यहां ऑप्शन चार्ट के घटक हैं जो आपको Option Chain Chart को आसानी से पढ़ने में मदद करेंगे। आइए नीचे दिए गए को देखें-
Put Call Ratio- पुट कॉल रेशिओ
क्या होता है पुट कॉल रेशिओ?
पुट कॉल रेशिओ (Put Call Ratio) कॉल ऑप्शन के लिए पुट ऑप्शन के ट्रेडिंग वॉल्यूम का अनुपात है और इसका उपयोग मार्केट में इन्वेस्टर सेंटीमेंट के एक इंडीकेटर के रूप में किया जाता है।
मुख्य बातें
- पुट कॉल रेशिओ ऑप्शन मार्केट में कॉल आप्शन के लिए पुट आप्शन के अपेक्षाकृत ट्रेडिंग वाल्यूम के संकेतक हैं।
- 1 से अधिक के पुट कॉल रेशिओ को एक सेलऑफ का संकेतक समझा जाता है जबकि 1 से नीचे के पुट कॉल रेशिओ को खरीद का एक अवसर माना जाता है।
- कुछ ट्रेडर पुट कॉल रेशिओ का उपयोग एक विपरीत संकेतक के रूप में करते हैं, जब यह 1 से अधिक होता है तब खरीद करते हैं, जबकि जब 1 से नीचे होता है तो बिक्री करते हैं।
पुट कॉल रेशिओ को समझना
पुट एक डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट होता है जो धारक को विशिष्ट समय सीमा के भीतर एक पूर्व निर्धारित कीमत पर किसी अंडरलाइंग सिक्यूरिटी की एक विशिष्ट राशि को बेचने का अधिकार तो देता है, पर दायित्व नहीं देता। कॉल भी इसी प्रकार काम करता है, लेकिन धारक को बेचने के बजाय खरीदने का अधिकार देता है। पुट के धारक सिक्यूरिटी की कीमत के नीचे जाने (या खिलाफ हेज करने) की उम्मीद करते हैं। दूसरी तरफ, कॉल के ओनर सिक्यूरिटी की कीमत के ऊपर जाने (या स्पेकुलेट करने) की उम्मीद करते हैं। पुट कॉल रेशिओ अपने काल आप्शन कॉल विकल्प बेचना के लिए अंडरलाइंग सिक्यूरिटी के अपेक्षाकृत ट्रेडिंग वाल्यूम के बारे में जानकारी उपलब्ध कराते हैं। लंबे समय तक इसे बाजार में निवेशक भावना के एक संकेतक के रूप में देखा गया है जहां कॉल के लिए पुट का एक बड़ा अनुपात मंदी की भावना या इसके विपरीत संकेत देता है। टेक्निकल ट्रेडर पुट-कॉल रेशिओ का उपयोग निष्पादन के संकेतक तथा समग्र मार्केट सेंटीमेंट के बैरोमीटर के रूप में करते हैं। एसएंडपी 500 जैसे बड़े इंडेक्सों पर पुट-कॉल रेशिओ का उपयोग मार्केट क्लाइमेट के और अधिक सामान्य अनुमान के लिए किया जाता है। पुट-कॉल रेशिओ को समझना उन लोगो के लिए महत्वपूर्ण स्किल है जो आप्शन ट्रेड करना चाहते हैं। रेशिओ की व्याख्या एनालिस्ट या ट्रेडर के निवेश फिलोसफी पर छोड़ दिया जाता है।
ऐसे जानिए ऑप्शन ट्रेडिंग से जुड़ी हर बात, होगा फायदा
पिछले कुछ सालों में हमने भारतीय डेरिवेटिव्स बाजार में ऑप्शन सेगमेंट की ट्रेडिंग गतिविधियों में तेज वृद्धि देखी है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) फ्यूचर और ऑप्शन (एफ एंड ओ) सेगमेंट में दैनिक कारोबार 4 लाख करोड़ को पार कर गई है और इस इंडेक्स में ऑप्शन का 80% से अधिक योगदान रहा है। यही कारोबार बैंक निफ्टी पर साप्ताहिक और मासिक समाप्ति के दिनों पर 10 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। आजकल ऑप्शन सेगमेंट अपनी प्रोफ़ाइल के कारण अधिक लोकप्रिय हो गया है और यह 50 ओवर या टेस्ट सिरीज मैचों की तुलना में आईपीएल या टी-20 मैचों की कॉल विकल्प बेचना लोकप्रियता की तरह ही लगता है। इस सेगमेंट में ट्रेडिंग गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं क्योंकि यह सभी प्रकार के बाजार सेंटिमेंट्स का लाभ पाने का अवसर प्रदान करती है चाहे वह बुलिश, बियरिश, रेंज बाउंड या अत्यधिक अस्थिर हो। आइए पहले समझें कि ऑप्शन है क्या जो सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है? नकद बाजार, जहाँ शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं, के अलावा एक्सचेंज में एक ऐसा सेगमेंट भी होता है जहाँ इन शेयरों या इंडेक्स के भविष्य और विकल्प खरीदे या बेचे जाते हैं।
कॉल और पुट ऑप्शन क्या है ?(What Is Call And Put Option)
कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग पहली बार समझने मे काफी कठिन लगती है लेकिन एक बार इसके बारे मे जानने के बाद यह काफी आसान हो जाता है।
- ऑप्शन ट्रेडिंग मे शेयर बाजार पर रिसर्च करके आपको ऐसा लगता है की एक चुना हुआ शेयर ऊपर जाने वाला है।
- ऐसे समय आप उसको कॉल कॉल विकल्प बेचना ऑप्शन के जरिये खरीद सकते है और इसमे शेयर ऊपर जाने पर सीधा लाभ होता है।
