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क्या है बिटकॉइन जिसकी कीमत आसमान छू रही है

क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत बुधवार को पहली बार 20 हजार डॉलर के पार चली गई है. आखिर क्या है ये करेंसी और कैसे काम करती है. दुनिया भर में कभी यह कुख्यात भी हई थी.

तीन साल पहले यही वो वक्त था जब पहली बार अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट में इसके कारोबार को मंजूरी मिली और तब इसकी कीमत आसमान पर पहुंच गई. बीच में काफी बुरा हाल देखने के बाद इसकी कीमत नई ऊंचाइयों को छू रही है.

अनिश्चितता के दौर में पैसा सुरक्षित रखने के दूसरे तरीकों की तरह ही बिटकॉइन को भी कोरोना महामारी से काफी फायदा हुआ है. सोना, चांदी, प्लैटिनम की कीमत इस दौर में कई गुना बढ़ी है और बिटकॉइन भी इसमें शामिल हो गया है. बिटकॉइन की खास संरचना के कारण अब और बिटकॉइन ज्यादा संख्या में नहीं बन पा रहा है ऐसे में जो बिटकॉइन हैं उनका कारोबार तेज हो गया है.

बिटकॉइन कैसे काम करता है

बिटकॉइन एक डिजिटल मुद्रा है. यह किसी बैंक या सरकार से नहीं जुड़ी है और इसे बिना पहचान जाहिर किए खर्च किया जा सकता है. बिटकॉइन के इन सिक्कों को यूजर बनाते हैं. इसके लिए उन्हें इनको "माइन" करना पड़ता है. "माइन" के लिए उन्हें गणना करने की क्षमता देनी होती है और इसके बदले में उन्हें बिटकॉइन मिलते हैं. बिटकॉइन के सिक्कों को शेयर बाजारों में अमेरिकी डॉलर और दूसरी मुद्राओं के बदले खरीदा भी जा सकता है. कुछ कारोबार में बिटकॉइन मुद्रा के रूप में इस्तेमाल होती है हालांकि बीते कुछ सालों में इसकी लोकप्रियता ठहरी हुई है.

तस्वीर: picture-alliance/empics/D. Lipinski

बिटकॉइन के साथ क्या हुआ है

दिसंबर 2017 में बिटकॉइन फ्यूचर को अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट में कारोबार की इजाजत मिली. शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज और शिकागो बोर्ड ऑप ट्रेड ने इनकी खरीद बिक्री को मंजूरी दी थी. बिटकॉइन को लेकर दिलचस्पी इतनी ज्यादा थी कि कारोबार की अनुमति मिलते ही इसकी कीमतों में भारी उछाल आया. 2017 के शुरुआत में इस मुद्रा की कीमत 1000 डॉलर थी जो साल के आखिर में बढ़ कर 19,783 तक पहुंच गई.

हालांकि कारोबार शुरू होने के बाद बिटकॉइन फ्यूचर अगले कुछ महीनों में तेजी से नीचे आया. एक साल बाद ही इसकी कीमत घट कर 4000 डॉलर पर चली गी. निवेशकों और बिटकॉइन में दिलचस्पी रखने वालों ने बताया कि 2017 में आए उछाल की बड़ी वजहें सट्टेबाजी और मीडिया का आकर्षण थे.

अभी बिटकॉइन का क्या मोल है

कॉइनबेस के मुताबिक एक बिटकॉइन की कीमत लगभग 20,700 डॉलर है. कॉइनबेस एक प्रमुख डिजिटल करेंसी एक्सचेंज है जो दूसरे टोकन और मुद्राओं का भी कारोबार करती है. हालांकि बिटकॉइन की कीमत अस्थिर है और यह एक हफ्ते में ही सैकड़ों या हजारों डॉलरों का उतार चढ़ाव देखती है. एक महीने पहले इसकी कीमत 17,000 डॉलर थी और एक साल पहले 7000 डॉलर.

