एल्गोरिथ्म ट्रेडिंग:
Commodity Meaning in Hindi
इस Commodity Meaning in Hindi लेख में, हम कमोडिटी मार्केट क्या है और ये कैसे काम करती हैं, इसके बारे में जानेंगे? इसके साथ – साथ यह भी जानेंगे कि कमोडिटी ट्रेडिंग कहाँ की जाती है और आप कमोडिटी मार्केट से कैसे पैसा कमा सकते है।
आपके पास स्टॉक्स, बांड और करेंसी हो सकती है, हालाँकि कमोडिटी फिजिकल एसेट होते है जबकि स्टॉक्स और बांड्स आदि डिजिटल एसेट होते है।
क्या आप जानते हैं कि स्टॉक मार्केट में हम स्टॉक ट्रेडिंग के अलावा कमोडिटी ट्रेडिंग भी कर सकते हैं, बहुत से लोग कभी-कभी भ्रमित होते हैं कि शेयर ट्रेडिंग और कमोडिटी ट्रेडिंग में क्या अंतर है? तो आइए समझे Commodity Meaning in Hindi…
कमोडिटी मार्केट क्या है?
कमोडिटी का मतलब उन चीजों से होता है जो हम दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं जैसे एलपीजी, चावल, तेल, सोना या चांदी, आदि। कमोडिटी ट्रेडिंग में कमोडिटी एक्सचेंज के माध्यम से दैनिक उपयोग की वस्तुओं की खरीद और बिक्री की जाती है।
जैसे एल्युमिनियम, तांबा, सीसा, निकल, जस्ता, सोना, चांदी, प्लेटिनम, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, चीनी, काली मिर्च, जौ चीनी, काली मिर्च, जौ, गेहूं, सोयाबीन, धनिया, दालें, जीरा, हल्दी, इलायची, मक्का, कपास, आदि, यह सब कमोडिटी ट्रेडिंग के अंदर आती है।
कमोडिटी की ज्यादातर ट्रेडिंग फ्यूचर डेरिवेटिव्स में होती है, यानी इन कमोडिटीज पर हम अलग-अलग समय अवधि के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स को खरीद और बेच सकते हैं।
कमोडिटी फ्यूचर्स को शेयर फ्यूचर्स एक बात अलग करती है कि आप 3 महीने तक के स्टॉक कॉन्ट्रैक्ट्स को खरीद या बेच सकते हैं, जबकि कमोडिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स को 6 महीने तक खरीदा या बेचा जा सकता है।
कमोडिटी कैसे काम करती हैं?
शेयर मार्केट की तरह कमोडिटीज भी एक्सचेंज की मदद से ट्रेड करते हैं। यह वह जगह है कमोडिटी एक्सचेंज एक ऐसी जगह है जहां सभी कमोडिटी की ट्रेडिंग की जाती हैं। इसके लिए देश में कई एक्सचेंज सुविधाएं हैं। लेकिन इसमें से ज्यादातर कमोडिटी ट्रेडिंग एमसीएक्स पर की जाती है।
अभी तक आप Commodity Meaning in Hindi समझ गए होंगे, अभी है समझते है कि कमोडिटी कितने प्रकार की होती है?
सेबी ने कमोडिटी एक्सचेंजों में एल्गोरिथ्म व्यापार नियमों को आसान बनाया
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंजों पर एल्गोरिथ्म ट्रेडिंग के नियमों को आसान कर दिया कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना है। बाजार नियामक ने एल्गोरिथ्म ट्रेडिंग प्रक्रिया का उपयोग करके ट्रेडिंग की सीमा बढ़ा दी है। अब उपयोगकर्ताओं द्वारा किये जाने वाले 20 आर्डर प्रति सेकंड की सीमा को बढ़ाकर 100 ऑर्डर प्रति सेकंड कर दिया गया है।
प्रमुख तथ्य:
सेबी की उपसमिति-कमोडिटी डेरिवेटिव्स एडवाइजरी कमिटी के विचारों के साथ ही एक्सचेंजों से अभ्यावेदन मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया। सेबी ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक्सचेंजों से कहा है कि उपलब्ध कराई गई यह सीमा लोड को संभालने में सक्षम हो।
इसके अलावा, इसने एल्गोरिथ्मिक ट्रेडिंग के सिस्टम ऑडिट के लिए एक्सचेंजों द्वारा सिस्टम ऑडिटर्स के मनोनयन की आवश्यकता को दूर करने का निर्णय लिया है।
सोना वायदा(गोल्ड फ्यूचर्स) में निवेश करने से पहले जानने योग्य बातें
वायदा अनुबंध भविष्य की तारीख पर एक सहमत मूल्य पर किसी वस्तु को खरीदने या बेचने के लिए एक कानूनी समझौता होता है। मान्यता प्राप्त वायदा अनुबंध मानकीकृत होते हैं और वस्तुओं या वित्तीय साधनों के लिए हो सकते हैं। सोना उन वस्तुओं में से है, जिनका एक्सचेंज-ट्रेडेड, औपचारिक समझौतों के रूप में वायदा अनुबंधों के माध्यम से कारोबार किया जाता है।
