Central Depository Service (India) Limited (CDSL)

What is DP Means in Stock Market| DP Charges and role

Depositories Participants (DPs)

यह एक तरह की संस्था (Organization ) होती है. जो गवर्नमेंट के अंडर में काम करती है. इसकी देखरेख SEBI यानी कि SECURITY AND EXCHANGE BOARD OF INDIA करता है.

यह आपके द्वारा खरीदी गई सिक्योरिटीज Securities को अपने पास रखता है.

सिक्योरिटीज का मतलब जैसे आपके द्वारा खरीदे गए Stocks, Mutual funds, shares, debentures, mutual funds, derivatives, F&O, and commodities.

कमोडिटी में आपके Curde oil. gold silver, Copper, सोना चांदी, मेंथा, धनिया मिर्चा, अदरक लहसुन, जितनी भी कमोडिटी में ट्रेडिंग होती है वह सब डीपी चार्जेस के अंतर्गत आती है.

Which is Safe NSDL or CDSL दोनों में कौन सुरक्षित हैं

NSDL AND CDSL यह दोनों संस्थाएं 1 तरीके से आपके लिए online Locker सिस्टम का काम करती हैं जिस तरह से आप अपने सोने को या गोल्ड को बैंक के लॉकर में सुरक्षित रखते हैं यह महसूस करके कि आपका सोना वहां पर सुरक्षित है उसी

तरीके Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है? से यहां पर आप अपने शेयर्स , म्यूच्यूअल फंड को सुरक्षित रखने के लिए यहां पर रखा जाता है क्योंकि, पुराने समय में कुछ घटनाएं ऐसी हुई है कि ब्रोकर बिना आपकी इजाजत के आपके द्वारा खरीदे गए shares को बेच देते थे स्क्वायर ऑफ (exit stocks position )

यह घटनाएं उस समय देखने में आई थी जब ऑनलाइन broking सिस्टम का जमाना नहीं था

लोगों को अपने शेयर खरीदने के बाद एक पेपर मिलता था फिर कंपनी की तरफ से पोस्टमैन या डाकिया आपके घर पर एक चिट्ठी ले करके आता था उसके अंदर वह सारे लिफाफे होते थे या ब्रोकर की ट्रेडिंग रिपोर्ट होती थी. यह सारा काम उस जमाने

What is Work CDSL and NSDL का काम क्या होता है

जैसा कि आपको अभी बताया कि यह दोनों संस्थाएं हैं जो आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स या मैचुअल फंड सिक्योरिटीज को ब्रोकर के माध्यम से अपने पास सुरक्षा के तौर पर रखती है.

जब कोई आप स्टॉक या म्यूच्यूअल फंड या सिक्योरिटी डेरिवेटिव्स जैसे कि फ्यूचर एंड ऑप्शन में trade करते हैं.

और इन शेयर्स को आप अपने पास कुछ दिनों के लिए रखते हैं तब आपने ट्रेडिंग का यह साइकिल

T+2 Days जरूर सुन रखा होगा.

जिसमें आपके शेयर या stocks या म्यूचुअल फंड या सिक्योरिटीज या कमोडिटी जैसे कि गोल्ड, सिल्वर, कॉपर, मेंथा आयल, इत्यादि आपके द्वारा खरीदे गए या ट्रेड किए गए इन सिक्योरिटीज को 2 दिन के बाद आपके डीपी में अपने आप आ जाते हैं.

यह पूरी ट्रेडिंग आप अपने डीमेट अकाउंट के जरिए करते हैं.

इसलिए इस प्रक्रिया को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेट कहते हैं.

हर्षद मेहता: कहानी चार हजार करोड़ के उस घोटाले की जिसने बदल डाली शेयर बाजार की दिशा

Dimple Alawadhi

‌डिंपल अलावाधी
Updated Fri, 09 Apr 2021 05:43 PM IST

  • हर्षद मेहता ने 1990 के दशक में देश का वित्तीय बाजार हिला कर रख दिया था।
  • यह घोटाला करीब 4,000 करोड़ रुपये का था।
  • इसके बाद ही सेबी को शेयर मार्केट में गड़बड़ी रोकने की ताकत दी गई।

हर्षद मेहता घोटाला

इन दिनों हर्षद मेहता का नाम फिर से चर्चा में है। हर्षद मेहता ऐसे शख्स हैं जिन्होंने 1990 के दशक में देश का वित्तीय बाजार बुरी तरह से हिला कर रख दिया था। इसके बाद उनके जीवन पर किताब भी लिखी गई और वेब सीरीज भी बनी। अब अभिनेता अभिषेक बच्चन की फिल्म 'द बिग बुल' रिलीज हुई है, जिसके बाद से लोगों में इस कहानी का क्रेज और बढ़ गया है।

विस्तार

इन दिनों हर्षद मेहता का नाम फिर से चर्चा में है। हर्षद मेहता ऐसे शख्स हैं जिन्होंने 1990 के दशक में देश का वित्तीय बाजार बुरी तरह से हिला कर रख दिया था। इसके बाद उनके जीवन पर किताब भी लिखी गई और वेब सीरीज भी बनी। अब अभिनेता अभिषेक बच्चन की फिल्म 'द बिग बुल' रिलीज हुई है, जिसके बाद से लोगों में इस कहानी का क्रेज और बढ़ गया है।

