एसजीपीटी परीक्षण आपको यह समझने में मदद करता है कि एसजीपीटी स्तर स्थिर है या बढ़ रहा है। साथ ही अगर SGPT का स्तर बढ़ रहा है तो वह किस कारण और किस गति से बढ़ रहा है इस बारे में भी जानकारी मिलती है।
एसजीपीटी जांच क्या है?
एसजीपीटी यानी सीरम ग्लूटामिक पाइरुविक ट्रांसएमिनेज (Serum Glutamic Pyruvic Transaminase) एक एंजाइम है जो कि आमतौर पर हृदय और यकृत यानि लीवर की कोशिकाओं में पाया जाता है। जब हृदय और लीवर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं तो एसजीपीटी रक्तप्रवाह में उत्सर्जित होता है। इसलिए लीवर की बीमारी या दिल की चोट के साथ रक्त में एसजीपीटी (SGPT) की मात्रा बढ़ जाती है। कुछ दवाएं एसजीपीटी के स्तर को भी बढ़ा सकती हैं। SGPT को अक्सर ALT ऐलेनिन एमिनोट्रांस्फरेज़ (alanine aminotransferase) के नाम से भी जाना जाता है। SGPT की उच्चतम सांद्रता (concentration) लीवर में पाई जाती है। रक्त में एसजीपीटी का उच्च स्तर लीवर से संबंधित क्षति या समस्याओं का संकेत हो सकता है। सिरोसिस और हेपेटाइटिस जैसी कुछ बीमारियां रक्त सीरम एसजीपीटी के स्तर को बढ़ाती हैं।
रक्त सीरम में जीपीटी GPT (ग्लूटामेट पाइरूवेट ट्रांसएमिनेस – Glutamate Pyruvate Transaminase) की मात्रा निर्धारित करने के लिए एसजीपीटी का रक्त परीक्षण किया जाता है।
हमारे शरीर में SGPT की कितनी मात्रा होनी चाहिए? How much SGPT should be in our body?
सामान्य एसजीपीटी रेंज लगभग 7 से 56 यूनिट प्रति लीटर सीरम है। इसके अलावा, विभिन्न प्रयोगशालाओं द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल के आधार पर एसजीपीटी की आदर्श श्रेणियां थोड़ी भिन्न हो सकती हैं।
कई स्थितियां और बीमारियां हैं, जिसके परिणामस्वरूप SGPT स्तर बढ़ सकता है। SGPT के स्तर बढ़ने के पीछे निम्नलिखित कुछ कारण हैं
सामान्य से ज्यादा शराब पीना
एक्यूट वायरल हेपेटाइटिस ए और बी (Acute viral hepatitis A and B)
सीलिएक रोग (Celiac disease)
एपस्टीन बार वायरस (Epstein-Barr virus)
पित्ताशय की थैली की सूजन (कोलेसिस्टिटिस)
SGPT का स्तर बढ़ने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं? What are the symptoms of increased SGPT level?
अगर किसी व्यक्ति के शरीर में SGPT यानी सीरम ग्लूटामिक पाइरुविक ट्रांसएमिनेज (Serum Glutamic Pyruvic Transaminase) का स्तर बढ़ जाए तो निम्नलिखित संकेत और लक्षणों से बड़ी आसानी से इसकी पहचान की जा सकती है :-
सांस लेने में कठिनाई
अत्यधिक रक्तस्राव या चोट लगना
लंबे समय से पीला पेशाब आना (यह पीलिये का लक्षण हो सकता है)
असामन्य पेट दर्द होना
यदि आपको ये चेतावनी संकेत मिलते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है और एसजीपीटी रक्त परीक्षण से गुजरना होगा जो आपको यह जानने में मदद करेगा कि आपका एसजीपीटी स्तर सामान्य है या नहीं।
SGPT के स्तर को कम करने के लिए आहार में संशोधन की आवश्यकता होती है। आपके दैनिक आहार में विटामिन डी युक्त कम से कम एक फल होना चाहिए। वैकल्पिक रूप से, आप विटामिन डी प्राप्त लीवरेज खतरनाक क्यों है? करने के लिए प्रतिदिन कम से कम 20 मिनट के लिए धूप में खड़े हो सकते हैं। इसे कुछ व्यायामों के साथ जोड़ दें जो आपको स्वस्थ रहने में मदद करेंगे।
kidney Damage Causes: क्रिएटिनिन लेवल हाई होते ही डैमेज हो सकती है किडनी, जानिए कितना होना चाहिए शरीर में creatinine level
हर किसी के खून में क्रिएटिनिन होता है। ये एक नेचुरल रसायन है और ब्लड सर्कुलेशन में मददगार होता है। किडनी के जरिये ये फिल्टर होता है। क्रिएटिनिन का स्तर शरीर में कम होने पर ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, लेकिन जब इसका स्तर बढ़ने लगता है तो इसके नुकसान बहुत हैं। तो चलिए जानें क्रिएटिनिन के अधिक होने के नुकसान के साथ जानें कि इसका लेवल शरीर में कितना नार्मल होता है और यदि यह बढ़ जाए तो इसे कैसे कम किया जा सकता है।
कितना सेफ है आपका फोन? डायल करें *#07# और तुरंत जानें अपने फोन का रेडिएशन लेवल
आपको वैरिएबल और कांस्टेंट का फंडा तो पता होगा. मैथ की बेसिक चीज है. इसे लोगों की जिंदगी से कनेक्ट किया जाए तो आपका स्मार्टफोन कांस्टेंट है और बाकी के काम वैरिएबल. जैसे कि आप खाना खा रहे हैं, मूवी देख रहे हैं, चाय पी रहे हैं या कुछ और आपके एक हाथ में फोन जरुर होता है. कुल मिलाकर आप एडिक्ट हो चुके हैं. जिस फोन को आपने अपनी डेली रुटीन में कांस्टेंट बना लिया है, वो फोन बिना म्यान की तलवार रखने से कम नहीं है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक मानव शरीर के लिए 0.60 वाट/किलोग्राम से ज्यादा का रेडिएशन खतरनाक होता है लेकिन हम जो स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहे हैं उनसे निकल रहा रेडिएशन इसका दोगुना या इससे भी ज्यादा है. रेडिएशन का असर इतना भयानक होता है कि लोगों में कैंसर जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं, इसके अलावा मेल फर्टिलाइजेशन में भी कमी आ रही है. डब्लूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार फोन का ज्यादा इस्तेमाल दिमागी सेल्स को कमजोर बनाता है.
