Image Source : PTI हिमाचल प्रदेश में बागियों ने बीजेपी का खेल काफी हद तक बिगाड़ा है।

हिमाचल चुनाव में कांग्रेस को बीजेपी ने दी कड़ी टक्कर, सिर्फ 40 हजार वोटों ने ऐसे बिगाड़ा 'कमल' का खेल

Himachal Election Results: 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 44 सीटें जीती थीं और उस समय पार्टी को 48.79 प्रतिशत वोट मिला था. वहीं कांग्रेस ने 21 सीटों पर जीत हासिल की थी.

By: ABP Live | Updated at : 09 Dec 2022 11:17 AM (IST)

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव

Congress-BJP Vote Share Himachal: हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिल गया है. 68 विधानसभा क्षेत्रों वाले हिमाचल में कांग्रेस ने 40 सीटों के साथ जीत हासिल की. बीजेपी को सिर्फ 25 सीटें ही मिलीं. हालांकि, दोनों पार्टियों को जो वोट प्रतिशत मिला, उसे देखने पर पता चलता है कि कांग्रेस ने बेहद कम मार्जिन से बीजेपी को ये चुनाव हराया है.

कांग्रेस को हिमाचल विधानसभा चुनाव में 43.9 प्रतिशत वोट शेयर मिला. अगर कुल मतों की संख्या देखें तो कांग्रेस को 18,52,504 वोट मिले. बीजेपी 43 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 25 सीटें जीतने में कामयाब रही. बीजेपी को 18,14,504 वोट मिले. अब अगर दोनों पार्टियों के बीच अंतर देखा जाए तो वो बस 37,974 वोट का ही है. ऐसे में साफ है कि दोनों दलों के बीच कई अधिकतर सीटों पर बेहद कड़ा मुकाबला हुआ है और जीत का अंतर काफी कम रहा है.

2017 में क्या हुआ था?

इससे पहले, 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 44 सीटें जीती थीं और उस समय पार्टी को 48.79 प्रतिशत वोट मिला था. वहीं कांग्रेस ने 21 सीटों पर जीत हासिल की थी. 2017 में दोनों दलों के वोट शेयर में 7.11 प्रतिशत का अंतर था, जो 2022 के मुकाबले काफी ज्यादा है.

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2022 के परिणामों के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि 40 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस का औसत जीत का अंतर सिर्फ 5,784 वोट ही थी. वहीं 25 सीटें जीतने वाली बीजेपी का औसत जीत का अंतर 7,427 वोट था. सभी 68 सीटों पर जीत का औसत अंतर 6,575 वोट दर्ज किया गया.

सबसे अधिक जीत का अंतर

राज्य भर में सबसे अधिक जीत का अंतर सिराज निर्वाचन क्षेत्र में दर्ज किया गया, जहां मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस के चेत राम को 38,183 मतों के अंतर से हराया. सबसे कम अंतर भोरंज में दर्ज किया गया, जहां कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश कुमार ने बीजेपी के डॉ. अनिल धीमान को सिर्फ 60 मतों से हराया.

इन 8 सीटों पर हुई टाइट फाइट

कुल मिलाकर, आठ सीटों का फैसला 1,000 वोटों से कम के अंतर से हुआ और इनमें से पांच सीटों- भोरंज (60), शिलाई (382), सुजानपुर (399), रामपुर (567) और श्री रेणुकाजी (860) पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की. वहीं बीजेपी ने तीन सीटें जीतीं - श्री नैना देवीजी (171), बिलासपुर (276) और दरंग (618).

68 सीटों में से सात सीटों का फैसला 1,000-2,000 मतों के अंतर से हुआ. इन सीटों में से कांग्रेस ने तीन (भटियात, लाहौल-स्पीति और नाहन) जीतीं. वहीं बीजेपी ने चार (बल्ह, ऊना, जसवां-परागपुर और सरकाघाट) जीतीं. केवल 13 सीटों का फैसला 10,000 से अधिक मतों के अंतर से हुआ था.

