हालांकि इस फेस्टिव सीजन पर बैंक ने प्रोसेसिंग फीस में छूट देने का ऐलान किया था, और इस छूट का टाइम 31 दिसंबर तय किया था. लेकिन टाइम पूरा होने से पहले ही फेस्टिव सीजन के बीच में एसबीआई ने इस सहूलियत को बंद कर दिया.

स्प्रेड ट्रेडिंग क्या है: अर्थ और प्रकार

हिंदी

समय के स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है साथ, ट्रेडिंग के लिए बाजार प्रौद्योगिकी और डिस्पोजेबल आय में वृद्धि के कारण विकसित हो चुका है, इसीलिए, ट्रेडिंग के लिए दृष्टिकोण भी बदला है।

एक समय था जब एक प्रतिष्ठित और अच्छी तरह से स्थापित कंपनी (ज्यादातर बैंकिंग, स्टील, खनन आदि उद्योगों से) से स्टॉक खरीदने की सरल ट्रेड रणनीति को इस्तेमाल किया जाता था और इसे कई वर्षों तक उस स्टॉक के स्काईरॉकेट्स के मूल्य तक बरकरार रखा जा सकता था। वास्तव में, कई अभी भी ऐसा करते हैं।

हालांकि, टेक कंपनियों की शुरुआत और ऑनलाइन क्षेत्र में प्रमुख रूप से आगे बढ्ने के साथ, स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है इन विश्वसनीय कंपनियों की संख्या कम हो गई है। इसके अतिरिक्त, जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी विकसित होती जा रही है, ये स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है कंपनियाँ भी समय के साथ खुद को पीछे छोड़ती हुई दिखाई देती है (ईंधन और कोयला अब उतना मूल्यवान नहीं है क्योंकि अब वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोत मौजूद हैं)।

क्या है मर्चेट डिस्काउंट रेट, दुकानदार क्यों लेते हैं यह शुल्क?

क्या है मर्चेट डिस्काउंट रेट, दुकानदार क्यों लेते हैं यह शुल्क?

2. किसे मिलती है एमडीआर की रकम?
क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेमेंट पर एमडीआर की रकम स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है तीन हिस्सों में बंट जाती है. सबसे बड़ा हिस्सा क्रेडिट या डेबिट कार्ड जारी करने वाले बैंक को मिलता है. इसके बाद कुछ हिस्सा उस बैंक को मिलता है, जिसकी प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) मशीन दुकानदार के यहां लगी होती है. अंत में एमडीआर का कुछ हिस्सा पेमेंट कंपनी को मिलता है. वीजा, मास्टर कार्ड और अमेरिकन एक्सप्रेस प्रमुख पेमेंट कंपनियां हैं.

3. कितना है एमडीआर?
सरकार और रिजर्व बैंक (आरबीआई) देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं. आरबीआई ने एमडीआर में बदलाव किया है. यह बदलाव 1 जनवरी 2018 से लागू होगा. इसके तहत छोटे दुकानदार को बिल की रकम का अधिकतम 0.40 फीसदी एमडीआर के रूप में चुकाना होगा. दूसरे दुकानदारों के लिए एमडीआर 0.90 फीसदी होगा. एमडीआर चार्ज को बढ़ने से रोकने के लिए आरबीआई ने छोटे दुकानदार के लिए प्रति बिल अधिकतम 200 रुपये और बड़े दुकानदारों के लिए अधिकतम 1,000 रुपये की सीमा तय कर दी है. क्रेडिट कार्ड पर एमडीआर 0 से 2 फीसदी के बीच हो सकता है. पेट्रोल या डीजल खऱीदने पर ऑयल कंपनियां एमडीआर का बोझ ग्राहक पर डालती हैं.

बैंक से स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है कर्ज तो मिलेगा सस्ता, लेकिन चुकानी होगी प्रोसेसिंग फीस

ब्याज दरों में कटौती करने से बैंक को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. सेविंग्स पर ब्याज कम होने से लोग अब बैंकों में अपना पैसा कम जमा करवा रहे हैं, जिसके चलते बैंकों को पैसे की कमी से जूझना पड़ रहा है.

SBI ने मुफ्त लोन प्रोसेसिंग सर्विस को खत्म कर दिया है. बैंक अब लोन के साथ टॉपअप लोन पर भी ग्राहकों से प्रोसेसिंग फीस वसूल स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है करेगा.

लोगों को लोन देने के लिए बैंक (Banks0 नए-नए ऑफर्स देते हैं. इन ऑफर्स में लोन प्रोसेसिंग की फीस (Loan Processing Charge) नहीं लेना भी शामिल है. त्योहारी स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है सीजन (Festive Season) पर बैंकों में ज्यादा से ज्यादा से लोगों को कर्ज देने की होड़ मची हुई है. कुछ समय पहले सरकार की पहल पर लोन मेला का भी आयोजन किया गया था. इसके अलावा रिजर्व बैंक (स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है RBI) द्वारा लगातार रेपो रेट कम किए जाने से बैंकों को भी लोन की ब्याज दरों में कटौती करनी पड़ी है. लेकिन देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने लोन की प्रोसेसिंग फीस को फिर से वसूलने का फैसला किया है. बैंक का तर्क है कि लगातार ब्याज दरों में कटौती होने से बैंक को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

यूपी: फीस बढ़ाना चाहते हैं प्राइवेट स्कूल, योगी सरकार के खिलाफ पहुंचे कोर्ट

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2020,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST

एक ओर पूरा देश जहां कोरोना से लड़ाई लड़ रहा है वहीं इस वक्त उत्तर प्रदेश में एक नई जंग की शुरुआत हो गई है है. उत्तर प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ाने के मामले को लेकर सरकार और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बीच ठन गई है. कोरोना के इस संकट काल में योगी सरकार ने एक आदेश निकालकर सभी प्राइवेट स्कूलों में 1 साल के लिए फीस वृद्धि पर रोक लगा दी. सरकार के इसी फैसले के खिलाफ एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल उत्तर प्रदेश ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है है. देखें ये रिपोर्ट.

Tension has been built up between the Yogi government and the Private school association. Private school association demands to quash the government order to freeze fee hike, whereas the government has said that if the schools will raise the fees, action will be taken.स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है

सोनोग्राफी की लागत 3 रुपए फीस वसूलते हैं 600 रुपए

प्रमोद त्रिवेदी/इंदौर। एक तो बीमारी का दर्द और उस पर बीमारी पता करने के लिए होने वाली जांच के खर्चे का बोझ। आपको जानकर आश्‍चर्य होगा कि डॉक्टर की सलाह पर आप जो पैथोलॉजिकल जांच करवाते हैं, उन पर लैब संचालक वास्तविक खर्च के अलावा 6 से 200 गुना तक रु. वसूलते हैं।

यानी अगर आप मलेरिया की जांच या ईसीजी करवाते हैं तो जांच खर्च आता है महज 2 रु., लेकिन लैब संचालक की जांच फीस है 50 से 150 रु. तक। वहीं सोनोग्राफी का खर्च आता है 3 रुपए, लेकिन जांच फीस है 600 स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है रु.। मतलब 200 गुना।

जांच फीस की करीब आधी रकम संबंधित डॉक्टर की जेब में जाती है। डॉक्टरों और लैब संचालकों ने इस कमीशनखोरी और मरीजों को लूटने की प्रक्रिया को नाम दिया है 'कट कमीशन'। लैब संचालकों का कहना है कि डॉक्टर अगर कमीशन लेना बंद कर दें तो वे जांच फीस आधी तो कर ही देंगे।

रेटिंग: 4.25
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 121