आज से SME IPO पर लगा सकते हैं दांव, GMP ने किया निवेशकों को गदगद
बीते कुछ महीनों में कई स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (SME) कंपनियों ने आईपीओ (IPO) के जरिए अपनी भविष्य की योजनओं पूरा करने के लिए आईपीओ लाया था। अब इसी लिस्ट में मुंबई की प्रॉपर्टी ब्रोकरेज होमस्फाई रिएल्टी (Homesfy Realty) का नाम भी शामिल हो गया है। कंपनी का आईपीओ आज यानी 21 दिसंबर 2022 को ओपन हो गया है। बता दें, कंपनी इस आईपीओ के जरिए 15.86 करोड़ रुपये जुटाना चाह रही है।
क्या है जीएमपी (Homesfy Realty GMP)
ग्रे मार्केट में कंपनी का प्रदर्शन शानदार है। टॉप शेयर ब्रोकर की रिपोर्ट के अनुसार होमस्फाई रिएल्टी ग्रे मार्केट में 49 रुपये के प्रीमियम पर आज ट्रेड कर रही है। अगर यही ट्रेंड आगे भी रहा तो कंपनी 246 रुपये पर लिस्ट हो सकती है। यानी निवेशकों को पहले दिन ही 24.87 प्रतिशत का फायदा हो सकता है।
1- आईपीओ साइज – कंपनी के आईपीओ का साइज 15.86 करोड़ रुपये का है।
2- आईपीओ प्राइस – 197 रुपये फिक्सड प्राइस तय किया गया है।
3- आईपओ ओपनिंग डेट्स – 21 दिसंबर 2022
4- आईपीओ कलोजिंग डेट्स – 23 दिसंबर 2022
5- आईपीओ लॉट साइज – एक रिटेल निवेशक कम से कम और ज्यादा से ज्यादा 1,18,200 रुपये का दांव लगा सकता है।
6- आईपीओ लिस्टिंग – कंपनी एनएसई में लिस्ट होगी।
“द बिग बुल’’ हर्षद मेहता
द बिग बुल के नाम से जाने जाने वाले हर्षद मेहता एक समय पर शेयर बाजार ब्रोकर का परिचय के वो बादशाह थे, जिन्होंने अपने पेचीदे दांव-पेंच से पूरे शेयर बाजार को हिला कर रख दिया था। तो आइए जानते हैं शेयर मार्केट के ब्रोकर हर्षद मेहता की दिलचस्प जीवन के बारे में-
“द बिग बुल’’ हर्षद मेहता का जीवन परिचय – Harshad Mehta Biography in Hindi
Harshad Mehta Biography in Hindi
हर्षद मेहता का जन्म, परिवार, और शिक्षा – Harshad Mehta Family, Education & History Information
हर्षद मेहता गुजरात में 29 जुलाई, 1954 को गुजरात के एक साधारण से परिवार में जन्में थे, उनके पिता शांतिलाल मेहता मुंबई में एक छोटे कारोबारी थे और उनकी मां रसीलाबेन एक धार्मिक घरेलू महिला थीं, जो कि हमेशा अपने बच्चों और परिवार के सुनहरे भविष्य के बारे में सोचती रहती थीं। हर्षद मेहता ने अपनी शुरुआती पढ़ाई होली क्रॉस बायरन बाजार हायर सेकेंडरी स्कूल से की और बादमें लाला लाजपतराय कॉलेज, मुंबई से बीकॉम की डिग्री हासिल की।
शेयर मार्केट में हर्षद मेहता का बोलबाला – Harshad Mehta Story
हर्षद मेहता ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई करने के बाद करीब आठ साल तक कई तरह की नौकरी की और इसी बीच उनकी दिलचस्पी शेयर मार्केट की तरफ बढ़ी और फिर वे एक ब्रोकरेज फर्म में शामिल हो गए। हर्षद मेहता अपने तेज दिमाग के चलते साल 1984 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के दलाल बन गए। इसके बाद हर्षद मेहता ने ग्रो मोर रिसर्च फंड एसेट मैनेजमेंट कंपनी खोली। इसके कुछ सालों में ही उन्होंने काफी शोहरत हासिल कर ली जिसके चलते नामचीन हस्तियों ने उनकी फर्म में निवेश करना शुरु कर दिया।
