CoinSwitch की शुरुआत साल 2017 में आशीष सिंघल, गोविंद सोनी (सीटीओ), Transac प्लेटफॉर्म के लाभ और विमल सागर (सीओओ) ने मिलकर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के ग्लोबल एग्रीगेटर के रूप में की थी. बेंगलुरु स्थित BitCipher Labs LLP, कॉइनस्विच की पैरेंट कंपनी है. जून 2020 में इसने अपना इंडिया-एक्सक्लूसिव INR-क्रिप्टो ऑन-रैंप प्लेटफॉर्म, CoinSwitch Kuber लॉन्च किया था. यह यूजर्स को भारतीय रुपये का उपयोग करके खरीदने और बेचने के लिए सैकड़ों क्रिप्टोकरेंसी का समर्थन करता है.

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OTT Full Form In Hindi | OTT Platform क्या है ? फुल फॉर्म?

इंटरनेट के आ जाने के बाद दुनिया डिजिटल हो गई है। इसलिए अब डिजिटल Transac प्लेटफॉर्म के लाभ दुनिया में लोग इंटरनेट प्लेटफार्म के माध्यम से ही अपने काम करना पसंद करते हैं। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में इंटरनेट के OTT प्लेटफार्म के बारे में सभी बातें और OTT की Full Form बताने जा रहे हैं। तो चलिए फिर जानते हैं कि OTT Platform क्या है और OTT Full Form क्या है?

Table of Contents

OTT Full Form In Transac प्लेटफॉर्म के लाभ Transac प्लेटफॉर्म के लाभ Hindi -OTT का Full Form क्या है?

OTT का फुल फॉर्म “Over The Top” है। इसे हिंदी में ओवर द टॉप कहा जाता है। यह इंटरनेट का एक ऐसा प्लेटफार्म है जो Entertainment के कॉन्टेंट जैसे- मूवी, सीरियल, वेब सीरीज, कॉमेडी प्रोग्राम, एनिमेशन मूवी आदि को ऑनलाइन माध्यम से एक्सेस करता है|

यह इंटरनेट का एक ऐसा प्लेटफार्म है जो हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से मूवी, वेब सीरीज, कॉमेडी शो, सीरियल आदि को उपलब्ध करवाता है। आज के दौर में OTT Platform एक ऐसा मंच बन गया है। जिसके माध्यम से लोग बिना सिनेमाघर जाए अपने घर बैठे ही मूवी व एंटरटेनमेंट के अन्य प्रोग्रामों का मजा ले रहे हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म के आने से पहले लोग अपने पसंदीदा कार्यक्रम या मूवी देखने के लिए केबल टीवी कनेक्शन या डीटीएच कनेक्शन का उपयोग Transac प्लेटफॉर्म के लाभ करते थे। लेकिन अब लोग अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर इंटरनेट के माध्यम से OTT प्लेटफार्म पर अपनी पसंदीदा मूवी या प्रोग्राम आराम से देख सकते हैं।

OTT Platforms Services के प्रकार (Type Of OTT Platform Services)

यूजर्स के लिए कॉन्टेंट के हिसाब ओटीटी प्लेटफॉर्म अलग-अलग सेवाएं देता हैं। हम आपको लोगों के द्वारा यूज किए जाने वाले 3 OTT Services के बारे में बताने जा रहे हैं।

  • Ad-based video-on-demand OTT (AVOD OTT)
  • Subscription Video-on-Demand (SVOD) or Subscription OTT
  • Transaction Based Video-on-Demand (TVOD) OTT

जानें क्या Transac प्लेटफॉर्म के लाभ होते हैं OTT, कैसे होती है कमाई, कहां से आता है पैसा, Transac प्लेटफॉर्म के लाभ कौन से हैं टॉप ओटीटी प्लेटफॉर्म

जानें क्या होते हैं OTT, कैसे होती है कमाई, कहां से आता है पैसा, कौन से हैं टॉप ओटीटी प्लेटफॉर्म

जानें OTT की दुनिया के सारे डिटेल्स

कोरोना महामारी के दौर में डिजिटल वर्ल्ड में एक गजब की क्रांति हुई. शहर से गांव तक ओटीटी प्लेटफॉर्म का चलन बढ़ गया. मोबाइल पर ही लोगों को मनपसंद वेब सीरीज, फिल्में और शो मिलने लगे. अब उन्हें कहीं जानें की जरुरत नहीं थी, पेनड्राइव में मूवी लाने की आवश्यकता नहीं थी. थिएटर में तीन घंटे बिताने की भी चाह नहीं रह गई. दो साल से भी कम वक्त में हर किसी के जीवन का 'ओटीटी' प्लेटफॉर्म्स' अभिन्न अंग बन गया और एंटरटेनमेंट तक लोगों की पहुंच आसान बना दी. आखिर ओटीटी में ऐसा क्या है, जिससे लोगों को मनोरंजन की सारी चीजें मोबाइल पर ही मिलने लगी. आइए जानते हैं ओटीटी की Transac प्लेटफॉर्म के लाभ पूरी एबीसीडी.

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ओटीटी की फुल फॉर्म 'ओवर द टॉप' (Over-the-Top) होती है. यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो कुछ और प्लेटफॉर्म्स की मदद से मोबाइल पर ही वेब सीरीज, फिल्में, और सीरियल उपलब्ध करा देता है. हर तरह का कंटेंट आपको ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मिल जाता है. कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ऐसे भी हैं, जहां कंटेंट देखने को लिए आपसे चार्ज भी किया जाता है, वहीं कुछ बिल्कुल फ्री होते हैं.ओटीटी प्लेटफॉर्म इंटरनेट की मदद से चलते है.

