गलतियों के बिना बिज़नेस। वित्तीय साक्षरता और MLM

नेटवर्क कंपनियों की विशेष सुविधाएं, परोक्ष आय को उत्पन्न करने की सलाह, विशेष नेटवर्क विपणन

पूर्वावलोकन (प्रीव्यू)

नेटवर्क मार्केटिंग - एक ऐसी अवधारणा है जो आपको आपके समय और धन का निवेश करने और एक सफल उद्यमी बनने में मदद करेगी। भविष्य के लिए अर्जित की हुई संपत्ति आपको निर्णय लेने और ज़्यादा स्वतंत्रता से जीवन व्यतीत करने की अनुमति देगी इसके साथ ही वह आपको स्थिर एवं अधिक आय प्रदान करेगी। सबसे प्रभावी रणनीति चुनने के लिए, विवरणों को गहराई से समझना आवश्यक है। हमारा कोर्स इसमें आपकी मदद करता है! हम आपको नेटवर्क मार्केटिंग के बारे में बताएंगे और वित्तीय साक्षरता से जुड़ी बुनियादी बातें समझाएंगे, ताकि आप ऑनलाइन बिज़नेस में अपना एक सफल कैरियर बना सकें।

धोखाधड़ी से बचने के लिए आप ये सीखेंगे कि नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी और पोंजी स्कीम के बीच के अंतर को कैसे समझा और पहचाना जाए। आप नेटवर्क मार्केटिंग की उन बातों को जानेंगे जो आपके आस-पास के रोजमर्रा के जीवन में घटती हैं। आप लिनीअर मार्केटिंग प्लान के साथ-साथ मैट्रिक्स, और सबसे विवादास्पद – बाइनरी के।

एक हिस्से के बारे में विस्तार से जानेंगे। कोर्स परोक्ष आय की उत्पत्ति के लिए समर्पित होगा, जिसकी उपस्थिति से आप अपने जीवन को बहुत आसान बना पाएंगे और अपनी क्षमताओं का विस्तार कर पाएंगे। कोर्स की समाप्ति पर हम इस व्यापार के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की विशेषताओं पर चर्चा करेंगे, और दुनियाभर के विभिन्न देशों में नेटवर्क मार्केटिंग के आंकड़ों और बारीकियों पर विचार करेंगे।

बिज़नेस नेटवर्क से जुड़े सभी मामलों में सीखें गए कौशल आपको वित्तीय रूप से साक्षर बनने में सहायता करेंगे। इसका मतलब है कि आपके लिए सफलता के रास्ते खोलें

स्कूली स्तर पर ही जोडऩा होगा वित्तीय साक्षरता को

सरकार को तत्काल निवेश, बचत, सेवानिवृत्ति योजना, म्यूचुअल फंड, कॉस्ट ऑफ मनी और रेट ऑफ रिटर्न को स्कूल और कॉलेज स्तर पर छात्रों को सिखाने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव करना चाहिए। वित्तीय साक्षरता हमारे बच्चों को जीवन में सही योजनाएं बनाने में मदद करेगी।

