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निगमों की कुछ विशेषताएं हैं जो संगठन के इस रूप के लिए अद्वितीय हैं। ये विशेषताएं इस प्रकार हैं:

पूंजी अधिग्रहण. निगम के लिए ऋण और इक्विटी हासिल करना आसान हो सकता है, क्योंकि यह कुछ मालिकों के वित्तीय संसाधनों से विवश नहीं है। एक निगम नए निवेशकों को शेयर बेच सकता है, और बड़ी संस्थाएं ऋण वित्तपोषण की एक महत्वपूर्ण राशि प्राप्त करने के लिए बांड जारी कर सकती हैं।

लाभांश. एक निगम अपने निवेशकों को लाभांश जारी करके भुगतान करता है। यह उनके निगमों में निवेश मालिकों को भुगतान करने के लिए साझेदारी या एकमात्र स्वामित्व से किए गए वितरण से अलग है।

दोहरी कर - प्रणाली. एक निगम अपनी कमाई पर आयकर का भुगतान करता है। अगर यह अपने निवेशकों को लाभांश का भुगतान करता निगमों में निवेश है, तो निवेशकों को प्राप्त लाभांश पर आयकर का भुगतान करना होगा। यह कॉर्पोरेट इकाई की कमाई का दोहरा कराधान है।

जीवनकाल. एक निगम सैद्धांतिक रूप से हमेशा के लिए काम कर सकता है, अपने मालिकों को खत्म कर सकता है। इसके विपरीत, मालिक किसी भी समय निगम को समाप्त करने का निर्णय ले सकते हैं।

सीमित दायित्व. एक निगम द्वारा किए गए किसी भी देनदारियों को भी अपने शेयरधारकों को हस्तांतरित नहीं किया जाता है। इसके बजाय, कोई भी व्यक्ति जो किसी दायित्व को लागू करने का प्रयास कर रहा है, केवल संतुष्टि के लिए कॉर्पोरेट इकाई का पीछा कर सकता है।

स्वामित्व. एक निगम में स्वामित्व स्वामित्व वाले शेयरों की संख्या पर आधारित होता है। इन शेयरों को खरीदना या बेचना एक निगम के स्वामित्व को एक अलग निवेशक के पास स्थानांतरित कर देता है। एक सार्वजनिक कंपनी जिसके शेयरों का एक सक्रिय स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता है, उसके हजारों या लाखों मालिक हो सकते हैं।

व्यावसायिक प्रबंधन. कई मामलों में, जो निवेशक कंपनी के मालिक हैं, वे इसके प्रबंधन में सक्रिय रूप से नहीं लगे हैं। इसके बजाय, वे अपनी ओर से व्यवसाय की निगरानी के लिए पेशेवर प्रबंधकों को नियुक्त करते हैं।

पृथक इकाई. एक निगम को एक पूरी तरह से अलग परिचालन और कानूनी इकाई माना जाता है। यह अपने मालिकों से अलग से संचालित होता है, और इसमें एक व्यक्ति के कई अधिकार और जिम्मेदारियां होती हैं।

शासन का बड़ा फैसला, ले-आउट पास कराने सम्बन्धी नगर निगमों को दिए गए अधिकार

रायपुर। सरकार ने शहरों में लोगों को ले-आउट पास कराने में आ रही दिक्कत को सुलझाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब ले-आउट पास कराने के अधिकार नगर निगमों को दिए गए हैं। पहले ले-आउट पास कराने के लिए नगर निगम और नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से अनुमोदन लेना पड़ता था। इस नये फैसले से लोगों को एक ही छत की नीचे ले-आउट अनुमोदन की सुविधा मिलेगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री निगमों में निवेश बघेल ने नगर निगमों को ले-आउट के अधिकार देने की घोषणा की थी, जिस पर आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा त्वरित अमल करते हुए नगर निगमों को ले-आउट पास कराने का अधिकार देने के संबंध में आज अधिसूचना जारी की गई है।

जारी अधिसूचना के अनुसार प्रदेश के 9 जिलों के 13 नगर पालिका निगमों रायपुर, बीरगांव, दुर्ग, भिलाई, चरौदा, रिसाली, राजनांदगांव, रायगढ़, जगदलपुर, अम्बिकापुर, बिलासपुर, कोरबा और धमतरी के आयुक्तों को नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा उनकी सीमा के अंतर्गत शर्तो के साथ ले-आउट पास करने के अधिकार प्रत्यायोजित किया गया है। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि ले-आउट के निगमों में निवेश अनुमोदन का कार्य तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ मास्टर प्लान के क्रियान्वयन का महत्वपूर्ण अंग होगा।

प्रत्यायोजित धाराओं का उपयोग छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश निगमों में निवेश के प्रथम तथा द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के लिए निर्धारित शैक्षणिक अर्हता को धारण करने वाले अधिकारियों को ही प्रत्योजित अधिकार के अंतर्गत कार्य सम्पादन का दायित्व सौंपा जा सकेगा। संबंधित नगर निगमों को ले-आउट अनुमोदन के लिए अनिवार्य रूप से टाउन प्लानर की नियुक्ति करनी होगी।

इसी प्रकार विकास अनुज्ञा के अनुमोदन के एक माह के भीतर समस्त ले-आउट संबंधित जिले के नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के अधिकारियों से कार्योत्तर स्वीकृति लेनी होगी। स्वीकृत की जाने वाली विकास अनुज्ञाओं को नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के वेबसाईट में अपलोड करने के साथ-साथ स्वीकृत अनुज्ञाओं की प्रति नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय में जमा कराना होगा।

