Zee Business हिंदी 3 घंटे पहले ज़ीबिज़ वेब टीम

30 साल का लड़का जिसने एक दिन में गंवा दिए 15 बिलियन डॉलर, कैसे क्रिप्टो किंग बना कंगाल

152 बिलियन डॉलर! ये वो रकम है जिसे दुनिया की 15 क्रिप्टोकरेंसी ने सिर्फ 3 दिनों में गंवाया है. वजह है, आजकल चर्चा में चल रहे 30 साल के घुंघराले बालों वाले क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म FTX के पूर्व-CEO सैम बैंकमैन फ्रायड (Sam Bankman-Fried). ट्विटर पर SBF के नाम से मशहूर, एक प्रोफेसर के बेटे और MIT से ग्रेजुएट, तेज तर्रार, जिसे क्रिप्टो इंडस्ट्री का JP Morgan , जेफ बेजोस और अगला वॉरेन बफे तक कहा गया, एक समय फ्रायड की क्रिप्टो इंडस्ट्री में इतनी इज्जत थी कि लोग उन्हें मसीहा मानते थे. लेकिन वो निकला क्रिप्टो इंडस्ट्री का सबसे बड़ा विलेन.

3 दिन में 80% वैल्यू साफ

कहानी शुरू होती है 6 नवंबर से, जब इसके FTT टोकन की वैल्यू लगातार गिरने लगती है और महज तीन दिन में इसकी 80% वैल्यू खत्म हो जाती है. इस घटना से पूरी क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री सदमे में आ जाती है. तो ऐसा क्या हुआ कि जो FTX कभी क्रिप्टो इंटस्ट्री के लिए हीरो था, अचानक से जीरो हो गया.

FTX में जमकर आया निवेश

थोड़ा फ्लैशबैक में चलते हैं- साल 2017 में फ्रायड ने क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग कंपनी Alameda Research नाम से एक फर्म की शुरुआत की. अब इस Alameda Research का नाम याद रखिएगा, क्योंकि सारा खेल यहीं होना है. इसके दो साल बाद साल 2019 में सैम ने क्रिप्टोकरेंसी की खरीद और बिक्री के लिए FTX नाम से क्रिप्टो एक्सचेंज खोला. सैम बैंकमैन ने इतना भरोसा कमाया कि निवेशकों ने झोली भर भरकर इसमें निवेश किया. जिसमें दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज Binance ने भी निवेश किया, हालांकि Binance के फाउंडर चांगपेंग ट्रेडिंग क्या हैं? झाओ, सैम के पक्के दोस्त भी हैं.

FTX बहुत तेजी से बढ़ा

FTX इतनी तेजी से बढ़ा कि ये देखते देखते डेरिवेटिव ट्रेडिगं के लिए चौथा सबसे बड़ा क्रिप्टोएक्सचेंज बन गया. बड़े-बड़े सेलेब्रिटीज ने FTX के ऐड और प्रमोशन किए. सबकुछ बढ़िया चल रहा था, निवेशक मुनाफा कमा रहे थे. वो एक मसीहा के तौर पर उबर रहे थे. तमाम टीवी, न्यूजपेपर्स में हर जगह उनके इंटरव्यू छप रहे थे, FTX इतना बड़ा हो रहा था कि लोग उसे Binance के समकक्ष खड़ा करने लगे थे.

पर्दे के पीछे सैम लिख रहा था कुछ और कहानी

लेकिन जो दिख रहा था, हकीकत उससे थोड़ी अलग थी. पर्दे के पीछे सैम बैंकमैन क्या खेल कर रहा था, ये सिर्फ उसी को पता था. वो दिन भी आया जब सैम बैंकमैन की सच्चाई से पर्दा उठने लगा. 2 नवंबर का वो दिन जब CoinDesk की एक रिपोर्ट ने पूरी क्रिप्टो इंडस्ट्री को हिलाकर रख दिया, क्योंकि रिपोर्ट में बात ही कुछ ऐसी छपी थी. रिपोर्ट में सैम ट्रेडिंग क्या हैं? बैंकमैन की कंपनी Alameda Research की बैलेंस शीट के लीक डेटा के हवाले से बताया गया था कि जून 30 जून तक Alameda के पास 14.6 बिलियन डॉलर के असेट हैं, इसमें से ज्यादातर FTT टोकन FTX की ओर से जारी किए गए थे.इस रिपोर्ट ने क्रिप्टो इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया, FTX के पास तीन दिन के भीतर ही 6 बिलियन डॉलर निकालने की रिक्वेस्ट आ गई, लेकिन इतना पैसा एक्सचेंज के पास था ही नहीं.