स्कूली स्तर पर ही जोडऩा होगा वित्तीय साक्षरता को

वित्तीय साक्षरता या फाइनेंशियल लिटरेसी, यह शब्द कुछ लोगों के लिए नए हो सकते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से ये दुनियाभर में चर्चा में हैं। गूगल सर्च पर वित्तीय साक्षरता का अर्थ है - धन के सही ढंग से उपयोग को समझने की क्षमता। यानी किसी व्यक्ति में मौजूद कुछ कौशलों और ज्ञान से है, जिनके बल पर वह सोच-समझकर प्रभावशाली निर्णय ले पाता है। विभिन्न देशों में वित्तीय साक्षरता की स्थिति अलग-अलग है। पिछले कुछ अर्से से भारत में भी वित्तीय साक्षरता पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि, यह प्रयास ऊंट में मुंह में जीरे के समान ही कहे जा सकते हैं। संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में भी बेंगलूरु के सांसद ने केंद्र सरकार से वित्तीय साक्षरता को स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की मांग की है। वित्तीय साक्षरता से व्यक्ति स्वयं को तो लाभ पहुंचाता ही है, पर इससे कहीं न कहीं देश का विकास भी जुड़ा हुआ है।
भारतीयों को दुनियाभर में बचत के लिए जाना जाता है। नोटबंदी के दौरान हमने देखा था कि कैसे हमारी माताओं-बहनों के पास भारी नकदी निकली थी। वर्ष 2019 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार हमारे बैंकों के बचत खातों में 18,830 करोड़ रुपए ऐसे जमा हैं, जिनको क्लेम करने वाला कोई नहीं है। यह धनराशि 10 साल से अधिक वर्षों से यूं ही पड़ी है। मतलब, हम भारतीय धन की बचत तो खूब करते हैं, लेकिन हमसे से अधिकांश में धन के वित्तीय प्रबंधन का अभाव है। आज भी अधिकतर भारतीय ऐसे हैं, जो पैसे, सोना-चांदी और संपत्ति को अपने बुढ़ापे में इस्तेमाल के लिए जमा करते रहते हैं। उनका मत होता है कि पैसा होने से एक तरह की सुरक्षा मन में बनी रहती है, क्योंकि यदि इन पैसों को वह कहीं निवेश या खर्च करेंगे तो पैसा खोने का जोखिम या जरूरत पर पैसे न होने का डर बना रहेगा। इस जोखिम को न उठाने का मुख्य कारण वित्तीय साक्षरता का अभाव है।
अर्थशास्त्र का सामान्य सिद्धांत है कि यदि अपनी पूंजी को तिजोरी में कैद करके रखा जाए, तो वह समय के साथ बढ़ती नहीं, बल्कि लगातार घटती जाती है। यदि हम अपनी पूंजी के सही वित्तीय प्रबंधन को जान पाएंगे, तो यह न केवल हमारे लिए लाभप्रद साबित होगा, बल्कि देश को भी इसका फायदा मिलेगा। हालांकि, भारत के संदर्भ में बात करें तो हमारे देश में आज 75 प्रतिशत लोग साक्षर हैं, लेकिन मात्र 24 प्रतिशत वयस्कों में ही वित्तीय साक्षरता देखी गई है। यानी इतने भारतीय ही अपने पैसों की बचत, निवेश, कर्ज और बजटिंग की सही जानकारी रखते हैं।
वैसे तो बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से सरकार भी वित्तीय साक्षरता को बढ़ाने में जुटी हुई है। कई निजी संस्थाएं ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रही हैं। वित्तीय साक्षरता के कई ऑनलाइन कोर्स तो मुफ्त में उपलब्ध हैं। इंश्योरेंस, सेविंग स्कीम्स, आर.डी., एफ.डी, होम लोन, म्यूचुअल फंड समेत अनेक योजनाओं का बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भी समय-समय पर बैंकों को एडवाइजरी जारी करता है।
फिर भी वित्तीय साक्षरता का स्कूल स्तर से ज्ञान देना समय की मांग है। यदि दुनिया की बात करें, तो अमरीका के 21 से ज्यादा स्टेट्स में और ऑस्ट्रेलिया में फाइनेंशियल लिटरेसी को स्कूली पाठ्यक्रम में अनिवार्य किया गया है। रूस में कक्षा दो से 11 तक वित्त प्रबंधन का पाठ पढ़ाया जा रहा है। लेकिन, भारत वित्तीय साक्षरता को स्कूली शिक्षा व्यवस्था में शामिल करने की दिशा में आगे बढ़ता नहीं दिख रहा है। सरकार को तत्काल निवेश, बचत, सेवानिवृत्ति योजना, म्यूचुअल फंड, कॉस्ट ऑफ मनी और रेट ऑफ रिटर्न को स्कूल और कॉलेज स्तर पर छात्रों को सिखाने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव करना चाहिए। वित्तीय साक्षरता हमारे बच्चों को जीवन में सही योजनाएं बनाने में मदद करेगी।

Banking और Finance से जुड़े लोगों के लिए खुशखबरी! SBI ने NSE Academy के साथ मिलकर की ये पहल

Banking और Finance से जुड़े लोगों के लिए खुशखबरी!

SBI NSE Academy Online Courses भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने एनएसई एकेडमी (NSE Academy) के साथ साझेदारी की है जिसके तहत लोगों के बीच वित्तीय साक्षरता को बढ़ाने का लक्ष्य है। इसके लिए एनएसई नॉलेज हब प्लेटफॉर्म पर 5 ऑनलाइन कोर्स शुरू किए गए हैं।

मुंबई, बिजनेस डेस्क। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपनी स्ट्रेटेजिक ट्रेनिंग यूनिट के माध्यम से एनएसई एकेडमी (NSE Academy) के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की है। यह साझेदारी लोगों के बीच वित्तीय साक्षरता को एक आवश्यक जीवन कौशल के रूप में बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है, जिसके तहत 5 ऑनलाइन कोर्स शुरू किए गए हैं। शिक्षार्थी एनएसई नॉलेज हब प्लेटफॉर्म पर एसबीआई के पांच शुरुआती एमओओसी के लिए नामांकन कर सकते हैं। नामांकन शुरू हो गए हैं।