- उदहारण के तौर पर आपने रिलायंस के शेयर पर रिसर्च करके यह जान लिया है की शेयर की कीमत ऊपर जाने वाली है और आपने कॉल ऑप्शन चुन लिया है तो शेयर ऊपर जाने से मुनाफा होगा।
- मतलब रिलायंस शेयर की कीमत अभी 100 रुपये है तव कॉल ऑप्शन आप 150 पर खरीद सकते है मतलब आने वाले समय मे शेयर की कीमत 100 से 150 तक जाएगी जिसके आपको मुनाफा होगा।
2 पुट ऑप्शन क्या होता है ?(What Is Put Option)
- पुट ऑप्शन मार्किट के ख़राब समय मे चुना जाता है जब बाजार और शेयर गिर रहे होते है।
- अगर किसी एक शेयर की कीमत इस समय 100 रुपये है और आप इसका पुट ऑप्शन 70 रुपये मे खरीदते है
- ऐसे समय शेयर निचे 70 रुपये पर पहुंचने पर निवेशक को मुनाफा होगा।
- पुट ऑप्शन निवेशक मंदी या फिर गिरावट के समय एक बिमा जैसे इस्तेमाल कर सकते है।
- कॉल और पुट ऑप्शन मे ट्रेडिंग करने के लिए शेयर्स की महीने की सीरीज होती है इस महीने की सीरीज की एक्सपाइरी हर महीने के अंतिम गुरवार को होती है।
- यह महीने की सीरीज 3 महीने तक की होती है।
- आप शेयर बाजार मे शेयर के आलावा करेंसी और इंडेक्स मे भी ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते है।
- कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय आपको अलग अलग विकल्पों का इस्तेमाल करना होता है इस विकल्पों को जानकारी आप आसानी से इसमे ट्रेडिंग शुरू कर सकते। है।
1 लॉट साइज़ :(Lot Size)
- जब आप ऑप्शन ट्रेडिंग मे ट्रेडिंग करते है तब आपको शेयर के एक लॉट को खरदीना पड़ता है।
- शेयर के कीमत के अनुसार उसकी लॉट साइज़ कीमत कम ज्यादा होती है।
- कॉल और पुट दोनों ऑप्शन मे ट्रेड करते समय आपको लॉट मे शेयर खरीदने होते है।
- ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय आप जिस चुने हुए कीमत पर कॉल और पुट ऑप्शन खरीदते है उसे स्ट्राइक प्राइस कहा जाता है।
- शेयर के अब के कीमत मे और बेचे या फिर ख़रीदे जाने वाले अंतर होता है।
Option Chain in Hindi: ऑप्शन ट्रेडिंग में ऑप्शन चैन क्या है? और इसे कैसे समझा जाता है? जानिए
Option Chain in Hindi: ऑप्शन चेन एक चार्ट है जो निफ्टी स्टॉक के लिए उपलब्ध कॉल विकल्प बेचना सभी स्टॉक कॉन्ट्रैक्ट्स से संबंधित गहन जानकारी देता है। इसे कैसे समझना है? और ऑप्शन चैन क्या है? (What is Option Chain in Hindi) इस लेख में समझिए।
How to Understand Option Chain: ऑप्शन ट्रेडिंग में कदम रखने वाले शुरुआती ऑप्शन चैन (Option Chain) को डेटा के एक जटिल चक्रव्यूह के रूप में देखेंगे। ऑप्शन चेन एक चार्ट है जो निफ्टी स्टॉक के लिए उपलब्ध सभी स्टॉक कॉन्ट्रैक्ट्स से संबंधित गहन जानकारी देता है।
Option Chain के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह वर्तमान सुरक्षा मूल्य के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करती है और यह लंबी अवधि में इसे कैसे प्रभावित कॉल विकल्प बेचना करेगी।
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंमै आपको बता दू स्टॉक मार्केट में चार प्रकार की ट्रेडिंग होती है intraday trading. Swing trading. Short term कॉल विकल्प बेचना कॉल विकल्प बेचना trading. Long term trading.
कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकॉल ऑप्शन की खरीद या पुट ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको यह उम्मीद हो कि बाजार ऊपर जाएगा। एक पुट ऑप्शन की खरीद या कॉल कॉल विकल्प बेचना ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको उम्मीद हो कि बाजार नीचे जाएगा। ऑप्शन को खरीदने वाले का मुनाफा असीमित होता है जबकि उसका रिस्क सीमित होता है (उतना ही जितना उसने प्रीमियम दिया है)।
शेयर मार्केट में फ्यूचर एंड ऑप्शन क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंफ्यूचर तथा ऑप्शन (Futures and Options in Hindi) को समझने से पहले जिस बाज़ार में ये उत्पाद खरीदे एवं बेचे जाते हैं उसके बारे में जान लेना आवश्यक है। ये दोनों डेरिवेटिव मार्केट के उत्पाद हैं। डेरिवेटिव उत्पाद ऐसे वित्तीय उपकरण होते हैं, जिनका अपना कोई मूल्य नहीं होता बल्कि उनका मूल्य किसी अन्य वस्तु से निर्धारित होता है।
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