आईएमएफ में देश का आरक्षित मुद्रा भंडार भी 1.52 करोड़ डॉलर घटकर 2.27 अरब डॉलर रह गया. (एक विदेशी मुद्रा संकेत कैसा दिखता है इनपुट भाषा से)
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब डॉलर के नीचे फिसला
रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 29 सितंबर को समाप्त सप्ताह में 2.590 अरब डॉलर घटकर 399.65 अरब डॉलर रह गया. इसका मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में कमी आना है. 15 सितंबर को समाप्त हुए पिछले सप्ताहांत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 402.24 अरब डॉलर था. सप्ताह के दौरान एक समय यह 402.50 अरब डॉलर के सर्वकालिक रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया था.
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े दर्शाते हैं कि समीक्षाधीन सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा, यानी विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 2.565 अरब डॉलर घटकर 375.18 अरब डॉलर रह गई. अमेरिकी डॉलर में जाहिर किए जाने वाले एफसीए में मुद्राभंडार में रखे गए यूरो, पौंड और जापानी एक विदेशी मुद्रा संकेत कैसा दिखता है येन जैसे गैर-अमेरिकी मुद्राओं की तेजी/अवमूल्यन के प्रभावों को शामिल किया जाता है. स्वर्ण आरक्षित भंडार 20.691 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा. रिजर्व बैंक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार एक करोड़ डॉलर घटकर 1.502 अरब डॉलर रह गया.
रुपये एक महीने के हाई पर, आज 45 पैसे की तेजी के साथ 81.90 प्रति डॉलर पर पहुंचा
Rupee vs Dollar: अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने और विदेशी पूंजी का सतत निवेश बढ़ने से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 45 पैसे की तेजी के साथ 81.90 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 82.14 पर खुला। कारोबार के दौरान इसने 81.90 के दिन के उच्चतम स्तर और 82.32 के निम्नतम स्तर को छूने के बाद अंत में 45 पैसे की तेजी के साथ 81.90 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में (शुक्रवार को) रुपया 53 पैसे सुधार के साथ 82.35 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
2 साल के निचले स्तर पर पहुंचा देश का विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए कितनी आई गिरावट?
मुंबईः देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी है। लगातार सातवें हफ्ते विदेशी मुद्रा कोष में गिरावट आई है। आरबीआई द्वारा जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक 16 सितंबर 2022 को खत्म हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.22 अरब डॉलर घटकर 545.652 अरब एक विदेशी मुद्रा संकेत कैसा दिखता है डॉलर तक जा गिरा है जबकि इसके पहले 9 सितंबर को खत्म हफ्ते में 550.87 अरब डॉलर था। दो अक्टूबर 2020 एक विदेशी मुद्रा संकेत कैसा दिखता है के बाद विदेशी मुद्रा भंडार अपने निचले लेवल पर है।
लगातार गिर रहा है विदेशी मुद्रा भंडार
विदेशी निवेशकों की बिकवाली और डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट को थामने के लिए आरबीआई द्वारा डॉलर बेचे जाने के चलते विदेशी मुद्रा कोष में ये कमी आई है। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के अपने ऐतिहासिक निचले स्तर 81.20 के लेवल तक जा लुढ़का था जो 80.99 के लेवल पर क्लोज हुआ है। सभी करेंसी के मुकाबले डॉलर में मजबूती आई है। वहीं इंपोर्टरों द्वारा डॉलर की मांग बढ़ने के चलते भी डॉलर की कमी देखी जा रही है।
बीते सात हफ्ते से लगातार विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखने को मिली है। फरवरी के आखिर में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी है। मार्च के आखिर में विदेशी मुद्रा भंडार 607 अरब डॉलर था। करेंसी मार्केट के एक विदेशी मुद्रा संकेत कैसा दिखता है जानकारों का मानना है कि विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का एक विदेशी मुद्रा संकेत कैसा दिखता है सिलसिला जारी रह सकता है। आने वाले दिनों में ये घटकर 510 अरब डॉलर तक गिर सकता है।
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Foreign Exchange Reserve: विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर मिली अच्छी खबर, एक साल में सबसे तेज गति से बढ़ा
नवभारत टाइम्स 19-11-2022
नई दिल्ली
: विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर अच्छी खबर मिली है। बीते 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में एक साल से ज्यादा की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही एक विदेशी मुद्रा संकेत कैसा दिखता है अपना विदेशी मुद्रा भंडार 544 अरब डॉलर के पार चला गया।
भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 11 नवंबर 2022 को समाप्त सप्ताह के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 14.73 अरब डॅालर की वृद्धि रही है। इसके साथ ही अब देश का विदेशी मुद्रा भंडार 544.72 अरब डॅालर पर पहुंच गया है। विदेशी मुद्रा भंडार में अगस्त 2021 के बाद यह सबसे ज्यादा वृद्धि रही है। बीते एक विदेशी मुद्रा संकेत कैसा दिखता है चार नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 529.99 अरब डॅालर था। 2022 की शुरुआत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 630 अरब डॅालर था। तब से रुपये में गिरावट का माहौल है।
Explainer : तो यूं अमेरिका दूसरे देशों में एक्सपोर्ट कर रहा महंगाई. बर्बाद हो जाएंगे छोटे देश, बड़ों की होगी बुरी हालत
Interest Rates Hike : दुनिया के कई देशों के बाद अब भारत में भी ब्याज दर बढ़ने की पूरी उम्मीद
- चीन की करेंसी युआन 14 साल के सबसे निचले स्तर एक विदेशी मुद्रा संकेत कैसा दिखता है पर आई
- ब्रिटिश पाउंड सोमवार को रिकॉर्ड निचले स्तर पर चला गया था
- मौजूदा वैश्विक स्थिति ने उभरते बाजारों के लिए पैदा किया खतरा
- इस समय प्रेशर कूकर की तरह है वैश्विक वित्तीय प्रणाली
अमेरिका आक्रामक होकर बढ़ा रहा दरें
हाल ही में हमने देखा था कि अमेरिका में महंगाई 40 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। महंगाई दर में अभी भी कोई खास कमी नहीं आई है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) का पूरा फोकस इस महंगाई पर काबू पाने पर है। इसके लिए वह लगातार प्रमुख ब्याज दरों में इजाफा कर रहा है। हाल ही में यूएस फेड ने ब्याज दर में लगातार तीसरी बार 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। आगे भी फेड ने इसी तरह की बढ़ोतरी के संकेत दिये हैं। इससे अमेरिकी डॉलर बिना लगाम के घोड़े की तरह भागता चला जा रहा है और अन्य देशों की करेंसीज को नीचे धकेल रहा है। यूएस फेड साल 1980 के दशक की शुरुआत में जितना आक्रामक था, उतना ही आज है। दरों में इजाफे से होने वाली उच्च बेरोजगारी और मंदी को सहन करने के लिए यह तैयार है। लेकिन यह इंटरनेशनल ग्रोथ के लिए अच्छा नहीं है। दूसरे देशों को जबरदस्ती अपने यहां दरें बढ़ानी पड़ रही हैं।
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