10.9 करोड़ टन गेहूं पैदा होने की उम्मीद, सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है ज्यादा पैदावार
मुंबई– एक तरफ जबकि भारत कोविड की दूसरी भयावह लहर से जूझ रहा है, दूसरी ओर नई दिल्ली के बाहरी इलाके में हजारों किसान अभी भी उन कैम्पों में डटे हुए हैं, जहां वे सरकारी कानून के विरोध में महीनों से धरने पर बैठे हैं। वे लगातार कहते आ रहे हैं कि किसान कानून उनके लिए काफी नुकसानदायक है। सरकार के लिए नई समस्या यह है कि इस साल देश में 10.9 करोड़ टन गेहूं की पैदावार हो सकती है।
किसानों का आंदोलन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को किसान कानून को वापस लेने का जबरदस्त दबाव बना रहा है। केंद्र सरकार इस कानून से कृषि को अधिक कुशल बनाने का दावा कर रही है। पर इस दौरान यह देखा जा रहा है कि किसान आंदोलन की धार कुंद ना पड़े इसलिए इस साल गेहूं की फसल की कटाई के लिए किसानों को गांवों की ओर आते और जाते ट्रेडिंग एक्स्पर्ट्स देखा जा रहा है।
कम से कम किसानों के नजरिए से उनका लॉजिस्टिक काम कर रहा है। वे इस साल 10.9 करोड़ टन का रिकॉर्डतोड़ उत्पादन इकट्ठा करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह सरकार के लिए अधिक सिरदर्द पैदा करने वाला होगा क्योंकि सरकार ने किसानों के गुस्से की ताकत को कम करके आंका है। ट्रेड से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रदर्शनकारियों को लुभाने के लिए, राज्यों के अनाज खरीदार को गारंटीड कीमतों पर बड़ी मात्रा में गेहूं की खरीद करने की संभावना है जिससे सरकार का बजट और भी बिगड़ जाएगा।
फूड पॉलिसी एक्स्पर्ट्स देविंदर शर्मा ने कहा कि सरकार शायद यह मानती थी कि किसान फसल काटने के लिए अपने गांव को निकलेंगे, लेकिन वे ज्यादा से ज्यादा दिनों तक इस आंदोलन को चलाने के लिए जुटे हैं। कृषि नीति में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ कई दौर की बातचीत की और सरकार किसानों के साथ अब भी बैठना चाहती है और उनकी शिकायतों को दूर करना चाहती है, लेकिन किसानों को भी खुले दिमाग से आगे आने की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि किस तरह से हरियाणा राज्य के अनाज उगाने वाले शाहजहांपुर गाँव में किसानों के जाने के बावजूद उनकी साइट पर प्रदर्शनकारियों की संख्या लगातार बनी हुई है। स्वयंसेवकों ने यह सुनिश्चित करने के लिए गांव में रोस्टर तैयार किए हैं कि हर बार किसानों का एक समूह गेहूं की फसल काटने के लिए जाता है, तो उतनी ही तादाद में किसानों का दूसरा समूह विरोध प्रदर्शन में शामिल होता है। सिंधु बॉर्डर पर देख-रेख कर रहे एक आंदोलनकारी ने कहा कि हरियाणा के अलावा पंजाब और उत्तर प्रदेश राज्यों के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था थी, जहां किसानों का एक जत्था गाँव खेती करने जाता है तो दूसरा आंदोलन को सपोर्ट करने आ जाता है। सिंधु मे आयोजकों ने गर्मियों में प्रदर्शनकारियों के लिए सफेद टेंट और कूटिया बना दी है जो उन्हें गर्मी से राहत प्रदान करने में मदद कर रही है।
