भारत के विदेशी मुद्रा भंडार और आवास मूल्य सूचकांक में हुई बढ़ोतरी: RBI

भारतीय रिजर्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि भंडार में हुई इस वृद्धि में मूल्यांकन प्रभाव समायोजित हैं। विज्ञप्ति में कहा गया कि भुगतान संतुलन के आधार पर (मूल्यांकन प्रभाव को छोड़कर) विदेशी मुद्रा भंडार में वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 59.5 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में इसमें 3.3 अरब डॉलर की गिरावट हुई थी।

चौथी तिमाही में बढ़ा आवास मूल्य सूचकांक
इसके अतिरिक्त रिजर्व बैंक ने जानकारी दी कि बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में आवास मूल्य सूचकांक एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 3.9 प्रतिशत बढ़ा। हालांकि, इससे पिछली तिमाही की तुलना में विदेशी मुद्रा संकेतक क्या है इसमें 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई।

10 शहरों के आंकड़ों पर आधारित है सूचकांक
रिजर्व बैंक ने 2019-20 की चौथी तिमाही के लिए अपना तिमाही आवास मूल्य सूचकांक (एचपीआई) जारी किया है। एचपीआई की गणना 2010-11 के आधार वर्ष पर होती है। यह सूचकांक 10 प्रमुख शहरों अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई के आवास पंजीकरण प्राधिकरणों से मिले लेनदेन स्तर के आंकड़ों पर आधारित है।

बयान में कहा गया है कि अखिल भारतीय एचपीआई तिमाही दर तिमाही आधार पर 0.2 प्रतिशत घट गया। इसकी मुख्य वजह दिल्ली, बंगलूरू, अहमदाबाद और जयपुर में घरों की कीमतों में गिरावट है। तिमाही आधार पर मुंबई में घरों के दाम सबसे अधिक बढ़े। हालांकि, सालाना आधार पर अखिल भारतीय एचपीआई चौथी तिमाही में 3.9 प्रतिशत बढ़ गया।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 64.9 अरब डॉलर की बढोतरी हुई, जबकि इसमें वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 11.7 अरब डॉलर की कमी हुई थी।

भारतीय रिजर्व बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि भंडार में हुई इस वृद्धि में मूल्यांकन प्रभाव समायोजित हैं। विज्ञप्ति में कहा गया कि भुगतान संतुलन के आधार पर (मूल्यांकन प्रभाव को छोड़कर) विदेशी मुद्रा भंडार में वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 59.5 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में इसमें 3.3 अरब डॉलर की गिरावट हुई थी।

चौथी तिमाही में बढ़ा आवास मूल्य सूचकांक
इसके अतिरिक्त रिजर्व बैंक ने जानकारी दी कि बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में आवास मूल्य सूचकांक एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 3.9 प्रतिशत बढ़ा। हालांकि, इससे पिछली तिमाही की तुलना में इसमें 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई।

10 शहरों के आंकड़ों पर आधारित है सूचकांक
रिजर्व बैंक ने 2019-20 की चौथी तिमाही के लिए अपना तिमाही आवास मूल्य सूचकांक (एचपीआई) जारी किया है। एचपीआई की गणना 2010-11 के आधार वर्ष पर होती है। यह सूचकांक 10 प्रमुख शहरों अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, जयपुर, विदेशी मुद्रा संकेतक क्या है कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई के आवास पंजीकरण प्राधिकरणों से मिले लेनदेन स्तर के आंकड़ों पर आधारित है।


बयान में कहा गया है कि अखिल भारतीय एचपीआई तिमाही दर तिमाही आधार पर 0.2 प्रतिशत घट गया। इसकी मुख्य वजह दिल्ली, बंगलूरू, अहमदाबाद और जयपुर में घरों की कीमतों में गिरावट है। तिमाही आधार पर मुंबई में घरों के दाम सबसे अधिक बढ़े। हालांकि, सालाना आधार पर अखिल भारतीय एचपीआई चौथी तिमाही में 3.9 प्रतिशत बढ़ गया।

Rupee vs Dollar: दस हफ्ते के उच्चतम स्तर पर पहुंचा रुपया, डॉलर के मुकाबले 53 पैसे का उछाल

Rupee vs Dollar: दस हफ्ते के उच्चतम स्तर पर पहुंचा रुपया, डॉलर के मुकाबले 53 पैसे का उछाल