जब Binance ने बेच दिए लाखों के FTT

दूसरी तरफ 6 नवंबर को Binance ने लाखों डॉलर के FTT बेच दिए, 2 दिन के बाद FTX टूटकर गिर गया. लेकिन दो दिन बाद ही, 8 नवंबर को Binance सामने आता है और ऐलान करता है कि वो FTX को खरीदेगा, इसके लिए उसने एक नॉन बाइंडिंग डील भी किया है. ऐसा लगा मानो FTX ने पैसों की किल्लत को दूर कर लिया है. लेकिन इस डील के ऐलान के बाद सैम बैंकमैन की निजी संपत्ति 94 परसेंट तक गिर गई. 8 नवंबर को डील से पहले सैम की कुल संपत्ति 15 बिलियन डॉलर थी, लेकिन 10 नवंबर को उसकी संपत्ति से 14 बिलियन डॉलर साफ हो गए थे. सिर्फ तीन दिनों में सैम बैंकमैन अर्श से फर्श पर आ गया. FTX का Token Price जो नवंबर को 25 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था, आज उसकी वैल्यू 1 डॉलर पर आ चुकी है.

Binance ने डील से हाथ खींचा

लेकिन इंतजार था कि Binance डील को लेकर ट्रेडिंग क्या हैं? अब अगला क्या कदम उठाता है. वो इस डील को कब पूरा करेगा. लेकिन हुआ कुछ ऐसा जिसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी. ठीक अगले ही दिन 9 नवंबर को, Binance ने डील से हाथ वापस खींच लिया. खबर छपी की FTX ने ग्राहकों के पैसों का गलत इस्तेमाल किया है. उसने अपने क्रिप्टो एक्सचेज के ग्राहकों के 10 बिलियन डॉलर अपनी ट्रेडिंग फर्म Alameda Research को ट्रांसफर किए हैं, कंपनी इसका इस्तेमाल ट्रेडिंग के लिए करती थी, यानी ग्राहकों के पैसों पर सैम बैंकमैन दांव लगा रहा था.

शिकंजे में SBF

मामला बढ़ता देख सैम बैंकमैन ने 11 नवंबर को खुद को दिवालिया घोषित कर दिया.सैम बैंकमैन-फ्राइड को सोमवार को बहामास में गिरफ्तार किया गया. मजे की बात ये है कि मार्च 2022 तक जिस कंपनी की वैल्यू 32 बिलियन डॉलर थी, उसे डुबाने के बाद, सैम बैंकमैन का कहना है कि उसने फ्रॉड करने की कभी कोशिश तक नहीं की, वह नहीं जानता था कि उसके क्रिप्टो बिजनेस के भीतर क्या चल रहा है. खैर ये सफाई हजम करना तो मुश्किल है. नजरें टिकी हैं कि सैम के ट्रायल पर, देखना होगा कि सैम क्या खुलासे करता है.

एमसीएक्स के ट्रेडिंग प्रौद्योगिकी बदलाव पर सेबी की नजर

यह मामला मद्रास उच्च न्यायालय में भी पहुंच गया है। निवेशकों के एक समूह ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) एमसीएक्स पर ट्रेडिंग के लिए इस्तेमाल की जा रही सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपे।

इस याचिका पर सेबी ने न्यायालय से जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए मोहलत मांगी है। इसके साथ ही न्यायालय ने एमसीएक्स, एमसीएक्स क्लियरिंग कॉरपोरेशन और उनके सीईओ एवं मुख्य तकनीकी अधिकारी को नोटिस भी जारी किया है।

कुछ अधिकारियों ने नाम सामने न आने पर शर्त पर कहा कि एमसीएक्स के ट्रेडिंग प्रौद्योगिकी बदलाव के लिए किए जा रहे परीक्षण सत्रों पर सेबी की करीबी निगाह बनी हुई है। अभी तक के परीक्षण सत्रों में कुछ खामियां पाई गई हैं।

इस बारे में प्रतिक्रिया के ट्रेडिंग क्या हैं? लिए भेजे गए सवालों का एमसीएक्स की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है।