उन्हीं किसानों में से एक राजेंद्र बेनीवाल हैं, जिन्होंने कटाई में हिस्सा लेने के लिए मध्य अप्रैल में दिल्ली के उत्तर में लगभग 100 किमी की यात्रा की। उन्होंने काम पूरा होते ही विरोध प्रदर्शन पर लौटने का लक्ष्य रखा है। अपने 12 एकड़ के प्लॉट के बगल में गेहूं के फसल के पास खड़े 55 साल के इस किसान ने कहा कि मैं अपने गाँव के 23 किसानों के साथ आया हूँ। गेहूं की कटाई हमेशा से थोड़ा मुश्किल भरी रही है, लेकिन इस साल जैसा कभी नहीं हुआ। बड़ी निराशा होती है। फ़सल काटने के समय, कोई भी अपने खेतों और अपने गाँवों से दूर नहीं रहना चाहता है।
किसानों ने तीन कानूनों के विरोध में पिछले साल नवंबर में नई दिल्ली की ओर मार्च करना शुरू किया। मोदी, उनकी सरकार और कुछ अर्थशास्त्रियों का तर्क है कि भारत की कृषि को आधुनिक बनाने के लिए कानूनों की आवश्यकता है, जिससे इस क्षेत्र में प्राइवेट इनवेस्टमेंट आकर्षक बन सके।
किसानों के कैम्प में अब स्वयंसेवकों ने फेस मास्क बांटना और कीटाणुनाशक का छिड़काव करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही हैंड सैनिटाइजर डिस्पेंसर भी लगा दिए हैं। पिछले साल से शुरू आंदोलन के साथ किसान अपनी आजीविका को नहीं भूले। नवंबर ट्रेडिंग एक्स्पर्ट्स के अंत तक उन्होंने रिकॉर्ड 34.5 मिलियन हेक्टेयर पर गेहूं बोया था, जिसके परिणामस्वरूप इस साल की बंपर फसल का अनुमान लगभग 40 अरब डॉलर से अधिक है।
बम्पर फसल ने सरकारी अनाज खरीदार भारतीय खाद्य निगम (FCI) के लिए समस्याएं खड़ी कर दी हैं, जो उत्पादन बढ़ने पर अधिक गेहूं खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है। चूंकि निजी वैश्विक व्यापारिक कंपनियां कोरोना के बीच गायब हैं इसलिए इन फसल की खरीदारी का दारोमदार सरकार पर ही होगा।1 अप्रैल को एफसीआई के गोदामों में गेहूं का स्टॉक लक्ष्य से लगभग चार गुना अधिक 2.73 करोड़ टन था। 13.6 मिलियन के लक्ष्य के बावजूद कुल चावल 49.9 मिलियन टन जमा था। पिछले साल एफसीआई को अस्थायी शेड (temporary sheds) में 14 मिलियन टन से अधिक गेहूं का स्टोरेज करना था। अब 2021/22 में अधिक अस्थायी स्टोरेज खोजना होगा।
पिछले एक दशक में, एफसीआई ने किसानों से गेहूं और सामान्य चावल खरीदने की कीमत क्रमशः 64% और 73% बढ़ाई है जबकि इस दौरान स्टोरेज लागत भी बढ़ी है। ट्रेडिंग एक्स्पर्ट्स फिर भी एफसीआई हर महीने 5 किलोग्राम गेहूं और चावल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को क्रमशः 2 रुपए और 3 रुपए किलो पर बेचता है।
एफसीआई का कर्ज 3.81 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ गया है, जो कि खतरनाक है। मार्च 2021 तक के वित्तीय वर्ष में, सरकार ने अपने 2020-21 के खाद्य सब्सिडी बिल के लिए FCI को 3.44 लाख करोड़ रुपए दिए। इसमें 1.18 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए गए, ताकि यह अपने कर्ज को कम कर सके। एफसीआई को अतिरिक्त आवंटन और राजस्व में कमी के कारण भारत ट्रेडिंग एक्स्पर्ट्स का राजकोषीय घाटा 3.5% से बढ़कर 9.5% हो गया।
