मुंबई: NSE में तकनीकी दिक्कत की वजह से ट्रेडर्स के सामने बड़ी समस्या खड़ी प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है हो गई है, क्योंकि गुरुवार को सौदों की एक्सपायरी है, इसके ठीक एक दिन पहले ट्रेडिगं के ठप होने से उनके सौदे फंस गए हैं. लेकिन अब NSE में ट्रेडिंग एक बार फिर 3:45 बजे शुरू हो चुकी है, इधर वित्त मंत्रालय ने मार्केट रेगुलेटर SEBI से इस मामले पर जवाब मांगा है. वित्त मंत्रालय SEBI के साथ लगातार संपर्क में है. सेबी अब इस मामले पर फैसला करेगा.

NSE पर ट्रेडिंग फिर शुरू, शाम 5 बजे तक होगा कारोबार, वित्त मंत्रालय ने SEBI से मांगी मामले पर रिपोर्ट

What is strong support and resistance?

आज जब लोग एक से अधिक इनकम स्रोत ढूंढ रहे हैं, तो उसमें शेयर बाजार का नाम भी जरूर आता है। शेयर बाजार जहां लोग अपने बचत का निवेश करते हैं। जब लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो अलग-अलग तकनीक का उपयोग कर निवेशक किसी भी शेयर का सही भाव तलाश करते हैं, या करने की कोशिश करते हैं। इसी क्रम में एक तकनीक का उपयोग ज्यादातर लोग करते हैं जिसका नाम सपोर्ट और रेजिस्टेंस है। बहुत सा निवेशक सपोर्ट और रेजिस्टेंस का चुनाव कर शेयर बाजार में अपने पैसे का निवेश करते हैं।

सपोर्ट और रेजिस्टेंस किसी शेयर में निवेश करने या टारगेट पता करने का एक क्षेत्र होता है जहां से शेयर बाजार में कीमत को घूमने की प्रायिकता होती है। अगर सपोर्ट कि हम बात करें तो वह प्राइस पॉइंट को कहते हैं, जिस पर सबसे ज्यादा खरीदार शामिल होते हैं। ठीक उसी तरह से अगर हम रेजिस्टेंस की बात करें, तो वह प्राइस पॉइंट जहां से ज्यादा संख्या में लोग शेयर को बेचने के लिए तैयार रहते हैं।

सपोर्ट को कैसे पता करें?

सपोर्ट:- किसी स्टॉक या इंडेक्स का सपोर्ट वह प्राइसलाइन या क्षेत्र प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है होता है, जहां गिरते हुए मार्केट आकर रूकता है और वहां से शेयर का कीमत फिर से बढ़ना शुरू करता है। आइए इसे हम एक उदाहरण के साथ समझते हैं नीचे एक प्राइस चार्ट दिया गया है आप उसे ध्यान से देखें आप पाएंगे कि चार्ट में प्राइस जब भी 765-780 के एरिया में आ रहा है वहां से फिर ऊपर के ओर प्राइस चला जा प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है रहा है, तो आप यह समझ सकते हैं कि चार्ट में जो रंगीन भाग दिखाया गया है वह सपोर्ट क्षेत्र है और वहां प्राइस आने के बाद फिर से ऊपर के लिए प्राइस चल पड़ता है ।

अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि क्या प्राइस जब जब इस सपोर्ट क्षेत्र में आएगा तो ऊपर चला जाएगा इसका उत्तर में, मैं कहूंगा नहीं क्योंकि कोई सपोर्ट हमेशा प्राइस को नहीं रोक सकता कभी ऐसा भी होता है कि सपोर्ट को प्राइस नीचे तोड़कर और नीचे चली जाती है। उस स्थिति में यही सपोर्ट रेजिस्टेंस में बदल जाता है।

रेजिस्टेंस क्या है?

रेजिस्टेंस प्राइस का एक ऐसा क्षेत्र होता है, जहां ऊपर बढ़ते हुए मार्केट में किसी स्टॉक का प्राइस किसी लेबल या लेबल क्षेत्र पर आकर रूकती है, तो वह क्षेत्र रेजिस्टेंस कहलाता है। आइए इसे कुछ इस तरह से समझते हैं। मान लीजिए कोई स्टॉक 100 रुपए से बढ़कर ₹110 का होता है, और फिर 110 से गिरने के बाद ₹102 का हो जाता है यहां से फिर ऊपर बढ़ता हुआ ₹111 के पास आ जाता है फिर वहां से नीचे ₹105 तक प्राइस गिर जाता हैI