Rupee vs Dollar: अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में आज (शुक्रवार) डॉलर के मुकाबले रुपया 53 पैसे के उछाल के साथ 73.69 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह दस हफ्ते के उच्चतम स्तर पर आज बंद हुआ है। इससे पहले 16 जून को रुपए की सबसे विदेशी मुद्रा संकेतक क्या है अच्छी क्लोजिंग हुई है। मुद्रा विनियम बाजार में व्यापार की शुरुआत में रुपया 74.17 पर खुला था। कारोबार के दौरान 73.69 से 74.69 रुपए तक रहा। फिर 53 पैसे ऊंचा रहकर 73.69 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

16 अप्रैल के बाद अच्छा उछाल

बंबई शेयर मार्केट का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 175.62 अंक की तेजी के साथ 56,124.72 अंक पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार के अनुसार शाम को जैकसन होल सम्मेलन से पहले विदेशी मुद्रा प्रवाह बढ़ने और माह के आखिरी में भारतीय रुपए में 16 अप्रैल के बाद एक दिन का सबसे अच्छा उछाल हुआ है।

डॉलर इंडेक्स में गिरावट

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इधर शाम 6 बजे डॉलर इंडेक्स 0.076 फीसद की गिरावट के साथ 93.002 के स्तर पर था। यह इंडेक्स छह प्रमुख मुद्रा के मुकाबले भारतीय करेंसी की मजबूती दिखाता है। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड फ्लैट है। यह गुरुवार को 1.344 फीसद के स्तर पर था।

शेयर मार्केट की रिपोर्ट

शेयर मार्केट के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में बिकवाल रहे हैं। गुरुवार को उन्होंनो 1,974.48 करोड़ रुपए के शेयरों से बिक्री की है। इधर सेंसक्स शुक्रवार को 175 अंकों की तेजी के साथ 56124 के स्तर पर बंद हुआ है। जबकि निफ्टी 68 अंकों की वृद्धि के साथ 16705 के स्तर पर क्लोज हुआ है।

जरुरी जानकारी | चौतरफा संकट के बीच सेंसेक्स ने भू-राजनीतिक तनाव, मौद्रिक सख्ती का बखूबी किया सामना

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जरुरी जानकारी | चौतरफा संकट के बीच सेंसेक्स ने भू-राजनीतिक तनाव, मौद्रिक सख्ती का बखूबी किया सामना

नयी दिल्ली, 25 दिसंबर वर्ष 2022 में भू-राजनीतिक उथल-पुथल के अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर ऊर्जा कीमतों में तेजी और दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों की सख्त मौद्रिक नीतियों से पैदा हुए दबाव के बीच भारतीय शेयर बाजारों ने अन्य बाजारों की तुलना में इन संकटों का कहीं बेहतर ढंग से सामना किया।

घरेलू निवेशकों के अटूट विश्वास ने दलाल स्ट्रीट को वैश्विक उठा-पटक से काफी हद तक अनछुआ रखा और भारतीय बाजार के मानक सूचकांक ने निराशाजनक संकेतों का सामना आत्मविश्वास से किया।

साल के ज्यादातर समय तक रही सुस्ती के बाद त्योहारी सत्र में सेंसेक्स ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी और यह एक दिसंबर को अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 63,284.19 पर बंद हुआ था।

हालांकि, वर्ष के अंत में तेजी की उम्मीद उस समय धूमिल होने लगी, जब चीन में कोविड संक्रमण के मामले दोबारा बढ़ने के साथ वैश्विक महामारी की एक और लहर आने की आशंका गहराने लगी। सेंसेक्स सालाना आधार पर (25 दिसंबर तक) सिर्फ 1.12 प्रतिशत ऊपर है, लेकिन अभी भी यह दुनिया का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बड़ा बाजार सूचकांक है।

वास्तव में कोई भी प्रमुख वैश्विक सूचकांक इस साल बढ़त हासिल नहीं कर सका। इसमें डॉउ जोंस (2022 में अब तक 9.24 प्रतिशत नीचे), एफटीएसई 100 (0.43 प्रतिशत नीचे), निक्केई (10.47 प्रतिशत नीचे), हैंग सेंग (15.82 प्रतिशत नीचे) और शंघाई कंपोजिट सूचकांक (16.15 प्रतिशत नीचे) शामिल हैं।

