Zee News Desk | Updated: Sep 16, 2021, 12:07 PM IST

ETF का मतलब क्या होता है ? – ETF Meaning In Hindi

ETF क्या है ? – ETF Meaning In Hindi

ETF का पुरा नाम exchange traded funds होता है। यह एक प्रकार के mutual fund होते हैं। यह अलग अलग investors से पैसा जोड़कर फंड के टारगेट के अनुसार अलग-अलग investment option में invest करते हैं। इनको shares की तरह स्टॉक एक्सचेंज में sell और buy किया जा सकता है।

मान लीजिए, टाटा कंपनी के शेयर NSE और BSE पर listed है, तो उन्हें स्टॉक एक्सचेंज खुलने पर कभी भी खरीद सकते हैं या फिर बेच सकते हैं।

इसी प्रकार से ETF को भी स्टॉक एक्सचेंज पर बेचा जा सकता है और खरीदा जा सकता है, इसी कारण से इन फंड्स को exchange traded funds कहते हैं।

जिस प्रकार से किसी भी शेयर का मूल्य उसकी डिमांड या फिर सप्लाई की वजह से बढ़ता घटता रहता है, उसी प्रकार से ETF का दाम भी स्टॉक एक्सचेंज में डिमांड और सप्लाई के अनुसार घटता और बढ़ता रहता है। ETF के दाम को NAV के नाम से जाना जाता है।

ETF funds के बारे में अन्य जानकारी

ETF funds passively managed funds होते हैं। ETF funds अपने लिए set किये गये index को follow करते है। इन funds को manage करने वाले मैनेजर का काम यही होता है, कि जिस प्रकार से fund के इंडेक्स में shares का हिस्सा है, बिल्कुल उतने ही प्रतिशत part ईटीएफ में जुटाए हुए कुल funds का भी करें।

मान लीजिए कि 8 December को आईटीसी का हिस्सा 4.60% प्रतिशत था। इसलिए निफ्टी के सभी ETFs के फंड के पैसों का 4.60% हिस्सा ITC में इन्वेस्ट किया होगा।

उसी प्रकार से निफ्टी में reliance का हिस्सा 4.87% का है तो सभी EFTS फंड का 4.87% part reliance में invest किया होगा।

ETF के fund को manage करने वाले मैनेजर समय-समय पर यह देखते हैं कि यदि index में से किसी शेयर में percentage में कोई बदलाव हो रहा है, तो वह वैसा ही बदलाव ETF के अंदर भी करते हैं।

तभी funds लंबे समय के लिए index को follow कर पाता है और investors को index में जितना रिटर्न दिया होता है और वही रिटर्न मिल पाता है।

NSE पर ETF nifty50 को फॉलो करने वाले सभी ETFs की list आपको NSE की ऑफिशियल वेबसाइट पर मिल जाएगी।

इसमें आपको ETF को जारी करने वाली AMC का नाम, ETF का नाम, उस का सिंबल और वह निफ्टी के कौन से sub index को फॉलो करते हैं तथा उसे किस दिन उसको लांच किया गया है, यह सब जानकारी देखने को मिल जाएगी।

ETF का rate कैसे पता करें ?

ETF के दामों का पता आप किसी भी कंपनी के शेयर का दाम जानकर लगा सकते हैं। आप किसी भी trading site या nse और BSE की वेबसाइट पर जाकर या फिर आप जिस भी ट्रेडिंग एप्लीकेशन का प्रयोग करते हैं, उसे लॉगिन करके इस के दाम के बारे में पता कर सकते हैं।

उदाहरण के तौर पर, kite जोकि डिस्काउंट ब्रोकर Zerodha की ट्रेडिंग एप्लीकेशन है, यह निवेशकों को बाजार में trade करने की सुविधा देती है।

यदि आपका डिमैट अकाउंट इस Zerodha काईट एप्लीकेशन पर है, तो आप उसे अपने मोबाइल में लॉगिन करके आसानी से ETFs के प्राइस का पता लगा सकते हैं।

इसके लिए आप उसके symbol को सर्च करके अपनी वॉच लिस्ट में ऐड कर सकते हैं, जिससे आपको उसका प्राइस दिखाई दे जाएगा।

ETF में invest करने की क्या शर्तें है ?