बिटकॉइन एक बहुत जोखिम वाला निवेश है और पारंपरिक निवेश के तरीकों जैसे कि शेयर या फिर बॉन्ड की तरह व्यवहार नहीं करता, जब तक कि खरीदार कई सालों तक इस मुद्रा को अपने पास ना रखे. उदाहरण के लिए एसोसिएटेड प्रेस ने 100 अमेरिकी डॉलर की कीमत के बिटकॉइन खरीदे ताकि वह इस मुद्रा पर नजर रख सके और व्यापार में इसके इस्तेमाल के बारे में खबर दे सके. इस पोर्टफोलियो का खर्च इस महीने जा कर अपने मूलधन पर पहुंचा है.

बिटकॉइन को इतना पसंद क्यों किया गया

बिटकॉइन वास्तव में एक कंप्यूटर कोड की श्रृंखला है. यह जब भी एक यूजर से दूरे के पास जाता है तो इस पर डिजिटल सिग्नेचर किए जाते हैं. लेन देन खुद को गोपनीय रख कर भी किया जा सकता है. इसी वजह से यह आजाद ख्याल के लोगों, तकनीकी दुनिया के उत्साही, सटोरियों और अपराधियों के बीच काफी लोकप्रिय है.

बिटकॉइन को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. इस वॉलेट को या तो कॉइनबेस जैसे एक्सचेंज के जरिए ऑनलाइन हासिल किया जा सकता है या फिर ऑफलाइन हार्ड ड्राइव में एक खास सॉफ्टवेयर के जरिए. बिटकॉइन का समुदाय यह तो जानता है कि कितने बिटकॉइन हैं लेकिन वे कहां हैं इसके बारे में सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है.

कौन इस्तेमाल करता है बिटकॉइन

कुछ कारोबार बिटकॉइन का इस्तेमाल कर रहे हैं जैसे कि ओवरस्टॉक डॉट कॉम बिटकॉइन में भुगतान स्वीकार करता है. मुद्रा इतनी मशहूर है कि ब्लॉकचेन. इंफो के मुताबिक औसतन हर दिन 3,00,000 लेने देन होते हैं. हालांकि इसकी लोकप्रियता नगद या क्रेडिट कार्ड की तुलना में कम ही है. बहुत सारे लोग और कारोबार में इसे भुगतान के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

बिटकॉइन की सुरक्षा

बिटकॉइन नेटवर्क सामूहिक अच्छाई के लिए कुछ लोगों की लालसा पर निर्भर करता है. तकनीक के जानकार कुछ लोग जिन्हें माइनर कहा जाता है वो इस तंत्र में गणना की क्षमता ब्लॉकचेन में डाल कर इसे ईमानदार बनाए रखते हैं. ब्लॉक चेन हर बिटकॉइन के लेनदेन का हिसाब रखता है. इस तरह से यह उन्हें दो बार बेचे जाने को रोकता है और माइनरों को उनकी कोशिशों के लिए जब तक तोहफों में बिटकॉइन दिए जाते हैं. जब तक माइनर ब्लॉकचेन को सुरक्षित रखेंगे इसकी नकल करके नकली मुद्रा बनने का डर नहीं रहेगा.

यहां तक कैसे पहुंचा बिटकॉइन

यह एक रहस्य है. बिटकॉइन को 2009 में एक शख्स या फिर एक समूह ने शुरू किया जो सातोषी नाकामोतो के नाम से काम कर रहे थे. उस वक्त बिटकॉन को थोड़े से उत्साही लोग ही इस्तेमाल कर रहे थे. जब ज्यादा लोगों का ध्यान उस तरफ गया तो नाकामोतो को नक्शे से बाहर कर दिया गया. हालांकि इससे मुद्रा को बहुत फर्क नहीं पड़ा यह सिर्फ अपनी आंतरिक दलीलों पर ही चलता रहा.

2016 में एक ऑस्ट्रेलिया उद्यमी ने खुद को बिटकॉइन के संस्थापक के रूप में पेश किया. हालांकि कुछ दिनों बाद ही उसने कहा कि उसके पास सबूतों को जाहिर करने की "हिम्मत नहीं है." इसके बाद से इस मुद्रा की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है.