भारतीय गेहूं की कीमत इस समय विदेशों में 280 डॉलर प्रति टन है जबकि अच्छी क्वालिटी वाले ऑस्ट्रेलियाई गेहूं की कीमत 220- 225 डॉलर प्रति टन है। जून-जुलाई तक, रूस और यूक्रेन से भी गेहूं आ जाएगा जिससे भारतीय निर्यात का दरवाजा पूरी तरह से बंद हो जाएगा। भारत की हालिया बंपर फसल 1960 के दशक की “ट्रेडिंग एक्स्पर्ट्स हरित क्रांति” का परिणाम है। इसने सरकार को 2014 और 2015 में सूखे से उबरने में मदद की और मोदी के प्रशासन को पिछले साल के लॉकडाउन के दौरान मुफ्त अनाज वितरित करने के योग्य बनाया।
रिटेल को मिलेगी रफ्तार, चमकेगा कारोबार
GORAKHPUR: आज के समय में पैसे खर्च कर बिजनेस स्टार्ट करना तो बहुत आसान है, मुश्किल है तो आपकी सोच को लोगों तक पहुंचाना और उन्हें अपनी ओर आकर्षित करना। मार्केटिंग और प्रमोशन वह चीजें हैं, जिनके द्वारा आप अपना प्रोडक्ट और सेवाएं लोगों तक पहुंचा सकते हैं। वैसे तो मार्केटिंग के कई तरीके अवेलबल हैं, लेकिन आपको अपना बिजनेस, उसका आकार और प्रकार देखकर सही तरीके से चुनने की जरूरत है। कई हद तक आपकी मार्केटिंग का तरीका बजट और प्रोडक्ट या सर्विस पर भी निर्भर करता है। रिटेल सेक्टर की ग्रोथ देश ट्रेडिंग एक्स्पर्ट्स की ग्रोथ के लिए अहम है। बड़े शहरों को छोड़ दें तो टियर-2 सिटीज में रिटेल सेक्टर में ग्रोथ के ढेरों मौके हैं। इसमें सक्सेस के लिए जरूरी है वक्त के मुताबिक खुद को बदलना और मार्केटिंग व ब्रांडिंग के जरिए कंजयूमर्स के साथ जुड़ना। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट जेन रिटेल सॉल्यूशंस का बुधवार को आगाज हुआ तो कुछ ऐसी ही बातों के जरिए एक्स्पर्ट्स ने रिटेलर्स को बिजनेस में सक्सेस होने के टिप्स दिए। ब्लैक हॉर्स रेस्टोरेंट के बैंक्वेट हॉल में बड़ी संख्या में जुटे रिटेलर्स ने भी एक्सपर्ट्स की एडवाइस बेहद गौर से सुनीं।
'जीवन में आता है उतार-चढ़ाव'
नेक्स्ट जेन रिटेल सॉल्यूशंस के फर्स्ट सेशन की शुरूआत ज्योतिर्विद् पं। नरेन्द्र उपाध्याय ने की। इसके बाद एरिया मैनेजर प्रसून शुक्ला ने व्यापारियों को टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आता रहता है लेकिन इससे घबराने की जगह विल पावर स्ट्रॉन्ग रखते हुए हर परेशानी का सामना करना चाहिए। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के नेशनल सेल्स हेड अर्निबान बागची और मनोज कपिल और गोरखपुर मार्केटिंग हेड विश्वनाथ त्रिपाठी ने रिटेल मार्केट में सक्सेस होने के टिप्स दिए।
'काफी स्मार्ट हैं कंज्यूमर'
एक्सपर्ट्स ने कहा कि अब कंज्यूमर काफी स्मार्ट हैं। उनके पास जानकारी का खजाना है। उन्हें पता है कि चीज की क्या कीमत है और उस पर कितना डिस्काउंट है। अब माल बनाना बड़ा काम नहीं है बल्कि उसे बेचना सबसे कठिन काम है। ऑनलाइन रिटेल अभी भी आठ परसेंट के करीब ही है, लेकिन आगे यह बढ़ेगा। ऐसे में आम रिटेलर को खुद को साबित करना होगा।
ऑनलाइन हो या ऑफलाइन रिटेल दोनों की अपनी अहमियत है। हम अगर कंज्यूमर की जरूरत को समझेंगे तो वह कहीं और नहीं जाएगा।
अनूप सर्राफ, डायरेक्टर, एश्प्रा