स्पेसिफिक अब्सोर्पशन रेट से जानें रेडिएशन लेवल
जब आप फोन खरीदने जाते हैं तो फोन की रैम साइज, कैमरा, बैटरी बैक-अप, इन्टरनल मेमोरी हर चीज परखते हैं. जो बहुत जरूरी है मगर आप भूल जाते हैं या शायद आपको पता नहीं है, वो है SAR (स्पेसिफिक अब्सोर्पशन रेट) वैल्यू. SAR वैल्यू फोन के बॉक्स में ही लिखी होती है, जो बताती है, कि फोन का रेडिएशन कितना है. ये भी कहा जाता है कि फोन पर *#07# टाइप करने से SAR वैल्यू का पता चलता है. हालांकि कई बार स्क्रीन पर जो आंकड़े दिखाई देते हैं, उनके गलत होने के चांस रहते हैं.
अब रेडिएशन वगैरह तो ठीक है, मगर जो फोन की लत है सो है. आज के जमाने में फोन बिना कुछ होता भी तो नहीं है. तो भईया फोन छोड़ नहीं सकते लेकिन इसका इस्तेमाल कम तो कर लीवरेज खतरनाक क्यों है? सकते हैं ना. फोन पर लंबे समय तक बातचीत के लिए हेडफोन लगा सकते हैं, अच्छे फोन कवर का इस्तेमाल कर सकते हैं, कुछ नहीं तो फोन खरीदते वक्त SAR जांच सकते हैं.
जानिए किस उम्र से करवाना चाहिए कोलेस्ट्रॉल चैकअप, क्यों जरूरी है ध्यान रखना
जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल (High cholesterol level) एक ऐसी गंभीर समस्या है जिसका लीवरेज खतरनाक क्यों है? सामना खराब जीवन शैली होने के कारण आज के दौर में सभी वर्ग के लोगों को करना पड़ रहा है। बेड कोलेस्ट्रॉल लेवल आमतौर पर अनहेल्दी चीजें खाने, रोजाना वर्कआउट न करने अधिक वजन बढ़ जाने स्मोकिंग और ड्रिंक करने की वजह से बढ़ता है मानव शरीर में दो प्रकार का कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है गुड और बेड कोलेस्ट्रॉल। बेड कोलेस्ट्रॉल लेवल हमारे शरीर में कई घातक बीमारियों को जन्म देता है और हमें बात का अंदाजा भी नहीं हो पाता है। तो आइए जानते हैं कोलेस्ट्रॉल लेवल चैक करने की सही उम्र क्या है।
राजधानी की जहरीली होती जा रही हवा: खतरनाक श्रेणी में पहुंची; औसत हवा का स्तर 426 AQI दर्ज, धीरपुर में 594 AQI
दिल्ली की हवा दिनों दिन जहरीली होती जा रही है। दिल्ली एनसीआर में हवा का स्तर(एक्यूआई) खतरनाक श्रेणी में पहुंच गई है। आज सुबह दिल्ली के धीरपुर में हवा का स्तर 594 बेहद खतरनाक श्रेणी में दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को दिल्ली का औसत हवा का स्तर 426 दर्ज की गई।
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते हालात इस तरह का है कि सिरीफोर्ट स्टेशनों पर गंभीर श्रेणी में मंदिर मार्ग का हवा का स्तर बेहद गंभीर स्थिति में दर्ज की गई है। इसके अलावा मंदिर मार्ग, आया नगर, लोधी रोड, सीआरआरआई मथुरा रोड, पूसा दिल्ली, नजफगढ़,अरविंदो मार्ग, इवहास स्टेशनों पर भी बेहद खराब स्तर का हवा दर्ज किया गया है।
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