बिटकॉइन क्या है किसने बनाया और कैसे खरीदें | Bitcoin In Hindi

Bitcoin Kya Hai In Hindi: बिटकॉइन का नाम तो आप लोगों ने जरुर सुना होगा, क्योंकि आज के समय में यह Crptocurrency बहुत चर्चा में है इसलिए सभी लोग बिटकॉइन के बारे में जानना चाहते हैं. बिटकॉइन या टेक्नोलॉजी में रूचि रखने वाले लोग अक्सर इंटरनेट पर सर्च करते हैं कि Bitcoin क्या होता है.

अगर आपको भी बिटकॉइन के बारे में जानना है तो यह लेख आपके लिए ही है. हमने इस लेख के द्वारा कोशिस की है कि आपको बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करा सकें.

इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Bitcoin क्या है इन हिंदी, बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया, बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है, आप कैसे एक बिटकॉइन खरीद सकते हैं, बिटकॉइन के फायदे और नुकसान क्या हैं और क्या भारत में बिटकॉइन लीगल है.

हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख में आपके बिटकॉइन से सम्बंधित अनेक सारे Confusion दूर हो जायेंगे, लेकिन उसके लिए आपको इस लेख को पूरा पढना होगा. तो चलिए शुरू करते हैं आज का बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है यह लेख और जानते हैं बिटकॉइन क्या होता है विस्तार से.

बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है

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जानिए क्या है बिटकॉइन और क्यों चढ़ रही है कीमत?

इन दिनों निवेश की दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा में बिटकॉइन है. मगर क्या आप जानते हैं कि क्या है बिटकॉइन? लगातार क्यों चढ़ रही हैं इसकी कीमतें?

जानिए क्या है बिटकॉइन और क्यों चढ़ रही है कीमत?

भारत में भी नियामक संस्थाएं बिटकॉइन से खुश नहीं हैं. आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारी सुदर्शन सेन ने सितंबर में कहा था कि केंद्रीय बैंक इस तरह की 'गैर-व्यवस्थित' क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार से सहज नहीं है. मगर सवाल उठना लाजमी है कि बिटकॉइन क्या है और यह कैसे काम करता है?

क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी है. अंग्रेजी शब्द 'क्रिप्टो' का अर्थ गुप्त होता है. यह एक प्रक्रार की डिजिटल करेंसी है, जो क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर संचालित और बनाई जाती है. क्रिप्टोग्राफी का अर्थ को कोडिंग की भाषा को सुलझाने की कला है.

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बिटकॉइन को आप छू नहीं सकते यानी की यह डिडिटल फॉर्म में ही रहती हैं. यही इसकी सबसे खास बात है. दूसरे शब्दों में आप इसे विकेंद्रीकृत डिजिटल करेंसी भी कह सकते बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है हैं. बिटकॉइन का आविष्कार साल 2009 में सतोषी नाकामोटो ने किया था.

कैसे करता हैं यह काम?
बिटकॉइन विशेषज्ञ हितेश मालवीय का कहना है कि बिटकॉइन वर्चुअल कॉइन (कृत्रिम सिक्के) हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं. इस तरह पैसों के लेन-देन के लिए आपकों बैंकों तक जाने की जरूरत नहीं है.

यदि आपके पास बिटकॉइन है, तो इसकी कीमत और वैल्यू उसी तरह मानी जाएगी जैसे ईटीएफ में कारोबार करते समय सोने की होती है. आप बिटकॉइन के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं और इसे निवेश के रूप में भी रख सकते हैं.

बिटकॉइन एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर किए जाते हैं. ये ई-वॉलेट्स आपका निजी डेटाबेस होते हैं, जिसे आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट या किसी ई-क्लाउड पर स्टोर करते हैं.

बिटकॉइन का रिटर्न
बिटकॉइन ने अपनी एंट्री के साथ ही गगनचुंबी रिटर्न दिए हैं. सात सालों में बिटकॉइन ने 10 रुपये के निवेश को 6.2 लाख रुपये कर दिया. इस साल बिटकॉइन ने जनवरी से नवंबर के दौरान 900 फीसदी का रिटर्न दिया है.

Bitcoin

Bitcoin is a digital currency that is not tied to a bank or government and allows users to spend money anonymously.