अब कंज्यूमर्स के पास जानकारी का खजाना है। उन्हें पता है कि उन्हें क्या चाहिए उसका क्या रेट है और उस पर ऑफर क्या है। ऐसे में व्यापारी को भी स्मार्ट बनना होगा।
कृष्ण मोहन अग्रवाल 'बाली', फूड केज
अब ब्रांडिंग और मार्केटिंग का जमाना है। बाजार में बिकना है तो दिखना बहुत जरूरी है। इसकी जानकारी हासिल करने के लिए नेक्स्ट जेन रिटेल सॉल्यूशंस बढि़या प्लेटफॉर्म है।
डॉ। शिव शंकर शाही, शाही ग्लोबल हॉस्पिटल
अब ब्रांड का जमाना है। इसके साथ ही ऑनालाइन मार्केट से भी टक्कर लेनी है। ऐसे में अपने बिजनेस में कुछ युनिक तो करना ही पड़ेगा।
सूरज अग्रवाल, भगवती साड़ी
कॉम्प्टीशन के इस दौर में कुछ अलग करने की जरूरत है। इसके साथ ही मार्केट में दिखने के लिए ब्रांडिंग करना भी बहुत जरूरी है।
डॉ। अनुराग श्रीवास्तव, फैमिली डेंटल क्लिनिक
रिटेल सेक्टर में छोटे शहरों में अभी व्यापार के अच्छे मौके हैं जिन्हें एक्सप्लोर कर कस्टमर तक पहुंचने की जरूरत है। नेक्स्ट जेन रिटेल सॉल्यूशंस में आकर इसकी अच्छी जानकारी मिली।
अरविंद तिवारी, गोल्डेन ग्रीन इन्फ्रा डेवलप इंडिया प्रा.लि।
बिजनेस में वक्त के हिसाब से बदलाव करने पड़ते हैं। रिटेल बिजनेस में तो यह बहुत ही जरूरी है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने अच्छी पहल की है।
बाजार में दिखने के लिए मार्केटिंग बहुत ही जरूरी है। हर जगह जब आपको कोई जानेगा नहीं तब आप अच्छा बिजनेस कैसे कर पाएंगे।
शहर में हर जगह कॉम्टीशन का माहौल है। हर कोई अपनी ताकत लगा रहा है अलग दिखने के लिए। इस समय में जो बेहतर करेगा वही मार्केट में दिखेगा।
कभी-कभी हम रास्ते से भटक जाते हैं। ऐसे में एक्स्पर्ट्स की राय संजीवनी का काम करती है। बिजनेस में भी यही हाल है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ये पहल सराहनीय है।
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट नेक्स्ट जेन रिटेल सॉल्यूशंस में बिजनेस बढ़ाने के लिए अच्छी जानकारी मिली। इस तरह के प्रोग्राम से बिजनेसमैन को फायदा मिलता है।
रिटेल सेक्टर की मुश्किलों के सॉल्यूशंस एक ही जगह पर मिली इससे अच्छा क्या है। हर व्यापारी को इससे मदद मिलेगी।
रिटेल ट्रेड का तरीका बदल गया है। अब ऑनलाइन बाजार से टक्कर है। इसके साथ ही नए टैक्स प्रावधानों को भी समझना है। इसके लिए इस तरह की पहल होनी चाहिए।
बिकेगा तभी जब दिखेगा। ये फॉर्मुला सबको समझना ट्रेडिंग एक्स्पर्ट्स होगा। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के नेक्स्ट जेन रिटेल सॉल्यूशंस में इसी को बताया गया। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की तरफ से उठाया गया कदम सराहनीय है।
मौजूदा समय में बिजनेस को सफल बनाना है ट्रेडिंग एक्स्पर्ट्स तो बेहतर मार्केटिंग और ब्रांडिंग की जरूरत है। इन दोनों के बिना बिजनेस में तेजी से ग्रोथ नहीं हो सकती है।
ट्रेडिश्नल रिटेल अभी भी ऑनलाइन रिटेल से काफी आगे है। जरूरत है बस अपने व्यापार को अपडेट करने की, इसके बाद सफलता जरूर मिलेगी।
Yes Bank के शेयर में आई ताबड़तोड़ तेजी मात्र दो दिन में 20 फीसदी बढ़ चुका ये शेयर अब पंहुचा
