एफएफएस योजना, एसआईएसएफएस और स्टार्टअप (Startup) के लिए लोन गारंटी योजना (सीजीएसएस) के तहत इन इकाइयों को उनके कारोबार के विभिन्न चरणों के दौरान पूंजी प्रदान की जाती है. आंकड़ों के मुताबिक, 93 वैकल्पिक निवेश कोषों (एआईएफ) को भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ 30 नवंबर तक एफएफएस के तहत 7,528 करोड़ रुपये की राशि दी गई है. इन एआईएफ ने 773 स्टार्टअप में निवेश की प्रतिबद्धता जताई है.
नए साल में स्टार्टअप भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में खूब होगा विदेशी निवेश, डीपीआईआईटी सचिव ने कहा- भारत बनेगा टॉप स्टार्ट अप ईको सिस्टम
Startup News: उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) के सचिव अनुराग जैन ने कहा कि जल्द ही भारत वैश्विक स्तर पर टॉप ईकोसिस्टम बन जाएगा.
Startup News: उभरते उद्यमियों के लिए ईकोसिस्टम (पारिस्थितिकी तंत्र) को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के चलते देश की स्टार्टअप कंपनियां अगले साल यानी 2023 में अच्छा-खासा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित करेंगी. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) के सचिव अनुराग जैन ने मंगलवार को यह राय जताई. भाषा की खबर के मुताबिक, जैन ने कहा कि भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप ईकोसिस्टम है और जिस तरह से यहां की स्टार्टअप इकाइयां प्रदर्शन कर रही हैं, जल्द ही भारत वैश्विक स्तर पर टॉप ईकोसिस्टम (Startup Ecosystem) बन जाएगा.
मान्यता प्राप्त Startup इकाइयों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही
खबर के मुताबिक, सचिव ने कहा कि मान्यता प्राप्त स्टार्टअप इकाइयों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है. स्टार्टअप (Startup) के लिए फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस) और स्टार्टअप इंडिया शुरुआती कोष योजना (एसआईएसएफएस) अच्छा कर रही हैं. ऐसे में स्टार्टअप इकाइयां 2023 में अच्छा-खासा एफडीआई (foreign investment) आकर्षित कर पाएंगी. जैन ने कहा कि फिलहाल भारत में सबसे ज्यादा उदार एफडीआई (FDI) नीतियां हैं. बहुत कम क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें विदेशी निवेश के लिए सरकारी मंजूरी की जरूरत है.
सरकार ने देश के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में इनोवेशन और निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के इरादे से 16 जनवरी, 2016 को स्टार्टअप इंडिया (Startup India) पहल शुरू की थी. स्टार्टअप के लिए एक कार्ययोजना भी निर्धारित की गई थी. इस योजना में सरलीकरण और समर्थन, प्रोत्साहन और उद्योग-अकादमिक साझेदारी और इनकुबेशन जैसे 19 कार्रवाई योग्य चीजें तय की गई थीं. स्टार्टअप इंडिया के तहत डीपीआईआईटी द्वारा पात्रता शर्तों के आधार पर स्टार्टअप को मान्यता दी जाती है. 30 नवंबर तक देशभर में 84,000 से भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ ज्यादा इकाइयों को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी गई है.
Night Culture in Indore: सराफा चौपाटी, राजवाड़ा और 56 दुकान का नाइट कल्चर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध
Night Culture in Indore: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर के लिए नाइट कल्चर नया नहीं है। इंदौर की रगों में तो यह संस्कृति होलकर शासनकाल के वक्त से रची बसी है। इंदौर में होलकर शासकों ने व्यापार-व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए थे। उसी समय यहां आने वाले व्यापारियों और मजदूरों के खाने-पीने के लिए रात में भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ दुकानें खुलने लगी थीं।
रात में भी व्यंजन की दुकानों पर भीड़ लगने का सिलसिला तो उस वक्त से बहुत ज्यादा चलन में आया जब यहां की कपड़ा मिलों से रात की पाली खत्म कर कर्मचारी घर जाने से पहले खानपान का आनंद लेते थे। फिर ट्रेन और बस सुविधा बढ़ी तो यात्री रात में भी इंदौर आने लगे और रात में खानपान के बाजार सजने लगे। अभी भी शहर में सराफा बाजार, 56 दुकान और राजवाड़ा क्षेत्र में रात को खाने का अलग ही बाजार सजता है, लेकिन यहां कभी कोई नशे में चूर होकर उत्पाद नहीं मचाता और रात में होने भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ वाले अपराध के मामलों में भी यहां संख्या सबसे कम है। यहां का यह नाइट कल्चर तो पुरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
70 सालों से रात को लग रही है चौपाटी
बात अगर सराफा की करें तो दिन में यहां सोने-चांदी के आभुषण की दुकानें लगती हैं और रात में जब यह दुकानें बंद हो जाती हैं तो ओटलों पर व्यंजन की दुकानें लग जाती हैं। गहराती रात के साथ उसके शौकीनों का मजमा भी लग जाता है जो रात करीब 3 बजे तक जारी रहता है। 1930 में बने सराफा बाजार में करीब 70 वर्षों से रात को चौपाटी लगती आ रही है। मुख्य सराफा बाजार में ही वर्तमान में खानपान की 82 दुकानें रात्रिकालीन सराफा चाट चौपाटी एसोसिएशन भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ से संबद्ध हैं। वहीं गैर पंजीकृत दुकानों की बात करें तो छोटा और बड़ा सराफा, पीपली बाजार, इमामबाड़ा, शकर बजार में खानपान की 50 से अधिक अधिक दुकानें रात में लगती है।
कभी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई
रात्रिकालीन सराफा चाट चौपाटी एसोसिएशन के अध्यक्ष रामजी गुप्ता के अनुसार, सराफा चाट चौपाटी में रात को बेशक खानपान की दुकानें लगती हैं, लेकिन कभी कोई अप्रिय घटना नहीं होती। इसकी वजह यहां परिवार का भारतीय व्यापारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ बहुतायत में आना, पारंपरिक व्यंजन की परोसगारी, दुकानदारों का बेहतर बर्ताव, रहवासी क्षेत्र होने के साथ-साथ थाना समीप होना और निजी सुरक्षा व्यस्था भी है।
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