इस तरीके से 110 और 111 के बीच का क्षेत्र जहां पर प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है जाकर प्राइस अगर बार-बार गिरता है, तो वह लेवल क्षेत्र उस शेयर के लिए रेजिस्टेंस का काम करेगा। लेकिन फिर बात आती है कि क्या बार-बार वहां से प्राइस नीचे ही आ जाएगी। तो इसका उत्तर नहीं होगा। क्योंकि कोई भी स्टॉक किसी रेजिस्टेंस से बार-बार नहीं गिर सकता कभी ना कभी उसके ऊपर जाकर और ऊपर जाएगा।

NSE पर ट्रेडिंग फिर शुरू, शाम 5 बजे तक होगा कारोबार, वित्त मंत्रालय ने SEBI से मांगी मामले पर रिपोर्ट

NSE में तकनीकी दिक्कत की वजह से ट्रेडर्स के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है, क्योंकि गुरुवार को सौदों की एक्सपायरी है, इसके ठीक एक दिन पहले ट्रेडिगं के ठप होने से उनके सौदे फंस गए हैं. लेकिन अब NSE में ट्रेडिंग एक बार फिर 3:45 बजे शुरू हो चुकी है.

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NSE पर शाम 5 बजे तक चलेगी ट्रेडिंग

NSE ट्रेडिंग एक बार फिर से चल रही है, जो 5 बजे तक जारी रहेगी. आपको बता दें कि आज सुबह सवा 10 बजे के करीब NSE में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके बाद इंडेक्स में अपडेट होना बंद हो गया. इसे देखते हुए पहले तो सुबह 11.40 पर NSE ने फ्चूयर एंड ऑप्शन में ट्रेडिंग को बंद कर दिया, फिर 11.43 पर कैश मार्केट को भी बंद कर दिया गया. ट्रेडिंग बंद होने की खबर से ट्रेडर्स में हड़कंप मच गया, क्योंकि कल वायदा की एक्सपायरी के ठीक पहले ट्रेडिंग ठप होने से उनके सौदे अटक गए.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तकनीकी खराबी से ट्रेडर्स को बड़ा नुकसान होने का अनुमान है, क्योंकि स्टॉक्स तो अपडेट हो रहे थे, लेकिन इंडेक्स में कोई अपडेट नहीं दिख रहा. ये अपने आप में एक अलग समस्या है, जो NSE में पहले कभी नहीं देखी गई. ट्रेडर्स परेशान हैं कि उनका ट्रेड अटका है तो अब वो क्या प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है करें. हालांकि इंटरऑपरेबिलिटी की वजह से एक्सपर्ट्स ने लोगों को BSE जाने की सलाह भी दी, लेकिन इसमें शिकायतें आईं कि सौदे सेटल नहीं हो रहे हैं.

पहली बार नहीं हुई गड़बड़ी

आपको बता दें कि NSE में तकनीकी गड़बड़ी का ये पहला मामला नहीं है, पिछले साल भी ऐसी ही दिक्कत आई थी, तब सेबी ने NSE पर पेनाल्टी भी लगाई थी. इसके पहले हमारे सहयोगी चैनल ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने कहा कि एक्सपायरी को एक दिन आगे बढ़ा देना चाहिए, यानी गुरुवार की जगह अब शुक्रवार को एक्सपायरी कर देना चाहिए.

NSE में आई इस गड़बड़ी पर सवाल उठता है कि रिकवरी साइट पर ट्रेडिंग शिफ्ट क्यों नहीं की गई, क्यों समय से इनवेस्टर्स और ट्रेडर्स को जानकारी नहीं दी गई, जिनके सौदे खुले रह गए उनका क्या होगा और नुकसान की भरपाई कैसे होगी और कौन करेगा?

Service Charge को लेकर निर्देश प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है जारी, अब रेस्टोरेंट-होटल वाले जबरन नहीं ले सकते सर्विस चार्ज, होगा एक्शन

Service Charge को लेकर निर्देश जारी, अब रेस्टोरेंट-होटल वाले जबरन नहीं ले सकते सर्विस चार्ज, होगा एक्शन

