ऑनलाइन शिशु मुद्रा ऋण
हमारे बैंक ने बैंक द्वारा कारोबार करने के तरीके को डिजिटाइज़ करने के उद्देश्य से “प्रोजेक्ट वेव” शुरू किया है। डिजिटल पहल के एक हिस्से के रूप में हमारे बैंक ने “ऑनलाइन शिशु मुद्रा ऋण” लॉन्च किया है जो मौजूदा पूर्व-चयनित ग्राहकों को डिजिटल प्रोसेसिंग के माध्यम से तत्काल एमएसएमई ऋण प्रदान करता है। विभिन्न मानदंडों जैसे आयु, क्रेडिट स्कोर और खाते में लेनदेन के विवरण आदि के आधार पर ग्राहक का पूर्व-चयन किया जाता है।
ग्राहक ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं और संपूर्ण प्रसंस्करण, मूल्यांकन, दस्तावेजीकरण, मंजूरी और संवितरण डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। ग्राहक निम्नलिखित में से किसी भी चैनल के माध्यम से इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं:
- अप्लाई लोन टैब के तहत इंटरनेट बैंकिंग
- अप्लाई लोन टैब के तहत मोबाइल बैंकिंग विदेशी मुद्रा समाचार कैसे व्यापार करें
- इंडियन बैंक वेबसाईट
ऑनलाइन शिशु मुद्रा ऋण के विशेष लाभ:
- ग्राहक को शाखा में जाने की कोई आवश्यकता नहीं
- भौतिक आवेदन की आवश्यकता नहीं
- केवाईसी सत्यापन की आवश्यकता नहीं क्योंकि केवल केवाईसी अनुपालन करने वाले ग्राहकों का ही चयन किया जाता है
- शाखा द्वारा कोई मैनुअल मूल्यांकन और मंजूरी की आवश्यकता नहीं
- किसी मैनुअल दस्तावेजीकरण की आवश्यकता नहीं – ई-स्टैम्पिंग और ई-हस्ताक्षर के माध्यम से डिजिटल दस्तावेज़ निष्पादन
- मैन्युअल खाता खोलने और संवितरण की आवश्यकता नहीं
- शाखा के हस्तक्षेप के बिना तत्काल स्वीकृति और संवितरण
पूर्व-आवश्यक / दस्तावेज़ :
ऑनलाइन शिशु मुद्रा ऋण के लिए आवेदन करने से पहले आवेदक के पास निम्नलिखित विवरण होना चाहिए:
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- उद्यम पंजीकरण प्रमाणपत्र (लिंक किया गया मोबाइल नंबर सीबीएस और प्रमाणपत्र में एक समान होना चाहिए)
- वैध ई-मेल आईडी
- सक्रिय मोबाइल नंबर जो बचत खाते / चालू खाते, आधार कार्ड और उद्यम पंजीकरण प्रमाणपत्र (यूआरसी) से जुड़ा हुआ हो। ओटीपी संबंधित साइट के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा
योजना के दिशानिर्देश – ऑनलाइन शिशु मुद्रा ऋण
- 18 वर्ष से अधिक एवं 60 वर्ष तक की आयु के भारत में निवास करने वाले व्यक्ति / विदेशी मुद्रा समाचार कैसे व्यापार करें प्रोप्राइटर।
- स्टाफ सदस्य एवं सरकारी वेतनभोगी से इतर व्यक्ति
- प्रोप्राइटरशिप फर्म।
- बैंक का मौजूदा ग्राहक जिसका खाता कम से कम 12 महीने से हमारे बैंक में है।
- बचत खाते या चालू खाते के रूप में व्यावसायिक खाता परिचालन अवस्था में हो एवं एकल आवेदक द्वारा परिचालित होन चाहिए।
- ग्राहक का खाता पहले से सी-केवाईसी / ई-केवाईसी अनुपालित होना चाहिए।
- खाता वर्तमान में और विगत 2 वर्षों के दौरान कभी एनपीए नहीं हुआ हो।
- आवेदन की तिथि को आवेदक के सीआईएफ़ पर हमारे बैंक में अन्य कोई व्यावसायिक ऋण नहीं लिया गया हो।
उधारकर्ता को बैंक के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार सिबिल प्रभार का भुगतान करना होगा।
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विदेशी मुद्रा परिचालन
एसआईटीबी में विदेशी मुद्रा डीलिंग डेस्क, सभी आधुनिक संचार सुविधाओं, रिउटरस स्वचालित-डीलिंग प्रणाली के माध्यम से अपनी सभी अधिकृत शाखाओं के साथ विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए ऑनलाइन भाव प्रदान करता है.
बैंक निर्यात और आयात के व्यापार में लगे हुए अपने ग्राहकों की विदेशी मुद्रा की आवश्यकताओं को पूरा करता है और एसआईटीबी सभी विश्व की प्रमुख मुद्राओं जैसे अमेरिकी डॉलर ($), स्टर्लिंग पाउंड, यूरो, स्विस फ्रैंक (स्विस फ्रैंक), जापानी येन और अन्य विदेशी मुद्राओं के रूपांतरण के लिए दरें प्रदान करता है. बैंक के ग्राहकों की सेवाओं में विभिन्न डेरिवेटिव उत्पाद और फॉरवर्ड कवर उपलब्ध कराने के द्वारा विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा समाचार कैसे व्यापार करें जोखिम की हेजिंग शामिल हैं.
