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फॉरेन करेंसी डेरिवेटिव मार्केट में अब बैंक भी कर सकेंगे कारोबार, RBI का बड़ा फैसला
रिजर्व बैंक (Reserve Bank-RBI) ने रुपये (Rupees) में जारी उथल-पुथल पर लगाम लगाने के उद्देश्य से भारतीय बैंकों (Indian Banks) को विदेशी रुपया डेरिवेटिव बाजारों (Foreign Currency Derivative Market) में सौदे करने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी. इस मंजूरी के बाद अब भारतीय बैंक विदेश के नॉन-डिलिवरेबल फॉरवर्ड (एनडीएफ-NDF) रुपया बाजारों में कारोबार कर सकेंगे जिसमें डिलिवरी नहीं लेनी होती. अभी तक विदेशी एनडीएफ बाजार में भारतीय बैंकों को कारोबार करने की अनुमति नहीं थी.
हालांकि विशेषज्ञों की राय थी कि यदि भारतीय बैंकों को विदेशी एनडीएफ बाजारों की पहुंच मिले तो रुपये की गति को नियंत्रित किया जा सकता है. एनडीएफ बाजार के तहत विदेशी मुद्रा विनिमय (Foreign Currency Exchange) के लिए वायदा दर का निर्धारण होता है. इसमें संबंधित पक्ष आपसी सहमति से यह तय करते हैं कि किसी अमुक तारीख पर हाजिर बाजार में मुद्रा विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग के विनिमय की जो दर रही है, उसी दर के आधार पर भविष्य के सौदे किये जायेंगे। आमतौर पर एनडीएफ सौदों का भुगतान नकदी में होता है.
रिजर्व बैंक ने यह छूट ऐसे समय दी है जब कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से उत्पन्न अनिश्चितता के कारण रुपया भारी उथल-पुथल से गुजर रहा है. हाल ही में रुपया गिरकर प्रति डॉलर 75 के स्तर से भी नीचे चला गया था. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह सही समय है जब घरेलू और विदेशी बाजारों के बीच श्रेणी-भेद को समाप्त किया जाये और दर निर्धारण की प्रक्रिया के प्रभाव को बेहतर बनाया जाए. उन्होंने कहा कि एनडीएफ में बैंकों को कारोबार की मंजूरी दिए जाने के फायदे सर्वविदित हैं. उन्होंने कहा कि हर पहलुओं की परख करने के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एंजेल ब्रोकिंग (Angel Broking) डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (एनर्जी एवं करेंसी) अनुज गुप्ता (Anuj Gupta) के मुताबिक बैंकों को विदेशी मुद्रा में हेज करने का मौका मिलेगा. अगर किसी एक्सपोर्टर और इंपोर्टर ने बैंक के पास करेंसी को हेज किया है तो बैंक अपने इस रिस्क को फ्यूचर मार्केट में हेज कर सकता है. रिजर्व बैंक के इस कदम से बैंकों विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग को विदेशी मुद्रा में जो घाटा होता था उसका प्रबंधन करने में अब सुविधा होगी. इसके अलावा फॉरेक्स मार्केट में प्राइस डिस्कवरी होगी और वॉल्यूम में भी बढ़ोतरी होगी. (इनपुट भाषा)
पुरस्कार एवं प्रशस्तियां
इंडियन बैंक को शक्ति और सुदृढ़ता के लिए फाइनेंशियल एक्सप्रेस द्वारा भारत का सर्वश्रेष्ठ बैंक पुरस्कार प्रदान किया गया। केन्द्रीय वित्त मंत्री, श्री अरुण जेटली के करकमलों से शक्ति और सुदृढ़ता के लिए भारत का सर्वश्रेष्ठ बैंक पुरस्कार प्राप्त करते हुए श्री महेश कुमार जैन, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी ।
• इंडियन बैंक ने मास्टर कार्ड अवार्ड जीता
• इंडियन बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री महेश कुमार जैन को ‘बेस्ट परफॉर्मिंग पब्लिक सेक्टर बैंक अवार्ड’ (2012-13 एवं 2013-14 के दौरान स्वयं सहायता समूहों को सर्वाधिक ऋण देने के लिए) प्रदान करती हुई तमिलनाडु की माननीय मुख्य मंत्री, सेल्वी जे जयललिता।
