा तथा नागालैंड, फरवरी में, कर्नाटक के चुनाव मई में, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, तेलंगाना तथा राजस्थान के चुनाव नवम्बर में होने की संभावना है। इसके अलावा सरकार जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव करवा सकती है। कौन जीतेगा और कौन हारेगा इस बात का असर मतदाताओं के मनोबल पर जरूर पड़ेगा। इन चुनावों के नतीजे लोकसभा चुनावों के लिए अग्रदूत का कार्य करेंगे। सत्ताधारी भाजपा अपने विस्तार के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। विपक्ष के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि भाजपा के रथ को रोकने के लिए गैर-भाजपा दल जीत हासिल करें।
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस में सीधी चुनावी लड़ाई है। कर्नाटक में भाजपा, कांग्रेस और जद (एस) के बीच त्रिकाणीय मुकाबला होगा। वहीं तेलंगाना में त्रिकोणीय मुकाबला टी.आर.एस., कांग्रेस तथा भाजपा के बीच होगा। त्रिपुरा में भी एक त्रिकोणीय चुनावी युद्ध भाजपा, कांग्रेस तथा वाम मोर्चे के बीच होगा। इनमें से कर्नाटक और मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकारें हैं। दोनों प्रदेश कांग्रेस और भाजपा के लिए महत्वपूर्ण हैं। छत्तीसगढ़ और राजस्थान मात्र 2 ऐसे राज्य हैं जहां कांग्रेस वर्तमान में शासन कर रही है।
भाजपा तेलंगाना को राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से छीनना चाहती है जो खुद को प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देने वाला आत्मविश्वासी मानते हैं क्योंकि उनकी पार्टी ने 40 प्रतिशत से अधिक का वोट शेयर बनाए रखा है। के.सी.आर. राज्य में हैट्रिक करना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने कांग्रेस और तेलुगू देशम को खत्म कर दिया है। इस खाली स्थान को भरने के लिए पार्टी एक प्रमुख पार्टी के रूप में उभरी है। भाजपा का तत्काल ध्यान कर्नाटक प्रदेश पर है। भाजपा यहां पर उच्च दाव पर है क्योंकि यह दक्षिण में एकमात्र राज्य है जहां भाजपा शासन कर रही है। कांग्रेस-जद (एस) की जोड़ी के पास भाजपा सरकार गिराने का मौका है।
त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम पूर्वोत्तर में ऐसे राज्य हैं जहां पर चुनाव होने हैं। मेघालय और नागालैंड में भाजपा के समर्थन वाली सरकार सत्ता में है। मिजोरम में मिजो नैशनल फ्रंट सरकार चला रही है। एक समय की प्रतिष्ठित कांग्रेस पार्टी अब लगभग समाप्त हो चुकी है। क्या कांग्रेस फिर से मजबूत होगी? क्या राहुल गांधी मजबूत बनेंगे? हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत ने पार्टी का मनोबल बढ़ाया है। इसने पार्टी को एकजुट होने का मौका दिया है। विपक्षी दलों ने भी महसूस किया है कि यदि वे गठबंधन नहीं करते तो मोदी अपना तीसरा कार्यकाल प्राप्त कर लेंगे। चुनावों के बाद ही विपक्षी दल प्रधानमंत्री उम्मीदवार पर कोई सहमति बना पाएंगे। वर्तमान में करीब आधा दर्जन इस पद के लिए दावेदार हैं जिनमें ममता, के.सी.आर. और अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं।
एक नए वेरियंट के साथ कोविड की वापसी एक नई बात है। भारत महामारी को रोकने में कामयाब रहा है। देश ने एक अरब से भी अधिक लोगों का टीकाकरण किया। फिर भी सरकार को इस नए वेरियंट के लिए सावधान रहना चाहिए। वित्त मंत्री 1 फरवरी को बजट प्रस्तुत करेंगे। महंगाई और मूल्य वृद्धि 2 महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। विश्व बैंक को भारत की जी.डी.पी. वृद्धि के बढऩे की उम्मीद है। मगर मुद्रा स्फीति 7 प्रतिशत से ऊपर रहेगी। कुल मिलाकर वर्ष 2023 हमारे लिए बेहतर संभावनाएं ला सकता है।-कल्याणी शंकर
लंबे समय तक शेयरों को रखना है, तो इन कंपनियों में कर सकते हैं निवेश.
आज के समय में जहां लोग हमेशा इस ताक में रहते हैं कि उनके पास रखे हुए अधिक पैसो से कैसे मुनाफा कमाया जाए, उस समय में शेयर बाजार में पैसे लगाने का निर्णय बहुत फायदेमंद फैसला है.