आरवीएनएल के स्टॉक में ट्रेडिंग करेक्शन का समय है : शोमेश कुमार की सलाह

बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार : आरवीएनएल के स्टॉक में अभी ट्रेडिंग करेक्शन लग रहा है। इसमें कोई दिक्कत नहीं है। अभी इसे 62 रुपये के स्तर पर जाकर रुकना चाहिये। इसके नीचे अगर ये खिसका तो लंबा चला जायेगा और फिर दिक्कत हो सकती है। 75-76 रुपये के स्तर से पहले इसका ऊपर ट्रेंड बहाल नहीं होगा। यह स्टॉक कंसॉलिडेट करेगा। बाकी इसमें कुछ खास परेशान होने जैसा नहीं है।

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Budget 2023: ब्रोकर्स की बजट को लेकर लंबी चौडी विशलिस्ट, जानिए क्या-क्या हैं उम्मीदें

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Budget 2023: हर साल की तरह इस साल भी ब्रोकर्स (Brokers) की बजट को लेकर लंबी चौडी विशलिस्ट है. ब्रोकर्स की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से मांगों में सेबी रजिस्टर्ड इंटरमीडियरीज के लिए इंडस्ट्री का दर्जा, इनकम क्लासिफिकेशन घटाया जाए, शामिल हैं. और क्या-क्या उम्मीदें हैं और इससे क्या फायदे होंगे? इस पर ज़ी मीडिया संवाददाता ब्रजेश कुमार ने ANMI के प्रेसिडेंट कमलेश शाह और CPAI के प्रेसिडेंट नरिंदर वाधवा से बात की.

वाधवा का कहना है कि ब्रोकर संगठनों की बजट में वित्त मंत्री से 7 कमोडिटी पर लगी पाबंदी हटाने की मांग की है. उनका कहा है कि मांग कि सौदे करने की लागत को घटाया जाए. सौदा करना महंगा होने पर मार्केट शिफ्ट होने का डर है.

इसके अलावा, STT, CTT के लिए 88E के तहत छूट मिलनी चाहिए. सेक्शन 111 A के तहत STCG पर 1 लाख रुपये की छूट. कारोबार आसान करने के लिए और कदम उठाए जाएं. NRI KYC, PMS AIF, ESOP फाइनेंसिंग आसान हो. सेक्शन 194 के तहत TDS कटौती सीमा 10,000 रुपये हो. बीते साल एग्री कमोडिटी ट्रेडिंग में लगी पाबंदी खत्म हो.

Indore News: भारत में मंदी की आशंका नहीं, क्रिप्टो करेंसी के लालच से बचें, देश के मशहूर वित्तीय सलाहकार सुशांत बिंदल बोले

Indore News: देश के मशहूर वित्तीय सलाहकार सुशांत बिंदल ने नईदुनिया से की खास बात बोले सोने में अब उच्च स्तर की उम्मीद नहीं। सोशल मीडिया पर फर्जी मैसेज आते हैं। लोग टिप दे रहे हैं और प्रभावित होकर युवा पैसा लगा रहे हैं और फंस रहे है।

Indore News: भारत में मंदी की आशंका नहीं, क्रिप्टो करेंसी के लालच से बचें, देश के मशहूर वित्तीय सलाहकार सुशांत बिंदल बोले

Indore News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। देश में युवा वित्तीय सलाहकार के रूप में प्रसिद्धी हासिल करने वाले सुशांत बिंदल ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर चेतावनी जारी की है। साथ ही उन्हें नहीं लगता कि सोने के दाम अब ऊंचाई पर पहुंचेंगे। इंदौर चार्टर्ड अकाउंटेंट एसोसिएशन के विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रम में पहुंचे सुशांत से नईदुनिया ने खास बात की। इंटरनेट मीडिया पर लाखों फालोअर बना चुके और देशभर में वित्तीय सलाह के लिए सेमिनार करने वाले सुशांत ने नईदुनिया से बात करते हुए हर मुद्दे पर बेबाक राय रखी।

प्रश्न: रुस-यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देश मंदी से जूझ रहे हैं। चीन में औद्योगिक उत्पादन गिर चुका है। इस बीच आरबीआइ के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने कहा है कि अगले वर्ष 5 प्रतिशत की दर से जीडीपी वृद्धि हासिल करना ही देश के लिए संभव होगा। क्या भारत की अर्थव्यवस्था पर भी मंदी का खतरा है?