Yes Bank share price Today :- यस बैंक (Yes Bank) के शेयर में आई ताबड़तोड़ तेजी मात्र दो कारोबारी दिन में ही 20 फीसदी बढ़ चुका ये शेयर। येस बैंक एनएसई का शेयर 7.11% 7% से अधिक चढ़ गया और निजी ऋणदाता को कार्लाइल, वेरवेंटा होल्डिंग्स से पूंजी जुटाने के लिए आरबीआई की मंजूरी मिलने के बाद सोमवार के इंट्राडे ट्रेड में 52-सप्ताह के उच्च स्तर 21.15 रुपये पर पहुंच गया। ऐसे में शेयर का आगे का टारगेट क्या होगा, इस पर निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। निवेशक एक बार फिर से यस बैंक (Yes Bank) के शेयर की तरफ बढ़ रहे हैं।
इसके साथ ही यस बैंक (Yes Bank) का शेयर अपने दो साल के हाई पर भी पहुंच चुका है। यस बैंक (Yes Bank) के शेयर में आई तेजी के कारण शेयर का दाम 21 रुपये के पार पहुंच चुका है। ऐसे में शेयर का आगे का टारगेट क्या होगा, इस पर निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। आइये जानते है इसके पीछे क्या कारण है।
Yes Bank के शेयर में आई ताबड़तोड़ तेजी मात्र दो दिन में 20 फीसदी बढ़ चुका ये शेयर अब पंहुचा
एक्स्पर्ट्स के मुताबिक ये है कारण According to experts, this is the reason
भारतीय रिजर्व बैंक (ट्रेडिंग एक्स्पर्ट्स RBI) ने शुक्रवार को कार्लाइल ग्रुप और वेरवेंटा होल्डिंग्स से अपनी प्रस्तावित पूंजी जुटाने की योजना के लिए अंतिम हरी झंडी के रूप में यस बैंक को दो पत्र जारी किए। शेयर बाजार एक्स्पर्ट्स के मुताबिक, यस बैंक (Yes Bank) के शेयर शुक्रवार को निजी ऋणदाता के खुलासे के बाद बढ़ रहे हैं, जहां उसने Carlyle Group और वेरवेंटा होल्डिंग्स लिमिटेड (Verventa Holdings) के जरिए नए निवेश के संबंध में सकारात्मक विकास के बारे में भारतीय बाजारों को सूचित किया। और यस बैंक (Yes Bank) का एनएसई पर 52 Week Low Price जहां 12.10 रुपये है तो वहीं इसका 52 Week High Price Rs.21.20 है।
स्ट्रेटेजी की बात करे तो If we talk about strategy
स्ट्रेटेजी की बात करे तो यस बैंक (Yes Bank) के शेयर की कीमत ने चार्ट पैटर्न पर साइडवेज ट्रेंड ब्रेकआउट दिया है और यह लघु से मध्यम अवधि में 28 रुपये प्रति शेयर तक जा सकता है। वहीं Market Expert Positional निवेशकों को सलाह दे रहे हैं कि जब तक यह 18 रुपये प्रति शेयर के स्तर से ऊपर न हो जाए, तब तक शेयर में गिरावट पर खरीदारी की रणनीति बनाए रखें।
यस बैंक का शेयर लक्ष्य Yes Bank Share Target
यस बैंक (Yes Bank) के शेयर के लक्ष्य को लेकर चॉइस ब्रोकिंग के कार्यकारी निदेशक सुमीत बगड़िया ने यस बैंक के शेयरों के संबंध में ‘Buy on Dips’ की रणनीति को बनाए रखने की सलाह देते हुए कहा, “यस बैंक (Yes Bank) के शेयर ने 18 रुपये के स्तर पर Sideways Trend Breakout दिया है। वहीं यह 24 रुपये तक जा सकता है।
लघु और मध्यम अवधि में 28 रुपये का स्तर देखा जा सकता है Rs 28 level can be seen in short and medium term
इसके अलावा लघु और मध्यम अवधि में 28 रुपये का स्तर देखा जा सकता है। जिनके पास अपने स्टॉक पोर्टफोलियो में यस बैंक (Yes Bank) है, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे 17 रुपये पर स्टॉप लॉस बनाए रखें और 24 रुपये और 28 रुपये के Target के लिए Share जमा करते रहें।
