भारत और अमेरिका चार साल के बाद व्यापार नीति मंच (Trade Policy Forum) को पुनर्जीवित सबसे बड़ा व्यापार मंच करने के अलावा बाजार पहुंच और डिजिटल व्यापार जैसे मुद्दों पर मतभेदों को हल करने के तरीकों को खोजने के लिए सहमत हुए हैं।

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RCEP: क्या है दुनिया के इस सबसे बड़े व्यापार समझौते का मतलब, किसे मिलेगा फायदा?

हनोई में 37वें आसियान समिट के दौरान आरसीईपी सहमति पर वर्चुअल साइनिंग सेरेमनी.

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हाल ही में चीन समेत 15 देशों ने रीजनल कंप्रेहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) की व्यापारिक संधि पर हस्ताक्षर किया है. इ . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 21, 2020, 08:03 IST

नई दिल्ली. 15 एशिया पैसेफिक देशों (Asia-Pacific Countries) ने 'रीजनल कंप्रेहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप' (RCEP) की व्यापारिक संधि (Trade Deal) पर दस्तखत कर दिए हैं. जिसके चलते एशिया-प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाएं चीन (China) की अर्थव्यववस्था से अब और अच्छे से जुड़ जाएंगी. यह व्यापारिक संधि वैश्विक आबादी का लगभग एक तिहाई और अपने वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 30 फीसदी कवर करती है. इससे इन सबसे बड़ा व्यापार मंच सदस्यों देशों की चीन पर मुक्त व्यापार (Free Trade) के मामले में निर्भरता बढ़ जाएगी. भारत (India) ने इस संधि से खुद को अभी तक दूर रखा हुआ है. आइए एक नजर डालते हैं इस संधि के पहलुओं पर.

भारत सरकार

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यह प्रभाग उप सहारा अफ्रीका क्षेत्र (पूर्वी, पश्चिमी, मध्‍य एवं दक्षिणी) जिसमें अफ्रीका के 50 देश शामिल हैं, के संबंध में व्‍यापार संवर्धन, नीति, वार्ता तथा अन्‍य संबंधित गतिविधियों से संबंधित काम देखता है।

विदेश व्‍यापार (अफ्रीका) प्रभाग के अधिकारियों का ब्‍यौरा :

  • श्री मनोज द्विवेदी : संयुक्‍त सचिव
  • सुश्री हिमानी सरद : उप सचिव
  • श्री टी एन प्रेम : अवर सचिव
  • श्री सुधीर सिंह लांबा : अनुभाग अधिकारी
  • सुश्री आशा किरन वर्मा : सहायक
2013-14 2014-15
निर्यात 25.80 27.14
पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि (प्रतिशत में) 9.89 % 5.20 %
आयात 31.53 34.75
पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि (प्रतिशत में) -8.36 % 10.25 %
कुल व्‍यापार 57.32 61.89
पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि (प्रतिशत में) -0.96 % 0.07 %

भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार कौन है?

Key Points

  • वित्त वर्ष 2020-21 में अमेरीका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
  • 2020 - 21 में अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 145 बिलियन अमरीकी डालर रहा ।
  • अमेरिका 2018 में चीन को पछाड़कर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया।
  • भारत का संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ 23 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार अधिशेष है।

Additional Information

  • चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
  • वित्त वर्ष 2020-21 में भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार 125.66 अरब अमेरिकी डॉलर था ।
  • मूल अवधारणा
    • व्यापार अधिशेष - जब किसी देश का निर्यात उसके आयात से अधिक होता है।
    • व्यापार घाटा - जब किसी देश का आयात उसके निर्यात से अधिक हो।
    • व्यापार संतुलन - जब किसी देश का निर्यात और आयात बराबर होता है।

    भारत-अमेरिका व्यापार संबंध

    अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जबकि भारत इसका 9वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। भारत से आयात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएं, मशीनरी, वस्त्र, रत्न और हीरे, लोहा और इस्पात उत्पाद, रसायन, चाय, कॉफी और अन्य खाद्य खाद्य उत्पाद शामिल हैं। भारत द्वारा आयात की जाने वाली अमेरिकी वस्तुएं उर्वरक, विमान, हार्डवेयर, कंप्यूटर चिकित्सा उपकरण और स्क्रैप धातु हैं। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निवेश भागीदार भी है।

    व्यापार नीति मंच कार्यक्रम जुलाई 2005 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बुश और भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा बनाया गया था। यह दोनों देशों के एक प्रतिनिधि द्वारा चलाया जाता है। यह कार्यक्रम द्विपक्षीय व्यापार और निवेश प्रवाह को बढ़ाने के लक्ष्य के साथ बनाया गया था।

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