अगर भारत सरकार ने यह कानून बना दिया तो भारत दुनिया की पहली ऐसी प्रमुख इकनोमी बन जाएगी जहां क्रिप्टो करेंसी को अपने पास रखना भी अवैध हो जाएगा. चीन ने हालांकि क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग और ट्रेडिंग पर बैन लगाया हुआ है, लेकिन वहां क्रिप्टो करेंसी रखने पर कोई पेनाल्टी नहीं देनी पड़ती. भारत में बन रहे इस नए कानून के हिसाब से क्रिप्टो करेंसी रखने वाले लोगों को 6 महीने का समय दिया जाएगा, जिसमें हुए उसे बेचकर बाहर निकाल सके, अन्यथा उन पर जुर्माना लगाया जाएगा. सरकार के इस कदम का उद्देश्य यह है कि देश क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है में क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी किसी भी तरह की गतिविधि को इजाजत न दी जाए. इसका असर लाखों निवेशकों पर पड़ सकता है. पिछले कुछ समय में एक ऐसी ही क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन के भाव में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है और लाखों लोगों ने इसमें निवेश किया हुआ है.

क्रिप्टो करेंसी में आई भारी गिरावट, बिटकॉइन, इथीरियम धड़ाम, अमेरिका में बढ़ती महंगाई बनी वजह

Cryptocurrency: अमेरिका में बढ़ती महंगाई और रिटेल इंफ्लेशन की रिपोर्ट के बाद क्रिप्टोकरेंसी में तेज गिरावट देखने को मिली. गुरुवार को सुबह शुरुआती कारोबार में क्रिप्टो 4-6 फीसदी नीचे रहा.

Cryptocurrency: महंगाई पर उम्मीद से बदतर आई रिपोर्ट के बाद अमेरिकी शेयर बाजार पर इसका असर देखने को मिल रहा है और शेयर लगभग 2 साल के अपने सबसे कमजोर स्तर तक जा रहे हैं. अमेरिका में रिटेल इंफ्लेशन की रिपोर्ट आने के बाद गुरुवार की सुबह S&P 500 कारोबार में 1.4 फीसदी नीचे था. रिपोर्ट में महंगाई दर अधिक व्यापक रूप से फैल रही है और यह अपने 40 साल में सबसे ऊपरी स्तर पर जा रही है. इसे देखते हुए फेड को ब्याज दरों में और बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है और मंदी की भी आशंका की जा सकती है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में भी 4-6 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली.

क्रिप्टो में आई 4 फीसदी की गिरावट

गुरुवार को क्रिप्टोकरेंसी में 4 से 6 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली. BITCOIN 3.5 फीसदी की गिरावट पर ट्रेड कर रहा था और ETHEREUM भी 3.13 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. टेक कंपनियों ने वॉल स्ट्रीट पर शेयरों की गिरावट का नेतृत्व किया. वहीं सोना भी 1.5 फीसदी की गिराट पर था.

सुबह 10 बजे के करीब Dow Jones Industrial Average 287 अंक या 1 फीसदी तक गिरकर 28,923 पर आ गई. वहीं नैस्डैक (Nasdaq) कंपोजिट 2.2% कम था. गुरुवार सुबह ट्रेडिंग की शुरुआत में तीनों इंडेक्स नीचे थे, जिसमें एसएंडपी 500 2.4% और डॉव 549 अंक नीचे था. चार दशकों में सबसे खराब मुद्रास्फीति की चिंता और फेडरल रिजर्व के कठोर उपायों के बीच स्टॉक्स में इस उनके वैल्यू के एक चौथाई की गिरावट आ चुकी है.

फेड के इन उपायों ने न केवल कर्ज को अधिक महंगा क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है और विकास दरों की धीमा किया है, बल्कि ये स्टॉक, क्रिप्टोकरेंसी और लगभग हर दूसरे निवेश की कीमतों को भी गिराते है, क्योंकि उनका मतलब है कि बॉन्ड ब्याज में अधिक भुगतान कर रहे हैं, जो डॉलर को अन्य निवेश से दूर खींचता है.

Crypto Currency: क्रिप्टो करेंसी क्या है, इसे कहां से खरीदें?