Service Charge Guidelines: रेस्टोरेंट में खाना खाने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब आपको जबरन सर्विस चार्ज देने से छुटकारा प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है मिल जाएगा। आमतौर पर रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद जब बिल आता है तो उसमें कई तरह के चार्जेज शामिल रहते हैं। इसमें सर्विस चार्ज भी शामिल होता है। ग्राहकों से लिए जाने वाला ये सर्विस चार्ज पूरी तरह गलत है। इस पर पिछले कई दिनों से बहस चल रही थी। अब इस मामले पर फैसला आ गया है। सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी यानी सीसीपी (CCPA) ने सोमवार को फैसला सुनाया कि होटल और रेस्तरां फूड बिल पर ऑटोमेटिक या डिफ़ॉल्ट किसी भी तरह से सर्विस चार्ज नहीं लगा सकते हैं।

Britain: एक्शन में PM Rishi Sunak, कैबिनेट में प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है बड़ा फेरबदल

ऋषि सुनक (Rishi Sunak) मंगलवार को ब्रिटेन (Britain) के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं. प्रधानमंत्री बनते हुए सुनक एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. उन्होंने कैबिनेट में कई बड़े बदलाव किए हैं. उनकी तरफ से कुछ नए चेहरों को जगह दी गई है तो कुछ ऐसे भी हैं जो जॉनसन और लिज ट्रस के करीबी रहे हैं.

डोमिनिक राब को उप-प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है. पिछले हफ्ते उन्होंने सुनक के लिए अपना समर्थन देने का वादा किया था. वहीं भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन ने यूके की गृह मंत्री के रूप में वापसी की है. इससे पहले उन्होंने ट्रस कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. इनके अलावा जेरेमी हंट, जिन्होंने क्वासी क्वार्टेंग की जगह ली है, वित्त मंत्री के रूप में बने रहेंगे.

सुनक ने कैबिनेट में अपनी निजी पसंद को पीछे छोड़ते हुए कई ऐसे चेहरों को जगह दी है जो उन्हें छोड़कर दूसरों के वफादार रहे हैं. कहा जा रहा है कि सुनक ने अपनी कैबिनेट में संतुलन साधने का प्रयास किया है. संकेत दिया गया है कि वे सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं, सभी के साथ प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है मिलकर ब्रिटेन का विकास करना चाहते हैं.

Russia-Ukraine War: पुतिन का न्यूक्लियर एक्सरसाइज का ऐलान, बाइडेन की वॉर्निंग

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध पिछले 8 महीने से जारी है. इस बीच रूस ने फिर परमाणु राग आलापा है. रूस ने परमाणु अभ्यास का ऐलान किया है. इससे पहले रूस ने फरवरी में न्यूक्लियर ड्रिल की थी. रूस ने अमेरिका को अपनी ड्रिल की औपचारिक जानकारी भी दी है. बता दें कि 30 अक्टूबर तक अमेरिका और उसके सहयोगी देश भी न्यूक्लियर ड्रिल कर रहे हैं.

वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस की तरफ से परमाणु हमले के खतरे को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, "कोई भी परमाणु हमला निश्चित रूप से रूस की ‘गंभीर गलती' होगी." बता दें कि अमेरिका लगातार रूस को परमाणु हमले को लेकर चेतावनी देता रहा है.

Mallikarjun Kharge आज संभालेंगे कांग्रेस की कमान

कांग्रेस (Congress) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) बुधवार, 26 अक्टूबर को कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में अपना पदभार संभालेंगे. कांग्रेस में 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का कोई कांग्रेसी अध्यक्ष चुना गया है. जानकारी के मुताबिक, वह सुबह 10:30 बजे सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी की मौजदूगी में पदभार ग्रहण करेंगे. इस दौरान कांग्रेस के कई अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे.

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को 6,825 वोट से हराया था. खड़गे को 7897 वोट मिले थे. वहीं, शशि थरूर के खाते में 1072 वोट आए थे. कांग्रेस के 137 साल के प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है इतिहास में अध्यक्ष पद के लिए 6वीं बार चुनाव हुए थे.

UP: डेंगू मरीज को मौसमी का जूस चढ़ाने के मामले में अस्पताल को नोटिस

प्रयागराज (Prayagraj) में ग्लोबल हॉस्पिटल (Global Hospital) में प्रदीप पांडे (Pradeep Pandey) की मौत के बाद सील किए गए अस्पताल पर अब ध्वस्त किए जाने का नोटिस लगाया गया है. प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बिना नक्शा पास हुए अस्पताल की बिल्डिंग बनाने के आरोप में नोटिस लगाया है.

अस्पताल पर मृतक प्रदीप के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसे प्लेटलेट्स चढ़ाने की जगह मौसमी का जूस चढ़ा दिया गया जिससे उसकी मौत हो गई.

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