यदि आप युवा हैं और आपमें जोखिम लेने की क्षमता है तो लाभ के समंदर के किनारे बैठे रहना समझदारी भी नहीं है।
जानिए कहां करें निवेश
सोना और रियल एस्टेट दोनों ही निवेश के लिहाज से बढ़िया विकल्प है। हालांकि महिलाओं की रूचि रियल स्टेट इन्वेस्टमेंट में बढ़ी है। आइए जानते है कि दोनों में से निवेश का सबसे बढ़िया विकल्प क्या है?
महिलाओं के निवेश के रवैये में धीरे-धीरे बदलाव आया है और रियल एस्टेट तेजी से वर्तमान महिलाओं की रुचि को बदल रहा है। यहां कुछ कारण बताए गए हैं कि क्यों महिलाओं को गोल्ड के बजाय रियल एस्टेट में निवेश करना चाहिए।
सोना एक अच्छा निवेश विकल्प है, इसे एक शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट के रूप में देखा जाता है जो तत्काल वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है। दूसरी ओर रियल एस्टेट एक स्थिर निवेश है जो लंबी अवधि में रिटर्न देता है। Next Slide..
रियल एस्टेट शेयर बाजार की तुलना में बेहतर रिटर्न प्रदान करता है क्योंकि रियल एस्टेट क्षेत्र समय के साथ बढ़ता है। किसी भी स्थिति में, रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश करना हमेशा सबसे अच्छा विकल्प होता है।
रियल एस्टेट निवेश मरम्मत, रखरखाव लागत, मूल्यह्रास, बंधक भुगतान और कानूनी सेवाओं के मामले में कटौती के रूप में टैक्स बेनिफिट के लिए जगह प्रदान करता है। Next Slide..
जबकि गोल्ड कैपिटल गेन टैक्स को आकर्षित करेगा। गोल्ड डिपॉजिट सर्टिफिकेट में जमा करने पर टैक्स से पूरी तरह छूट है।
अधिक महिला रियल एस्टेट निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए बैंकों ने कई पहल शुरू की हैं। कई बैंक महिला खरीदारों को होम लोन पर कम ब्याज दरों की पेशकश करते हैं। Next Slide..
यहां तक कि सरकार ने महिला के नाम पर किसी भी प्रकार के प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन जानिए कहां करें निवेश पर स्टांप शुल्क में छूट देकर कार्रवाई की है।
मुद्रा की कीमतों में उतार-चढ़ाव और सोने का मूल्यांकन इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक बनाता है। Next Slide..
जबकि रियल एस्टेट निवेश अर्थव्यवस्था के विकास को सुविधाजनक बनाने में मदद करता है। सोना अक्सर पूंजीगत वस्तुओं और ईंधन जैसी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि की ओर जाता है।
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड
म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –
- इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
- इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
- हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
- डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं
शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।
1.म्युचुअल फंड्स की जानकारी
अगर आप म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में पहले से जानते हैं, तो आप सीधे अगले सेक्शन पर जा सकते है । ये 5 आर्टिकल्स, म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में सारी ज़रूरी जानकारी देंगे । हम टैक्स सेविंग फंड्स पर भी एक विशेष आर्टिकल दे रहे हैं।
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और ये कैसे काम करते हैं?
- म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना बनाम डायरेक्ट इक्विटी
- . म्युचुअल फंड्स के फायदे और नुकसान
- टैक्स सेविंग(ईएलएसएस) फंड्स
2.म्युचुअल फंड्स का एक पोर्टफ़ोलियो बनाना
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने का सही तरीका है – सबसे पहले इसका पोर्टफोलियो बनाना । एक पोर्टफोलियो, म्युचुअल फंड का एक समूह होता है। यह आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। आपका सारा रिटर्न् आपके पूरे पोर्टफोलियो पर टिका होता है, ना कि किसी एक विशेष फंड पर। इस सेक्शन में, हम यह सीखेंगे कि म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो कैसे तैयार किया जाता है।
- पोर्टफोलियो इन्वेस्टिंग क्या है कैसे तैयार किया जाए
- अपने पोर्टफोलियो के लिए सही म्युचुअल फंड चुनना
- म्युचुअल फंड को कब बेचें
3.म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना
कईं शुरुआती इन्वेस्टर्स म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने की प्रक्रिया को मुश्किल मानकर उसमें इन्वेस्ट करने से कतराते हैं। ये आर्टिकल्स ऐसे ही शुरुआती इन्वेस्टर्स को म्युचुअल फंड को समझने में और इन्वेस्टमेंट शुरू करने में मदद करेंगे।
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और ये म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने के लिए ज़रूरी क्यों है (SIP) के द्वारा इन्वेस्ट करना
4.कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियाँ
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते समय कुछ ज़रूरी बातें है, जिनकी जानकारी हर शुरुआती इन्वेस्टर को होनी चाहिए । इन बातों को समझे बिना इन्वेस्ट करने से, रिटर्न्स पर काफ़ी बुरा असर पड़ सकता है।
- म्युचुअल फंड्स पर टैक्स
- म्युचुअल फंड्स से पैसे निकालने पर एग्ज़िट लोड
- म्युचुअल फंड्स का एक्सपेंस रेशो
- इन्वेस्टमेंट से जुड़ी भाषा की जानकारी
जहाँ म्युचुअल फंड्स की बात आती है वहाँ आमतौर पर लिस्ट में दिए गए इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है । हालाँकि शुरुआती इन्वेस्टर्स को इन सभी शब्दों को याद रखने की ज़रूरत नहीं है, आप किसी भी शब्द को सीखने के लिए, ग्लोसरी (डिक्शनरी) के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश के साथ कीजिए नये साल का शुभारंभ, जानिए कहां खोलें अकाउंट और कैसे करें शुरुआत?
इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आई है।
Written by: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: January 04, 2022 12:09 IST
दिवाली पर कीजिए म्यूचुअल फंड में निवेश का शुभारंभ, जानिए कहां खोलें अकाउंट और कैसे करें शुरुआत?
Highlights
- बाजार के खतरों को कम करते हुए निवेश का आसान उपाय है म्यूचुअल फंड
- यहां आप सीधे पैसा नहीं कमाते, बल्कि बाजार के जानकार आपका पैसा लगाते हैं
- 500 रुपये की एसआईपी यानि हर महीने एक निश्चित रकम से शुरुआत कर सकते हैं
भारतीय शेयर बाजार हर दिन नए रिकॉर्ड गढ़ रहा है। पिछले साल सेंसेक्स 62000 का स्तर छूकर वापस लौटा है। अखबारों में छपने वाली इन मुनाफेभरी खबरों के बीच अब आम भारतीयों को भी बाजार पहले से अधिक लुभाने लगा है। लेकिन जहां अधिकतर लोगों को बाजार में निवेश को लेकर जानकारी नहीं है। वहीं अपनी छोटी कमाई पर दांव जानिए कहां करें निवेश लगाने वाले नए निवेशकों के लिए उतार चढ़ाव से भरे बाजार में पैसे लगाना खतरों से खाली नहीं है। हालांकि यह भी ठीक नहीं है कि आप हाथ पर हाथ रखे दुनिया को मुनाफा उठाते देखते रहें।
यदि आप युवा हैं और आपमें जोखिम लेने की क्षमता है तो लाभ के समंदर के किनारे बैठे रहना समझदारी भी नहीं है।
बाजार के इन खतरों को कम करते हुए निवेश का आसान उपाय है म्यूचुअल फंड। आप जैसे किसी बैंक की एफडी या पोस्टऑफिस स्कीम में निवेश करते हैं ठीक वैसे ही म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं। यहां आप बाजार में सीधे पैसा नहीं कमाते, बल्कि आपकी ओर से बाजार के जानकार पैसा लगाते हैं। न तो आपको शेयर बाजार के रोज के उतार चढ़ाव पर नजर रखनी होती है और न हीं एक साथ ढेर सारा पैसा लगाना होता है। आप मात्र 500 रुपये की एसआईपी यानि हर महीने एक निश्चित रकम लगाकार शुरुआत कर सकते हैं।
आज इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आई है। यहां आपको म्यूचअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से लेकर सभी जानकारियां आसानी से मिल जाएंगी।
क्या होता है म्यूचुअल फंड (What is Mutual Funds)
म्यूचुअल फंड जैसा कि इसके नाम से पता चल रहा है कि एक फंड में कई लोगों का पैसा लगाया जाता है। मान लीजिए आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो फंड कंपनी आपके पैसे से अलग अलग कंपनियों के शेयर खरीदती हैं। जब इन कंपनियों के शेयर बढ़ते या घटते हैं तो आपको उसी के हिसाब से नफा या नुकसान होता है। यहां आप सीधे पैसे नहीं लगाते हैं। आपकी ओर से अनुभवी फंड मैनेजर कंपनी की बैलेंस शीट और अन्य आंकड़े देखकर मजबूत शेयरों में पैसा लगाते हैं।
म्यूचुअल फंड में क्या फायदा है?