अपनी अधिकतर विदेशी शाखाएं उन स्थानों पर स्थित होने के कारण जहां अधिक मात्रा में अनिवासी भारतीय रह रहे हैं, विदेशी मुद्रा समाचार कैसे व्यापार करें बैंक अपने एनआरआई ग्राहकों को तुरंत और कुशलतापूर्वक अपने उत्पाद वितरित करने की स्थिति में है. उत्पाद की रेंज में प्रेषण सुविधाएं और भारतीय रुपए (एनआरई/एनआरओ) में जमा राशि की स्वीकृति के साथ नामित विदेशी मुद्राओं (एफसीएनआर) शामिल हैं. निवासी के साथ साथ भारत लौटने वाले भारतीय निवासी विदेशी मुद्रा खातों (आरएफसी) का लाभ उठा सकते हैं.
ट्रेजरी (विदेशी मुद्रा) उत्पाद के मामले में सहायता के लिए आप एसआईटीबी, मुंबई में हमारे निम्नलिखित प्रभारियों से संपर्क कर सकते है.
घटता विदेशी मुद्रा भंडार, बढ़ती महंगाई और कमजोर रुपया, अर्थव्यवस्था की इन तीन चुनौतियों से कैसे निपटेगा भारत
Indian Economy आरबीआई की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत विदेशी मुद्रा भंडार 532.66 बिलियन डालर पर पहुंच गया है। यह जुलाई 2020 के विदेशी मुद्रा समाचार कैसे व्यापार करें बाद विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे न्यूनतम स्तर है। रुपया भी डालर के मुकाबले न्यूनतम स्तर पर बना हुआ है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना और फिर रूस- यूक्रेन युद्ध के बाद से दुनिया में उथल- पुथल मची हुई है। एनर्जी से लेकर खाद्य वस्तुओं आदि के दाम तेजी से ऊपर जा रहे हैं। इस कारण महंगाई उच्चतम स्तर, डालर के मुकाबले रुपया और विदेशी मुद्रा भंडार निचले स्तर पर है। शुक्रवार को आरबीआई की ओर से जारी किए गए डाटा के मुताबिक 30 सितंबर को समाप्त होने वाले सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 532.66 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है और यह जुलाई 2020 के बाद विदेशी मुद्रा भंडार सबसे न्यूनतम स्तर है। इसके साथ ही महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई लगातार ब्याज दर बढ़ाता जा रहा है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था की गति भी धीमी होती जा रही है।
आज हम आपको बताएंगे इन सभी चीजों का एक आम व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है। इससे आप अर्थव्यवस्था के आने वाले आंकड़ों को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे।
रुपये का गिरना
डालर के मुकाबले रुपये के गिरने के कारण आयात महंगा हो जाता है। इससे विदेशों के आने वाले सामान जैसे कच्चे तेल और इलेक्ट्रानिक सामानों का आयात महंगा हो जाता है। वहीं, विदेशों में पढ़ने वाले छात्रों और इलाज करने जाने वाले लोगों के लिए रहना खाना महंगा हो जाता है। बता दें, बीते शुक्रवार को डालर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 82.30 के स्तर पर बंद हुआ था।
महंगाई
महंगाई का सीधा प्रभाव किसी भी आम व्यक्ति की जेब पर पड़ता है। उसे दैनिक उपभोग में होने वाली चीजों पर पहले के मुकाबले अधिक खर्च करना पड़ता है। कम बचत करने के कारण इससे सेविंग्स पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में खुदरा महंगाई दर 7 प्रतिशत रही थी और यह आरबीआई की ओर से तय किए गए महंगाई के बैंड 2- 6 प्रतिशत से एक प्रतिशत अधिक है।
विदेशी मुद्रा भंडार
डालर के मजबूत होने के कारण पिछले कुछ महीनों में भारत का विदेशी भंडार में गिरावट आई है और ताजा आंकड़ों के मुताबिक, यह घटकर 532 बिलियन डालर पर पहुंच गया है। विदेशी भंडार घटने की एक प्रमुख वजह डालर के मुकाबले रुपये विदेशी मुद्रा समाचार कैसे व्यापार करें में गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई के द्वारा मौजूद डालर भंडार विदेशी मुद्रा समाचार कैसे व्यापार करें को बेचना है। इसके नीचे जाने का मतलब डालर के मुकाबले भारतीय रुपये पर दबाव को माना जाता है।
ब्याज दरों में बढ़ोतरी
आरबीआई की ओर से पिछले पांच महीनों में महंगाई को काबू करने के लिए रेपो रेट में विदेशी मुद्रा समाचार कैसे व्यापार करें 1.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके कारण आम नागरिकों को लोन पर अधिक ब्याज का भुगतान करना पड़ता है।
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