इसके बाद लगातार वे सफलता की नई बुलंदियों पर चढ़ते गए और शेयर बाजार में द बिग बुल के नाम से जाने जाने लगे। उस समय हर कोई हर्षद मेहता की फर्म में निवेश करने लगा, हर्षद मेहता के नाम का डंका शेयर बाजार में बजने लगा। हर्षद मेहता ने इतने कम समय में सफलता हासिल करने के लिए उस समय खूब सुर्खियां बटोरीं।
जब हर्षद मेहता पर लगा करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप, धूमिल हुई छवि – Harshad Mehta Scam 1992
हर्षद मेहता, 90 के दशक में शेयर मार्केट के हीरो तो बन गए, लेकिन इसके बदले उन्होंने बैंकों के पैसों का गलत तरीके से इस्तेमाल किया, जिसके चलते वे विवादों में घिर गए। दरअसल उस दौरान बैंको को इक्विटी बाजार में निवेश करने की अनुमति नहीं थी। उस समय अगर किसी बैंको को अन्य बैंकों से लोन लेना पड़ता था तो यह नियम था कि इसके लिए उन्हें अपने बैंक को बैंक रसीद और बॉन्ड अन्य बैंकों में जमा करना पड़ता था। और यह प्रक्रिया डायरेक्ट नहीं बल्कि दलालों के माध्यम से होती थी। जिसका इस्तेमाल हर्षद मेहता ने गलत तरीके से किया।
बैंक रिसीप्ट और बॉन्ड का हर्षद मेहता ने जमकर इस्तेमाल किया और कई बड़े घोटाले किए। यहां तक की हर्षद मेहता ने ज्यादा पैसे कमाने के लालच में बैंकों से गलत तरीके से रुपया लिया और शेयर मार्केट में जमकर इन्वेस्ट किया। वहीं उसी दौर में मंदी का दौर आया जिसके चलते उन्हें नुकसान का जोखिम उठाना पड़ा और बैंकों ने अपना रुपया मांगना शुरु कर दिया और इस दौरान उनकी छवि शेयर मार्केट में एक लायर की तरह बन गई और उन पर करीब 72 आपराधिक आरोप लगाए गए, यही नहीं 600 से ज्यादा सिविल एक्शन सूट दायर किए गए। यहां तक की SEBI ने उन्हें शेयर मार्केट से संबंधित किसी भी तरह के लेन-देन के लिए आजीवन बैन कर दिया।
हालांकि इतने बड़े घोटाले में हर्षद मेहता और उनके भाईयों के अलावा कई बड़े राजनेताओं का भी नाम सामने आया। सुप्रीम कोर्ट ने हर्षद मेहता पर 5 हजार करोड़ के ब्रोकर का परिचय घोटाले करने का आरोप लगाया। और उनके भाई समेत कई ब़ड़े स्टॉक ब्रोकर और बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों की कड़ी सजा सुनाई।
हर्षद मेहता का निधन – Harshad Mehta Death
हर्षद मेहता ने अपनी जीवन में काफी सफलता जरूर हासिल की लेकिन घोटाले की सजा उन्हें भुगतनी पड़ी और उनके जीवन के आखिरी दिन जेल में बीते। जब वे ठाणे जेल में सजा काट रहे थे उसी दौरान हार्ट अटैक के कारण 31 दिसंबर, 2001 को उनकी मौत हो गई। और इस तरह हर्षद मेहता की जीवन की कहानी का अंत हो गया।
स्कैम 1992 द हर्षद मेहता स्टोरी- वेब सीरीज – Scam 1992 Web Series
शेयर मार्केट के दलाल, हर्षद मेहता के जीवन पर हाल ही में सोनी लिव पर एक स्कैम 1992: द हर्षद मेहता वेब सीरीज रिलीज हुई है, जिसे दर्शकों द्धारा काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। इस वेब सीरीज में 50-50 मिनट के 9 एपिसोड है। जिसमें हर्षद मेहता के पूरे जीवन से लेकर 500 करोड़ का बैंक फ्रॉड को बखूबी दिखाया गया है।
हर्षद मेहता की जिंदगी से यह सबक मिलता है कि कभी भी बेईमानी के रास्ते पर नहीं चलना चाहिए क्योंकि बुरे काम का अंजाम हमेशा बुरा ही होता है।
नोब्रोकर की सफलता की कहानी- NoBroker Success Story।