आप जो पैसा निवेश करते हैं उससे म्यूचुअल फंड कंपनियां शेयर, बॉन्ड और कई अन्य वित्तीय उपकरण खरीदती हैं। परिणामस्वरूप, व्यक्ति म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करके, विभिन्न उपकरणों में निवेश कर सकते हैं। इसका फायदा यह होता है कि आपका पैसा एक जगह नहीं लगाया जाता। मान लीजिए कि आपको शेयरों में नुकसान हुआ और बॉण्ड में फायदा तो आपका नुकसान की संभावना बहुत कम होगी।
कैसे खुलवाएं खाता
पहले करवाएं केवाइसी
म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना इतना आसान और सरल हो गया है कि कोई व्यक्ति जानिए कहां करें निवेश निवेश करने के बारे में सोच सकता है। म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को अपना केवाईसी पूरा करना होगा जो एक बार की प्रक्रिया है। केवाईसी का मतलब है कि आपको अपनी जानकारी देनी होगी, आपका आधार और पैनकार्ड इसमें मदद करते हैं। केवाईसी सत्यापन पूरा करने में आपकी मदद करने के लिए आप किसी डिस्ट्रिब्यूटर या निवेश सलाहकार के पास जा सकते हैं या आप ऑनलाइन ई.केवाईसी कर सकते हैं।
कहां खरीद सकते हैं म्युचुअल फंड
केवाईसी सत्यापन के बाद निवेश करने के लिए तैयार होने पर, आप किसी म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर, रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार, स्टॉक मार्केट ब्रोकर या बैंक जाकर भी म्युचुअल फंड खरीद सकते हैं। ऑनलाइन के जमाने में आप सीधे कंपनी की वेबसाइट पर जाकर फंड चुन सकते हैं।
सलाहकार के साथ शुरुआत करना बेहतर
सीधे निवेश करने या किसी डिस्ट्रिब्यूटर के माध्यम से निवेश करने के बीच चुनाव आपका फैसला है। अगर आपको खुद अपने निवेश करना पसंद है, तो आप बेशक फंड की वेबसाइट या किसी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। लेकिन अगर आप सलाह लेना चाहते हैं या आपको निवेश करने में मदद की ज़रूरत है, तो आप किसी प्रतिनिधि के माध्यम से निवेश कर सकते हैं, जैसे डिस्ट्रिब्यूटर, निवेश सलाहकार या बैंक आदि।
म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं?
म्यूचुअल फंड तीन प्रकार होते हैं- इक्विटी म्यूचुअल फंड, डेट म्यूचुअल फंड, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड।इक्विटी फंड सीधे शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं। वहीं डेट फंड आपका पैसा कंपनियों द्वारा जारी ऋणपत्रों में पैसा लगाते हैं। यह इक्विटी के मुकाबले कम जोखिम भरा होता है। वहीं तीसरे हाइब्रिड फंड में इक्विटी और डेट दोनों का समावेश होता है। इसके अलावा ओपन एंडेड फंड, क्लोज एंडेड फंड, सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड, पैसिवली मैनेज्ड फंड।
म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?
इसमें निवेशक एकमुश्त रकम फंड में लगाते हैं। इसके बाद एक तय समय अंतराल पर उस स्कीम से थोड़ा-थोड़ा निवेश इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर करते रहते हैं। डेट फंड में एकमुश्त पैसा लगाने से सुरक्षित रिटर्न मिलता रहता है, वहीं एक तय अवधि में आपका पैसा धीरे धीरे ज्यादा रिटर्न देने वाली इक्विटी स्कीम में जानिए कहां करें निवेश जानिए कहां करें निवेश जानिए कहां करें निवेश ट्रांसफर हो जाता है।
अत में. क्या म्यूचुअल फंड सही है?
छोटी अवधि में केवल ज्यादा रिटर्न के लिए इनमें निवेश करने पर आप नुकसान उठा सकते हैं। इनके साथ बहुत ज्यादा जोखिम होता है। नए निवेशकों को इन स्कीमों में पैसा लगाने की सलाह नहीं दी जाती है। मल्टीकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों का सुझाव अक्सर उन निवेशकों को दिया जाता रहा जानिए कहां करें निवेश है जो निवेश के साथ थोड़ा जोखिम ले सकते हैं।
Saving Schemes: डाकघर बचत योजना में निवेश कम और मुनाफा ज्यादा, जानिए कहां पैसा लगाना होगा सही
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सुकन्या योजना में निवेश कर बेटी को बनाएं मजबूत
सुकन्या समृद्धि योजना पोस्ट ऑफिस की सबसे ज्यादा ब्याज पाने वाली स्कीम है. इस योजना का मकसद बेटियों का भविष्य उज्जवल करना है. 10 साल से कम उम्र की बच्ची के नाम पर यह अकाउंट डाकघर में खुलवाया जा सकता है. इस योजना पर निवेश करने पर 7.6 फीसदी का सालाना ब्याजदर मिलती है. साथ ही आयकर लाभ का फायदा भी उठाया जा सकता है.
Investment Tips: जानिए कैसे तय करें निवेश के लिए बेहतर विकल्प
Investment Tips: रायपुर. निवेश करने से पहले अक्सर लोग इस उलझन में रहते हैं कि सोना-चांदी, रियल एस्टेट, फिक्स डिपॉजिट या शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में से किस एसेट क्लास में निवेश किया जाए, ताकि बेहतर रिटर्न मिले। निवेश सलाहकार बलवंत जैन का कहना है कि इनमें कोई भी निवेश विकल्प सबसे बढ़िया या खराब नहीं है। अच्छा निवेश विकल्प व्यक्ति की जरूरतों, वित्तीय लक्ष्य और जोखिम उठाने की क्षमता पर निर्भर करता है।
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