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एसबीआई द्वारा क्यूरेट किए गए इन पाठ्यक्रमों में सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं को एक बेहतर संतुलित तरीके से पेश किया गया है। ये पाठ्यक्रम शिक्षार्थियों को बैंकिंग, अनुपालन, उधार मानदंडों और कई अन्य विषयों के मूल सिद्धांतों की गहरी समझ रखने में सक्षम बनाते हैं। इन पाठ्यक्रमों को समृद्ध अनुभव और उत्कृष्ट शैक्षणिक साख रखने वाले बैंकरों द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।

पाठ्यक्रमों में वास्तविक जीवन से जुड़े मामलों को शामिल किया गया वित्तीय साक्षरता पर ऑनलाइन कोर्सेज है, ताकि इनके अध्ययन और परिदृश्यों के साथ शिक्षार्थी उपयुक्त रूप से जानकारी हासिल कर सकें। इस प्रकार ये पाठ्यक्रम कामकाजी पेशेवरों और शिक्षार्थियों को अनुभवों के जरिये सीखने का अवसर प्रदान करते हैं। पाठ्यक्रम की अवधि 3-6 सप्ताह तक होगी, और शिक्षार्थियों से अपेक्षा की जाती है कि वे इस पाठ्यक्रम पर प्रत्येक सप्ताह 2-3 घंटे का समय देंगे।

Govt psu banking share outform nifty and sensex in 2022 (Jagran File Photo)

क्या-क्या कोर्स हैं?

  1. बैंकिंग फंडामेंटल्स- बुनियादी बैंकिंग की समझ देगा।
  2. एमएसएमई लेंडिंग इन नटशैल- इसे विशेष रूप से एसएमई उद्यमियों, बैंकिंग पेशेवरों के लिए डिज़ाइन किया गया है, और यह छात्रों के लिए भी रुचिकर होगा।
  3. इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट्स सिस्टम्स इन इंडिया- इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल भुगतान प्रणालियों के बारे में बुनियादी जानकारी देगा।
  4. प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग नॉर्म्स- प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार देने और दिशानिर्देशों के महत्व पर नवीन जानकारी देगा।
  5. एनआरआई बिजनेस एंड कंप्लायंस- एनआरआई बिजनेस और कंप्लायंस को नियंत्रित करने वाले नियमों और विनियमों के ज्ञान के साथ शिक्षार्थियों को सशक्त बनाएगा।

एसबीआई के डीएमडी (एचआर) और सीडीओ ओमप्रकाश मिश्रा ने कहा, ‘‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनएसई अकादमी के साथ एसबीआई की साझेदारी की घोषणा करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। हमें विश्वास है कि बीएफएसआई क्षेत्र में शिक्षार्थियों के लिए व्यावहारिक पाठ्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ हमारे सहयोग से लाखों करियर-उन्मुख लोगों को फायदा होगा।" ओमप्रकाश मिश्रा ने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि एसबीआई के ई-कोर्स शिक्षार्थियों को बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के विभिन्न पहलुओं के बारे में अच्छी जानकारी हासिल करने और उनके पेशेवर जीवन को और बेहतर बनाने में मदद करेंगे।’’

SBI Canara HDFC ICICI Bank FD Rates for senior citizen (Jagran File Photo)

एसबीआई की चीफ जनरल मैनेजर और हैड (स्ट्रेटेजिक ट्रेनिंग यूनिट) लक्ष्मी आर श्रीनिवास ने कहा, ‘‘हम एनएसई अकादमी के सहयोग से देश भर के शिक्षार्थियों के लिए अपने पाठ्यक्रम पेश करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। हम शुरुआत में बैंकिंग टू बैंकिंग पेशेवरों, छात्रों और अन्य शिक्षार्थियों के विभिन्न पहलुओं की समझ प्रदान करने के उद्देश्य से पांच पाठ्यक्रम पेश कर रहे हैं।’’

एनएसई के एमडी और सीईओ विक्रम लिमये ने कहा, ‘‘एनएसई हमेशा भारतीय बीएफएसआई क्षेत्र में नए प्रयोगों को आगे वित्तीय साक्षरता पर ऑनलाइन कोर्सेज बढ़ाने में सबसे आगे रहा है। भारत के सबसे बड़े बैंक के साथ हमारा यह सहयोग बैंकिंग सेवाओं में करियर बनाने के इच्छुक पेशेवरों को लाभान्वित करने के लिए सीखने के अनूठे और अद्वितीय अवसर पेश करेगा।’’