स्वीकृत अनुज्ञाओं के भौतिक परीक्षण एवं पुनर्विलोकन का अधिकार नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारियों के पास होगा। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत राजस्व, शुल्क, शास्ती राशि अधिनियम में उल्लेखित मद के अंतर्गत जमा कराना होगा। छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम छत्तीसगढ़ भूमि विकास अधिनियम, निगमों में निवेश छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश नियम एवं विकास योजना के मापदण्डों के उल्लंघन या अतिक्रमण के लिए संबंधित नगर पालिक निगम जिम्मेदार होंगे।

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नगर निगम जोन -5 नगर निवेश विभाग ने चंगाेराभाटा एवं डंगनिया में अवैध बाजार हटाया

रायपुर। रायपुर नगर निगम जोन -5 के नगर निवेश विभाग ने लगातार दूसरे दिन निगम आयुक्त सौरभ कुमार के आदेशानुसार जोन -5 के जोन कमिश्नर संतोष पाण्डेय के नेतृत्व एवं नगर निवेश उप अभियंता सैयद जोहेब की उपस्थिति में चंगाेराभाटा एवं डंगनिया में सडक पर लगाया जा रहा अवैध बाजार अभियान चलाकर हटाने की कड़ी कार्यवाही की. अधिकारियो ने फिर से सडक पर बाजार नहीं लगाने की कड़ी हिदायत दी है, अन्यथा जुर्माना लगाने एवं सामानो की जब्ती करने की स्पष्ट चेतावनी फल एवं सब्जी व्यापारियो को दी है. अभियान निरंतर अवैध बाजार पर कार्यवाही करने हेतु जारी रहेगा।

निगमों में निवेश

सांगानेर विधायक लाहोटी का भाजपा मेयर व नगर निगम बोर्ड के खिलाफ नौटंकी भरा प्रदर्शन - पुष्पेंद्र भारद्वाज

puspendra

जयपुर। सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस निगमों में निवेश प्रत्याशी रहे पुष्पेंद्र भारद्वाज ने सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि आज कल सियासती प्रदर्शनों ने बुद्धिजीवियों को हँसने का एक अनोखा मौका दे दिया है। दरसल खुद पूर्व में महापौर रहे सांगानेर विधायक अशोक लाहौटी अपने ही नगर निगम भाजपा बोर्ड व महापौर के खिलाफ कभी कीचड़ का टैंकर लेकर तो कभी कचरे का ट्रैक्टर लेकर प्रदर्शन के लिए निकल पड़ते है। जबकि वे खुद विधायक है और ज्यादातर पार्षद भी भारतीय जनता पार्टी से, निगम में बोर्ड के सारे चैयरमेन सभी भाजपा से ही है तो कैसा प्रदर्शन?

सांगानेर विधायक के नगर निगम पर धरने प्रदर्शन पर सांगानेर से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे पुष्पेंद्र भारद्वाज ने इसको चुनावी नौटंकी बताया है, भारद्वाज ने कहा की चुनाव नजदीक आते ही सांगानेर से भाजपा विधायक की नौटंकी शुरु होने लगी है, 4 साल तक विधायक क्षेत्र से ग़ायब रहे, वो नगर निगम ग्रेटर में भाजपा के बोर्ड के खिलाफ ही प्रदर्शन कर रहे हैँ जबकी खुद ने मेयर रहते हुए सांगानेर में कुछ भी विकास कार्य नहीं करवाए और उल्टा बीवीजी जैसी नकारा कंपनी को जयपुर में लेकर आ गये।

भारद्वाज ने कहा कि अब भाजपा की हि महापौर के खिलाफ धरने प्रदर्शन कर के जनता के सामने नौटंकी कर रहे हैँ नगर निगम हेरिटेज मे कांग्रेस का बोर्ड है वहां जनता को किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं है लेकिन यहां भाजपा के बोर्ड की अनियमितताओं से खुद भाजपा के पार्षद और विधायक भी परेशान हो रहे है।

नगर निगम जोन 6 नगर निवेश विभाग की टीम ने राधाबाई कॉलेज के सामने अवैध ठेले को जनशिकायत पर तत्काल हटाया

रायपुर – प्राप्त जनशिकायत पर नगर पालिक निगम रायपुर के आयुक्त श्री प्रभात मलिक के आदेशानुसार नगर निगम की जोन क्रमांक 6 की नगर निवेश विभाग की टीम ने जोन कमिश्नर श्री नेतराम चंद्राकर के नेतृत्व एवं सहायक अभियन्ता श्री अतुल चोपड़ा, उप अभियन्ता श्री हिमांशु चंद्राकर की उपस्थिति में जोन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले राधा बाई कॉलेज के सामने लगाये जाने वाले अवैध ठेले से सम्बंधित प्राप्त जनशिकायत की वस्तुस्थिति की जानकारी लेने स्थल निरीक्षण किया, तो इस दौरान स्थल पर उक्त अवैध ठेले की आड़ लेकर कतिपय असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो जाने एवं इसके चलते अनावश्यक परेशानी उत्पन्न होने से सम्बंधित जनशिकायत पूरी तरह सही पाकर स्थल पर तत्काल सम्बंधित अवैध ठेले को श्रमिकों की सहायता से वहां से हटाकर प्राप्त जनशिकायत का त्वरित निदान किया.

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