आरबीआई ने मंगलवार को जारी परिपत्र में कहा, ‘‘एसपीडी को प्रथम श्रेणी अधिकृत डीलरों की तरह उपयोगकर्ताओं को विदेशी मुद्रा बाजार की सभी सुविधाएं प्रदान करने की अनुमति देने का निर्णय लिया विदेशी मुद्रा बाजार विदेशी मुद्रा बाजार विदेशी मुद्रा बाजार गया है. यह अनुमति नियमों और अन्य दिशानिर्देशों के अधीन है.’’
दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा देश का विदेशी मुद्रा भंडार
यूक्रेन संकट के बाद से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में $80 बिलियन से अधिक की कमी दर्ज हुई है. अकेले वर्तमान हफ्ते में $ 2 बिलियन से ज्यादा की गिरावट सामने आई है. इसकी मुख्य वजह डॉलर के भाव को 80 रुपए विदेशी मुद्रा बाजार प्रति डॉलर से ऊपर जाने से रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से मुद्रा बाजार में डॉलर की बिकवाली को बताया जा रहा है. इसके साथ ही इसकी दूसरी वजह देश के चालू खाते के घाटा भी है, जिसकी वजह से देश का विदेशी मुद्रा रोकने में मदद नहीं मिल सकी. आरबीआई के ताजा विदेशी मुद्रा बाजार आंकड़ों के मुताबिक 9 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार $ 2.234 बिलियन गिरकर $550.871 बिलियन ही रह गया है, जो एक सप्ताह पहले $553.105 बिलियन था. देश विदेशी मुद्रा बाजार का विदेशी मुद्रा भंडार इस वक्त दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.
ऐसे फसाया जाल में
मोहित अग्रवाल ने उत्तम सिंह पवार को विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये निवेश करने को कहा इसके साथ ही मोहित अग्रवाल ने अपनी पत्नी आभा से भी मिलवाया वह पौड़ी गढ़वाल के दुगड्डा की रहने वाली है मोहित अग्रवाल खुद भी गढ़वाली में बात करता था इस प्रकार मोहित अग्रवाल ने पूरी तरह से उत्तम पंवार को अपने विश्वास में ले लिया.
मोहित ने कहा कि वह आंख बंद करके फॉरेक्स मार्केट में अपना रुपया निवेश कर दें उसने कहा कि विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के माध्यम से जो भी प्रॉफिट होगा उसका फिफ्टी-फिफ्टी परसेंट आपस में बांट लेंगे.
मोबाइल स्क्रीनशॉट से पोर्टफोलियो दर्शन
मोहित अग्रवाल समय-समय पर अपने मोबाइल फोन में फॉरेक्स मार्केट के अपने पोर्टफोलियो को उत्तम पंवार को दिखाता रहता था उसका पोर्टफोलियो लगभग एक करोड़ के आसपास का था
इस बीच मोहित अग्रवाल कई दफा अपनी पत्नी के साथ उत्तम सिंह पवार के निवास पर भी आया और एक परिवार के सदस्य की तरह उनका घनिष्ठ मित्र बन गया.
एक और पारिवारिक घनिष्ठता-मित्रता बनती चली गई जिससे उत्तम सिंह पवार और उसके रिश्तेदारों का विश्वास मोहित अग्रवाल के प्रति बढ़ता चला गया
और सब कुछ बदल गया
सितंबर 2022 के बाद स्थितियां बदलनी शुरू हो गई मोहित अग्रवाल ने उत्तम सिंह पवार से किनारा कर लिया और उसका फोन उठाना बंद कर दिया.
ऐसे में उत्तम सिंह पवार एक बार फिर से गाजियाबाद स्थित फ्लैट पर पहुंचे मोहित अग्रवाल अपने फ्लैट पर उपस्थित नहीं था ऐसे में उत्तम सिंह पवार को अपने साथ हुई धोखाधड़ी और ठगी का अहसास हुआ
लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी विदेशी मुद्रा बाजार उत्तम सिंह पवार और उसके रिश्तेदारों की लगभग 48 से ₹5000000 की रकम मोहित अग्रवाल ठगकर गायब हो गया है.