छह महीनों में लगभग 63% बढ़ गया स्टॉक The stock gained almost 63% in six months
सुबह 11.07 बजे, शेयर अपने पिछले दिन के बंद भाव 19.7 रुपये प्रति शेयर के मुकाबले 6.8% बढ़कर 21 रुपये पर कारोबार कर रहा था। स्टॉक भी पिछले छह महीनों में लगभग 63% बढ़ गया है, जबकि यह साल-दर-साल आधार पर लगभग 50% बढ़ा है।
(डिस्कलेमर :- किसी भी तरह का निवेश करने से पहले एक्सपर्ट से जानकारी कर लें। बैतूल समाचार किसी भी तरह के निवेश के लिए आपको सलाह नहीं देता।)
रिटेल को मिलेगी रफ्तार, चमकेगा कारोबार
GORAKHPUR: आज के समय में पैसे खर्च कर बिजनेस स्टार्ट करना तो बहुत आसान है, मुश्किल है तो आपकी सोच को लोगों तक पहुंचाना और उन्हें अपनी ओर आकर्षित करना। मार्केटिंग और प्रमोशन वह चीजें हैं, जिनके द्वारा आप अपना प्रोडक्ट और सेवाएं लोगों तक पहुंचा सकते हैं। वैसे तो मार्केटिंग के कई तरीके अवेलबल हैं, लेकिन आपको अपना बिजनेस, उसका आकार और प्रकार देखकर सही तरीके से चुनने की जरूरत है। कई हद तक आपकी मार्केटिंग का तरीका बजट और प्रोडक्ट या सर्विस पर भी निर्भर करता है। रिटेल सेक्टर की ग्रोथ देश की ग्रोथ के लिए अहम है। बड़े शहरों को छोड़ दें तो टियर-2 सिटीज में रिटेल सेक्टर में ग्रोथ के ढेरों मौके हैं। इसमें सक्सेस के लिए जरूरी है वक्त के मुताबिक खुद को बदलना और मार्केटिंग व ब्रांडिंग के जरिए कंजयूमर्स के साथ जुड़ना। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट जेन रिटेल सॉल्यूशंस का बुधवार को आगाज हुआ तो कुछ ऐसी ही बातों के जरिए एक्स्पर्ट्स ने रिटेलर्स को बिजनेस में सक्सेस होने के टिप्स दिए। ब्लैक हॉर्स रेस्टोरेंट के बैंक्वेट हॉल में बड़ी संख्या में जुटे रिटेलर्स ने भी एक्सपर्ट्स की एडवाइस बेहद गौर से सुनीं।
'जीवन में आता है उतार-चढ़ाव'
नेक्स्ट जेन रिटेल सॉल्यूशंस के फर्स्ट सेशन की शुरूआत ज्योतिर्विद् पं। नरेन्द्र उपाध्याय ने की। इसके बाद एरिया मैनेजर प्रसून शुक्ला ने व्यापारियों को टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आता रहता है लेकिन इससे घबराने की जगह विल पावर स्ट्रॉन्ग रखते हुए हर परेशानी का सामना करना चाहिए। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के नेशनल सेल्स हेड अर्निबान बागची और मनोज कपिल और गोरखपुर मार्केटिंग हेड विश्वनाथ त्रिपाठी ने रिटेल मार्केट में सक्सेस होने के टिप्स दिए।
'काफी स्मार्ट हैं कंज्यूमर'
एक्सपर्ट्स ने कहा कि अब कंज्यूमर काफी स्मार्ट हैं। उनके पास जानकारी का खजाना है। उन्हें पता है कि चीज की क्या कीमत है और उस पर कितना डिस्काउंट है। अब माल बनाना बड़ा काम नहीं है बल्कि उसे बेचना सबसे कठिन काम है। ऑनलाइन रिटेल अभी भी आठ परसेंट के करीब ही है, लेकिन आगे यह बढ़ेगा। ऐसे ट्रेडिंग एक्स्पर्ट्स में आम रिटेलर को खुद को साबित करना होगा।
ऑनलाइन हो या ऑफलाइन रिटेल दोनों की अपनी अहमियत है। हम अगर कंज्यूमर की जरूरत को समझेंगे तो वह कहीं और नहीं जाएगा।