Published at : 09 Dec 2022 11:17 AM (IST) Tags: Himachal Election Himachal Election Results Himachal BJP Vote Share हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

कौन सी क्रिकेट सट्टेबाजी विश्लेषण वेबसाइटें ध्यान देने योग्य हैं।

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कौन सी क्रिकेट सट्टेबाजी विश्लेषण वेबसाइटें ध्यान देने योग्य हैं।

ऑनलाइन बैटिंग भारत में काफी प्रसिद्ध हैं और कुछ ही क्रिकेट सट्टेबाजी विश्लेषण वेबसाइटें हैं जो ध्यान देने योग्य हैं। ये वेबसाइटें विशेषज्ञ सट्टेबाजी युक्तियों और खेल में अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं जो आपको अपने दांव के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद कर सकती हैं। फेयरप्ले क्लब सर्वश्रेष्ठ सट्टेबाजी विश्लेषण वेबसाइट भी है। साथ ही यह आपको क्रिकेट से जुड़ी घटनाओं को आप तक पहुँचाते हैं और आपको सही अनुमान लगाने मेें सही मदद भी करते हैं। काफी सबसे प्रसिद्ध बैटिंग साइट हैं जिनमें से कुछ ही क्रिकेट सट्टेबाजी विश्लेषण वेबसाइटें हैं जो आपको सही और सटीक जानकारी देती हैं।

इस सूची में पहली वेबसाइट क्रिकबज है। जो काफी पॉपुलर हैं। क्रिकबज एक व्यापक क्रिकेट वेबसाइट है जो क्रिकेट की सभी चीजों के समाचार, लाइव स्कोर, कमेंट्री और विश्लेषण प्रदान करती है। यह दुनिया

की सबसे लोकप्रिय क्रिकेट वेबसाइटों में से एक है, और हर महीने लाखों लोग इसे देखते हैं। इसे देखने से आपको मैच से जुड़ी जानकारी प्राप्त हो जाती है और लाइव क्रिकेट मैच स्कोर की पूर्ण जानकारी प्राप्त हो जाती है। इसी सूची में दूसरी वेबसाइट ईएसपीएन क्रिकइन्फो है। जो आपको क्रिकेट से जुड़ी परी कवरेज़ करके आपको सही जानकारी देती हैं।

क्रिकबज (Cricbuzz)

क्रिकबज एक ऑनलाइन वेबसाइट ही है। जो क्रिकेट की जानकारी से भरी हुई है। आप इस साइट को खोलकर जान सकते हैं कि कौन से मैच चल रहे हैं और उनके स्कोर। तो इसका अर्थ यह है कि आपको मैच से जुड़ी लाइव अपडेट मिल जाती है। अगर आप इसे ओपन करके देखेंगे तो क्रिकेट मैच कब हैं किन दो टीमों के बीच होने वाला है।आप हर क्रिकेटर प्रोफाइल, मैचों की लाइव कमेंट्री, मैच शेड्यूल, टीम आईसीसी रैंकिंग के बारे में जान सकते हैं। लाइव स्कोर, आदि। यह पूरी तरह से क्रिकेट है। आप क्रिकेट के बारे में जो भी जानकारी चाहते हैं उसे जान सकते हैं।

यदि आप क्रिकेट से प्यार करते हैं तो यह आपके लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन वाली साइट हो सकती है। इस साइट के साथ क्रिकेट से जुड़ी दुनियाभर की जंकरि आपकी उंगलियों पर आ जाती है। यदि आप क्रिकेट के बारे में नहीं जानते हैं, तो यह आपके लिए यह थोड़ा अजीब या भ्रमित करने वाला हो सकता है। इसके लिए आपको क्रिकेट की जानकारी प्राप्त करनी होगी । हाल के मैचों के अपडेट और समाचार लेखों के साथ होम स्क्रीन काफी बुनियादी बाते आपको आसानी से प्राप्त हो जाएगी। हालांकि असली सौदा साइड पैनल पर है, जो क्रिकेट की दुनिया को काफी दिलचस्प बना देता है।

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ईएसपीएन क्रिकइन्फो ( ESPN CricInfo)

ऑनलाइन बेटिंग इन इंडिया काफी पॉपुलर हैं। वैसे तो आपको काफी सारी क्रिकेट सट्टेबाज़ी विश्लेषण साइट देखने को मिल जाएगी लेकिन ईएसपीएन क्रिकइन्फो काफी अलग है। यह सबसे लोकप्रिय क्रिकेट वेबसाइटों में से एक हैं। वहीं ईएसपीएन क्रिकइन्फो लाइव बॉल-टू-बॉल कवरेज अपने यूसर्ज़ को प्रदान करता है। साथ ही ईएसपीएन क्रिकइन्फो पर सभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों पर एक गहन विश्लेषण भी शामिल देखने को मिलेगा। इसकी खास बात यह है कि यहाँ पर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट विशेषज्ञ अपने विचार साझा करते हैं, जो पढ़ने में मनोरंजक होते है। इसपर आपको आसा नी से क्रिकेट के लाइव स्कोर काफी आसान से देखने को मिल जाते है। साथ ही इसको आए हुए कम से कम 10 15 साल हो गए