नोब्रोकर की सफलता ( NoBroker success story ) बैंगलोर बेस्ड रियल स्टेट सर्च पोर्टल है, जो किरायेदार और प्रोपर्टी ओनर को मिलाने का काम करता है, जिसमे खरीददार और बिक्रेता आमने सामने किसी सौदे को पूरा करते है। NoBroker.com पर कोई ब्रोकर अपनी प्रोपर्टी पोस्ट नहीं कर सकता है।
Nobroker success story
रियल स्टेट सैक्टर मे किसी सौदे को सम्पन्न करना काफी मुश्किल और चुनौती भरा काम होता है। प्रोपर्टी खोजने, सेलर से नेगोशिएशन, पेपरवर्क काफी चुनौती पूर्ण होता है, इन सभी बातों को ध्यान मे रख कर यह स्टार्टअप शुरु किया गया है।
आज नो ब्रोकर के पास 70 लाख कस्टमर्स हैं, हर महीने 1.5 लाख प्रोपर्टी इसकी वेबसाइट मे जुडती रहती हैं, 15 हजार के करीब सौदे हर महीने सम्पन्न होते हैं।
आइये जानते है नोब्रोकर की सफलता ( BoBroker success story ) मे इसके फाउंडर के बारे मे, इसके बिजनेस माडल, इसके रेवेन्यू, इसके फंडिंग और कम्पटीटर के बारे मे।
नोब्रोकर की फाउंडर टीम
नोब्रोकर की स्थापना अमित कुमार अग्रवाल, अखिल गुप्ता और सुभाष गर्ग ने 2014 मे की थी।
अमित कुमार अग्रवाल IIT कानपुर से ग्रेजुएट और कंपनी के सीईओ हैं। इससे पहले वह आस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड बैंक मे एसोसिएट डायरेक्टर के पद पर थे।
अखिल गुप्ता IIT मुम्बई से ग्रेजुएट है। वे कंपनी मे CPTO ( Chief Product & Technology Officer ) हैं।
सुभाष गर्ग IIT मुम्बई से ग्रेजुएट और कंपनी के CBO हैं।
नोब्रोकर बिजनेस माडल (NoBroker Success Story- It’s Business Model)
जैसे कि इसके नाम से ही विदित है ब्रोकर यानि मिडिलमैन की भूमिका को समाप्त किया गया है , नोब्रोकर इसमे होम बायर्स और सेलर्स को डायरेक्ट डील करने मे मदद करता है। इसमें बिना कोई ब्रोकरेज देकर प्रोपर्टी को खरीदा या बेचा जा सकता है अथवा प्रोपर्टी को किराये पर लिया या दिया जा सकता है।
यह किरायेदार / मालिकों या खरीदने / बेचनेवाले को Subscription Business Model की सुविधा प्रदान करता है।
सीईओ अमित कुमार अग्रवाल का कहना है ” वेबसाइट पर आप किसी भी प्रोपर्टी को बिना ब्रोकर के खरीद, बेच अथवा रेंट पर दे सकते हैं।”
नोब्रोकर रेवेन्यू माडल (NoBroker Success Story- It’s Revenue Model)
नोब्रोकर का रेवेन्यू दो तरीकों से आता है, पहला Business subscription जिसमें न्यूनतम शुल्क 999 ₹ है, कंपनी का 70% रेवेन्यू इसी से आता है।
दूसरा यह किरायेदार या खरीददार को पेपर वर्क/ डाक्यूमेंटेशन और शिफ्टिंग सर्विसेस भी देता है, इसके लिये वह चार्ज करता हैं।
नोब्रोकर फंडिंग और इन्वेस्टर्स (NoBroker Success Story- Funding & Investors)
नोब्रोकर ने अभी तक $215 मिलियन फंडिंग के जरिये जुटाये हैं। नोब्रोकर के इन्वेस्टर्स मे मुख्यतः SAIF Partners, Tiger Global Management, General Atlantic हैं। 2019 की फंडिंग के बाद नोब्रोकर की वैल्यूएशन $311 मिलियन की है।
Broker टिप्स: स्पंदन, स्टैंडर्ड चार्टर्ड
धान की शक्ति शेयरकास्ट फोटो / जोश व्हाइट
विश्लेषकों का कहना है Berenberg सट्टेबाज पर उनके लक्षित मूल्य में कटौती स्पंदन गुरुवार को 15,500.0p से 13,800.0p तक लेकिन कहा कि स्टॉक अभी भी "उचित मूल्य पर गुणवत्ता" की पेशकश करता है।
बेरेनबर्ग ने कहा कि फ़्लटर अवकाश के क्षेत्र में एक 'टॉप पिक' था, यह देखते हुए कि नवंबर में स्टॉक को 'होल्ड' से 'खरीदने' के लिए अपग्रेड करने के बाद से, शेयरों में लगभग 30% की गिरावट आई थी।