आज भी लोगों के जहन में है 1992 के स्कैम की यादें
देश में इकोनॉमिक रिफॉर्म्स की शुरुआत साल 1991 में हुई थी। भारतीय अर्थव्यस्था के लिए साल 1990 से 1992 का समय बड़े बदलाव का वक्त था। लेकिन इस बीच एक ऐसा घोटाला सामने आया, जिसने शेयरों की खरीद-बिक्री की प्रकिया में ऐतिहासिक परिवर्तन किए। इस घोटाले के जिम्मेदार हर्षद मेहता थे। यह घोटाला करीब 4,000 करोड़ रुपये का था और इसके बाद ही सेबी को शेयर मार्केट में गड़बड़ी रोकने की ताकत दी गई। घोटाले के मुख्य आरोपी हर्षद मेहता का 2002 में निधन हो गया। लेकिन 1992 के बहुचर्चित स्टॉक मार्केट स्कैम की यादें भी अब बहुत कम लोगों के जेहन में हैं।

What is Work CDSL and NSDL का काम क्या होता है

जैसा कि आपको अभी बताया कि यह दोनों संस्थाएं हैं जो आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स या मैचुअल फंड सिक्योरिटीज को ब्रोकर के माध्यम से अपने पास सुरक्षा के तौर पर रखती है.

जब कोई आप स्टॉक या म्यूच्यूअल फंड या सिक्योरिटी डेरिवेटिव्स जैसे कि फ्यूचर एंड ऑप्शन में trade करते हैं.

और इन शेयर्स को आप अपने पास कुछ दिनों के लिए रखते हैं तब आपने ट्रेडिंग का यह साइकिल

T+2 Days जरूर सुन रखा होगा.

जिसमें आपके शेयर या stocks या म्यूचुअल फंड या सिक्योरिटीज या कमोडिटी जैसे कि गोल्ड, सिल्वर, कॉपर, मेंथा आयल, इत्यादि आपके द्वारा खरीदे गए या ट्रेड किए गए इन सिक्योरिटीज को 2 दिन के बाद आपके डीपी में अपने आप आ जाते हैं.

यह पूरी ट्रेडिंग आप अपने डीमेट अकाउंट के जरिए करते हैं.

इसलिए इस प्रक्रिया को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेट कहते हैं.

Which is better CDSL or NSDL?

NSDL और CDSL दोनों में कौन ज्यादा बेहतर बढ़िया है

अब आपके दिमाग में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि अगर दो संस्थाएं काम कर रही हैं तो इनमें से अच्छी कौन है.

यह सवाल आना आपके दिमाग में बिल्कुल जरूरी है क्योंकि भारत में यह दोनों संस्थाएं भारत सरकार के नियंत्रण में काम कर रहे हैं तो दोनों ही संस्थाए है अच्छी है अब रही बात आप आपको कौन सा पसंद है यह ब्रोकर डिसाइड करता Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है? है कि उसको कौन सी संस्था चाहिए एनएसडीएल या सीडीएसएल इन दोनों में से वह कोई भी चुन लेता है और आप जब भी अपना डिमैट अकाउंट ओपन कर आते हैं किसी भी ब्रोकर के अंडर में तब आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स अपने आप उस संस्था के पास चले जाते हैं जो कि आपके शेयर्स या सिक्योरिटीज को सुरक्षित रखता है.

क्या मैं दोनों NSDL और CDSL ले सकता हूं?

आप यह बिल्कुल कर सकते हैं आप अलग-अलग ब्रोकर के द्वारा डिमैट अकाउंट ओपन करा सकते हैं वहां पर जो भी ब्रोकर जिस संस्था से जुड़ा होगा वह अपने आप आपको उसका लाभ मिल जाएगा मतलब आपको सीडीएसएल या एनएसडीएल दोनों मिल Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है? जाएंगे अलग-अलग ब्रोकर के द्वारा

जैसे अगर मैं उदाहरण के तौर पर बताऊ तो भारत का सबसे बड़ा डिस्काउंट ब्रोकर zerodha है और ज़ेरोधा के पास CDSL का अकाउंट है ज़ेरोधा आपके शेयर को सीडीएसएल के पास में रखता है.

वहीं अगर किसी और ब्रोकर जैसे कि एंजल ब्रोकिंग के पास NSDL है और यह आपके शेयर को यहां पर रखता है तब आप अलग-अलग डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं और इसका लाभ ले सकते हैं

DP Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है? CHARGES OF BROKER

Angel broking DP charges

भारत में कौन broker सबसे कम डीपी चार्जेस लेता है. देखिए दोनों ही तरह की संस्था है. और दोनों में बहुत ही थोड़ा सा अंतर है.

एक ब्रोकर का जो डीपी चार्जेस होगा वह संस्था के पास जाएगा ना कि ब्रोकर के पास.