सदियों से सोना सिक्कों, बार और आभूषणों के रूप में खरीदा और बेचा जाता रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, सोने का कारोबार गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड, गोल्ड बॉन्ड, डिजिटल गोल्ड जैसे रूपों में होने लगा है। वायदा बाजार में काम करने वाले निवेशक मोटे तौर पर सट्टेबाज या हेजर्स होते हैं। सट्टेबाज बाजार का जोखिम लाभ कमाने की उम्मीद से लेते हैं, जबकि हेजर्स मूल्य गिरने के जोखिम का प्रबंधन करने के लिए वायदा अनुबंधों में निवेश करते हैं। उद्देश्य चाहे जो हो, वायदा कारोबार केवल वित्तीय और कमोडिटी बाजार के अच्छे ज्ञान वाले निवेशकों द्वारा ही कुशलतापूर्वक किया जा सकता है। यह ज्ञान न केवल उन्हें बाजार जोखिम का प्रबंधन करने में मदद करता है बल्कि वायदा अनुबंध की लागत और विशेषताओं को भी समझने में सहायक होता है।
भारत में सोने के वायदा कारोबार के विभिन्न पहलू
भारत में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के माध्यम से सोने का वायदा कारोबार किया जा सकता है। सोने का वायदा कारोबार सोने को भौतिक रूप से लिए बिना सोने में निवेश करना है। सोने के वायदा कारोबार कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना के निवेशकों का उद्देश्य सोना लेना या उसमें निवेश करना नहीं होता। वे अपने जोखिमों को हेज करने के लिए सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव को एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना करते हैं।
सोने के वायदा कारोबार के प्रकार: MCX में सोने का वायदा कारोबार कई आकार के लॉट में होता है। लॉट का आकार आपके लेन-देन की कीमत तय करता है। 1 किलो लॉट आकार के सोने के अलावा, गोल्ड मिनी, गोल्ड पेटल और गोल्ड ग़िनीया अनुबंध हैं जो भारत में वायदा कारोबार में आ सकते हैं। मिनी अनुबंध 100 ग्राम का, गिनीया अनुबंध 8 ग्राम का और पेटल अनुबंध 1 ग्राम सोने का होता है। हालांकि, 1 किलो सोने का ट्रेड लोकप्रिय है, इसलिए यह सबसे ज्यादा लिक्विड है।
एक उदाहरण के माध्यम से वायदा अनुबंधों को समझना:
- मान लीजिए कि आप अभी सोने के वायदा अनुबंध में प्रवेश करते हैं। यदि सोने का आखिरी कारोबार मूल्य रु. 50,000 प्रति 10 ग्राम था तो 1 मिनी लॉट के लिए आपके अनुबंध की कीमत रु 50 लाख होगी।
- MCX टिक आकार या न्यूनतम मूल्य 1 रुपए/ प्रति ग्राम है। तो, इस अनुबंध में, आपको प्रत्येक रुपए में वृद्धि या कमी के साथ 100 रुपये का लाभ या हानि होगी। इस अनुबंध से आपको यही लाभ या हानि होगी।
- सबसे पहले, आपको MCX में पंजीकृत ब्रोकर के साथ कमोडिटी ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा। अकाउंट खोलने के लिए एक फॉर्म भरने और बुनियादी KYC दस्तावेज जैसे पहचान और निवास का प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक विवरण आदि प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है।
- आपका अकाउंट खुल कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना जाने के बाद, आपको मार्जिन मनी को ब्रोकर के पास एक मार्जिन अकाउंट में जमा करना होगा। सोने के वायदा कारोबार के अनुबंध दस्तावेज में आपको मार्जिन दर मिल जाएगी। यदि ट्रेडिंग में घाटे के कारण आपकी प्रारंभिक मार्जिन राशि कम हो जाती है, तो आपको एक रखरखाव कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना मार्जिन राशि जमा करना होगा। यह वह राशि है जिसका भुगतान करना प्रारंभिक मार्जिन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
