आईएमएफ ने इसका रिकॉर्ड रखने की शुरुआत 2017 में जाकर की थी। बीते तीन वर्षों में चीन सरकार ने विभिन्न देशों के साथ कारोबार आपसी मुद्रा में करने के समझौते किए हैं। चीन की योजना आखिरकार विदेश विदेशी मुद्रा खिलाड़ी व्यापार में डॉलर के वर्चस्व को चुनौती देने की है। 2020 में इस बात के संकेत मिले कि चीन अपनी मंशा पूरी करने में भले ही धीमी रफ्तार से, लेकिन सफल हो रहा है। ताजा आंकड़ों को इसी सिलसिले में देखा जा रहा है।

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दिन की बड़ी खबरें | भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में हुई बढ़ोतरी | Top News

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर रहा. RBI के जारी आंकड़े विदेशी मुद्रा खिलाड़ी के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10 वें सप्ताह में पहली बार बढ़ा है.

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विदेशी मुद्रा भंडार 11 अरब डॉलर बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर

विदेशीमुद्रा भंडार में लगातार चौथे सप्ताह तेजी आई है। पिछले सप्ताह देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। वहीं 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 14.72 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी। एक सप्ताह में दूसरी बार सबसे अधिक वृद्धि हुई थी।

गौरतलब है कि अक्टूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। वैश्विक घटनाक्रमों के बीच केंद्रीय बैंक के रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा भंडार का उपयोग करने की वजह से इसमें गिरावट आई।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा माने जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) दो दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 9.694 अरब डॉलर बढ़कर 496.984 अरब डॉलर हो गईं।

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अमेरिकी डॉलर

पिछले साल विदेशी मुद्रा भंडारों में अमेरिकी डॉलर का हिस्सा 25 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। ये बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के ताजा आंकड़ों से सामने आई है। गौरतलब है कि डॉलर दुनिया भर में कारोबार की मुख्य मुद्रा है। इसलिए सरकारें अपने विदेशी मुद्रा भंडार में इसकी अधिक से अधिक मात्रा रखने की कोशिश करती हैं।

साल 2020 में विदेशी मुद्रा भंडारों में डॉलर का हिस्सा गिर कर 59 फीसदी रह गया। इसके पहले 1995 में ये हिस्सा 58 फीसदी रहा था। अब आई इस गिरावट का कुछ कारण तो मुद्राओं की कीमत में उतार-चढ़ाव है, लेकिन एक बड़ा कारण विदेशी व्यापार में दूसरी मुद्राओं खास कर चीन के युआन की बढ़ रही भूमिका भी है।

विस्तार

पिछले साल विदेशी मुद्रा भंडारों में अमेरिकी डॉलर का हिस्सा 25 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। ये बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के ताजा आंकड़ों से सामने आई है। गौरतलब है कि डॉलर दुनिया भर में कारोबार की मुख्य मुद्रा है। इसलिए सरकारें अपने विदेशी मुद्रा भंडार में इसकी अधिक से अधिक मात्रा रखने की कोशिश करती हैं।

साल 2020 में विदेशी मुद्रा भंडारों में डॉलर का हिस्सा गिर कर 59 फीसदी रह गया। इसके पहले 1995 में ये हिस्सा 58 फीसदी रहा था। अब आई इस गिरावट का कुछ कारण तो मुद्राओं की कीमत में उतार-चढ़ाव है, लेकिन एक बड़ा कारण विदेशी व्यापार में दूसरी मुद्राओं खास कर चीन के युआन की बढ़ रही भूमिका भी है।

इसके बावजूद अभी भी दुनिया के अलग-अलग देशों के विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर का हिस्सा सबसे बड़ा है। पिछले साल की चौथी तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडारों में सात ट्रिलियन डॉलर जमा था। इसके पहले तीसरी तिमाही में ये रकम 6.939 ट्रिलियन डॉलर थी।

विदेशी मुद्रा भंडार 2.91 अरब डॉलर बढ़कर 564.1 अरब डॉलर पर

मुंबई: विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि में बढ़ोतरी होने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार 09 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 2.91 अरब डॉलर बढ़कर 564.1 अरब डॉलर पर विदेशी मुद्रा खिलाड़ी पहुंच गया जबकि इसके पिछले सप्ताह यह 11.02 अरब डॉलर की बढ़ोतरी लेकर 561.2 अरब डॉलर पर रहा था। रिजर्व बैंक की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, 09 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 3.14 अरब डॉलर की बढ़ोतरी लेकर 500.1 अरब डॉलर हो गयी।

वहीं, इस अवधि में स्वर्ण भंडार में 2.96 करोड़ डॉलर की कमी आई और यह घटकर 40.73 अरब डॉलर रह गया। आलोच्य सप्ताह विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) में 6.1 करोड़ डॉलर की तेजी आई और यह बढ़कर 18.12 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसी तरह इस अवधि में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि 20 लाख डॉलर की बढ़ोतरी लेकर 5.1 अरब डॉलर हो गई।

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आईएमएफ में मिला एसडीआर और आरक्षित मुद्रा भंडार में गिरावट

हालांकि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट और आईएमएफ में रखा आरक्षित मुद्रा भंडार में भी गिरावट आयी है. 2 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में आईएमएफ में मिला एसडीआर 16.4 करोड़ डॉलर घटकर 18.04 अरब डॉलर रह गया. जबकि आईएमएफ में रखा आरक्षित मुद्रा भंडार 7.5 करोड़ डॉलर घटकर 5.108 अरब डॉलर रह गया. बता दें कि हाल के दिनों में आरबीआई ने डॉलर की जबरदस्त खरीदारी की है. जिसका असर विदेशी मुद्रा भंडार में देखने को मिला.

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 4 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी विदेशी मुद्रा खिलाड़ी मुद्रा भंडार 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया था. वहीं 28 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में यह 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 561.08 अरब डॉलर पर पंहुच गया था. जबकि इससे पहले देश का कोष लगातार घट रहा था. 21 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर आ गया था. 14 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 अरब डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया था. 7 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया था. वहीं 30 सितंबर को खत्म हुए सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.66 अरब डॉलर पर पहुंच गया. जबकि 3 सितंबर 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 बिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था.

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