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ETF क्या होता है?
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ईटीएफ और म्युचुअल फंड, निवेश के लिए कौन सा है बेहतर, क्या है दोनों में अंतर
निवेश के बेहतर उपाय
gnttv.com
- नई दिल्ली ,
- 21 दिसंबर 2021,
- (Updated 21 दिसंबर 2021, 4:14 PM IST)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की आधिकारिक वेबसाइट nseindia.com पर भी मिल सकती है जानकारी.
इंवेस्टमेंट करने में रुचि रखने वाले व्यक्तियों को इस बारे में संदेह हो सकता है कि कहां निवेश करना है- म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF). निवेश करने से पहले इनके फायदे और नुकसान के बारे में पता होना चाहिए. इस बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के इच्छुक व्यक्ति नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की आधिकारिक वेबसाइट nseindia.com पर भी लॉग इन कर सकते हैं. निवेश करने से पहले ये भी जानना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, दोनों के क्या फायदे और क्या नुकसान हैं.
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट के अनुसार, ETF सिक्योरिटी के बास्केट होते हैं (सूचकांक) जिनका कारोबार होता है. जैसे व्यक्तिगत स्टॉक या एक्सचेंज पर. नियमित ओपन-एंड म्यूचुअल फंड के विपरीत, ईटीएफ को किसी भी स्टॉक की तरह पूरे ट्रेडिंग डे में खरीदा और बेचा जा सकता है. इंडेक्स फंड की तुलना में ईटीएफ में लेनदेन की कम लागत और वार्षिक परिवर्तन होते हैं. ईटीएफ को जोखिम से बचने और पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों के लिए एक सेफ प्रोडक्ट माना जाता है, खासतौर पर उनके लिए जो बाजार से जुड़े रिटर्न चाहते हैं.
कैसे करें सही ETF का चुनाव? निवेश से पहले इन पैरामीटर्स ETF क्या होता है? का रखना चाहिए ध्यान
भारत समेत दुनिया भर में ईटीएफ के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ रहा है.
मौजूदा दौर में निवेशकों के सामने निवेश के कई विकल्प हैं. इनमें से ETF क्या होता है? एक विकल्प एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) का है जो निवेशकों की पूंजी को कई शेयरों के एक सेट में निवेश करते ETF क्या होता है? हैं. इसमें पारंपरिक स्टॉक्स और बांड्स से लेकर करेंसीज और कमोडिटीज जैसी मॉडर्न सिक्योरिटीज भी शामिल हैं. कोई भी निवेशक ब्रोकर के जरिए ईटीएफ के अपने शेयरों की खरीद-बिक्री कर सकता है. इसका कारोबार शेयर बाजार में किया जाता है.
कम एक्पेंस रेशियो (0.06 फीसदी तक कम), एक्टिव फंड्स की तुलना में बेहतर टैक्स एफिशिएंसी, डाइवर्सिफिकेशन बेनेफिट्स और इंडेक्स लिंक्ड ETF क्या होता है? रिटर्न के चलते ईटीएफ तेजी से पॉपुलर हो रहा है. हालांकि रिलायंस सिक्योरिटीज के सीईओ लव चतुर्वेदी के मुताबिक जैसे किसी स्टॉक में निवेश से पहले पड़ताल करना जरूरी होता है, वैसे ही ईटीएफ में निवेश से पहले कुछ पहलुओं पर जरूर कर लेना चाहिए.
निवेश से पहले इन पैरामीटर्स पर परखें ईटीएफ को
- ईटीएफ में सिर्फ इक्विटीज की बजाय सभी ETF क्या होता है? एसेट क्लासेज शामिल होने चाहिए.
- ईटीएफ को चुनते समय या उसमें निवेश करने से पहले निवेशकों को एल4यू स्ट्रेटजी पर भरोसा रखना चाहिए- लिक्विडिटी, लो एक्सपेंस रेशियो, लो इंपैक्ट कॉस्ट, लो ट्रैकिंग एरर और अंडरलाइंग सिक्योरिटीज.
- ईटीएफ की लिक्विडिटी से निवेशकों को स्टॉक एक्सचेंज पर इसकी खरीद या बिक्री करने में आसानी रहेगी. लिक्विडिटी का मतलब है कि एक्सचेंजों पर ईटीएफ की पर्याप्त ट्रेडिंग वॉल्यूम होनी चाहिए.
- आमतौर पर ईटीएफ के एक्सपेंस रेशियो एक्टिव फंड्स की तुलना में कम होते हैं लेकिन निवेशकों को विभिन्न ईटीएफ के एक्सपेंस रेशियो की आपस में तुलना जरूर करनी चाहिए क्योंकि यह ओवरऑल रिटर्न को प्रभावित करता है.
- इंपैक्ट कॉस्ट एक्सचेंज पर ट्रांजैक्शन को लेकर इनडायरेक्ट कॉस्ट है. लिक्विडिटी अधिक होने पर इंपैक्ट कॉस्ट कम होता है और इस प्रकार निवेशकों को इनडायरेक्ट टैक्स कम चुकाना पड़ेगा.
- किसी भी ईटीएफ को चुनते समय लो ट्रैकिंग एरर महत्वपूर्ण फैक्टर है. इससे इंडेक्स की तुलना में मिलने वाले रिटर्न का अंतर कम करने में मदद मिलती है. आमतौर पर अंडरलाइंग सिक्योरिटीज के मुताबिक 0-2 फीसदी का ट्रैकिंग एरर आदर्श माना जाता है.
- किसी ईटीएफ का चुनाव करते सबसे महत्वपूर्ण पैरामीटर अंडरलाइंग सिक्योरिटीज है क्योंकि रिटर्न इसी के परफॉरमेंस पर निर्भर होता है.
सिल्वर ईटीएफ ( Silver ETF) क्या है?
दरअसल गोल्ड की तरह ही सिल्वर में निवेश किया जा सकता है. इसके तहत आपको शेयर्स की तरह चांदी में निवेश करने का मौका मिलेगा. लेकिन, ईटीएफ के जरिए निवेशकों को फिजिकल सिल्वर में निवेश का मौका नहीं मिलेगा. इसके तहत निवेशक सिल्वर ईटीएफ में पैसा लगा सकेंगे. फिलहाल ऐसा गोल्ड ईटीएफ में होता रहा है.
दरअसल इस दौरान निवेशक को देखना है कि, आने वाले फंड किस सिल्वर को ट्रैक कर रहे हैं, यानी की वह लोकल सिल्वर की कीमतें हैं या फिर इंटरनेशनल सिल्वर की कीमतों को. इस दौरान ध्यान रखे कि, ईटीसीडी में स्कीम के ETF क्या होता है? ETF क्या होता है? कॉर्पस का 10 फीसदी से ज्यादा निवेश नहीं किया जा सकता है. बता दें, सिल्वर ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड होते हैं.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, गोल्ड ईटीएफ की तरह ही सिल्वर ईटीएफ में भी ज्यादा फर्क नहीं होगा, यानी की अगर बात रिटर्न को लेकर की जाए तो ज्यादा फर्क नहीं रहेगा.
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