ETF में निवेश करने के लिए demat के साथ trading account अकाउंट का होना compulsory है। इसमें थ्री इन वन अकाउंट खोलने का option भी चुना जा सकता है।

इसमें किसी व्यक्ति के बैंक अकाउंट के साथ ट्रेडिंग अकाउंट और demat account की facility भी मिलती है। इससे सबसे ज्यादा सुविधाएं यह की होती है, कि आप एक ही जगह पर अपने इन्वेस्टमेंट को मैनेज कर पाते हैं।

इसमें Account खोलने के लिए फॉर्म भरना पड़ता है और अब अपनी KYC documentation कंप्लीट करनी पड़ती है।

ETF के Benefits

ऊपर के लेख में आपने जाना कि ईटीएफ क्या होता है। आइए, अब इसके बेनिफिट्स के बारे में चर्चा करते हैं:-

  • इस तरह की funds को बहुत ही आसानी से स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएससी या एनएससी पर खरीद सकते हैं या बेच सकते हैं।
  • यदि ETFs को खरीदने के बाद बहुत थोड़े समय में ही आपको अच्छा प्रॉफिट दे रहा है, तो उसे बेचकर आप ट्रेडिंग भी कर सकते हैं।
  • इनका expansion ratio म्युचुअल फंड के एक्सपेंशन रेशों से बहुत ही कम होता है, क्योंकि यह passive managed funds होते हैं।
ETF के नुकसान

ETF का सबसे बड़ा नुकसान यही है, कि इसका ट्रेडिंग वॉल्यूम काफी कम हो सकता है। मान लीजिए, आपने कुछ समय पहले किसी ETFs को खरीद रखा है, परंतु अब आपको पैसों की जरूरत है और ETF में निवेश कैसे करे आप उस ETFs को बेचने के लिए स्टॉक एक्सचेंज पर आर्डर लगाते हैं।

परंतु यह पॉसिबिलिटी है, कि बहुत अधिक खरीद और बिक्री ना होने की वजह से आपको इस ईटीएफ की कोई खरीदार ना मिले या यानी कि order प्लेस करने के बावजूद भी आप अपना ईटीएफ नहीं बेच सकते हैं।

निष्कर्ष :-

दोस्तों, आपने इस लेख के माध्यम से ETF meaning in Hindi के बारे में विस्तार पूर्वक जाना है।

हमें उम्मीद है, कि शेयर मार्केट से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए मददगार साबित हो गई।

यदि आप किसी अन्य विषय पर भी जानकारी चाहते हैं, तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं और ऊपर लिखे गए लेख से संबंधित कोई सुझाव आप हमें देना चाहते हैं या कोई प्रश्न आपके मन में है तो हमें कमेंट करके जरूर पूछें।

ETF क्या है 2022? Don’t waste your money!

ETF(Exchange Traded Fund) kya hai?

जब कोई Mutual या Index Fund कंपनी अपना Fund लाती है, जैसे कंपनी 5,000 करोड़ का फण्ड लाई है तो जब ज्यादा निवेशक उस फण्ड में निवेश करेंगे तो उस फण्ड का AUM बढ़ता रहेगा। Exchange Traded Fund एसे काम नहीं करता, Exchange Traded Fund एक कंपनी के शेयर्स की तरह काम करता है।

जैसे अगर किसी कंपनी को पैसा चाहिए होता है ओर वो कंपनी मार्किट से पैसा लेना चाहती है तो वो कंपनी IPO ले के आती है, जैसे IPO के समय कंपनी को पैसा मिलता है। ऐसे ही जब कोई AMC कंपनी नया ETF लांच करती है तो वो उस समय NFO(New Fund Offer) यह काफी हद ताख IPO की तरह ही होता है जैसे कोई NFO लांच हुआ 1000 करोड़ का तो वो 1000 करोड़ का ही रहेगा। बस उसे 1000 करोड़ के Units ही /Exchange पर खरीदे और बेचे जायँगे। ETF में निवेशकों को Exchange Traded Fund के शेयर्स दे दिए जाते है।

ETF कितने प्रकार के होते है?