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दोस्तों शेयर बाजार में वस्तु की खरेदी बिक्री होती है। तो उस ट्रेडिंग को commodity trading कहा जाता है। तो उसी कमोडिटी ट्रेडिंग में mcx ट्रेडिंग आती है। ये वस्तुओ से संबंधित ट्रेडिंग होती है। जिसे हम फिज़िकली देख सकते है। उन वस्तुओ की mcx में ट्रेडिंग की जाती है।
mcx का अर्थ होता है multi commodity exchange(मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) .mcx को मल्टी कमोडिटी इसीलिए कहा जाता है। क्युकी इसमें कई सारे सेगमेंट में ट्रेडिंग की जाती है। खासकर mcx में तीन तरीके के सेगमेंट में ट्रेडिंग की जाती है। जैसे की –
- bullion (बुलियन)
- base metal (बेस मेटल)
- energy (एनर्जी)
इन तीनो सेगमेंट में mcx में .इसीलिए mcx को मल्टी कमोडिटी कहा जाता है। जैसे की nse aur bse में स्टॉक की खरेदी बिक्री की जाती है। वैसे ही mcx में कमोडिटी की खरेदी बिक्री की जाती है। और मार्किट में इन तीनो सेगमेंट में खरेदी बिक्री होती है। तो चलिए इन तीनो सेगमेंट को विस्तार में समझते है।
mcx commodity trading time
कमोडिटी में आप सुबह ९am बजे से लेकर रात के ११;३०pm तक आप ट्रेडिंग कर सकते है। जो लोग जॉब करते है। उनके लिए इसमें ट्रेडिंग करना आसान है। क्युकी आप रात को भी कमोडिटी में ट्रेडिंग कर सकते है।
अभी हमने जाना की mcx kya hota hai .और आगे हम जानेंगे की mcx काम कैसे करता कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना है।
mcx kam kaise karta hai
जैसे की मैंने बताया। हम शेयर्स की खरेदी बिक्री के लिए nse और bse का इस्तेमाल करते है। वैसेही हमें जो नैसर्गिक वस्तुए है। उनकी खरेदी बिक्री हम mcx में कर सकते है। सिंपल भाषा में कहा जाये तो कमोडिटी का mcx एक एक्सचेंज है। हमलाकि कमोडिटी में भी दो प्रकार होते है।
जैसे ये हम अभी देख रहे mcx और दूसरा होता है ncdex .यानि की कमोडिटी मार्किट में हम खेत में उगने वाले। या नैसर्गिक रूप से उत्पन्न होने वाली वस्तुओ की ट्रेडिंग कर सकते है। जैसे की सोयाबीन ,चना ,कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना बाजरा गेहूं। इन सब चीजों की खरेदी बिक्री कमोडिटी मार्किट में nsdex कमोडिटी एक्सचेंज में की कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना जाती है।
निष्कर्ष
mcx कमोडिटी मार्किट में ट्रेडिंग करने के लिए किसी भी भारत के ब्रोकर के साथ अपना डीमेट खाता खोलना होगा। और फिर आप घर बैठे अपने मोबाइल से mcx में सोना ,चांदी ,गैस ,क्रूड ऑइल में ट्रेडिंग कर सकते है।
अर्थातः कहीं ये 'वो’ तो नहीं!
- नई दिल्ली,
- 10 जुलाई 2021,
- (अपडेटेड 10 जुलाई 2021, 9:34 AM IST)
योसेरियन एक लड़ाकू पायलट था. किस्सा दूसरे विश्व युद्ध का है. जंग से बचने के लिए उसने खुद को पागल करार दे दिया. डॉक्टर ने रिपोर्ट दी कि जो युद्ध नहीं करना चाहता वह पागल हो नहीं सकता (युद्ध के लिए तो पागलपन जरूरी है). यानी कि अगर उसे खुद को पागल साबित करना था तो जहाज से बम बरसाने थे. लेकिन अगर यही करना है तो खुद को पागल कहलाने से फायदा क्या?
योसेरियन, जोसफ हेलर के उपन्यास कैच 22 का पात्र है. अंतरविरोध बताने वाला अंग्रेजी मुहावरा इसी उपन्यास की देन है.
क्रिप्टोकरेंसी में फंसे लाखों निवेशक योसेरियन बन रहे हैं. इस बाजार में दिसंबर 2020 तक (एक साल में 600 फीसद की बढ़त) 5.6 अरब डॉलर (क्वाइन शेयर) लग चुके थे. इस जून तक कारोबार 2 कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना ट्रिलियन (20 खरब) डॉलर तक पहुंच गया. लेकिन यह किसी को पता नहीं कि वे जो खरीद या बेच रहे हैं वह कमोडिटी, करेंसी या मुद्रा, सिक्योरिटी अथवा पेंमेंट सिस्टम, आखिर है क्या ?
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