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Crypto Currency पर ज्यादा रिटर्न मिलने के कारण स्कैम भी बढ़ गए है, ऐसे में निवेशकों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है

  • क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क पर आधारित डिजिटल मुद्रा है, जिसका डिस्ट्रीब्यूशन कंप्यूटरों के एक विशाल नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है.
  • कंप्यूटर नेटवर्क और ब्लॉकचेन पर आधारित यह विकेंद्रीकृत संरचना क्रिप्टो करेंसी को सरकारों और किसी भी वित्तीय नियंत्रण से बाहर रखती है.
  • क्रिप्टो करेंसी के बारे वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लॉकचेन पर आधारित इस तकनीक के कारण दुनिया भर में फाइनेंशियल और कानूनी पेचीदगियां पैदा होंगी.
  • क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह अन्य परंपरागत मुद्राओं के मुकाबले में बेहद सस्ता और तेज मनी ट्रांसफर है.
  • क्रिप्टो करेंसी का सिस्टम डिसेंट्रलाइज होने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि किसी एक जगह से इस मुद्रा पर नेगेटिव असर नहीं होगा.
  • क्रिप्टो करेंसी की कुछ मुश्किलें भी हैं, जिनमें कीमत में होने वाला उतार-चढ़ाव, माइनिंग के लिए ऊर्जा की ज्यादा खपत और इसका आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल है.

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)

Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.

एक्सचेंज फीस

  • क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
  • फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
  • क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
  • आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.

वॉलेट फीस

  • क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
  • क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
    (Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
    (स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग, माइनिंग और पजेशन पर बैन से संबंधित कानून लाएगी सरकार

क्रिप्टोकरेंसी रखना भी अपराध

भारत सरकार देश में क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने के लिए एक कानून लाने जा रही है. इस कानून के अनुसार अगर कोई व्यक्ति क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग करता है, माइनिंग करता है या इस डिजिटल एसेट को अपने पास रखता है, तब भी उस पर कानून के हिसाब से कार्रवाई की जा सकेगी. एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है. वास्तव में देश में क्रिप्टो करेंसी का जलवा है और लाखों निवेशक इस हॉट ऐसेट क्लास में निवेश करना चाहते हैं या कर चुके हैं. सरकार का कानून वास्तव में दुनिया के सबसे सख्त कानून में से एक हो सकता है. भारत में क्रिप्टो क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है करेंसी को बैन करने से संबंधित यह कानून वास्तव में क्रिप्टो करेंसी के पजेशन, इसे जारी करने, माइनिंग, ट्रेडिंग और ट्रांसफर को अपराध घोषित कर देगा. एक सरकारी अधिकारी ने नाम नहीं बताने की क्रिप्टोकुरेंसी ट्रेडिंग क्या है शर्त पर यह जानकारी दी है.

सुरक्षा की जरूरत: क्रिप्टो से फायदा कमा सकते हैं, लेकिन पासवर्ड भूले तो सारा निवेश जीरो हो सकता है

यदि आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं, तो यकीन मानिए इसका कुछ न कुछ असर आपके इन्वेस्टमेंट प्लानिंग पर पड़ना तय है। हलके फुल्के अंदाज में भी क्रिप्टो में लगाया गया यह पैसा रातों-रात आपके कुल निवेश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा तक बन सकता है। पर याद रखें कि जिंदगी एक बार ही मिलती है और एक दिन मरना जरूर है। इसलिए इस दुनिया से कूच करने से पहले अपने क्रिप्टो के इन्वेस्टमेंट के लिए एक योजना अवश्य बनाएं।

पारंपरिक खाते की तरह नहीं होते हैं क्रिप्टो के अकाउंट

क्रिप्टो के अकाउंट पारंपरिक निवेश खातों की तरह नहीं होते हैं। वे सुरक्षा के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। आप आमतौर पर इसमें किसी को लाभार्थी (beneficiary) नॉमिनेट नहीं कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप अपने क्रिप्टो को अपने घर पर किसी डिवाइस पर स्टोर करते हैं और आपके दोस्त इसका पासवर्ड जानते हैं तो वे आसानी से आपकी क्रिप्टो करेंसी चोरी कर सकते हैं। ठीक वैसे ही जितनी आसानी से वे आपकी दादी के सोने या हीरे के झुमके चोरी कर सकते हैं। अगर आपने किसी के साथ पासवर्ड साझा नहीं किया है, तो आपकी क्रिप्टो करेंसी हमेशा के लिए खो सकती है।

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