भारत में ज्यादातर तीन तरह के Exchange Traded Fund ही हैं।

Equity Exchange Traded Fund

जैसा की इसके नाम से पता चलता है ये Exchange Traded Fund शेयर्स में निवेश करता है और किसी न किसी Index में निवेश करता है। Index जैसे – Secorial, Bank, Nifty, Sensex index. भारत में पहले बार Equity ETF 2002 में लांच हुआ था जिसका नाम था Nifty BEES(Benchmark Exchange Traded Schemes) जो Benchmark कंपनी ने लांच किया था।

Debt Exchange Traded Fund

जब कोई Exchange Traded Fund गवर्नमेंट या कॉर्पोरेट बांड्स के अंदर निवेश करता है तो उसे बोलते है Debt Exchange Traded Fund, अब निवेशकों के मन में ये सवाल आता है की अगर ये Exchange Traded Fund बांड्स में ही निवेश करता है तू हम सीधा बांड्स में निवेश क्यों न करदें। तो इसका सीधा सा है जब आप बांड्स में निवेश करते है तो आपको आपका पैसा तभी मिलता है जब उस बांड का समय पूरा होजाता है उसे पीला नहीं।

पर Exchange Traded Fund में आप इसे शेयर के तरह ही खरीद और बेच सकते है। भारत में 2004 में पहला Debt Exchange Traded Fund आया था जिसका नाम था Liquid BEES. इसे भी Benchmark कंपनी ने ही लांच की था।

Commodity Exchange Traded Fund

यह वो Exchange Traded Fund होते है जो सोना, चांदी, तेल, और अलग अलग धातु में निवेश क्र सकता है। ये भारत में पहली बार 2007 में आया था जिसका नाम था Gold BEES. इसे भी Benchmark कंपनी ने ही लांच की था।

ETF का अतीत क्या था?

साल 2015 में भारत में Exchange Traded Fund का AUM 15,000 करोड़ था जो बढ़ के साल 2021 में हो गया 2.3लाख करोड़ का जो 2015 के AUM का ETF में निवेश कैसे करे 20* है। अब जानते है इतनी बढ़ोतरी हुई कैसे और क्या ये आगे भी ऐसे ही बढ़ता रहेगा?

साल 2014 में भारत सरकार ने एक Exchange Traded Funds लांच किया जिसका नाम था CPSE ETFs इस ETF में पब्लिक Central Public Sector Enterprises के बांड्स में निवेश कर सकती थी, इसके बाद साल 2019 में Bharat Bond ETFs भी आए। ETFs की बढ़ोतरी का एक और सबसे बड़ा कारन है की EPFO जो है Employee Provident Fund Organization भी निवेश करने लगे ETF में और आज कि डेट में NPS(National Pension Scheme) भी ETFs में निवेश करती है। ये ही कुछ कारन हैं जिसे ETF प्रहलित हुआ और निवेशक भी ETF को बोहोत पसंद कर रहे है इसका बोहोत बड़ा कारन है इसकी Fees या बोले तो इसका Expense Ratio.

इसमें कितनी फीस लगती है?

इसमें हर प्रकार के ETF में अलग-अलग फीस ली जाती है।

जैसे Equity में 0.01-0.1% Sectorial में 0.1-0.3%, Debt में 0.1-0.3%, Commodity ETFs में 0.5-1%

अब अगर इसकी तुलना Mutual Fund कि फीस से किया जाये तो ये बोहतो ज्यादा कम है।

ETF में TAX कैसे लगता है?