इसलिए ईएसपीएन क्रिकइन्फो के पास लोगों का डेटाबेस अच्छा है। यही कारण हैं कि क्रिकइंफो से लोगों के दिमाग में एक अच्छे चैनल की छवि बनी हुई है और लोग इसे काफी पसंद भी करते है।

बता दें कि ईएसपीएन (मूल रूप से एंटरटेनमेंट एंड स्पोर्ट्स प्रोग्रामिंग नेटवर्क के लिए एक प्रारंभिकवाद और एक अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय बुनियादी केबल स्पोर्ट्स चैनल जो ईएसपीएन इंक के स्वामित्व का है , जिसका स्वामित्व द वॉल्ट डिज़नी कंपनी (80%) और हर्स्ट कम्युनिकेशंस (20%) के पास बताया गया है। बता दें कि कंपनी की स्थापना 1979 में बिल रासमुसेन ने अपने बेटे स्कॉट रासमुसेन और एड ईगन के साथ शुरुआत् की थी।

Bharuch seat results: प्रत्याशी बदलने से फायदा, बीजेपी ने ने 64000 मतों के बड़े अंतर से जीत हासिल की, 1995 के बाद से लगातार जीत

Bharuch seat Gujarat results: भाजपा द्वारा मौजूदा विधायक दुष्यंतभाई पटेल के स्थान पर उम्मीदवार बनाए गए रमेश विश्लेषण और विश्लेषण के बीच अंतर मिस्त्री को 1,08,181 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी जयकांतभाई पटेल को 44,087 वोट मिले।

Bharuch seat results 2022 BJP strategy sitting MLA fight anti-incumbency won huge margin 64000 votes Ramesh Mistry replace Dushyantbhai Patel got 108181 votes | Bharuch seat results: प्रत्याशी बदलने से फायदा, बीजेपी ने ने 64000 मतों के बड़े अंतर से जीत हासिल की, 1995 के बाद से लगातार जीत

भाजपा 1995 के बाद से भरूच में कभी चुनाव नहीं हारी है।

Highlights आम आदमी पार्टी (आप) के मनहरभाई परमार 14,309 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। भाजपा 1995 के बाद से भरूच में कभी चुनाव नहीं हारी है। 64,000 मतों के बड़े अंतर से इस सीट पर जीत हासिल की।

Bharuch seat Gujarat results: सत्ता विरोधी लहर से लड़ने के लिए अपने आधे मौजूदा विधायकों को बाहर करने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रणनीति भरूच में रंग लेकर आई और पार्टी ने 64,000 मतों के बड़े अंतर से इस सीट पर जीत हासिल की।

भाजपा द्वारा मौजूदा विधायक दुष्यंतभाई पटेल के स्थान पर उम्मीदवार बनाए गए रमेश मिस्त्री को 1,08,181 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी जयकांतभाई पटेल को 44,087 वोट मिले। आम आदमी पार्टी (आप) के मनहरभाई परमार 14,309 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

भाजपा 1995 के बाद से भरूच में कभी चुनाव नहीं हारी है। कांग्रेस इस बार सत्ता विरोधी लहर के सहारे जीत की विश्लेषण और विश्लेषण के बीच अंतर उम्मीद कर रही थी, लेकिन चुनावी समर में आप के प्रवेश ने उसका खेल खराब कर दिया।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार योगेश पटेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं कांग्रेस के प्रत्याशी को 41,623 मतों के भारी अंतर से हरा कर आणंद विधानसभा सीट पर कब्जा कर लिया है।

पटेल ने कांग्रेस के मौजूदा विधायक कांति सोधा परमार को हराया है। मतगणना शुरू होने पर शुरूआती दौर में कांग्रेस और भाजपा के बीच यहां कांटे की टक्कर नजर आ रही थी, लेकिन अंत में भाजपा ने आसानी से जीत दर्ज कर ली है। इससे पहले, 2017 में कांग्रेस ने 25 साल के बाद भाजपा से यह सीट छीन ली थी।