• इंडियन बैंक ने मुंबई में 11वें एसोचेम वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान 3 पुरस्कार प्राप्त किए। तमिलनाडु की माननीय मुख्य मंत्री, सेल्वी जे जयललिता के करकमलों से वर्ष 2015 के लिए प्रतिष्ठित एसोचैम सामाजिक बैंकिंग उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्त करते हुए इंडियन बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री महेश कुमार जैन।
• इंडियन बैंक को सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी नवोत्पाद – “ई-पर्स” हेतु बैंकिंग फ्रंटियर के “फ़िन्नोविटी अवार्ड” से नवाजा गया।
•एनपीसीआई द्वारा बैंकों, व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों (लाओस) और प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट इश्युअर (पीपीएलएस) जैसे 920 प्रतिभागियों की कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच इंडियन बैंक को निम्नलिखित प्रौद्योगिकी प्रयासों हेतु पुरस्कृत किया गया।
* नाच – विजेता पुरस्कार (एपीबी/नरेगा भुगतान)
* एनएफ़एस – विजेता पुरस्कार (एटीएम संचालन)
* सीटीएस – विजेता पुरस्कार (चेक ट्रंकेशन)
• चेन्नै में बाढ़ में पीडित लोगों को मोबाइल माइक्रो – एटीएम उपलब्ध कराने के लिए विशेष पुरस्कार दिया गया।
•“आईबी स्मार्ट रिमोट” मोबाइल एप्लिकेशन के लिए “स्कॉच प्रौद्योगिकी नवोत्पाद पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।
10 मिनट में जानिए कमोडिटी ट्रेडिंग कर कैसे कमा सकते हैं मुनाफा
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ेगा. इस अकाउंट के जरिये ही आप किसी सौदे की ख़रीद या बिक्री कर सकते हैं.
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए ये हैं जरूरी कागजात
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक खाता होना जरूरी है. जब आप किसी ब्रोकर के यहां ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कराते हैं तो यह ब्रोकर आपको एक अकाउंट की आईडी मुहैया कराता . इस आईडी के विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग जरिये आप खुद भी ट्रेड कर सकते हैं . इसके लिए आपके मोबाइल, पीसी, टेबलेट में इंटरनेट की सुविधा होनी जरूरी है. इस अकाउंट के जरिये ब्रोकर को निश्चित शुल्क चुकाना होता है. अगर आप खुद से सौदे नहीं करना चाहते तो आप अपने ब्रोकर को फोन के जरिये सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं.
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक कमोडिटी ट्रेडिंग में खुद सौदे करने से पहले ब्रोकर के माध्यम से सौदे करने से जोखिम घटता है. अगर खुद सौदे करना चाहते हैं तो पहले कुछ दिन मॉक ट्रेडिंग कर सकते हैं. एमसीएक्स में ज्यादातर नॉन एग्री और एनसीडीईएक्स पर एग्री कमोडिटी में कारोबार होता है. कमोडिटी मार्केट में निवेश करने से पहले ये भी जानना जरूरी है किस एक्सचेंज किन-किन कमोडिटीज का कारोबार होता है. मसलन देश के सबसे बड़े नॉन एग्री कमोडिटी एक्सचेंज में बुलियन, क्रूड, बेस मेटल्स का कारोबार होता है.
इसके अलावा कुछ एग्री कमोडिटीज जैसे मेंथा तेल, क्रूड पाम तेल (सीपीओ) की ट्रेडिंग होती है. इसी तरह एनसीडीईएक्स पर ज्यादाातर एग्री कमोडिटीज का वायदा कारोबार होता है. एनसीडीईएक्स पर ग्वार, चना, जौ, गेहूं, सोयाबीन, धनिया, कैस्टर, जीरा, हल्दी समेत अन्य कमोडिटीज का वायदा कारोबार होता है.
कमोडिटी वायदा बाजार में जानें क्या है मार्जिन ?