हर Exchange Traded Fund में Tax का दर भी अलग-अलग होता है। Equity Exchange Traded Fund में अगर आपका मुनाफा ₹100000 या इसे कम होता है तो आपको कोई Tax नहीं देना होता और अगर आपका मुनाफा ₹100000 से ज्यादा है। तो इसमें अगर आपने Exchange Traded Fund को एक साल के अंदर बेचा है तो आपके ऊपर 15% का Tax लगया जाएगा और अगर एक साल के बाद बेचते हैं तो 10% का Tax लगाया जाएगा और ये 10-15% का Tax सिर्फ उस मुनाफे पे लगेगा जो ₹100000 से ज्यादा होगा जैसे – मेरा मुनाफा है ₹110000 तो इसमें सेल्फ ₹10000 पर 10 या 15% का Tax लगया जाएगा।

अब बात करते है Debt और Commodity ETF के बारे इन दोनों में Tax एक-जैसा ही लगया जाता है जो है अगर आपने ETF को तीन साल के आदर बेचा तो जितना प्रतिशत आपका Income Tax लगता होगा उतना ही लगेगा जैसे – मेरा Income Tax 30% लगता है तो मेरे ऊपर तीन साल से कम समय में ETF बेचते समय 30% का ही Tax लगाया जाएगा।

और अगर तीन साल के बाद बेचता हूं तो 20% का Tax लगाया जाएगा।

ETF में निवेश क्यों करे?

  • इसमें Fees बोहोत कम लगती है Mutual और Index Fund की तुलना में।
  • अगर Fees कम लगती है तो मुनाफा भी ज्यादा हो जाता है।
  • इसको हम कभी भी खरीद और बेच सकते हैं।

इसमें निवेश कैसे करें?

इसमें निवेश करते समय हमे तीन बातो का धियान रखना किया

  1. Expence Ratio/Fees : ये जितनी कम होगी उतना अच्छा होगा।
  2. Tracking Error :यह वो Error होता है जो बताता है की ETF जिस Index को फॉलो कर रहा है उसके मुताबिक कितना कितना कम मुनाफा दे रहा है। Tracking Error जितना कम होगा उतना अच्छा होगा।
  3. Liqudity : जो बोहोत जरुरी है आपको Liqudity देखनी चाहिए मतलब ETF कितने खरीदने वाले हैं और कितने बेचने वाले है।

इसमें निवेश करने के लेया आपको अपने Demat Account में जाने है और Search करना है ETF फिर आपके सामने सारे Etf की लिस्ट खुल के आ जाएगी आप उस लिस्ट में से किसी को भी चुन सटकते है और बताई हुई तीन बातो को देख सकते है।

सोने में निवेश से पहले पढ़े इन 8 बातों को, नहीं तो प्रॉफिट के बजाय हो सकता है बड़ा नुकसान

अच्छे रिटर्न के लिए आप शेयर मार्केट, MF, SIP, प्रॉपर्टी समेत कई जगह निवेश कर सकते हैं। इन सभी में सोने के निवेश में लोगों का ज़्यादा फायदा दिखता है- पहला, एक तो सोने की कीमत भी बढ़ती रहती है और.

सोने में निवेश से पहले पढ़े इन 8 बातों को, नहीं तो प्रॉफिट के बजाय हो सकता है बड़ा नुकसान

अच्छे रिटर्न के लिए आप शेयर मार्केट, MF, SIP, प्रॉपर्टी समेत कई जगह निवेश कर सकते हैं। इन सभी में सोने के निवेश में लोगों का ज़्यादा फायदा दिखता है- पहला, एक तो सोने की कीमत भी बढ़ती रहती है और दूसरा इसको जरूरत के समय पहन भी सकते हैं। लेकिन बहुत लोग सोने की खरीददारी करते समय कई चीजे नजरअंदाज करते हैं, इससे उन्हें बाद में फायदे के बजाय नुकसान हो जाता है।


जानकारी पूरी रखें
सही जानकारी न होने के कारण जब आप अपने सोने को बेचने के लिए जाते हैं तो आपको उतना मूल्य नहीं मिल पाता जितना मिलना चाहिए। सोने को आप लम्बे समय और मुसीबत के समय काम में आने के हिसाब से खरीदते हैं, इसलिए सोने की खरीदारी के समय आपको इन प्रमुख बातों को ध्यान में रखना चाहिए-