परमार ने पिछली बार करीब 5,000 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी, लेकिन इसबार वह अपनी सीट बचाने में कामयाब नहीं रहे। आणंद सीट से 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के परमार और पटेल के बीच था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भरतसिंह सोलंकी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पार्टी अपनी हार के कारणों का विश्लेषण करेगी और सुधारात्मक कदम उठाएगी।

भारत जोड़ो यात्रा पर गुजरात चुनाव के नतीजों का कोई असर नहीं : जयराम रमेश

Prateek Mishra

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शनिवार को दावा किया कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों का कोई असर नहीं है क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा ‘चुनाव जिताओ यात्रा’ या ‘चुनाव जीतो यात्रा’ नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गुजरात चुनाव का नतीजा निराशाजनक जरूर था।हालांकि, रमेश ने आरोप लगाया कि गुजरात में केंद्र और राज्य सरकार की मशीनरी का दुरुपयोग किया गया और चुनाव प्रचार में भाजपा द्वारा एक बच्ची का इस्तेमाल किए जाने की कांग्रेस की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात चुनाव हमारे लिये निराशाजनक जरूर है । 2017 में हमने खूब प्रयास किया और भाजपा को 100 सीटें भी नहीं मिली और हमारे तथा भाजपा के बीच में 24-25 सीटों का अंतर था। लेकिन इस बार हमें बहुत बड़ा धक्का मिला है।’’उन्होंने कहा, ‘‘धक्का इसलिये मिला है क्योंकि हम एक गठबंधन विश्लेषण और विश्लेषण के बीच अंतर के साथ मुकाबला कर रहे थे..सिर्फ भाजपा के साथ नहीं.. भाजपा के साथ आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम भी जुड़ी हुई थी और आम आदमी पार्टी तथा एआईएमआईएम का कांग्रेस का वोट काटना ही एक मकसद था।’’

कांग्रेस नेता ने बूंदी में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘कांग्रेस के वोट शेयर में भारी गिरावट आई है 40 प्रतिशत से 27 प्रतिशत हुआ है.. परन्तु मैं समझता हूं 27 प्रतिशत एक फाउंडेशन है अगले पांच साल में एक चुनाव में 27 से 40 प्रतिशत पर जाना मुश्किल नहीं है।’’उन्होंने कहा कि ‘‘चुनाव परिणाक निराशाजनक है.. आत्मचिंतन की जरूरत है हमारे स्थानीय नेताओं को एकजुट होने की जरूरत है.. हम समीक्षा करेंगे.. विश्लेषण करेंगे.. बातचीत होगी, परन्तु हम विश्वास रखते हैं कि हमें ज्यादा सीटे तो नहीं मिली और भाजपा को भारी बहुमत मिला है.. इस आप पार्टी और एआईएमआईएम के कारण और राज्य सरकार और केन्द्र सरकार की संस्थाओं का जो दुरूपयोग हुआ हमारे खिलाफ वो भी एक कारण है।’’उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य वरिष्ठ नेता जानते हैं कि क्या कार्रवाई की जानी है।भाजपा ने बृहस्पतिवार को गुजरात में 182 सदस्यीय सदन में 156 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की, जो 2017 की भाजपा को मिली 99 सीटों की तुलना में बहुत अधिक है।

उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात को छोडकर मैं समझता हूं भाजपा को ढिंढोरा पीटने के लिये कोई कारण नहीं है। प्रधानमंत्री गुजरात के बारे में ही बात करते है क्योंकि वो जनता का ध्यान हिमाचल प्रदेश, राजस्थान छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बिहार के नतीजे से और कहीं ले जाना चाहते है।’’उन्होंने कहा, ‘‘कमिंया हमारे संगठन में थी, इन कमियों को हमें देखना है इसका विश्लेषण करना है और जो कार्रवाई करनी है हमें करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा आलाकमान. अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जानते हैं। वो जानते हैं कि क्या क्या करने की जरूरत है।’’रमेश ने कहा, ‘‘चुनाव में उतार चढाव होते हैं यह वास्तविक है.. चुनाव हारते हैं.. चुनाव जीतते हैं पर यह बात बिल्कुल साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम वोट काटने वाली पार्टी है, और ये भाजपा के इशारे से चलते हैं। कांग्रेस को कमजोर करने के लिये आप पार्टी और एआईएमआईएम पार्टी का इस्तेमाल किया जाता है।’’उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का चुनाव परिणाम कांग्रेस पार्टी के लिये तो एक बूस्टर डोज के माफिक है क्योंकि हमें हिमाचल में स्पष्ट बहुमत मिला है।