बुधवार को ही अमेरिकी बाजार में इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत $10,000 के स्तर के पार गई. कमाल की बात यह है कि इसकी मांग और लोगों की बिटकॉइन के लिए दिवानगी का आलम यह था कि चंद ही घंटों में यह करेंसी 20 फीसदी की छलांग लगाकर $11,000 का स्तर भी पार कर गई.

इस करेंसी की अस्थिरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक ही दिन में इसकी कीमत $11,434 के सर्वोच्च स्तर को छूने के बाद $9,009 तक भी लुढ़क गई. अमेरिकी बाजार पर काफी समय तक इसकी कीमतों में कोई फेरबदल देखने को नहीं मिला.

चिंता के बादल
गौरतलब है कि इस सितंबर के अंत तक इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत $4,171.25 थी. कई विशेषज्ञ इस गु्ब्बारे ही हवा निकलने के संकेत दे रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इतने कम समय में दोगुना रिटर्न देने के बाद असली सवाल यह कि वे निवेशकों को कब बाहर जाने कि सलाह दें.

इसमें कोई दो राय नहीं कि बिटकॉइन के रिटर्न असाधारण हैं. इस बुलबुल के फूटने के संकेत इस बात से भी लगाए जा रहे हैं कि जहां एक तरफ कुछ दिग्गजों को उम्मीद हैं कि बिटकॉइन 2018 के अंत तक $40,000 डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा, वहीं 2017 में यह तीन दफा एक ही सत्र में 25 फीसदी तक टूट चुका है.

Explainer: क्या है बिटकॉइन सिटी, क्या होगी इसकी खासियत, इन्वेस्टर्स को कैसे होगा फायदा?

सितम्बर में अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को अपनाया था, जिसके बाद यह दुनिया का पहला देश बन गया था जिसने क्रिप्टो को क़ानूनी मान्यता दी. 7 सितम्बर को अल सल्वाडोर में कानूनी मान्यता दी गयी थी. अल सल्वाडोर ने जब बिटकॉइन को अपनाया उसके बाद कई दूसरे देश भी डिजिटल करेंसी की तरफ सकारात्मक रुख अपनाने लगे हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर

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gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2021,
  • (Updated 23 नवंबर 2021, 8:34 PM IST)

सबसे पहले अल सल्वाडोर ने दी बिटकॉइन को क़ानूनी मान्यता

निवासियों को नहीं देना होगा कोई टैक्स

क्रिप्टो-करेंसी बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है को कहा जाता है ‘डिजिटल गोल्ड’

जरा सोचिये 13 साल पहले एक आइडिया जो केवल एक इंसान के दिमाग में था आज लाखों लोगों द्वारा ट्रेडिंग का एक जरिया बन गया है. ये है अल्टरनेट फाइनेंशियल सिस्टम, बिटकॉइन. अब इसका एक शहर बनने जा रहा है. जी हां, मध्य अमेरिका का देश अल सल्वाडोर दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी बनाने वाला है. ये एक अलग शहर होगा जहां लोग इन्वेस्ट कर सकेंगे.

इस शहर को बिटक्वाइन पर आधारित बॉन्ड्स के जरिए फंड किया जाएगा. अल साल्वाडोर बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है के राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने इसकी घोषणा की है. उन्होंने अपने देश की इकोनॉमी में निवेश बढ़ाने के लिए क्रिप्टो करेंसी पर ये बड़ा दांव लगाने का ऐलान किया है. दुनिया का पहला बिटकॉइन शहर ला यूनियन के ईस्टर्न रीजन में बनाया जाएगा वैट (Value Added Tax) के अलावा दूसरा किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा. बुकेले ने इस शहर में निवेश करने के लिए लोगों को आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि “यहां निवेश करिए और भरपूर रिटर्न हासिल करिए.”

सबसे पहले अल सल्वाडोर ने दी बिटकॉइन को क़ानूनी मान्यता

आपको बता दें, सितम्बर में अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को अपनाया था, जिसके बाद यह दुनिया का पहला देश बन गया था जिसने क्रिप्टो को क़ानूनी मान्यता दी. 7 सितम्बर को अल सल्वाडोर में कानूनी मान्यता दी गयी थी. अल सल्वाडोर ने जब बिटकॉइन को अपनाया उसके बाद कई दूसरे देश भी डिजिटल करेंसी की तरफ सकारात्मक रुख अपनाने लगे हैं. पराग्वे, अर्जेंटीना, ब्राजील और पनामा में भी क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता देने पर विचार किया जा रहा है.