इसका काफी हद तक श्रेय घरेलू खुदरा और संस्थागत निवेशकों को जाता है, जिन्होंने नकारात्मक सुर्खियों के बावजूद बाजार पर भरोसा बनाए रखा और विदेशी फंडों द्वारा रिकॉर्ड बिकवाली के प्रभाव को खत्म कर दिया।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 2022 में अब तक भारतीय इक्विटी बाजारों से रिकॉर्ड 1.21 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं। इसके विपरीत घरेलू निवेशकों ने हर गिरावट पर खरीदारी की।

एनएसई में सूचीबद्ध फर्मों में 31 मार्च, 2022 को खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी 7.42 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई।

इस दौरान एसआईपी योजनाओं के जरिये म्यूचुअल फंड निवेश भी बढ़ रहा है, जो नवंबर में (इक्विटी और ऋण खंड) 13,306 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू रहा है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख (खुदरा शोध) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ''जीएसटी संग्रह नवंबर में लगातार आठवें महीने 1.4 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा, जबकि ई-वे बिल मार्च 2022 से सात करोड़ की संख्या से ऊपर बना हुआ है। जीडीपी और पीएमआई जैसे अन्य आर्थिक संकेतक भी महामारी के बाद बेहतर हुए हैं।''

उन्होंने कहा कि भारत के बेहतर विदेशी मुद्रा संकेतक क्या है प्रदर्शन के पीछे मजबूत कॉरपोरेट आय के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी का भी योगदान है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार और आवास मूल्य सूचकांक में हुई बढ़ोतरी: RBI

भारतीय रिजर्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि भंडार में हुई इस वृद्धि में मूल्यांकन प्रभाव समायोजित हैं। विज्ञप्ति में कहा गया कि भुगतान संतुलन के आधार पर (मूल्यांकन प्रभाव को छोड़कर) विदेशी मुद्रा भंडार में वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 59.5 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में इसमें 3.3 अरब डॉलर की गिरावट हुई थी।

चौथी तिमाही में बढ़ा आवास मूल्य सूचकांक
इसके अतिरिक्त रिजर्व बैंक ने जानकारी दी कि बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में आवास मूल्य सूचकांक एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 3.9 प्रतिशत बढ़ा। हालांकि, इससे पिछली तिमाही विदेशी मुद्रा संकेतक क्या है की तुलना में इसमें 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई।

10 शहरों के आंकड़ों पर आधारित है सूचकांक
रिजर्व बैंक ने 2019-20 की चौथी तिमाही के लिए अपना तिमाही आवास मूल्य सूचकांक (एचपीआई) जारी किया है। एचपीआई की गणना 2010-11 के आधार वर्ष पर होती है। यह सूचकांक 10 प्रमुख शहरों अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई के आवास पंजीकरण प्राधिकरणों से मिले लेनदेन स्तर के आंकड़ों पर आधारित है।

बयान में कहा गया है कि अखिल भारतीय एचपीआई तिमाही दर तिमाही आधार पर 0.2 प्रतिशत घट गया। इसकी मुख्य वजह दिल्ली, बंगलूरू, अहमदाबाद और जयपुर में घरों की कीमतों में गिरावट है। तिमाही आधार पर मुंबई में घरों के दाम सबसे अधिक बढ़े। हालांकि, सालाना आधार पर अखिल भारतीय एचपीआई चौथी तिमाही में 3.9 प्रतिशत बढ़ गया।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 64.9 अरब डॉलर की बढोतरी हुई, जबकि इसमें वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 11.7 अरब डॉलर की कमी हुई थी।

भारतीय रिजर्व बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि भंडार में हुई इस वृद्धि में मूल्यांकन प्रभाव समायोजित हैं। विज्ञप्ति में कहा गया कि भुगतान संतुलन के आधार पर (मूल्यांकन प्रभाव को छोड़कर) विदेशी मुद्रा भंडार में वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 59.5 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में इसमें 3.3 अरब डॉलर की गिरावट हुई थी।

चौथी तिमाही में बढ़ा आवास मूल्य सूचकांक
इसके अतिरिक्त रिजर्व बैंक ने जानकारी दी कि बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में आवास मूल्य सूचकांक एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 3.9 प्रतिशत बढ़ा। हालांकि, इससे पिछली तिमाही की तुलना में इसमें 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई।

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