आज के समय में जहां लोग हमेशा इस ताक में रहते हैं कि उनके पास रखे हुए अधिक पैसो से कैसे मुनाफा कमाया जाए, उस समय में शेयर बाजार में पैसे लगाने का निर्णय बहुत फायदेमंद फैसला है. मगर, शेयर बाजार में पैसे लगाने के लिए शेयर बाजार को समझना बहुत जरूरी है. किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने के पहले उस कंपनी का शेयर, शेयर बाजार में कैसे ऊपर नीचे कर रहा है, यह जानना आवश्यक है. इसलिए शेयर बाजार में एसी कंपनी ढूंढना जरूरी है, जिसमें पैसा लगाने से तुम्हारा मुनाफा हो सकता है.
आज के समय में शेयर बाजार में दो कंपनियों के शेयर खरीदना बहुत फायदेमंद है. Eicher motors share price और Britannia share price अभी फिलहाल शेयर बाजार में सबसे ज्यादा मुनाफा दिला रहा है. इन दोनों कंपनियों के शेयर, शेयर बाजार में काफी समय से लोगों को मुनाफा कमाने में मदद कर रहे है. यह दो कंपनियों के शेयर बहुत भरोसेमंद माने जा रहे हैं. इन दोनों कंपनियों के शेयर खरीदने के काफी फायदे सामने आ रहे हैं. यह दोनों कंपनियां काफी समय से मार्केट में काफी समय से अपना सामान और सेवा बेच रहे हैं. इसी कारण इन दोनों कंपनियों ने बहुत समय से अपने आर्थिक विकास में बढ़त दिखा रही हैं.
इन दोनों कंपनियों के शेयर खरीदने के लिए आपके पास कई तरीके हैं. इन दोनों कंपनियों के शेयर खरीदने के लिए आप निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं.
ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग: इस तरीके में आप अपने घर पर बैठे ऑनलाइन ही शेयर बाजार पर से इन दोनों कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं. इस तरीके से शेयर बाजार से शेयर खरीदने का सबसे बड़ा फायदा यह हैं कि आप अपने घर कि सहूलियत से शेयर बाजार में लेन-देन कर सकते हैं. ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग भविष्य में बढ़ने वाले शेयर 2023 करने के लिए या तो खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या फिर अपनी ट्रेडिंग करने के लिए किसी ट्रेडर कि मदद ले सकते हैं.
ऑनलाइन ब्रोकर : ब्रोकर वह लोग होते हैं, जिन्हें शेयर बाजार के बारे में बहुत जानकारी होती हैं. यह लोग दूसरों की शेयर बाजार में पैसे लगाने में मदद करते हैं. इस मदद के बदले में यह लोग हर लेन देन में से कुछ प्रतिशत हिस्सा खुद रख लेते है. भले यह लोग दूसरों की मदद करते हैं और इनके पास भले ही बाजार के बारे में बहुत जानकारी होती हैं, पर इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि इनकी दी हुई सलाह हमेशा सही हो.
अगर अब आप लोगों के पास अधिकतम धन है, जो आप अपने पास रखने के बजाय उन पैसो से मुनाफा कमाना चाहते है, तो शेयर बाजार में Eicher motors share price और Britannia share price देख कर अपने पैसो को इन शेयर में जरूर डालें. अगर आपको लगता है कि आप नहीं समझ सकते हैं कि ऑनलाइन शेयर बाजार में कैसे पैसे लगाने हैं, तो किसी ब्रोकर को संपर्क करें. भले ही यह ब्रोकर कुछ प्रति शत पैसे लेते हैं, पर उनकी सलाह फायदेमंद होती हैं और आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है.
