आप अपनी नौकरी के साथ साथ पार्ट-टाईम काम करके भी अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं. दिन के 3-4 घंटे कहीं पर काम करने से या वर्क फ्रोम होम के जरिए काम करने से भी आप नया इनकम सोर्स बना सकते हैं.

पैसिव इनकम क्या है, कैसे होती है ये इनकम, यहां जानिए इसे कमाने के 9 विकल्प के बारे में

  • Vijay Parmar
  • Publish Date - September 25, 2021 / 09:09 AM IST

पैसिव इनकम क्या है, कैसे होती है ये इनकम, यहां जानिए इसे कमाने के 9 विकल्प के बारे में

Passive Income Ideas: हर कोई चाहता हैं कि उसे एक्टिव इनकम के साथ साथ पैसिव इनकम भी मिलती रहे. पैसिव इनकम कमाने के कई तरीके हो सकते हैं. आपकी स्किल और इन्वेस्टमेंट के जोर पर आप कई तरीके से अपनी पैसिव इनकम चालू कर सकते है. आपको इसके लिए शुरुआत में परिश्रम करना पड़ सकता है. इन्टरनेट के कारण पैसिव इनकम के विकल्प बढ़ गए है. आप इ-बुक (e-book) सेल करके, किताब लिख के, प्रॉफेशनल फोटोग्राफ बेचके, एप्लीकेशन या वेबसाइट बनाके, अपना फर्निचर या इक्विपमेंट या मटीरियल किराए पर देकर, कार रेंट पर देकर पैसिव इनकम के सोर्स बना सकते हैं.

पैसिव इनकम क्या है

पैसिव इनकम यानि की वो इनकम होती है, जिसके लिए आपको सक्रिय रूप शामिल (Actively involve) नहीं होना होता है. आप काम करे या न करे आपकी इनकम आती रहती है. इसमें उदाहरण के तौर पर देखे तो मकान किराये पर देना. इसके लिए आपको ज्यादा कुछ काम करना नहीं होता है. आपके मकान का रेंट आपको हर महीने आता निष्क्रिय आय प्राप्त करें और कभी काम न करें रहता है.

शुरूवात में तो सब लोग एक्टिव इनकम करके ही पैसे कमाते है, मतलब नौकरी या कारोबार. लेकिन जिंदगी के सभी दिन समान नहीं होते है. यदि कभी आपकी नौकरी चली जाए या आप एक्टिव्ली काम ना कर सके तो ऐसे वक्त में पैसिव इनकम आपके काम आ सकती हैं. बुढ़ापे में रिटायरमेंट के बाद आपकी एक्टिव इनकम कम या पूरी बंद होती है. लेकिन यदि आप कम आयु में ही पैसिव इनकम सोर्स बनाना चालू निष्क्रिय आय प्राप्त करें और कभी काम न करें करते है तो यह कुछ साल बाद आपको एक्टिव इनकम से भी ज्यादा इनकम प्राप्त हो सकती है. यह आपके रिटायरमेंट के लिए अच्छा सहारा बन सकती है.

पैसिव इनकम की केटेगरी

पैसिव इनकम (निष्क्रिय आय) को मोटे तौर पर दो तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है:
(1) संपत्ति से आय – स्टॉक, FDs (उधार), रियल एस्टेट, विज्ञापन स्थान (आपकी संपत्ति, वेबसाइट में) आदि.
(2) विशेषज्ञता / रचनात्मकता / प्रभाव से इनकम प्राप्त करना – विज्ञापन आय (प्रायोजन), संबद्ध आय, पुस्तकों से रॉयल्टी, कला, संगीत से रॉयल्टी इनकम आदि.

वैसे तो पैसिव इनकम कमाने के कई विकल्प हो सकते हैं, लेकिन यहां हम कुछ विशिष्ट उदाहरण देखेंगे. हम ऐसे कितने भी उदाहरण सूचीबद्ध कर सकते हैं. ध्यान दें कि पैसिव इनकम केवल “डिजिटल” तरीकों से नहीं मिलती हैं. इसके लिए आपका “ऑनलाइन” होना जरूरी नहीं है. लोगों में यह एक गलत धारणा है कि पैसिव इनकम सिर्फ ऑनलाइन या डिजिटल तरीकों से मिल सकती हैं. आप ग्राफिक डिजाइनर या वीडियो एडिटर बनके या पार्ट-टाईम फोटोग्राफर या मोडल बनकर भी अलग से अतिरिक्त पैसे कमा सकते हैं.

(1) प्रॉपर्टी को रेंट पर दे कर

पैसिव इनकम करने के लिए यह सबसे पुराना और पॉपुलर तरीका है. आप कही तरह की रियल एस्टेट प्रॉपर्टी जैसे की घर, जमीन, शॉप, ऑफिस, गोदाम को रेंट पर दे कर रेगुलर अच्छी खासी पैसिव इनकम चालू कर सकते है. लेकिन यदि आप अपने घर का कोई एक कमरा भी यूज़ नहि कर रहे तो आप एक कमरा भी पेइंग गेस्ट के तौर पे रेन्ट पर दे सकते है.

आप SIP के जरिए निष्क्रिय आय प्राप्त करें और कभी काम न करें निवेश कर सकते हैं, या स्टॉक्स, बांड्स, सिक्योरिटीज में डायरेक्ट भी निवेश कर सकते है. कुछ कंपनियां आपको सालाना डिविडेंड भी देती रहती है.

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