जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है स्वैच्छिक समुदाय सेवा के माध्यम से छात्रों के व्यक्तित्व और चरित्र के विकास के प्राथमिक उद्देश्य कैसे तेजी से एक निरंतर लाभ बनाने के लिए के साथ राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) को शुरू किया गया था। एनएसएस का उद्देश्य ‘सेवा के माध्यम से शिक्षा’ है। एनएसएस की वैचारिक उन्मुखता महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित है। एनएसएस का आदर्श वाक्य “नॉट मी, बट यू” है। एक एनएसएस स्वयंसेवी ‘स्वयं’ से पहले ‘समुदाय’ को स्थान देता है। यह शिक्षा के तीसरे आयाम का हिस्सा है, अर्थात् मूल्यवर्धक शिक्षा है जो कि तेजी से महत्वपूर्ण बनती जा रही है।
Metformin
Metformin को कितनी मात्रा में लेना है, यह पूर्ण रूप से रोगी के वजन, लिंग, आयु और पिछले चिकित्सकीय इतिहास पर निर्भर करता है। कैसे तेजी से एक निरंतर लाभ बनाने के लिए यह खुराक मरीज की परेशानी और दवा देने के तरीके पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
Metformin के सबसे सामान्य दुष्प्रभाव पेट खराब , पेशाब करने में कठिनाई हैं। Metformin के कुछ अन्य नुकसान भी हैं जो साइड इफेक्ट के खंड में लिखे गए हैं। सामान्य तौर पर Metformin के साइड इफेक्ट लंबे समय तक बने नहीं रहते हैं और एक बार जब इलाज खत्म हो जाता है तो ये भी ठीक हो जाते हैं। अगर ये दुष्प्रभाव और ज्यादा बिगड़ जाते हैं या ठीक नहीं होते तो अपने डॉक्टर से तुरंत बात करें।
इसके अलावा Metformin का प्रभाव प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए हल्का है और जो महिलाएं बच्चों को दूध पिलाती हैं, उन पर इसका प्रभाव मध्यम है। आगे Metformin से जुड़ी चेतावनियों के सेक्शन में बताया गया है कि Metformin का लिवर, हार्ट, किडनी पर क्या असर होता है।
सोशल मीडिया युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है?
आज यूके में काम करने वाले सबसे पहचानने योग्य और सम्मानित मनोवैज्ञानिकों में से एक, डॉ लिंडा पापडोपोलोस ने अकादमिक और प्रसारण दोनों में एक उत्कृष्ट प्रतिष्ठा बनाई है। एक बेहद सफल मनोवैज्ञानिक, लेखक और प्रसारक, डॉ लिंडा के विश्लेषण और परामर्श की दुनिया भर में अत्यधिक मांग और सिंडिकेट है।
सोशल मीडिया बच्चों को विकसित और विकसित करने में मदद करने के लिए एक सकारात्मक उपकरण हो सकता है लेकिन यह युवा लोगों के भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। डॉ। लिंडा माता-पिता को बच्चों को जोखिमों को समझने कैसे तेजी से एक निरंतर लाभ बनाने के लिए और उनसे निपटने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करने की सलाह देते हैं।
अपने कर्मचारियों को प्रेरणा और प्रशिक्षण दें तथा उन्हें आपका कारोबार बढ़ाने में मददगार होने के लिए तैयार करें।
अदिसा लान्साह याकुबू अफ्रीका 2000 नेटवर्क के लिए घाना की नेशनल प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर हैं। वे विशेषकर घाना के उत्तरी क्षेत्र में वंचित समुदायों में महिला समूहों के साथ काम कर रही हैं ताकि आमदनी देने वाली गतिविधियों की व्यवस्था और यौन तथा प्रजनन स्वास्थ्य के जरिये उनका रहन-सहन का स्तर सुधारा जा सके।
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किस्से कहानी
मैं 26 साल से भी अधिक समय से घाना के गांव में महिलाओं के साथ काम कर रही हूं और मेरा मानना है कि महिलाएं अपनी गरीबी खुद ही मिटा सकती हैं। उत्तरी घाना में हर कोई जानता है कि शिया मक्खन कैसे बनाया जाता है। इसलिए जब मैंने गांवों की महिलाओं से पूछा कि गरीबी से छुटकारा पाने का क्या तरीका है तो उन सबने यही मक्खन बनाने की बात कही।
महिलाएं खुद जो शिया मक्खन बनाती थीं उसे इस्तेमाल करने में पहली समस्या यह थी कि उसकी क्वालिटी बहुत अच्छी नहीं थी। दुनिया के बाजार में टक्कर लेने के लिए हमें अपनी महिला कर्मचारियों को सिखाना पड़ा कि बढि़या किस्म का शिया मक्खन कैसे बनाया जाए और उसकी आकर्षक पैकिंग कैसे की जाए। हमारे पास सिर्फ 8 कर्मचारी थीं। हमने बहुत सारी तस्वीरों के साथ बहुत व्यावहारिक कैसे तेजी से एक निरंतर लाभ बनाने के लिए प्रशिक्षण का कार्यक्रम तैयार किया जिससे हमारी एसोसिएशन में मौजूद 700 से अधिक पूरी तरह निरक्षर महिलाएं सामग्री को अच्छी तरह से समझ सकें।
क्या सीखा
1. कर्मचारियों का निरंतर प्रशिक्षण एवं विकास: अपने कर्मचारियों के कौशल और प्रतिभा को विकसित करने की दीर्घकालिक सोच आपके कारोबार को लगातार बढ़ाने में मदद करेगी।
2. मानव संसाधन प्रबंधन: ध्यान रखें कि आपके कर्मचारियों के पास आपके कारोबार को बढ़ाने और स्वयं अच्छा प्रदर्शन करने के लिए आवश्यक जानकारी, कौशल और प्रशिक्षण हो।
Press Information Bureau
* आलोक देशवाल
स्वैच्छिक समुदाय सेवा के माध्यम से युवा छात्रों के व्यक्तित्व और चरित्र कैसे तेजी से एक निरंतर लाभ बनाने के लिए के विकास के प्राथमिक उद्देश्य से राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) को 1969 में शुरू किया गया था। शुरूआत में इसे 37 विश्वविद्यालयों में शुरू किया गया था जिसमें लगभग 40,000 स्वयंसेवियों को शामिल किया गया था। हालांकि, समय बीतने के कैसे तेजी से एक निरंतर लाभ बनाने के लिए साथ-साथ अखिल भारतीय कार्यक्रम बन गया। एनएसएस के अंतर्गत आने वाले शैक्षणिक संस्थानों की संख्या में प्रतिवर्ष बढ़ोत्तरी हो रही है। वर्तमान में 39,695 एनएसएस इकाइयों में 36.5 लाख से अधिक स्वयंसेवी हैं जो देश के 391 विश्वविद्यालयों / +2 परिषदों, 16,278 कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों तथा 12,483 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में फैले हुए हैं। इसकी स्थापना के बाद से, 4.78 करोड़ छात्रों को एनएसएस से लाभ हुआ है।
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