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Capricorn Love Horoscope 2023: प्रेम और शादी के लिहाज से मकर राशि को इस साल मिलेंगे ये शुभ फल
नया साल अपने साथ नई उम्मीदें और नई आशाएं लेकर आ रहा है। हम सभी साल 2022 को विदा करके एक नई शुरुआत के इंतजार में पलकें बिछाए बैठे हैं। लेकिन मेरी तरह आप सभी के मन में भी इस बात की चिंता होगी कि नया साल आपके लिए शुभ रहेगा या फिर कुछ परेशानियां हो सकती हैं।
आप सभी आने वाले समय के राशिफल की जानकारी लेने के इच्छुक भविष्य में बढ़ने वाले शेयर 2023 होंगे। खासतौर पर जब बात प्यार और शादी की हो तो सभी ये जानना चाहेंगे कि आपने वाला समय आपके प्रेम जीवन के लिए कैसा होने वाला है।
इसी प्रेम और शादी के राशिफल की जानकारी हम सभी राशियों के अनुसार आपको दे रहे हैं। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया से जानें कि मकर राशि के प्रेम और शादी के लिए साल 2023 कैसा रहने वाला है।
प्रेम के लिहाज से कैसा होगा मकर राशि का भविष्य
2023 का मकर राशिफल बताता है कि यह वर्ष आपके लिए रोमांचक होगा और आपके प्रयासों को कर्तव्यनिष्ठ रूप से पुरस्कृत किया जाएगा। आप कुछ नए साथी बना सकते हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव देखेंगे।
आप नए साल के दौरान अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का अथक प्रयास करेंगे, जिससे आपको अत्यधिक संतुष्टि मिलेगी। यह साल आपके व्यक्तिगत संबंधों को पहले से कहीं अधिक मजबूत करने का अधिक महत्वपूर्ण अवसर है।
आपको इस साल के मध्य तक प्रेम संबंधों में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। प्रेम के मामले में आपको धोखा मिल सकता है और यदि आप एक दूसरे को समझ न पाए तो आपका रिश्ता टूट भी सकता है।
साल 2023 में क्या बन सकते हैं मकर राशि की शादी के योग?
शुक्र और मंगल का प्रभाव आपके व्यक्तिगत संबंधों को गति और प्रगाढ़ता प्रदान करेगा। यदि आप अविवाहित हैं, तो जनवरी का मध्य एक नए रिश्ते की तलाश शुरू करने का एक सही समय होगा।
आप उनमें से एक हैं जो अक्सर कोमल हृदय वाले होते हैं और दूसरों पर भरोसा करने की प्रवृत्ति रखते हैं। बुरे समय में आप समाधान के लिए परिवार और दोस्तों की तलाश करते हैं। आप इस साल प्रेम के किसी नए रिश्ते में आ सकते हैं और साल के मध्य तक शादी की योजना बना सकते हैं। यदि आप पहले से प्रेम संबंधों में हैं तो थोड़ा संयम रखें। (प्रेम और वैवाहिक संबंधों के लिए कैसा है साल 2023)
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विवाहित लोगों के लिए कैसा होगा साल 2023
साल के मध्य में राशियों के प्रभाव के कारण आप अपने रोमांटिक जीवन का पूरा आनंद नहीं ले पाएंगे। बृहस्पति के गोचर की वजह से धीरे-धीरे अपने प्रियजन के करीब आने में सक्षम होंगे। वैवाहिक जीवन में वाद-विवाद करने से बचें क्योंकि मंगल के अनुसार ऐसा करने से आपके रिश्ते खराब होने के संकेत हैं।
साल के छठे महीने के आसपास आपको आनंद और स्फूर्ति का अनुभव हो सकता है। लेकिन इसके बाद के ही महीनों में मंगल कुछ व्यर्थ विवाद ला सकता है। इसलिए जीवनसाथी से बातचीत करते समय आपको अपने गुस्से पर काबू रखने की जरूरत होगी।
विवाहित लोगों के लिए ज्योतिष की सलाह
वर्ष की शुरुआत में शुक्र और मंगल का संचयी प्रभाव स्थिरता और जुनून प्रदान करेगा। आपके परिवार के साथ संबंध सकारात्मक रहने वाले हैं। बृहस्पति का प्रभाव (शादी के लिए बृहस्पति के उपाय) आपके सामाजिक जीवन में सौभाग्य ला सकता है।
आपके वर्तमान मित्रों के साथ आपकी लोकप्रियता बढ़ने की संभावना है और आप नए सामाजिक संपर्क भी बना सकते हैं। साल के मध्य का समय अनुकूल नहीं है और जीवन साथी के साथ व्यर्थ की नोकझोक बढ़ेगी।
ज्योतिष के अनुसार आपको सलाह दी जाती है कि बिना वजह झगड़ों का कारण न ढूंढें और रिश्ते को बनाए रखने की कोशिश करें। यदि आप अपने रिश्ते को साल के अंत तक बचा पाए तो ये और ज्यादा मजबूत हो जाएगा।
इस प्रकार मकर राशि के लिए समय मिले-जुले प्रभाव लेकर आ रहा है। कुछ लोग जहां शादी के बंधन में बंध सकते हैं, वहीं कुछ एक नई शुरुआत करने में सफल होंगे।
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