शुद्धता- सोने की कीमत कैरट के ETF में निवेश कैसे करे आधार पर होती है और कैरेट से गोल्ड की शुद्धता का पता चलता है। सोने की सबसे अच्छी क्वालिटी 24 कैरट सोने की होती है जिसका मूल्य अधिक होता है। लेकिन कम कैरट के सोने की कीमत उससे कम होगी, इसलिए सोने की खरीददारी करते समय बाजार से अलग अलग कैरट का भाव जरूर पता कर लें।

डिजिटल गोल्ड में निवेश- डिजिटल गोल्ड में शुद्धत्ता और मेकिंग चार्ज जैसी कोई समस्या नहीं होती, इस कारण इसमें निवेश आके लिए प्रॉफिटेबल हो सकता है। लेकिन ध्यान रखने वाली बात है आप जिससे पेपर गोल्ड लें रहे हैं उस कंपनी के बारे में अच्छी तरह पड़ताल कर लें, नहीं तो धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।

आभूषण पर लगे स्टोन- सोने के गहनों में कई बार कीमती स्टोन्स के अलावा नकली चमकदार स्टोन भी लगाए होते हैं, इसलिए खरीदारी के समय सोने और स्टोन दोनों के भाव अलग-अलग लें।

वजन की जांच- सोने की ज्यादातर ज्वेलरी वजन के हिसाब से बेचीं जाती है लेकिन कीमती स्टोन इसे भारी बनाते हैं. इसलिए ज्वेलरी के पूरे वजन के साथ गोल्ड के वजन को जरूर चेक कर लें। गोल्ड कीमती है, वजन थोड़ा भी ऊपर-नीचे हुआ तो आपको भरी नुकसान हो सकता है।

Hallmarking- बाजार में दो तरह के सोने के गहने होते हैं एक तो साधारण होते है जिनकी क्वालिटी की कोई गारंटी नहीं होती और दूसरे हॉलमार्किंग के तहत होते हैं जिनकी सोने की क्वालिटी अच्छी होने का सुबूत होता है। यह अधिकृत होते हैं और सोने की शुद्धता को प्रमाणित करता है।

मेकिंग चार्जेज: यह ऐसे चार्जेज होते हैं जो गहनों को बनाने के लिए चार्ज किये जाते हैं। हर ज्वेलर का मेकिंग चार्ज अलग होता है कोई पर ग्राम के हिसाब से लेता है तो कोई गहने के कुल वजन के हिसाब से। आपको इस बारे में पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए। अगर मेकिंग चार्ज ज़्यादा होगा तो आपको बाद में बेचने पर फायदा नहीं होगा। मेकिंग चार्ज जितना कम होगा, बाद में गहने को बेचते समय मुनाफा उतना ही ज़्यादा होगा।

बिल- सोना खरीदते समय इनवॉइस और रसीद लें, आने वाले समय में यही रसीद आपके काम आएगी। सही इनवॉइस और रसीद न होने पर बेचते समय आपको यह मुश्किल में डाल सकती है।

ज्यादा न खरीदें- सोने की कीमत आमतौर पर बढ़ती है लेकिन निवेश के हिसाब से देखा जाए तो आपके पोर्टफोलियो में यह बहुत ज्यादा नहीं होना चाहिए आपको अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट में निवेश कर पोर्टफोलियो को बैलेंस रखना चाहिए।

आपको बताते हैं सोने में आप कैसे निवेश कर सकते हैं-


पेपर गोल्ड- एक निवेशक के पास गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का उपयोग करने का विकल्प होता है।


गोल्ड ETF - गोल्ड के प्रचलित बाज़ार मूल्य पर गोल्ड ETF का स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता है। गोल्ड ETF के साथ, निवेशकों को कोई शुल्क या स्टोर चार्ज का भुगतान नहीं करना पड़ता है जो सोने को रखने आदि से जुड़ा होता है।


सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड- यह भारत सरकार और RBI द्वारा ऑफर किया जाता है, यह कागज़ के रूप में सोने खरीदने का एक और तरीका है। इन बॉन्ड में सोने मूल्य को ग्राम में दर्शाया जाता है जिसमें व्यापार शुरू करने के लिए न्यूनतम निवेश 1 ग्राम सोना आवश्यक है। ब्याज़ दर और मूल्य को बॉन्ड जारी करते समय RBI द्वारा तय किया ETF में निवेश कैसे करे जता है।


डिजिटल गोल्ड- सोने में निवेश का एक और तरीका डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) के माध्यम से है, जहां कोई भी 1 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकता है। कई मोबाइल वॉलेट डिजिटल गोल्ड ऑफर करते हैं लेकिन इनकी शुद्धता अलग अलग होती है।


सोने में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड- Gold MF(फंड्स ऑफ फंड) हैं जो अंतरराष्ट्रीय सोने की माइनिंग कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। गोल्ड, जिसे गोल्ड फंड ऑन फंड्स भी कहा जाता है, यह एक ओपन एंडेड फंड हैं जो गोल्ड ETF में निवेश करते हैं। निवेशक किसी भी समय किसी भी विशेष राशि का निवेश कर सकते हैं।


गोल्ड सेविंग स्कीम- कई ज्वैलर्स गोल्ड ज्वेलरी सेविंग स्कीम (Gold Saving Schemes) ऑफर करते रहे हैं जो खरीदारों को चुनी हुई अवधि के लिए व्यवस्थित रूप से बचत करने और टर्म खत्म होने पर सोना खरीदने में मदद करती हैं। खरीदार को अवधि के लिए हर महीने एक निश्चित राशि जमा करने की आवश्यकता होती है।

Gold में इन 3 तरीकों से करेंगे निवेश तो होगा तगड़ा मुनाफा, जानें आपके लिए कौन सा सही रहेगा?

सोने को इन्वेस्टमेंट के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है. अभी सोने में निवेश करने का अच्छा समय है क्योंकि इस समय सोने के दाम पिछले 4 महीनों के मुताबिक सबसे कम हैं. हम आपको सोने में निवेश करने के सबसे बेहतरीन उपाय बताने जा रहे हैं.

  • अगले कुछ सालों में बढ़ेंगे सोने के दाम
  • सोने में निवेश करने का ये है सही समय
  • इन तरीकों से कर सकते हैं सोने की खरीदारी

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Gold में इन 3 तरीकों से करेंगे निवेश तो होगा तगड़ा मुनाफा, जानें आपके लिए कौन सा सही रहेगा?

नई दिल्ली: निवेश के लिए गोल्ड को हमेशा से बेहतर एसेट (Gold investment) माना जाता रहा है. पिछले कुछ सालों में सोना (Gold) दुनिया भर में निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प के तौर पर उभरा है. भारतीय सोने में हर तरीके से निवेश ( Best way to gold investment) करना चाहते हैं, ऐसे में अगर आप भी सोने में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो यह समय अच्छा हो सकता ETF में निवेश कैसे करे है. इस समय सोने की कीमतें (Gold price) चार महीने के निचले स्तर पर हैं और लॉन्ग टर्म के लिए सोने में काफी सकारात्मक रुख है. मार्केट एक्सपर्ट भी सोने में निवेश की सलाह दे रहे हैं.

जानिए क्यों करना चाहिए सोने में निवेश?

बता दें कि सोने में वह सभी गुण हैं, जो एक पारंपरिक निवेशक एसेट क्लास में देखता है. गोल्ड पर मिलने वाला निवेश हमेशा से महंगाई को हराने में कामयाब रहा है. वहीं, दूसरी तरफ अगर फ्यूचर में कभी इमरजेंसी आती है और पैसों की जरूरत पड़ती है तो इस मामले में आप सोने के निवेश पर भरोसा कर सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसे आप जल्दी से बाजार में बेच सकते हैं.