Ujjain News : राजा नाम बताकर शादाब ने युवती से दोस्ती कर किया दुष्कर्म, अब टुकड़े करने की धमकी

- बड़े-बड़े आर्थिक संस्थान गोल्डमैन साक्स हो या मार्गन स्टेनले सब कह रहे हैं कि अगला दशक भारत का है। हम विश्व की फैक्ट्री बन रहे हैं। यह साफ है कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के तमाम देशों से बेहतर ही रहेगी। वैश्विक प्रभाव से शार्ट टर्म में थोड़ा बहुत प्रभाव पड़ सकता है लेकिन कुल मिलाकर भारत की आर्थिक वृद्धि सकारात्मक ही रहने वाली है।

प्रश्न: कोविड काल में देश में डीमैट अकाउंट की संख्या तेजी से बड़ी, युवा बड़े पैमाने पर हर दिन ट्रेडिंग क्या हैं? और घंटों के आधार पर शेयर बाजार में खरीदी-बिक्री कर रहे हैं। क्या ये निवेश और रिटर्न कमाने का बेहतर तरीका है?

Gold and Silver Price in MP: सोना-चांदी में निवेशकों की मांग, कीमतों में मजबूती कायम

- लाकडाउन जब हुआ तो लोगों के पास काम नहीं था तो वे शेयर मार्केट में आ गए। उस दौरान कई लोगों के पैसे डबल हुए। उन्हें लगा उन्हें निवेश और शेयर के बारे में सब पता है और सीख चुके हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। ये जो हर दिन और घंटे खरीदी बिक्री कर रहे हैं ये ट्रेडिंग नहीं है ये असल में सट्टेबाजी है। दिन ब दिन की ट्रेडिंग से लोगों की पूंजी को खासा नुकसान होगा। सोशल मीडिया पर फर्जी मैसेज आते हैं। लोग टिप दे रहे हैं और प्रभावित होकर युवा पैसा लगा रहे हैं और ट्रेडिंग क्या हैं? अपना रोजगार छोड़कर लालच में फंस रहे हैं।

Edible Oil Price in Indore: मांग निकलने और आपूर्ति कमजोर होने से सोया तेल में 20 रुपये की तेजी

प्रश्न: आजकल चलन है कि लोग साफ्टवेयर और एल्गोरिथम आधारित निवेश करने की सलाह देकर साफ्टवेयर बेच रहे हैं। क्या से कानूनी और सही है?

- हमारे देश में ऐसा कहा जाता है कि जब तक कोई बात गैरकानूनी नहीं है तब तक वह कानूनी है। साफ्टवेयर खरीद कर लोग मानते हैं कि बैठे-बैठे इंवेस्टमेंट हो जाएगा और पैसा आ जाएगा। जबकि असल एल्गोरिथम के लिए रिसर्च कंपनियां पांच करोड़ का निवेश मांगती है। आम निवेशकों को एल्गोरिथम के नाम पर जो साफ्टवेयर बेचे जा रहे हैं वे सिर्फ ठगी है। साफ्टवेयर सिर्फ नुकसान पहुंचाएंगे। यदि ये इतने एडवांस होते तो इन्हें बेचने वाले खुद ही इनके जरिए पैसा लगा रहे होते। हर कोई आसानी से कमा पाता।

Indore Kirana Bazar Rate: मिलों में शकर का भरावा बढ़ने से कीमतों में गिरावट जारी

- ब्लाक चैन तकनीक के रूप में बहुत मजबूत है। इस तकनीक में सप्लाय चैन को ब्लाकचैन से लिंक किया तो यह अपरिवर्तित होता है और कोई हेर-फेर नहीं हो सकती। तकनीक सही है लेकिन पैसा कमाने के चक्कर में इस तकनीक का मिसयूज क्रिप्टो करेंसी में किया गया। इसमें परेशानी है और लोगों को इससे दूर होना चाहिए। क्रिप्टो करेंसी पर कोई नियंत्रण नहीं है न ही किसी की गारंटी है। ऐसे में यह सिर्फ रिस्क है।

Dal Rates in Indore: आयातकों की धीमी बिक्री से मसूर स्थिर, तेजी के आसार नहीं

- ये बातें हम वर्षों से सुनते आ रहे हैं कि सोना उस स्तर और चांदी उस स्तर पर जाएगा। यह वैश्विक प्रभाव पर निर्भर करता है। ताजा स्थिति में ऐसी उम्मीद मुझे नहीं दिखती। ये बात अलग है कि अलग वैश्विक स्तर ट्रेडिंग क्या हैं? पर भूराजनैतिक कोई बड़ा परिवर्तन होता है। महंगाई और अन्य असुरक्षा की स्थिति बनती है तो ही सोना-चांदी उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है। फिजिकल सोने की बजाय गोल्ड ईटीफी अच्छा माध्यम है। लांग टर्म निवेश के लिए यह अच्छा माध्यम है।

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