रमेश ने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के प्रचार के बावजूद डबल इंजन सरकार पटरी से उतर गई। पांच प्रतिशत वोट शेयर घटा और कांग्रेस पार्टी को फिर से जनादेश मिला।’’कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव एक साथ होने थे। लेकिन गुजरात चुनाव बाद में हुए ताकि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य लोग उस राज्य पर ध्यान केंद्रित कर सकें।भारत जोड़ो यात्रा के बारे में रमेश ने कहा कि यात्रा शनिवार को अपने 94वें दिन में प्रवेश कर चुकी इसे राजस्थान में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। सोनिया गांधी के रणथंभौर दौरे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जो लोग सार्वजनिक जीवन में हैं उनका भी निजी जीवन होता है।कांग्रेस महासचिव ने बताया कि 12 दिसंबर को बूंदी में महिला शक्ति यात्रा निकाली जाएगी जिसमें राहुल गांधी के साथ महिला जनप्रतिनिधि, नेता और अन्य महिलाएं शामिल होंगी।उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के भी इस यात्रा में शामिल होने की संभावना है।

यात्रा के दौरान बृहस्पतिवार को कोटा में एक व्यक्ति द्वारा आत्मदाह का प्रयास करने के बारे में पूछे जाने पर राजस्थान कांग्रेस के प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।चतुर्वेदी ने कहा लेकिन शुरुआती जानकारी के अनुसार, वह मानसिक रूप से विक्षिप्त था, जिसने लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए आत्मदाह का प्रयास किया।कोटा के राजीव गांधी नगर में राजीव गांधी की प्रतिमा के सामने बृहस्पतिवार सुबह एक व्यक्ति ने उस समय खुद को आग लगाने का प्रयास किया, जब भारत जोड़ो यात्रा प्रतिमा के सामने से गुजर रही थी।हालांकि, पुलिस और नागरिक सुरक्षा कर्मियों ने उसे यह कदम उठाने से रोक दिया था।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव: बीजेपी को भारी पड़ी अपनों की बगावत, कांग्रेस को भी हुआ नुकसान

हिमाचल प्रदेश में जमकर जोर लगाने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। नतीजों का विश्लेषण देखकर लगता है कि पार्टी को बागियों की बगावत का काफी खामियाजा भुगतना पड़ा है।

Vineet Kumar Singh

Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Published on: December 09, 2022 15:57 IST

Himachal Election Results, Himachal Vidhan Sabha Results 2022, Himachal BJP Rebels- India TV Hindi

Image Source : PTI हिमाचल प्रदेश में बागियों ने बीजेपी का खेल काफी हद तक बिगाड़ा है।

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी को करारी मात दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तूफानी दौरों और ‘राज नहीं, रिवाज बदलो’ के आवाह्न के बावजूद बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि ऐसा भी नहीं है कि मोदी के आवाह्न को हिमाचल के लोगों ने पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया, क्योंकि अगर ऐसा होता तो बीजेपी सिर्फ 0.9 फीसदी वोटों से ही कांग्रेस से पीछे नहीं होती, भले ही सीटों का अंतर 15 रहा। दरअसल, बीजेपी को सबसे ज्यादा चोट उसके बागियों ने पहुंचाई है, और कुछ सीटों पर कांग्रेस को भी इससे जूझना पड़ा है।

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बीजेपी और कांग्रेस दोनों को हुआ नुकसान

आंकड़ों पर गौर किया जाए तो विधानसभा चुनाव में बागियों ने 68 में से 12 सीटों पर BJP और कांग्रेस दोनों का खेल बिगाड़ा। निर्दलीयों के रूप में मैदान में उतरे इन बागियों ने 8 सीटों पर बीजेपी और 4 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों की जीत की संभावनाओं पर पानी फेरने का काम किया। हिमाचल के चुनावी रण में कुल 99 निर्दलीय उम्मीदवार उतरे थे, जिनमें से 28 इन दोनों पार्टियों के बागी थे। चुनाव जीतने वाले तीनों निर्दलीय उम्मीदवारों, नालागढ़ से के. एल. ठाकुर, देहरा से होशियार सिंह और हमीरपुर से आशीष शर्मा ने टिकट न मिलने के बाद BJP से बगावत कर दी थी।