अनूप सर्राफ, डायरेक्टर, एश्प्रा
अब कंज्यूमर्स के पास जानकारी का खजाना है। उन्हें पता है कि उन्हें क्या चाहिए उसका क्या रेट है और उस पर ऑफर क्या है। ऐसे में व्यापारी को भी स्मार्ट बनना होगा।
कृष्ण मोहन अग्रवाल 'बाली', फूड केज
अब ब्रांडिंग और मार्केटिंग का जमाना है। बाजार में बिकना है तो दिखना बहुत जरूरी है। इसकी जानकारी हासिल करने के लिए नेक्स्ट जेन रिटेल सॉल्यूशंस बढि़या प्लेटफॉर्म है।
डॉ। शिव शंकर शाही, शाही ग्लोबल हॉस्पिटल
अब ब्रांड का जमाना है। इसके साथ ही ऑनालाइन मार्केट से भी टक्कर लेनी है। ऐसे में अपने बिजनेस में कुछ युनिक तो करना ही पड़ेगा।
सूरज अग्रवाल, भगवती साड़ी
कॉम्प्टीशन के इस दौर में कुछ अलग करने की जरूरत है। इसके साथ ही मार्केट में दिखने के लिए ब्रांडिंग करना भी बहुत जरूरी है।
डॉ। अनुराग श्रीवास्तव, फैमिली डेंटल क्लिनिक
रिटेल सेक्टर में छोटे शहरों में अभी व्यापार के अच्छे मौके हैं जिन्हें एक्सप्लोर कर कस्टमर तक पहुंचने की जरूरत है। नेक्स्ट जेन रिटेल सॉल्यूशंस में आकर इसकी अच्छी जानकारी मिली।
अरविंद तिवारी, गोल्डेन ग्रीन इन्फ्रा डेवलप इंडिया प्रा.लि।
बिजनेस में वक्त के हिसाब से बदलाव करने पड़ते हैं। रिटेल बिजनेस में तो यह बहुत ही जरूरी है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने अच्छी पहल की है।
बाजार में दिखने के लिए मार्केटिंग बहुत ही जरूरी है। हर जगह जब आपको कोई जानेगा नहीं तब आप अच्छा बिजनेस कैसे कर पाएंगे।
शहर में हर जगह कॉम्टीशन का माहौल है। हर कोई अपनी ताकत लगा रहा है अलग दिखने के लिए। इस समय में जो बेहतर करेगा वही मार्केट में दिखेगा।
कभी-कभी हम रास्ते से भटक जाते हैं। ऐसे में एक्स्पर्ट्स की राय संजीवनी का काम करती है। बिजनेस में भी यही हाल है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ये पहल सराहनीय है।
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट नेक्स्ट जेन रिटेल सॉल्यूशंस में बिजनेस बढ़ाने के लिए अच्छी जानकारी मिली। इस तरह के प्रोग्राम से बिजनेसमैन को फायदा मिलता है।
रिटेल सेक्टर की मुश्किलों के सॉल्यूशंस एक ही जगह पर मिली इससे अच्छा क्या है। हर व्यापारी को इससे मदद मिलेगी।
रिटेल ट्रेड का तरीका बदल गया है। अब ऑनलाइन बाजार से टक्कर है। इसके ट्रेडिंग एक्स्पर्ट्स साथ ही नए टैक्स प्रावधानों को भी समझना है। इसके लिए इस तरह की पहल होनी चाहिए।
बिकेगा तभी जब दिखेगा। ये फॉर्मुला सबको समझना होगा। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के नेक्स्ट जेन रिटेल सॉल्यूशंस में इसी को बताया गया। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की तरफ से उठाया गया कदम सराहनीय है।
मौजूदा समय में बिजनेस को सफल बनाना है तो बेहतर मार्केटिंग और ब्रांडिंग की जरूरत है। इन दोनों के बिना बिजनेस में तेजी से ग्रोथ नहीं हो सकती है।
ट्रेडिश्नल रिटेल अभी भी ऑनलाइन रिटेल से काफी आगे है। जरूरत है बस अपने व्यापार को अपडेट करने की, इसके बाद सफलता जरूर मिलेगी।
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