इतनी रही आय

CNC Means in Stock Market in Hindi

स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग के लिए आपके पास अलग-अलग शेयर मार्केट में IOC का क्या अर्थ है? विकल्प होते है जैसे इंट्राडे, स्विंग, पोज़िशनल और डिलीवरी। यहाँ पर इंट्राडे ट्रेडिंग के अलावा सभी विकल्पों में आपको शेयर अपने डीमैट खाते में होल्ड करने होते है, लेकिन इन विकल्पों के लिए आपको CNC आर्डर प्लेस करना होता है। लेकिन क्या होता है ये ऑर्डर? आज इस लेख में हम cnc means in stock market in hindi के बारे में विस्तार में बात करेंगे।

CNC का पूरा नाम Cash and Carry है। CNC एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसको NSE और BSE में डिलीवरी प्रोडक्ट के रूप में उपयोग किया जाता है। CNC प्रोडक्ट को उन निवेशकों के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है जो शेयरों को खरीद कर अपने पास रखते है और लाभ मिलने पर बेच देते है।

Cash and Carry दो अलग-अलग शब्द हैं, स्टॉक मार्केट में Cash का अर्थ होता है कि आपने जो स्टॉक ख़रीदा है आपने उस स्टॉक का शुल्क का भुगतान कैश में की है, इसी तरह से Carry का अर्थ होता है कि आप ख़रीदे गए स्टॉक को जब तक चाहें तब तक अपने पास रख सकते हैं।

CNC और MIS आर्डर का अंतर

CNC means in share market in hindi में समझने के बाद अब जानते है कि स्टॉक मार्केट में MIS आर्डर क्या होता है और किस तरह से ये CNC आर्डर से अलग है ।

CNC आर्डर जहा पर आपको किसी भी शेयर को कैश में खरीदकर होल्ड करने की अनुमति देता है, MIS ट्रेड में आप मार्जिन का इस्तेमाल कर इंट्राडे ट्रेड कर सकते है । MIS आर्डर का इस्तेमाल किये गए ट्रेड को अगर आप स्क्वायर ऑफ करना भूल जाते है तो Risk Management System वह आर्डर खुद ही स्क्वायर ऑफ कर शेयर मार्केट में IOC का क्या अर्थ है? देता है, जिसके लिए आपका ब्रोकर आप पर पेनल्टी चार्ज करता है।

तो अगर आपको किसी स्टॉक में डे ट्रेड करना हो तो उसके लिए ट्रेडिंग विंडो में MIS और एक दिन से ज़्यादा ट्रेड के लिए CNC आर्डर का चयन करें ।

निष्कर्ष

CNC प्रोडक्ट में निवेशक अपने ख़रीदे गए स्टॉक्स को अधिक समय तक अपने पास रख सकता है, और सही मूल्य मिलने पर उन्हें अपनी मर्जी से बेच भी सकता है। क्योंकि जब आप स्टॉक को CNC में खरीदते हो तो वह शेयर आपके हो जाते है।

Indian Oil: ये कंपनी अपने निवेशकों को देगी बोनस शेयर, डिविडेंड देने का भी कंपनी ने किया ऐलान

By: ABP Live | Updated at : 18 May 2022 12:55 PM (IST)

Indian Oil News: देश की सबसे बड़ी सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑयल अपने शेयरधारकों को बोनस शेयर जारी करेगी. साथ ही शेयरधारकों को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए डिविडेंड भी दिए जाएंगे. इंडियन ऑयल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने मंगलवार को 1:2 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने की सिफारिश की है.

1:2 के अनुपात में बोनस शेयर देने का मतलब यह हुआ कि निवेशकों को प्रत्येक 2 मौजूदा शेयरों के लिए 1 नया शेयर दिया जाएगा. मंगलवार को इंडियन ऑयल (Indian Oil) का शेयर 1.80 प्रतिशत उछल कर 124.30 रुपये पर बंद हुआ.

इतना मिलेगा डिविडेंड

बोनस शेयर जारी करने की बोर्ड की सिफारिश के लिए पोस्टल बैलेट के जरिये शेयरधारकों की मंजूरी लेनी होगी. कंपनी बोर्ड ने बोनस शेयर देने के लिए 1 जुलाई, 2022 की रिकॉर्ड डेट तय की है. इंडियन ऑयल ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए शेयरधारकों को 10 रुपये फेस वैल्यू वाले प्रति इक्विटी शेयर के लिए 36 प्रतिशत यानी 3.60 रुपये डिविडेंड देने की भी सिफारिश की है.

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इन शेयरों में दिख रही तेजी

इन शेयरों में दिख रही तेजी
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने NHPC, KPIT Technologies, NMDC, Devyani International और Bombay Dyeing पर तेजी का रुख दिखाया है। एमएसीडी को ट्रेडेड सिक्योरिटीज या इंडेक्स में ट्रेंड रिवर्सल के संकेत के लिए जाना जाता है। जब एमएसीडी सिग्नल लाइन को पार करता है, तो यह एक तेजी का संकेत देता है, यह दर्शाता है कि शेयर की कीमत में ऊपर की ओर गति देखी जा सकती है। इसी तरह यह मंदी का भी संकेत देता है।

ये कंपनियां देती है डिविडेंड

देश में ऐसी कंपनियों की कमी नहीं हैं, जो अपने शेयरधारकों को समय-समय पर डिविडेंड देती हैं. ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनियों की सूची में कोल इंडिया, वेदांता लिमिटेड, बीपीसीएल, आईओसी, आरईसी, NMDC, NTPC और सोनाटा सॉफ्टवेयर जैसी कंपनियां शामिल हैं.

(Disclaimer: हम यहां निवेश की सलाह नहीं दे रहे हैं. यह डिविडेंड स्टॉक के बारे में एक जानकारी है. स्टॉक मार्केट के अपने जोखिम है. निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)

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बाजार में सेलिंग प्रेशर की वजह

सैमको सिक्योरिटीज के हेड आफ इक्विटी रिसर्च, निराली शाह का कहना है कि बीते हफ्ते घरेलू बाजार और यूएस मार्केट में अपोजिट ट्रेंड देखने को मिला. यूएस मार्केट जहां आल टाइम बनाने में था, वहीं भारतीय बाजारों में गिरावट रही. वैसे यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में बदलाव न करने और बॉन्ड की खरीददारी जारी रखने के संकेत से निवेशकों का सेंटीमेंट बेहतर हुआ, लेकिन बॉन्ड मार्केट का व्यवहार इसका बिल्कुल उल्टा था. बॉन्ड यील्ड के साथ कमोडिटी की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है.

उनका कहना है कि इसके अलाचा देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर तेजी से बढ़ रही है, जिसने बाजार की टेंशन बढ़ा दी है. रिटेल इनफ्लेशन का बढ़ना भी सेंटीमेंट खराब करने वाला फैक्टर है. इन वजहों से बाजार पर लगातार दबाव देखने को मिल रहा है. मार्च में विदेशी निवेशक भी नेट सेलर रहे हैं और उन्होंने बाजार से लगातार पैसे निकाले हैं. घरेलू स्तर पर बाजार में जो लिक्विडिटी बढ़ी है, वह मुख्य तौर पर प्राइमरी मार्केट में आईपीओ की वजह से है. पिछले 7 से 8 दिनों में 6 आईपीओ आए हैं.

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