ऐसे में चारों ओर से कोई रास्ता ना मिलता देख उत्तम सिंह पवार के द्वारा डोई वाला पुलिस को इस धोखाधड़ी और ठगी की पूरी जानकारी दी गई.
उत्तम सिंह पवार की लिखित तहरीर के आधार पर डोईवाला पुलिस ने मोहित अग्रवाल और उसकी पत्नी आभा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 406 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.
RBI ने विदेशी मुद्रा लेनदेन पर जारी किए दिशानिर्देश, जनवरी 2023 से आएंगे प्रभाव में
- भाषा
- Last Updated : October 11, 2022, 22:01 IST
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को किसी भी यूनिट के पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए बगैर विदेशी मुद्रा में लेन-देन को लेकर बैंकों के लिये संशोधित दिशानिर्देश जारी किया है. इस पहल का मकसद विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान को कम करना है. आरबीआई इकाइयों के जोखिम से बचाव के उपाए किए बिना उस विदेशी मुद्रा में लेन-देन (यूएफसीई) के मामले में बैंकों के लिये समय-समय पर दिशानिर्देश जारी करता रहा है, जो बैंकों से कर्ज के रूप में लिये गये हैं.
RBI के कदमों से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की रफ्तार कम हुईः रिपोर्ट
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप से मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार घटने की दर में कमी आई है। आरबीआई अधिकारियों के अध्ययन में यह कहा गया है। अध्ययन में 2007 से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मौजूदा समय में उत्पन्न उतार-चढ़ाव को शामिल किया गया है। केंद्रीय बैंक की विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप की एक घोषित नीति है। केंद्रीय बैंक यदि बाजार में अस्थिरता देखता है, तो हस्तक्षेप करता है। हालांकि, रिजर्व बैंक मुद्रा को लेकर कभी भी लक्षित स्तर नहीं देता है।
आरबीआई के वित्तीय बाजार संचालन विभाग के सौरभ नाथ, विक्रम राजपूत और गोपालकृष्णन एस के अध्ययन में कहा गया है कि 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भंडार 22 प्रतिशत कम हुआ था। यूक्रेन-रूस युद्ध विदेशी मुद्रा बाजार के बाद उत्पन्न उतार-चढ़ाव के दौरान इसमें केवल छह प्रतिशत की कमी आई है। अध्ययन में कहा गया है कि इसमें व्यक्त विचार लेखकों के हैं और यह कोई जरूरी नहीं है कि यह केंद्रीय बैंक की सोच से मेल खाए। रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर अपने हस्तक्षेप उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल रहा है। यह विदेशी मुद्रा भंडार में घटने की कम दर से पता चलता है।
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510 बिलियन डॉलर तक घट सकता है रिजर्व
डच बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि करेंट अकाउंट डेफिसिट बढ़ने के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में और गिरावट आ सकती है. यह गिरावट इस साल के अंत तक जारी रह सकती है. IDFC First बैंक का तो मानना है कि चालू वित्त वर्ष में अगर करेंट अकाउंट डेफिसिट 4 फीसदी तक पहुंचता है तो विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 510 बिलियन डॉलर तक आ सकता है. हालांकि, अभी भी रिजर्व बैंक का भंडार बहुत बड़ा है. 2013 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने जब टैप टैंट्रम किया था तब यह घटकर 300 बिलियन डॉलर के नीचे आ गया था.
रॉयटर्स सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल रुपए पर दबाव बना रहेगा और यह रिकॉर्ड विदेशी मुद्रा बाजार लो स्तर के करीब रहेगा. दो फैक्टर बहुत अहम है. फेडरल रिजर्व इंट्रेस्ट रेट बढ़ा रहा है जिससे डॉलर मजबूत हो रहा है, साथ ही क्रूड ऑयल प्रोडक्शन कट से कीमत में उछाल आएगा विदेशी मुद्रा बाजार और रुपए पर दबाव बढ़ेगा. रिजर्व बैंक की तरफ से डॉलर रिजर्व लगातार बेचा जा रहा है. इस समर्थन के बावजूद इस साल अब तक रुपए में 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
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