FPI invest 11599 crore in indian share market (Jagran File Photo)

एनएसई के ग्रुप प्रेसीडेंट और चीफ बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर रवि वाराणसी ने कहा, ‘‘एसबीआई के साथ इस सहयोग से प्रोफेशनल लोग वर्तमान दौर के प्रतिस्पर्धी कौशल को आसानी से हासिल और विकसित कर सकेंगे। और, इस काम में एनएसई एकेडमी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। एनएसई नॉलेज हब को क्यूरेटेड और बेहतर सामग्री प्रदान करके, एसबीआई पेशेवरों को बैंकिंग के विभिन्न क्षेत्रों के बारे में गहरी जानकारी हासिल करने में सक्षम बनाएगा।’’

डीयू: एसओएल में शुरू होगा वित्तीय साक्षरता का पाठ्यक्रम, अगले सप्ताह तक हो सकती है घोषणा

करीब दो माह का होगा सर्टिफिकेट कोर्स। छात्रों को सुविधा को देखते हुए निशुल्क रहेगा कोर्स, देशभर से भाग ले सकेंगे छात्र।

दिल्ली विश्वविद्यालय

दिल्ली विश्वविद्यालय(डीयू) के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग(एसओएल) की ओर से खुशखबरी है। विश्वविद्यालय फाइनेंनशियल लिट्रेसी का पाठयक्रम लांच करने जा रहा है। यह कार्यक्रम करीब दो माह का होगा। खास बात यह है कि छात्रों की सुविधा को देखते हुए यह पाठयक्रम छात्रों के लिए पूरी तरह निशुल्क रहेगा। छात्र इस कार्यक्रम में निवेश से लेकर वित्तीय क्षेत्र से जुड़ी बारिकियों को सीख सकेंगे। उम्मीद है कि विश्वविद्यालय की ओर से अगले सप्ताह तक इस कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है।

एसओएल के प्रिंसिपल डॉ. उमाशंकर पांडेय के मुताबिक, विश्वविद्यालय कई तरह के कार्यक्रम को लांच करने जा रहा है। इस कड़ी में फाइनेंनशियल लिट्रेसी कार्यक्रम को ऑनलाइन लांच किया जा रहा है। नए कार्यक्रम के तहत छात्रों को वित्तीय क्षेत्र से छोटी-छोटी चीजें सीखने को मिलेंगी। विशेषकर निवेश के तरीकों से लेकर वित्तीय से जुड़ी जानकारी शामिल रहेंगी। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य वित्तीय क्षेत्र से सभी जानकारियों को छात्रों तक पहुंचाना है।

कोर्स पूरा करने पर मिलेगा सर्टिफिकेट
प्रिंसिपल के मुताबिक, छात्रों द्वारा कोर्स पूरा करने पर उन्हें सर्टीफिकेट प्रदान किया जाएगा। चूंकि, विश्वविद्यालय के उद्यमिता वाले पाठयक्रमों में भी हिंदी व अंग्रेजी भाषा वाले छात्रों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। ऐसे में इस कोर्स को भी छात्रों की सुविधा को देखते हुए दोनों ही भाषाओं में तैयार किया गया है, जिससे अधिक से अधिक छात्र इसमें शामिल हो सके।

देशभर से भाग ले सकेंगे छात्र
प्रिंसिपल के अनुसार, पहले इस कोर्स को केवल एसओएल छात्रों के लिए ही शुरू करने की योजना थी। हालांकि, विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन कोर्स को देखते हुए इसका दायर बढ़ा दिया है। अब इस कोर्स में वह छात्र भी दाखिला ले सकता है जिसे वित्त क्षेत्र से थोड़ी बहुत भी जानकारी होगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने इस कोर्स को शून्य से अलग-अलग स्तर के हिसाब से तैयार किया है।

अदिति कॉलेज के साथ लांच किया है उद्यम पाठयक्रम
प्रिंसिपल उमाशंकर का दावा है कि विश्वविद्यालय की ओर से शुरू किए गए उद्यमिता पाठयक्रम को छात्रों द्वारा पसंद किया जा रहा है। यही वजह है कि इसमें कई छात्रों ने दाखिला लिया है। इस कड़ी मे 29 जनवरी को भी डीयू के अदिति कॉलेज के साथ मिलकर कार्यक्रम को लांच किया गया है। विश्वविद्यालय भविष्य में भी इस तरह के कई कार्यक्रमों को लांच करने की योजना बना रहा है।