जबकि जर्मन बैंक ने कहा कि इसके कारण थे - यूके और आयरलैंड और अंतरराष्ट्रीय डिवीजनों में कमाई में गिरावट, अमेरिकी खेल-सट्टेबाजी और ऑनलाइन गेमिंग मूल्यांकन में गिरावट, और कुछ बढ़े हुए नियामक जोखिम - ऐसा लगता है कि स्टॉक का वर्तमान मूल्यांकन "प्रतिबिंबित नहीं था" व्यवसाय की गुणवत्ता"।
बेरेनबर्ग ने कहा कि फ़्लटर के पूरे साल के परिणाम उम्मीदों के अनुरूप थे, इसके ऑस्ट्रेलिया और यूएस डिवीजनों ने यूके में "भारी" प्रदर्शन की भरपाई की।
विश्लेषकों ने कहा, "सुरक्षित-जुआ नीतियों की शुरूआत, ग्राहक-अनुकूल परिणामों की एक कड़ी के साथ जुड़ी हुई है, इस प्रदर्शन में से कुछ की व्याख्या करती है, लेकिन साथियों की तुलना में ऐसा लगता है कि फ़्लटर ने Q4 में खराब प्रदर्शन किया है।" "हम इन परिणामों के लिए अपनी संख्या को समायोजित करते हैं, साथ ही रूस / यूक्रेन में व्यवधान में फैक्टरिंग करते हैं, जिसने वित्त वर्ष 60.0 में £ 21 मिलियन का योगदान दिया।"
हालांकि, बेरेनबर्ग ने कहा कि रूस/यूक्रेन और यूके और आयरलैंड डिवीजन के परिणामस्वरूप डाउनग्रेड "एक नकारात्मक" थे, इसने जोर देकर कहा कि परिणाम के बाद से शेयर की कीमत की प्रतिक्रिया "ओवरडोन" थी और इसकी 'खरीद' रेटिंग को दोहराया भंडार।
डेस्चर बैंक विश्लेषक रॉबर्ट नोबल ने के शेयरों के लिए अपनी 'खरीद' सिफारिश दोहराई मानक चार्टर्ड, यह बताते हुए कि ऋणदाता की लाभप्रदता 2024 तक महत्वपूर्ण रूप से विस्तारित होने के लिए निर्धारित थी।
नोबल ने कहा कि स्टैनचर्ड के शेयरों ने "पर्याप्त मूल्य" की पेशकश की, यह अनुमान लगाते हुए कि स्टॉक 2024 के मूल्य-से-आय गुणक 4.3x और 0.4x मूर्त बुक वैल्यू पर कारोबार कर रहा था।
डीबी विश्लेषक ने यह भी नोट किया कि ऋणदाता 10.0 तक 2024% से अधिक की मूर्त इक्विटी पर रिटर्न का लक्ष्य बना रहा था।
हालांकि, नोबल ने स्वीकार किया कि स्टैनचार्ट को पहली तिमाही के दौरान तथाकथित 'जबड़े' में सुधार दिखाने की संभावना नहीं थी, जो कि 10.0% से अधिक की मूर्त इक्विटी पर वापसी के लिए अपने लक्ष्य के लिए दीर्घावधि पथ के लिए आवश्यक था और कहा कि उनका मानना है कि वैल्यूएशन गैप को पाटने में कुछ समय लगेगा।
Stock Market: शेयर बाजार में सब ब्रोकर बन कर भी आप खूब कर सकते हैं कमाई, यह करना होगा
इन दिनों शेयर बाजार (Stock Exchange) में जबरदस्त तेजी दिख रही है। बीएसई (BSE) का सेंसेक्स (Sensex) फिर से 60,000 के आसपास घूम रहा है। ऐसे में आम लोगों की शेयर बाजार (Share Bazar) में दिलचस्पी बढ़ गई है। आपको बता है कि भारत में जितनी आबादी है, उसके मुकाबले यहां शेयर बाजार में रिटेल पार्टिसिपेशन (Retail Participation) बहुत कम है। हालांकि, बढ़ते डिजिटाइजेशन (Digitization) और जागरूकता के साथ भारत में शेयर बाजारों में रिटेल पार्टिसिपेशन तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन अब भी पूरी क्षमता का दोहन नहीं हो सका है। इससे लोगों को सब-ब्रोकर (Sub-broker) के ब्रोकर का परिचय पेशे को अपनाने के पर्याप्त अवसर मिलेंगे।
Stock Market: शेयर बाजार में सब ब्रोकर बन कर भी आप खूब कर सकते हैं कमाई, यह करना होगा
कितना पढ़ा लिखा होना चाहिए