ओटीटी का भारत तक का सफर

अमेरिका से ओटीटी प्लेटफॉर्म की शुरुआत हुई थी. धीरे-धीरे यह भारत तक पहुंची Transac प्लेटफॉर्म के लाभ Transac प्लेटफॉर्म के लाभ और लोगों की लाइफ का पार्ट बन गई. भारत में सबसे पहली बार साल 2008 में ओटीटी प्लेटफॉर्म की शुरुआत हुई थी. रिलायंस एंटरटेनमेंट ने देश का पहला ओटीटी प्लेटफॉर्म Bigflix लॉन्च किया था. दो साल बाद 2010 में Digivive ने NEXG TV नाम से ओटीटी मोबाइल ऐप लॉन्च किए गए. इनमें वीडियो ऑन डिमांड के साथ टीवी देखने की भी सुविधा मिली. वर्तमान में भारत में कई तरह के ओटीटी प्लेटफॉर्म्स हैं.

WhatsApp Accouts Banned: व्हाट्सएप ने नवंबर में भारत में 37 लाख से अधिक आपत्तिजनक खातों पर लगाया बैन

WhatsApp Accouts Banned: व्हाट्सएप ने नवंबर में भारत में 37 लाख से अधिक आपत्तिजनक खातों पर लगाया बैन

WhatsApp Banned Accounts: मेटा-स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने बुधवार को कहा कि उसने नए आईटी नियम 2021 के अनुपालन में नवंबर के महीने में भारत में 37 लाख से अधिक 'आपत्तिजनक' खातों पर प्रतिबंध लगा दिया है. कंपनी ने कहा कि 1 नवंबर से 31 नवंबर के बीच, 3,716,000 व्हाट्सएप खातों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और इनमें से 990,000 खातों को यूजर्स की किसी भी रिपोर्ट से पहले सक्रिय रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया था.

मैसेजिंग प्लेटफॉर्म, जिसके देश में 400 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं, उसे देश में नवंबर में 946 शिकायत रिपोर्ट मिलीं और 'कार्रवाई' के रिकॉर्ड 74 थे. व्हाटसएप के प्रवक्ता ने अनुसार, "आईटी नियम 2021 के अनुसार, हमने नवंबर 2022 के महीने के लिए अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की है.जैसा कि लेटेस्ट मासिक रिपोर्ट में दर्ज किया गया है, व्हाट्सएप ने नवंबर के महीने में 3.7 मिलियन से अधिक खातों पर प्रतिबंध लगा दिया है." यह भी पढ़े: Apple iPhone 16 To be Made in India: रोजगार को लेकर युवकों के लिए खुशखबरी! अब भारत में बनेगा एप्पल का आईफोन 16, इतने करोड़ का होगा निवेश

भारत में सबसे अधिक क्रिप्टो ट्रांजेक्शन के मामले में दिल्ली सबसे आगे: रिपोर्ट

भारत में सबसे अधिक क्रिप्टो ट्रांजेक्शन के मामले में दिल्ली सबसे आगे: रिपोर्ट

क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म CoinSwitch ने हाल ही में अपनी एनुअल इन्वेस्टर रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली में भारत में सबसे अधिक क्रिप्टोकरंसी को अपनाया गया है. इसके बाद राजस्थान की राजधानी और गुलाबी नगरी के नाम से मशहूर जयपुर का नंबर आता है.

बुधवार को प्रकाशित India’s Portfolio 2022 रिपोर्ट,जो इस बात की जानकारी देती है कि देश ने बढ़ती मुद्रास्फीति, बाजार में Transac प्लेटफॉर्म के लाभ गिरावट और एथेरियम मर्ज जैसी ऐतिहासिक घटनाओं के एक वर्ष में कैसे प्रतिक्रिया दी.

CoinSwitch के सीईओ और को-फाउंडर आशीष सिंघल ने कहा, “2022 में आर्थिक, भू-राजनीतिक और बाजार की कठिनाइयों रही है. ऐसे में यह समझना महत्वपूर्ण है कि भारत के निवेशकों ने बदली हुई परिस्थितियों में कैसे प्रतिक्रिया दी."

IMPS kya hai (What is IMPS in Hindi)

Immediate Payment Service (IMPS)रियल टाइम इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर विधि है, जिसके माध्यम से पैसा तुरंत प्राप्तकर्ता / लाभार्थी के खाते में जमा किया जाता है। IMPS ट्रान्सफर 24/7 आधार पर वर्ष में सभी 365 दिन किया जाता हैं यह रविवार और अन्य बैंक अवकाशों पर भी किया जा सकता है। IMPS के माध्यम से, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, एसएमएस, एटीएम आदि जैसे कई चैनलों के माध्यम से इंटरबैंक ट्रांसफर शुरू किया जा सकता है। IMPS सेवाओं का प्रबंधन नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) द्वारा किया जाता है और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के दायरे में आता है।

IMPS Full Form – Immediate Payment Service

नेट बैंकिंग के माध्यम से IMPS ट्रांसफर करने के लिए, रिमिटर को बैंक खाता संख्या, IFSC कोड, बैंक का नाम और बैंक शाखा, आदि जैसे सभी विवरण प्रदान करके लाभार्थी को पंजीकृत करना होगा। Indian Financial System Code (IFSC) एक 11-अंकीय अल्फ़ान्यूमेरिक कोड होता हैं जो RBI द्वारा सभी बैंक शाखाओं को IMPS के माध्यम से फंड ट्रांसफर प्रक्रिया की निगरानी और सुव्यवस्थित करने के लिए सौंपा गया है। आईएमपीएस ट्रांसफर के लिए हर बैंक का एक अलग ट्रांजेक्शन चार्ज होता है Transac प्लेटफॉर्म के लाभ और यह शुल्क केवल उस राशि पर निर्भर करता है जो भेजी जाती है।

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