कमोडिटी विशेषज्ञों के अनुसार, अगले कुछ साल में सोना 55 हजार से 60 हजार की रेंज में पहुंच सकता है. खरीदारी के लिए 45,000 से 47,000 का स्तर काफी अच्छा है. ऐसे में सोने में निवेश आपको फायदा पहुंचा सकता है. तो आइए हम आपको बताते हैं कि सोना खरीदने या निवेश करने के लिए 3 बेस्ट ऑप्शन कौन-से हैं-

1.फिजिकल गोल्ड खरीदना (Physical Gold)

ग्राहक किसी भी ज्वेलरी शॉप में जाकर फिजिकल गोल्ड खरीद सकते हैं. सोने की शुद्धता के लिए ग्राहक को सरकार द्वारा तय मानकों का ध्यान रखना चाहिए. फिजिकल गोल्ड खरीदने का एक नुकसान यह है कि इसके चोरी होने का डर लगा रहता हैं. वहीं, अगर आप इसे बैंक लॉकर में रखते हो, तो आपको इसके लिए भुगतान करना होगा. देश में अधिकांश लोग फिजिकल गोल्ड ही खरीदना पसंद करते हैं.

2. गोल्ड ETF में निवेश करना

आप गोल्ड ETF में भी निवेश कर सकते हैं. गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक ऐसा निवेश है, जिसका इस्तेमाल छोटी और लंबी दोनों अवधियों के वित्तीय लक्ष्यों को ETF में निवेश कैसे करे प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है. ईटीएफ जो सोने में निवेश करते हैं उनमें जोखिम नहीं होता और न ही स्टोरेज की आवश्यकता होती.

3. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में करें निवेश

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) सरकार द्वारा जारी किया जाता है. इसलिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की गारंटी होती है. Sovereign Gold Bond का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह शुरुआती निवेश की राशि पर सालाना 2.50 फीसद की एक निश्चित ब्याज दर के साथ आता है. ये ब्याज निवेशक के बैंक खाते में छमाही आधार पर जमा होता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशक मैच्योरिटी के समय की सोने की बाजार कीमत मिलने और आवधिक ब्याज के बारे में आश्वस्त होते हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक्ड होती है और ये एक्सचेंजों पर ट्रेडेबल होते हैं.

सोने में निवेश के अन्य विकल्प‌‌

डिजिटल गोल्‍ड (Digital Gold)- यह ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म के जरिये सोने में निवेश का एक तरीका है. इसे फिजिकल गोल्‍ड के तौर पर भुनाया जा सकता है या वेंडर को दोबारा बेचा भी जा सकता है.

गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold Mutual Fund)- यह सोने में निवेश का एक सुरक्षित विकल्प है. यहां ग्राहक को अधिक रिटर्न मिलता है.

Gold में इन 3 तरीकों से करेंगे निवेश तो होगा तगड़ा मुनाफा, जानें आपके लिए कौन सा सही रहेगा?

सोने को इन्वेस्टमेंट के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है. अभी सोने में निवेश करने का अच्छा समय है क्योंकि इस समय सोने के दाम पिछले 4 महीनों के मुताबिक सबसे कम हैं. हम आपको सोने में निवेश करने के सबसे बेहतरीन उपाय बताने जा रहे हैं.

Gold में इन 3 तरीकों से करेंगे निवेश तो होगा तगड़ा मुनाफा, जानें आपके लिए कौन सा सही रहेगा?