आपकी न्यूनतम योग्यता 10+2 या हायर सेकंडरी सर्टिफिकेट होनी चाहिए। हालांकि, कुछ ब्रोकर आपको अपने सब-ब्रोकर के रूप में नियुक्त करने से पहले कम से कम स्नातक की डिग्री पसंद कर सकते हैं। साथ ही वित्तीय बाजारों के बारे में आपको ज्ञान होना चाहिए। कई परीक्षाएं हैं जो आप एक अच्छा ब्रोकर बनने के लिए योग्यता साबित करने के लिए दे सकते हैं। कुछ प्रसिद्ध परीक्षाएं हैं, एनसीएफएम ((NSE certification in Financial Markets),), बीसीएसएम (BSE certification on securities markets), एनआईएसएम कोर्सेस, आदि।
क्या क्या दस्तावेज चाहिए
जब आप और आपके ब्रोकर की योग्यता मिल जाती हैं तो आपको कुछ दस्तावेज जुटाना होगा। इनमें पैन कार्ड, आधार कार्ड और एजुकेशन प्रूफ (जैसे कुछ ब्रोकर 10+2 की शैक्षिक योग्यता को अनिवार्य करते हैं) जैसे कुछ आईडी और दस्तावेज देने होंगे। इसके अलावा, आपके निवास और आपके कार्यालय के पते का प्रमाण तस्वीरों के साथ और सीए के रेफरेंस लेटर की आवश्यकता होगी। जांच लें कि क्या इसके अलावा भी कुछ आवश्यक है।
बुद्धिमानी से ब्रोकरेज फर्म चुनें
आपको कभी भी ऐसा कुछ नहीं बेचना चाहिए, जिसे कोई खरीदने को राजी न हो। इस वजह से ब्रोकरेज फर्मों के बारे में गहन रिसर्च करें। निवेशक किसे पसंद कर रहे हैं, जानने की कोशिश करें। आपके ब्रोकर के पास अच्छी ब्रांड इक्विटी और रिकॉल वैल्यू होनी चाहिए। यह नए ग्राहक हासिल करने में मददगार होगा। आम तौर पर, ग्राहक उन फर्मों को प्राथमिकता देते हैं जिनके पास फ्लैट फीस स्ट्रक्चर, वैल्यू-एडेड सर्विसेस होती हैं, और स्पॉट-ऑन सिफारिशों भी देती हैं।
आवश्यकताओं को जांच लें
सब-ब्रोकर बनने की कुछ शर्तें होती हैं जिन्हें आपको पूरा करना होगा। एक सब-ब्रोकर या मास्टर फ्रैंचाइज़ी मालिक के रूप में आपको लगभग 200 वर्ग फुट के ऑफिस स्पेस की ब्रोकर का परिचय आवश्यकता होगी। यह स्पेस आमतौर पर ब्रोकरेज फर्म पर निर्भर करता है, जिसके साथ आप जा रहे हैं। आपको लगभग एक से दो लाख या उससे अधिक रुपए का रिफंडेबल शुल्क भी जमा करना होगा। अंत में अपने ब्रोकर की कमीशन स्ट्रक्चर जांच लें। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों के साथ और वर्क-फ्रॉम-होम विकल्प के साथ, व्यावसायिक स्पेस की आवश्यकता वैकल्पिक हो सकती है।
बुनियादी जानकारी दें
शुरुआत में चुने गए ब्रोकिंग फर्म (Broking Firm) से कॉलबैक का अनुरोध करें। फोन पर ही आपके बारे में, पढ़ाई-लिखाई (Education) के बारे में तथा पहले के कामकाज (Profession) के बारे में जानकारी ली जाएगी। इसके साथ ही कुछ बुनियदी सवाल (Basic Questions) भी पूछे जाएंगे। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आप और आपका ब्रोकर दोनों एक-सा सोच रहे हैं।
रजिस्ट्रेशन फी और अकाउंट एक्टिवेशन
अंत में, आपको रजिस्ट्रेशन फी जमा करनी होगी। भुगतान करने के बाद आपको अपने खाते का बिजनेस टैग प्राप्त होगा। आपके ब्रोकर के आधार पर, आप और आपके कर्मचारी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, कस्टमर सपोर्ट और मार्केटिंग मैकेनिज्म पर ट्रेनिंग और जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके बाद आप अपना काम शुरू कर सकते हैं। जब काम शुरू हो जाएगा तो जाहिर है कि भी कमाई भी शुरू हो जाएगी।
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