वैसे अगर इसका अंदाजा यह लगाए कि आज के समय में जो भी डीपी चार्जेस चल रहे हैं वह लगभग हर एक आर्डर पर कम से कम 35 Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है? रुपए के आसपास चल रहे हैं और यह 45 रुपए तक है.

यह चार्जेस हर एक Oder पर अलग-अलग लिए जाते हैं.

जैसे कि इसको एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं

मान लेते हैं आप नेस्ले इंडिया का एक शेयर खरीदते हैं. और उसको hold करते हैं. तब आपको उसका डीपी चार्जेस 35 रुपए तक लग सकता है.

वहीं अगर आप एक बार में अगर 1000 नेस्ले के शेयर्स खरीदते हैं या और किसी कंपनी के भी खरीदते हैं तब भी आपको DP का पैसा 35 रुपए से लेकर 45 रुपए के बीच में ही लगेगा.

Best forex broker in india Hindi |भारत में सबसे अच्छा फॉरेक्स ब्रोकर प्लेटफॉर्म

भारत में केवल चार INR Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है? based currency pairs उपलब्ध हैं – USD/INR, EUR/IND, GBP/INR और JPY/INR। आप EUR-USD, GBP-USD और USD-JPY पर cross currency F&O contracts का भी trading कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि cross currencies में संबंधित INR pair होते Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है? हैं।

Best forex broker in india hindi

लेकिन, यदि आप AUD (ऑस्ट्रेलियाई डॉलर), CHF (स्विस फ़्रैंक), कैनेडियन डॉलर (CAD), या अन्य currency pairs जैसे अन्य FX में trading करना चाहते हैं, तो आपको एक international forex broker के साथ एक forex account खोलने की आवश्यकता है।

स्टॉक ब्रोकर के लिए योग्यता (Stock Broker Eligibility)

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए आपको शेयर मार्केट की बेसिक स्किल्स के बारे में अच्छी तरह पता होना चाहिए. क्योंकि आपको जिस जगह पर काम करना है उसके बारे में पहले से जानकारी होना चाहिए.

आपने फाइनेंस, कॉमर्स या अकाउंटेनसी में ग्रेजुएशन करना होता है. क्योंकि इनमें आपको अच्छे से शेयर मार्केट के बारे में समझाया जाता है.

आपकी कम्यूनिकेशन स्किल बहुत अच्छी होनी चाहिए. आपमें लोगों को कन्वेंस करने का गुण होना चाहिए.

आपकी गणित और रिजनिंग बहुत ही स्ट्रॉंग होनी चाहिए. क्योंकि शेयर मार्केट में सारा खेल आंकड़ों का है.

स्टॉक ब्रोकर कैसे बने? (How to become stock broker?)

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए आपके अंदर जरूरी योग्यता है तो आप नीचे दिए गए सर्टिफिकेट कोर्स को करके स्टॉक ब्रोकर बनने की ओर अपना कदम बढ़ा सकते हैं.

NSE’s Certification In Financial Markets
NSE’s Certified Market Professional
Certificate Program On Capital Markets
A PG Diploma In Capital Market And Financial Services
Post Graduate Diploma In Fundamentals Of Capital Market Development

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए बेस्ट कॉलेज (Stock broker best college)

भारत में यदि आप स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं और इन कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं तो आपको ये सारे कोर्स नीचे दिए गए कॉलेज में मिल जाएंगे.

Institute Of Company Secretaries Of India
Institute Of Capital Market Development
All India Center For Capital Market Studies
Mumbai Stock Exchange Training Institute
Institute Of Financial And Investment Planning
Institute Of Chartered Financial Analysts Of India
The Orion Institute Of Capital Market
The UTI Institute Of Capital Market

स्टॉक ब्रोकर कितना कमा सकता है? (Stock broker salary)

Stock Broker बनना कोई हंसी खेल नहीं है. इसमें एंट्री पाना तो आपके लिए आसान रहेगा लेकिन यहाँ टिके रहना मुश्किल है. इसमें शुरुआती तौर पर आप सैलरी के रूप में 20 से 25 हजार रुपये प्रतिमाह कमा सकते हैं.

जब आपको अनुभव हो जाता है और आप सीख जाते हैं कि कब कौन सा शेयर ऊपर जाने वाला है और कौन सा शेयर नीचे आने वाला है तो आप उनमें निवेश करके खुद भी मुनाफा कमा सकते हैं. इसमें कमाई की कोई सीमा नहीं है.

भारत में किसी स्टॉक में निवेश करने का काम काफी हद तक ऑनलाइन हो चुका है और लोग अपनी मर्जी से अपने फोन या कंप्यूटर से पैसा निवेश करके अपनी पसंद का शेयर खरीद लेते हैं. लेकिन स्टॉक ब्रोकर का रोल फिर भी महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि ये ही आपको बताता है कि ये नया शेयर आया है आप इसमें निवेश कीजिए, कौन सा शेयर आपके लिए फायदेंमंद रहेगा. ये सारी जानकारी बिना स्टॉक ब्रोकर के आपको नहीं मिल पाती है. साथ ही आपके Demat account को मैन्टेन करने का काम भी एक स्टॉक ब्रोकर ही करता है.

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