कैसा होगा बिटकॉइन शहर?

न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के अनुसार, बिटकॉइन शहर बिटकॉइन के रूप में ही बनाया जायेगा, इसके केंद्र में एक प्लाजा होगा जो एक विशाल बिटकॉइन की तरह दिखेगा. इस शहर को कोंचागुआ ज्वालामुखी (Conchagua volcano) के पास बनाया जाएगा. आपको बता दें, अल सल्वाडोर पहले से ही टेकापा ज्वालामुखी के बगल में एक अन्य जियोथर्मल पावर प्लांट बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट चला रहा है.

आपको बता दें, बुकेले के अनुसार, बिटकॉइन शहर के निवासियों को किसी प्रकार की कोई आय, संपत्ति, पूंजीगत लाभ या पेरोल टैक्स नहीं देना होगा. इस शहर का निर्माण विदेशी निवेश को ध्यान में रखकर किया जाएगा.

उन्होंने आगे बताया कि बिटकॉइन शहर में आवासीय क्षेत्र, मॉल, रेस्तरां और एक बंदरगाह होगा. देश के पास डिजिटल शिक्षा, प्रौद्योगिकी और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन तक पहुंच होगी.
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निवासियों को नहीं देना होगा कोई टैक्स

इसके अलावा, वहां केवल एक ही टैक्स लिया जायेगा, वैल्यू एडेड टैक्स (Value added tax), जिसमें से आधा मुन्सिपल बांड का भुगतान करने के लिए और शेष नगरपालिका के बुनियादी ढांचे और रखरखाव के लिए उपयोग किया जाएगा. बुकेले ने बताया कि "कोई संपत्ति, आय या नगरपालिका टैक्स नहीं होगा और शहर में शून्य कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन (Zero zero carbon dioxide emissions) होगा. हालांकि ये शहर कबतक तैयार होगा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है.

क्या है क्रिप्टो-करेंसी?

आसान शब्दों में समझें, तो क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) एक डिजिटल एसेट है. जैसे यूएस डॉलर को यूएस का सेंट्रल बैंक कंट्रोल करता है, भारतीय रुपये को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया कंट्रोल करता बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है है, ऐसे ही बिटकॉइन और क्रिप्टोकोर्रेंसी को कोई सेंट्रल बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीटूशन कण्ट्रोल नहीं करता है.

कैसे करती है काम?

सभी बिटकॉइन ट्रांजेक्शन का एक पब्लिक खाता होता है, जिसे हम लेजर फॉर्म कहते हैं. इस खाते की कॉपी सभी बिटकॉइन सिस्टम पर होती है. मान लीजिये किसी ‘A’ नाम के शख्स को दूसरे, ‘B’ नाम के शख्स के खाते में 4 बिटकॉइन भेजने हैं, ऐसे में माइनर्स (Miners) यह कन्फर्म करते हैं कि वह ट्रांसफर ठीक हुआ है या नहीं. हर एक बिटकॉइन ट्रांजेक्शन का एक यूनिक बिटकॉइन वेरिएबल होता है. इस वेरिएबल या इकुएशन को सोल्व करके ये ट्रांजेक्शन पूरा किया जाता है.

‘डिजिटल गोल्ड’ के फायदे?

कई लोग जहां क्रिप्टो करेंसी को इन्वेस्टमेंट के रूप में प्रयोग करते हैं तो कुछ लोग इसे अल्टरनेटिव करेंसी (Alternative currency) के रूप में लेते हैं. आज लाखों लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. जिस तरह से हम सोने का उपयोग करेंसी के रूप में करते हैं ठीक उसी तरह क्रिप्टो का कर पाएंगे. इसे हम भविष्य के लिए भी रख सकते हैं और इसीलिए इसे ‘डिजिटल गोल्ड’ (Digital Gold) भी कहा जाता है. हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि इसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है.

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