हाजिर बाज़ार में किसी जिंस को खरीदते हैं तो एक साथ पूरा भुगतान करना पड़ता है लेकिन कमोडिटी वायदा बाजार में कुछ रकम देकर भी ट्रेडिंग संभव है और इस रकम को मार्जिन कहा जाता है. हर कमोडिटी को खरीदने या बेचने के लिए एक निश्चित मार्जिन पहले से तय होता है . सामान्यतया यह मार्जिन मनी 3-5 फीसदी के बीच होती है. लेकिन कभी भारी उतार-चढ़ाव की स्थिति में एक्सचेंज अतिरिक्त या स्पेशल मार्जिन भी लगाते हैं.
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग से पहले ये हैं 10 जरूरी बातें
1-कमोडिटी ट्रेडिंग करते समय आप स्टापलॉस का ध्यान जरूर रखें, इससे आपका जोखिम कम होता है. स्टॉपलॉस लगाने से उस निश्चित भाव पर सौदा खुद ही कट जाता है इससे नुकसान होने की संभावना कम रहती है.
2- वायदा बाजार में ट्रेडिंग करने में कम मार्जिन मनी देकर सौदे का विकल्प मिलता है, इसलिए ज्यादा सौदे करने से मुनाफा ज्यादा होगा इस लालच में न फंसे . मतलब यह आप कई लॉट्स में सौदे न करके अपनी आय के अनुसार की ट्रेडिंग करें
3-कमोडिटी ट्रेडिंग और शेयर बाज़ार ट्रेडिंग करने में बुनियादी फर्क है. शेयर बाजार में आप शेयरों को एक बार खरीद कर कई साल बाद भी बेच सकते हैं लेकिन कमोडिटी विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग मार्केट में दो-तीन नियर मंथ में ही कारोबार होता है. इसलिए सौदे खरीदते या बेचने में एक निश्चित अवधि का पालन करना जरूरी होता है.
4-शुरूआत में छोटे सौदे (मिनी लॉट) में कारोबार करने से मुनाफा कमाने की संभावना ज्यादा रहती है. जब आप कमोडिटी मार्केट से पूरी तरह से वाकिफ हो जाये तभी बड़े लॉट्स में कारोबार कर सकते हैं.
5-बाजार के ट्रेंड (रुख) के हिसाब से चलें यानी अगर किसी खास कमोडिटी में लगातार गिरावट का रुख है तो उसी तरह के सौदे डालें.
6- विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग कमोडिटी मार्केट्स में शेयर बाज़ार की तरह ही ग्लोबल स्तर पर जारी होने वाले आंकड़ों का बड़ा असर होता है खासतौर से अमेरिका और चीन के बाज़ारों की खबरें बाज़ार में काफी हलचल लाती हैं इसलिए इन देशों में जारी होने वाले इवेंट्स और आर्थिक आंकड़ों का ध्यान रखें.
7-लिक्विड सौदे में कारोबार करने से फायदेमंद होता है . उदाहरण के तौर पर बुलियन, कच्चा तेल और बेस मेटल्स में कारोबार करने से जोखिम कम होता है और बाज़ार से हमेशा बाहर निकलने का मौका बना रहा है.
8- शेयर बाजार में कमोडिटी मार्केट की तरह डिवीडेंड, बोनस नहीं मिलता है. इसमें विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग सौदा बिकने के बाद ही फायदा या नुकसान होता है.
9-दुनियाभर के केन्द्रीय बैंक की पॉलिसी का भी कमोडिटी मार्केट पर खासा असर होता है खासतौर से बुलियन कारोबार, कच्चा तेल और बेस मेटल्स की कीमतों में इन केन्द्रीय की पॉलिसी का असर दिखता है. इन बैंकों में फेडरल रिजर्व बैंक, बैंक ऑफ इंग्लैड का असर दिखता है.
10- हाजिर बाजार में सप्लाई-डिमांड का भी ध्यान रखें . खासकर एग्री कमोडिटी में कारोबार करते समय मंडियों में किसी फसल की आवक कैसी है और आगे उत्पादन कैसा रहेगा.
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