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नालागढ़ और देहरा में भारी पड़ी बगावत
नालागढ़ से चुनाव जीते ठाकुर ने 2012 का विधानसभा चुनाव जीता था, लेकिन 2017 में वह हार गए थे। बीजेपी ने उनकी जगह 2 बार के कांग्रेस विधायक लखविंदर सिंह राणा पर दांव लगाने का फैसला किया, जिन्होंने चुनाव से पहले ही बीजेपी का दामन थामा था। वहीं, देहरा से निर्दलीय विधायक सिंह ने चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था, लेकिन पार्टी ने रमेश धवाला को टिकट दे दिया। इसी तरह, हमीरपुर से उम्मीदवार न बनाए जाने से नाराज आशीष शर्मा ने भी पार्टी से बगावत कर दी थी।

निर्दलीय, छोटे दलें ने जुटाए 10.39 फीसदी वोट
बागियों ने किन्नौर, कुल्लू, बंजर, इंदौरा और धर्मशाला में बीजेपी के प्रत्याशियों की जीत की संभावनाएं धूमिल कर दीं, जबकि पच्छाद, चौपाल, आनी और सुलह में कांग्रेस उम्मीदवारों को उनके चलते हार का मुंह देखना पड़ा। निर्दलीय और अन्य छोटे दलों का कुल वोट प्रतिशत 10.39 फीसदी रहा। किन्नौर में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने वाले बीजेपी के पूर्व विधायक तेजवंत नेगी को 19.25 फीसदी यानी 8,574 वोट मिले। यह आंकड़ा कांग्रेस प्रत्याशी जगत सिंह नेगी के जीत के अंतर (6,964 वोट) से ज्यादा है और इसने बीजेपी उम्मीदवार सूरत नेगी की हार में अहम भूमिका निभाई।

कुल्लू और बंजर में बागियों ने बिगाड़ा खेल
वहीं, कुल्लू की बात करें तो बीजेपी के बागी राम सिंह को 16.77 फीसदी यानी 11,937 वोट हासिल हुए, जबकि पार्टी प्रत्याशी नरोत्तम ठाकुर को 4,103 मतों से कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंदर ठाकुर के हाथों हार झेलनी पड़ी। बंजर में भी परिदृश्य अलग नहीं था। निर्दलीय के रूप में ताल ठोकने वाले हितेश्वर सिंह को 24.12 फीसदी यानी 14,568 वोट मिले, जबकि बीजेपी के प्रत्याशी खिमी राम को 4,334 मतों से हार का सामना करना पड़ा। हितेश्वर सिंह भारतीय जनता पार्टी के नेता महेश्वर सिंह के बेटे हैं।

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धर्मशाला में भी बागी के चलते हारी बीजेपी?
धर्मशाला में बीजेपी के बागी विपिन नहेरिया के खाते में 12.36 फीसदी यानी 7,416 वोट गए, जो कांग्रेस उम्मीदवार सुधीर शर्मा के जीत के अंतर (3,285 वोट) से काफी अधिक हैं। सुल्ला और अन्नी में भी कुछ ऐसा ही परिदृश्य देखने को मिला, जहां मुकाबला बीजेपी उम्मीदवारों और कांग्रेस के बागियों विश्लेषण और विश्लेषण के बीच अंतर के बीच था और कांग्रेस का आधिकारिक प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा। पच्छाद और चौपाल में कांग्रेस के बागियों गंगू राम मुसाफिर और सुभाष मैंग्लेट ने क्रमश: 21.46 प्रतिशत और 22.03 फीसदी वोट हासिल किए, जो उक्त सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशियों के जीत के आंकड़े से 2 से 3 गुना ज्यादा हैं।

रिवाज नहीं, इस बार भी राज ही बदला
हिमाचल में हुए ताजा चुनावों में निर्दलीयों की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है, क्योंकि कांग्रेस ने 68 में से 40 सीटों पर जीत दर्ज कर स्पष्ट जनादेश हासिल किया है। भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद थी कि वह इस बार पिछले कुछ दशकों से हर चुनाव के बाद सरकार बदल जाने के रिवाज को बदल देगी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। कई सीटें ऐसी रही जहां काफी करीबी मुकाबला भी हुआ और ज्यादातर ऐसे मुकाबलों में बाजी कांग्रेस नेताओं के हाथ लगी, और हार-जीत का सारा अंतर वहीं तय हो गया।

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