Zee News Desk

Zee News Desk | Updated: Sep 16, 2021, 12:07 PM IST

  • अगले कुछ सालों में बढ़ेंगे सोने के दाम
  • सोने में निवेश करने का ये है सही समय
  • इन तरीकों से कर सकते हैं सोने की खरीदारी

नई दिल्ली: निवेश के लिए गोल्ड को हमेशा से बेहतर एसेट (Gold investment) माना जाता रहा है. पिछले कुछ सालों में सोना (Gold) दुनिया भर में निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प के तौर पर उभरा है. भारतीय सोने में हर तरीके से निवेश ( Best way to gold investment) करना चाहते हैं, ऐसे में अगर आप भी सोने में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो यह समय अच्छा हो सकता है. इस समय सोने की कीमतें (Gold price) चार महीने के निचले स्तर पर हैं और लॉन्ग टर्म के लिए सोने में काफी सकारात्मक रुख है. मार्केट एक्सपर्ट भी सोने में निवेश की सलाह दे रहे ETF में निवेश कैसे करे हैं.

जानिए क्यों करना चाहिए सोने में निवेश?

बता दें कि सोने में वह सभी गुण हैं, जो एक पारंपरिक निवेशक एसेट क्लास में देखता है. गोल्ड पर मिलने वाला निवेश हमेशा से महंगाई को हराने में कामयाब रहा है. वहीं, ETF में निवेश कैसे करे दूसरी तरफ अगर फ्यूचर में कभी इमरजेंसी आती है और पैसों की जरूरत पड़ती है तो इस मामले में आप सोने के निवेश पर भरोसा कर सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसे आप जल्दी से बाजार में बेच सकते हैं.

कमोडिटी ETF में निवेश कैसे करे विशेषज्ञों के अनुसार, अगले कुछ साल में सोना 55 हजार से 60 हजार की रेंज में पहुंच सकता है. खरीदारी के लिए 45,000 से 47,000 का स्तर काफी अच्छा है. ऐसे में सोने में निवेश आपको फायदा पहुंचा सकता है. तो आइए हम आपको बताते हैं कि सोना खरीदने या निवेश करने के लिए 3 बेस्ट ऑप्शन कौन-से हैं-

1.फिजिकल गोल्ड खरीदना (Physical Gold)

ग्राहक किसी भी ज्वेलरी शॉप में जाकर फिजिकल गोल्ड खरीद सकते हैं. सोने की शुद्धता के ETF में निवेश कैसे करे लिए ग्राहक को सरकार द्वारा तय मानकों का ध्यान रखना चाहिए. फिजिकल गोल्ड खरीदने का एक नुकसान यह है कि इसके चोरी होने का डर लगा रहता हैं. वहीं, अगर आप इसे बैंक लॉकर में रखते हो, तो आपको इसके लिए भुगतान करना होगा. देश में अधिकांश लोग फिजिकल गोल्ड ही खरीदना पसंद करते हैं.

2. गोल्ड ETF में निवेश करना

आप गोल्ड ETF में भी निवेश कर सकते हैं. गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक ऐसा निवेश है, जिसका इस्तेमाल छोटी और लंबी दोनों अवधियों के वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है. ईटीएफ जो सोने में निवेश करते हैं उनमें जोखिम नहीं होता और न ही स्टोरेज की आवश्यकता होती.

3. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में करें निवेश

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) सरकार द्वारा जारी किया जाता है. इसलिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की गारंटी होती है. Sovereign Gold Bond का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह शुरुआती निवेश की राशि पर सालाना 2.50 फीसद की एक निश्चित ब्याज दर के साथ आता है. ये ब्याज निवेशक के बैंक खाते में छमाही आधार पर जमा होता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशक मैच्योरिटी के समय की सोने की बाजार कीमत मिलने और आवधिक ब्याज के बारे में आश्वस्त होते हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक्ड होती है और ये एक्सचेंजों पर ट्रेडेबल होते हैं.

सोने में निवेश के अन्य विकल्प‌‌

डिजिटल गोल्‍ड (Digital Gold)- यह ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म के जरिये सोने में निवेश का एक तरीका है. इसे फिजिकल गोल्‍ड के तौर पर भुनाया जा सकता है या वेंडर को दोबारा बेचा भी जा सकता है.

गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold Mutual Fund)- यह सोने में निवेश का एक सुरक्षित विकल्प है. यहां ग्राहक को अधिक रिटर्न मिलता है.

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