विस्तार

दिल्ली विश्वविद्यालय(डीयू) के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग(एसओएल) की ओर से खुशखबरी है। विश्वविद्यालय फाइनेंनशियल लिट्रेसी का पाठयक्रम लांच करने जा रहा है। यह कार्यक्रम करीब दो माह का होगा। खास बात यह है कि छात्रों की सुविधा को देखते हुए यह पाठयक्रम छात्रों के लिए पूरी तरह निशुल्क रहेगा। छात्र इस कार्यक्रम में निवेश से लेकर वित्तीय क्षेत्र से जुड़ी बारिकियों को सीख सकेंगे। उम्मीद है कि विश्वविद्यालय की ओर से अगले सप्ताह तक इस कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है।

एसओएल के प्रिंसिपल डॉ. उमाशंकर पांडेय के मुताबिक, विश्वविद्यालय कई तरह के कार्यक्रम को लांच करने जा रहा है। इस कड़ी में फाइनेंनशियल लिट्रेसी कार्यक्रम को ऑनलाइन लांच किया जा रहा है। नए कार्यक्रम के तहत छात्रों को वित्तीय क्षेत्र से छोटी-छोटी चीजें सीखने को मिलेंगी। विशेषकर निवेश के तरीकों से लेकर वित्तीय से जुड़ी जानकारी शामिल रहेंगी। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य वित्तीय क्षेत्र से सभी जानकारियों को छात्रों तक पहुंचाना है।

कोर्स पूरा करने पर मिलेगा सर्टिफिकेट
प्रिंसिपल के मुताबिक, छात्रों द्वारा कोर्स पूरा करने पर उन्हें सर्टीफिकेट प्रदान किया जाएगा। चूंकि, विश्वविद्यालय के उद्यमिता वाले पाठयक्रमों में भी हिंदी व अंग्रेजी भाषा वाले छात्रों को ध्यान में रखकर तैयार किया वित्तीय साक्षरता पर ऑनलाइन कोर्सेज गया है। ऐसे में इस कोर्स को भी छात्रों की सुविधा को देखते हुए दोनों ही भाषाओं में तैयार किया गया है, जिससे अधिक से अधिक छात्र इसमें शामिल हो सके।

देशभर से भाग ले सकेंगे छात्र
प्रिंसिपल के अनुसार, पहले इस कोर्स को केवल एसओएल छात्रों के लिए ही शुरू करने की योजना थी। हालांकि, विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन कोर्स को देखते हुए इसका दायर बढ़ा दिया है। अब इस कोर्स में वह छात्र भी दाखिला ले सकता है जिसे वित्त क्षेत्र से थोड़ी बहुत भी जानकारी होगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने इस कोर्स को शून्य से अलग-अलग स्तर के हिसाब से तैयार किया है।


अदिति कॉलेज के साथ लांच किया है उद्यम पाठयक्रम
प्रिंसिपल उमाशंकर का दावा है कि विश्वविद्यालय की ओर से शुरू किए गए उद्यमिता पाठयक्रम को छात्रों द्वारा पसंद किया जा रहा है। यही वजह है कि इसमें कई छात्रों ने दाखिला लिया है। इस कड़ी मे 29 जनवरी को भी डीयू के अदिति कॉलेज के साथ मिलकर कार्यक्रम को लांच किया गया है। विश्वविद्यालय भविष्य में भी इस तरह के कई कार्यक्रमों को लांच करने की योजना बना रहा है।

दुनिया के सबसे बड़े प्लेटफॉर्मस पर अपना खुद का ऑनलाइन बिजनेस कैसे शुरू करें

ईबे, अमेज़ॅन और अलीबाबा पर व्यवसाय शुरू करने की रणनीतियाँ, सप्लायर के साथ कम्युनिकेशन और मार्केट रिसर्च का गाइड

व्यवसाय कोई भी शुरू कर सकता है - इसके लिए ऐसा नवप्रवर्तनक होने की ज़रूरत नहीं है जो बाजार में क्रांति लाए। क्या आप सफल उद्यमियों की तरह कमाना चाहते हैं, वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करना चाहते हैं और अपना खुद का लाभदायी व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि शुरुआत कहां से करें ? आपको ebay, अमेज़ॅन और अलीबाबा जैसे प्लेटफॉर्म्स की ज़रूरत है। और, ज़ाहिर है, हमारा इनोवेटिव कोर्स।


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